अभी तक हम सब ने विभिन्न प्रकार के हिंदी व्याकरणसे संबंधित टॉपिक्स के विषय में पढ़ा है। हम सभी हिंदी व्याकरण में आने वाले संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, काल, समास, संधिआदि जैसे शब्दों से भली भांति परिचित है। आप और हम कक्षा 1 से 9वीं तक इन सभी टॉपिक्स को पढ़ते है। कक्षा 10वीं में इन सबके साथ एक टॉपिक पद परिचय भी जुड़ जाता है जो परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर आप पद परिचय के बारे में नही जानते है तो हमारे ब्लॉग को अंत तक पढ़े। इस ब्लॉग में Pad Parichay से जुड़ी समस्त जानकारी दी गई है। Show
पद परिचय का अर्थ क्या है?जब वाक्य में कई शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं तो उन्हें पद कहते हैं। इन्हीं पदों का व्याकरणिक परिचय देना पद परिचय कहलाता है। जिसे हम अपना परिचय देते हैं ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने भी शब्द प्रयुक्त होते हैं उन सभी का भी परिचय होता है। पद परिचय को ‘पदनिर्देशित’, ‘पदच्छेद’, ‘पदविन्यास’ भी कहा जाता हैं। सरल भाषा में समझें तो पद परिचय में वाक्य के पदों का परिचय से अर्थ है कि वाक्य में जो भी शब्द दिए गए हैं उनमें कौन संज्ञा है, कौन सर्वनाम है या कौनसी क्रिया है, कौनसा कारक है, उसका लिंग क्या है ,उसका वचन कौन सा है तथा अन्य पदों के साथ उसके संबंध आदि को बताना ही पद परिचय है। पद परिचय में सबसे पहले पद को पहचान लेना चाहिए कि वह शब्दों के किस भेद (प्रकार) से संबंधित है। यह भी पढ़ें : संवाद लेखन कैसे करते हैं? पद परिचय कितने प्रकार के होते है?प्रयोग के आधार पर पद परिचय आठ प्रकार के होते हैं-
तो चलिए अब इन सभी के बारे में एक एक करके विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं। यह भी पढ़ें : जाने विज्ञापन लेखन से जुड़ी सभी जानकारी संज्ञा शब्द का पद परिचयवाक्य में उपस्थित संज्ञा पदों का पद परिचय करते समय उस शब्द में संज्ञा, संज्ञा के भेद को बताना होता है तथा साथ ही संज्ञा का लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया के साथ संबंध बताना होता है। उदाहरण- लंका में राम ने बाणों से रावण को मारा। सर्वनाम शब्द का पद परिचयसर्वनाम शब्द का पद परिचय बताने के लिए सबसे पहले कौनसा सर्वनाम है, सर्वनाम का प्रकार पुरुष के साथ यह बताते हैं और फिर वचन, लिंग, कारक और वाक्य के अन्य पदों से संबंधों को दिखाना होता है। उदाहरण- जिसे आप लोगों ने खाने पर बुलाया है, उसे अपने घर जाने
दीजिए। विशेषण शब्द का पद परिचयविशेषण का पद परिचय करते समय विशेषण, विशेषण के भेद, अवस्था, लिंग, वचन और विशेष्य व उसके साथ संबंध आदि को बताना चाहिए , विशेषण का लिंग कौन सा है, उसका वचन, विशेष्य के अनुसार होता है। उदाहरण- ये तीन मूर्तियां बहुत क़ीमती हैं। विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचयविस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय बताने के लिए वाक्य में अव्यय, अव्यय का भेद और उससे संबंधित पद को बताना होता है। उदाहरण 1- वे प्रतिदिन जाते हैं। क्रिया विशेषण का पद परिचयक्रिया विशेषण का पद परिचय बताने के लिए क्रियाविशेषण का प्रकार और उस क्रिया पद के बारे में बताना होता हैं, जिस क्रियापद की विशेषता बताने के लिए क्रिया विशेषण का प्रयोग हुआ है। उदाहरण1- लड़की उछल कूद कर रही हैं। क्रिया शब्द का पद परिचयक्रिया के पद परिचय में क्रिया का प्रकार, वाच्य, काल, लिंग, वचन, पुरुष, और क्रिया से संबंधित शब्द को बताना होता है। उदाहरण 1- मोहन ने सोहन को मारा। संबंधबोधक का पदपरिचयसंबंधबोधक का पद परिचय में संबंधबोधक का भेद और संज्ञा या सर्वनाम से संबंधित शब्द को बताना होता है। उदाहरण 1- पेड़ के नीचे चिड़िया बैठी है। समुच्चयबोधक का पदपरिचयसमुच्चयबोधक के पद परिचय में समुच्चयबोधक का भेद और समुच्चयबोधक से संबंधित योजित शब्द को बताना होता है। उदाहरण – दिल्ली अथवा कोटा में पढ़ना ठीक है। जरूर पढ़ें : उपसर्ग और प्रत्यय क्या होते है? पद परिचय के लिए आवश्यक संकेत क्या है?पद परिचय के लिए आवश्यक संकेत निम्नलिखित है-
सभी पदों के परिचय संक्षिप्त दृष्टि से मुख्यतः दो वर्गों में बांटा जा सकते है-
यह भी पढ़ें : जाने समास क्या होता है? पद परिचय के उदाहरण
पद परिचय वर्कशीटनिम्नलिखित प्रश्नो में रेखांकित पदों के सही परिचय का चयन करे। Q1. मुंशी प्रेमचंद ने गोदान के रचना की। Answer (C) Q2. रेखा नित्य दौड़ने जाती है । Answer (D) Q3. अच्छी मिट्टी में फूल खिलते हैं। Answer (B) Q4. पीला गुलाब देखकर मन खुश
हो गया। Answer (B) Q5. राधिका ने आपको बुलाया है। Answer (C) Q6. रिया पटना जा रही है। Answer (B) Q7. राखी से मैं कल यहीं मिला था। Answer (A) Q8. सोहन पहली कक्षा में पढ़ता है। Answer (C) Q9. बिल्ली पेड़ के नीचे बैठी हैं। Answer (A) Q10. अभिषेक किसे देख रहा है? Answer (D) Q11. घोड़ा तेज दौड़ रहा है। Answer (B) Q12. गरीब किसान बहुत परिश्रम कर रहा है। Answer (A) Q13. कल मेरे पापा दिल्ली गए। Answer (D) Q14. राम बाजार
जा रहा है। Answer (B) Q15. वाह! कितना सुन्दर कुत्ता है। Answer (D) पद परिचय PPTपद परिचय वीडियोSource: AasokaFAQपद परिचय के कितने भेद हैं? पद परिचय के मुख्यत 5 भेद होते हैं- विशेषण पद क्या होता है? विशेषण का पद परिचय करते समय विशेषण, विशेषण के भेद, अवस्था, लिंग, वचन और विशेष्य व उसके साथ संबंध आदि को बताना चाहिए , विशेषण का लिंग कौन सा है, उसका वचन,विशेष्य के अनुसार होता है। पद परिचय का अर्थ क्या है? पद परिचय का अर्थ है वाक्य में प्रयुक्त पदों का व्याकरणिक परिचय देना। संज्ञा पद परिचय किसे कहते है? वाक्य में उपस्थित संज्ञा पदों का Pad parichay करते समय संज्ञा, संज्ञा के भेद, लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया के साथ उसका संबंध बतलाना आवश्यक होता है। संज्ञा शब्द का क्रिया के साथ संबंध कारक के अनुसार जाना जाता है। उम्मीद है, कि इस ब्लॉग में आपको Pad parichay के बारे में सभी जानकारी मिल गई होगी। यदि आप हिंदी व्याकरण के और भी ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो आप Leverage Eduकी वेबसाइट पर बनें रहें। पद परिचय कैसे पहचानते हैं?सरल भाषा में समझें तो पद परिचय में वाक्य के पदों का परिचय से अर्थ है कि वाक्य में जो भी शब्द दिए गए हैं उनमें कौन संज्ञा है, कौन सर्वनाम है या कौनसी क्रिया है, कौनसा कारक है, उसका लिंग क्या है ,उसका वचन कौन सा है तथा अन्य पदों के साथ उसके संबंध आदि को बताना ही पद परिचय है।
पद परिचय कितने प्रकार के होते हैं Class 10?संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा अव्यय। इन सभी पदों का परिचय देते समय हमें निम्नलिखित बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए। संज्ञा के भेद (व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक), लिंग, वचन, कारक, क्रिया का 'कर्ता'है?/क्रिया का 'कर्म' है?
पद परिचय कितने प्रकार के होते हैं class 9?वाक्य में आए शब्दों को पद कहते हैं। ये पद संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक होते हैं। इनका परिचय देना पद-परिचय कहलाता है। इसे व्याकरणिक परिचय भी कहते हैं।
पद परिचय क्या होता है उदाहरण सहित लिखिए?परिभाषा- शब्द जब वाक्य में प्रयुक्त हो जाते हैं तो उन्हें पद कहते हैं। उन्हीं पदों का व्याकरणिक परिचय प्रस्तुत करना पद परिचय कहलाता है। पद परिचय में सबसे पहले पद को पहचान लेना चाहिए कि वह शब्दों के किस भेद के अंतर्गत आता है। उसके बाद निम्नलिखित निर्देशों के अनुरूप उसकी व्याकरणिक भूमिकाओं का उल्लेख करना चाहिए।
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