प्याज लहसुन क्यों नहीं खाते scientific reason - pyaaj lahasun kyon nahin khaate schiaintifich raiason

Why We Don't Eat Onion And Garlic During Navratri: कुछ ही दिन में नवरात्रि शुरू होने वाली है और जैसा कि आप जानते हैं कि हिंदू धर्म का सबसे पवित्र त्यौहार नवरात्र है.इस त्यौहार के दौरान लोग मां दुर्गा की उपासना करने के लिए, उनका आशीर्वाद पाने के लिए उनके व्रत रखते हैं.नवरात्रि के दौरान हिंदू धर्म में सात्विक भोजन ही किया जाता है.इस दौरान मांसाहार खाना पूरी तरह से वर्जित होता है. साथ ही साथ प्याज और लहसुन को किसी भी प्रकार के खाने में नहीं डाला जाता है,लेकिन आपने कभी सोचा है कि प्याज और लहसुन के सेवन को हिंदू धर्म में क्यों शुभ नहीं माना जाता है.अगर आप नहीं जानते तो चलिए हम आपको बताते हैं.

प्याज-लहसुन खाना इसलिए है वर्जित
बता दें कि नवरात्र के दौरान हिंदु धर्म का पालन करने वाले लोग प्याज और लहसुन को नहीं हैं. भले ही लोग वैसे प्याज और लहसुन वाला खाना खाते हैं, लेकिन नवरात्र के दौरान नियम का पालन करते हुए साथ किसी भी प्रकार के खाने में घरों में प्याज और लहसुन को नहीं डाला जाता है. 

हिंदू धर्म में खाद्य पदार्थों की 3 श्रेणियां 
गौरतलब है कि पुराणों के अनुसार पूजा या किसी व्रत के दौरान लहसुन और प्याज से बने भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही पूजा में लहसुन और प्याज का प्रयोग भी वर्जित है.बता दें कि हिंदू धर्म में, खाद्य पदार्थों की 3 श्रेणियां हैं और वे तीन भागों राजसिक,तामसिक और सात्विक भोजन में हैं. ऐसा माना जाता है कि सात्विक भोजन ही आपको भगवान के करीब बनाता है और इसीलिए शाकाहारी खाद्य पदार्थ के सेवन को कहा जाता है.

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क्या है पौराणिक कारण?
पुराणों में बताया गया है कि जब समुद्र मंथन के दौरान एक असुर अमृत पीने लगा था. उसके बाद भगवान विष्णु ने उसके सिर को सुदर्शन चक्र से अलग कर दिया था. पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जब असुर का सिर धड़ से अलग हुआ,तो उनके खून की कुछ बूंदें जमीन पर गिर गईं और इसी से लहसुन और प्याज पैदा हुई थी.यही कारण है कि लहसुन-प्याज में एक अजीब सी गंध होती है और हिंदू धर्म में प्याज और लहसुन का सेवन वर्जित है.

क्या है वैज्ञानिक कारण? 
नवरात्र में प्याज लहसुन न खाने के धार्मिक पहलू के अलावा इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है.दरअसल, शरद नवरात्रि अक्टूबर-नवंबर के महीने में पड़ती है और इस समय इन्फेक्शन का खतरा 12 महीनों में सबसे ज्यादा होता है और ऐसा मौसम में बदलाव के कारण होता है.विशेषज्ञों के अनुसार मौसमी बदलाव के कारण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है.यही कारण है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स इस मौसम में ताजे फल, दही, सेंधा नमक, मौसमी सब्जियां, धनिया और काली मिर्च जैसे सात्विक भोजन का सेवन करने की सलाह देते हैं.

हिंदू धर्म में लहसुन प्याज क्यों नहीं खाते हैं?

तामसिक भोजन जैसे मांस-मछली, प्याज, लहसुन आदि राक्षसी प्रवृत्ति के भोजन कहलाते हैं. जिसके सेवन से घर में अशांति, रोग और चिंताएं घर में प्रवेश करती हैं इसलिए प्याज-लहसुन का सेवन खाना हिंदु धर्म में वर्जित माना जाता है.

लहसुन प्याज खाना क्यों वर्जित है?

वेद शास्त्रों के अनुसार,लहसुन और प्याज जैसी सब्जियां जुनून,उत्तेजना को बढ़ावा देती हैं और आध्यात्म के मार्ग पर चलने से रोकती हैं इसलिए इनका सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं आयुर्वेद के मुताबिक,फ़ूड प्रोडक्ट्स को तीन कैटेगरीज में बांटा जाता है। सात्विक,राजसिक और तामसिक जिनमें सात्विक खाना:शांति,पवित्र माना जाता है।

लहसुन प्याज छोड़ने से क्या होता है?

लहसुन प्याज़ ना खाने से शरीर की गर्मी कम होगी , फोड़े फुंसी नहीं निकलेगे , चेहरे के पिम्पल कम होंगे , फ़ंगल इन्फ़ेक्शन में कमी आएगी। मन में सात्विक विचार आयेंगे। स्वादिष्ट व्यंजनो का आनंद नही ले पायेगे.