पद परिचय में क्या क्या आता है? - pad parichay mein kya kya aata hai?

अभी तक हम सब ने विभिन्न प्रकार के हिंदी व्याकरणसे संबंधित टॉपिक्स के विषय में पढ़ा है। हम सभी हिंदी व्याकरण में आने वाले संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, काल, समास, संधिआदि जैसे शब्दों से भली भांति परिचित है। आप और हम कक्षा 1 से 9वीं तक इन सभी टॉपिक्स को पढ़ते है। कक्षा 10वीं में इन सबके साथ एक टॉपिक पद परिचय भी जुड़ जाता है जो परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर आप पद परिचय के बारे में नही जानते है तो हमारे ब्लॉग को अंत तक पढ़े। इस ब्लॉग में Pad Parichay से जुड़ी समस्त जानकारी दी गई है।

पद परिचय में क्या क्या आता है? - pad parichay mein kya kya aata hai?

पद परिचय में क्या क्या आता है? - pad parichay mein kya kya aata hai?

पद परिचय का अर्थ क्या है? 

जब वाक्य में कई शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं तो उन्हें पद कहते हैं। इन्हीं पदों का व्याकरणिक परिचय देना पद परिचय कहलाता है। जिसे हम अपना परिचय देते हैं ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने भी शब्द प्रयुक्त होते हैं उन सभी का भी परिचय होता है। पद परिचय को ‘पदनिर्देशित’, ‘पदच्छेद’, ‘पदविन्यास’ भी कहा जाता हैं। सरल भाषा में समझें तो पद परिचय में वाक्य के पदों का परिचय से अर्थ है कि वाक्य में जो भी शब्द दिए गए हैं उनमें कौन संज्ञा है, कौन सर्वनाम है या कौनसी क्रिया है, कौनसा कारक है, उसका लिंग क्या है ,उसका वचन कौन सा है तथा अन्य पदों के साथ उसके संबंध आदि को बताना ही पद परिचय है। पद परिचय में सबसे पहले पद को पहचान लेना चाहिए कि वह शब्दों के किस भेद (प्रकार) से संबंधित है।

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पद परिचय कितने प्रकार के होते है? 

प्रयोग के आधार पर पद परिचय आठ प्रकार के होते हैं-

  1. संज्ञा
  2. सर्वनाम
  3. विशेषण
  4. अव्यय
  5. क्रिया विशेषण 
  6. क्रिया
  7. संबंधबोधक 
  8. समुच्चयबोधक

तो चलिए अब इन सभी के बारे में एक एक करके विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं। 

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संज्ञा शब्द का पद परिचय

वाक्य में उपस्थित संज्ञा पदों का पद परिचय करते समय उस शब्द में संज्ञा, संज्ञा के भेद को बताना होता है तथा साथ ही संज्ञा का लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया के साथ संबंध बताना होता है।

उदाहरण- लंका में राम ने बाणों से रावण को मारा।
इस वाक्य में ‘लंका’, ‘राम’, ‘बाणों’, और ‘रावण’ चार संज्ञा पद हैं। 
इन संज्ञा पदों का पद परिचय इस प्रकार होगा:
लंका : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक। 
राम : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक। 
बाणों : संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, बहुवचन, करण कारक। 
रावण : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक। 

सर्वनाम शब्द का पद परिचय

सर्वनाम शब्द का पद परिचय बताने के लिए सबसे पहले कौनसा सर्वनाम है, सर्वनाम का प्रकार पुरुष के साथ यह बताते हैं और फिर वचन, लिंग, कारक और वाक्य के अन्य पदों से संबंधों को दिखाना होता है।

उदाहरण- जिसे आप लोगों ने खाने पर बुलाया है, उसे अपने घर जाने दीजिए।
इस वाक्य में ‘जिसे’, ‘आप लोगों ने’, ‘उसे’ और ‘अपने’ पद सर्वनाम हैं। इसका पद परिचय इस प्रकार होगा।
जिसे : अन्य पुरुष, सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
आप लोगों ने : पुरुषवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक।
उसे : अन्य पुरुष, सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
अपने : निजवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, संबंध कारक।

विशेषण शब्द का पद परिचय

विशेषण का पद परिचय करते समय विशेषण, विशेषण के भेद, अवस्था, लिंग, वचन और विशेष्य व उसके साथ संबंध आदि को बताना चाहिए , विशेषण का लिंग कौन सा है, उसका वचन, विशेष्य के अनुसार होता है।

उदाहरण- ये तीन मूर्तियां बहुत क़ीमती हैं।
उपर्युक्त वाक्य में ‘तीन’ ,’बहुत’ और ‘क़ीमती’ विशेषण हैं। इन दोनों विशेषणों का पद परिचय निम्नलिखित है-
तीन : संख्यावाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, इस विशेषण का विशेष्य ‘मूर्तियां’ हैं।
बहुत : संख्यावाचक,स्त्रीलिंग, बहुवचन।
क़ीमती : गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन।

विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय

विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय बताने के लिए वाक्य में अव्यय, अव्यय का भेद और उससे संबंधित पद को बताना होता है।

उदाहरण 1-  वे प्रतिदिन जाते हैं। 
वाक्य में ‘प्रतिदिन’ अव्यय है। 
प्रतिदिन : कालवाचक अव्यय
जाना : क्रिया का विशेषण

क्रिया विशेषण का पद परिचय

क्रिया विशेषण का पद परिचय बताने के लिए क्रियाविशेषण का प्रकार और उस क्रिया पद के बारे में बताना होता हैं, जिस क्रियापद की विशेषता बताने के लिए क्रिया विशेषण का प्रयोग हुआ है।

उदाहरण1- लड़की उछल कूद कर रही हैं।
इस वाक्य में ‘उछल कूद’ क्रियाविशेषण है। 
उछल कूद  : रीतिवाचक क्रियाविशेषण क्योंकि ‘कर रही है’ क्रिया की विशेषता बता रहा है।

क्रिया शब्द का पद परिचय

क्रिया के पद परिचय में क्रिया का प्रकार, वाच्य, काल, लिंग, वचन, पुरुष, और क्रिया से संबंधित शब्द को बताना होता है।

उदाहरण 1- मोहन ने सोहन को मारा।
मारा : क्रिया, सकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य, भूतकाल। ‘मारा’ क्रिया का कर्ता मोहन तथा कर्म सोहन है।

संबंधबोधक का पदपरिचय

संबंधबोधक का पद परिचय में संबंधबोधक का भेद और संज्ञा या सर्वनाम से संबंधित शब्द को बताना होता है।

उदाहरण 1- पेड़ के नीचे चिड़िया बैठी है।
के नीचे : संबंधबोधक, पेड़ और चिड़िया इसके संबंधी शब्द हैं।

समुच्चयबोधक का पदपरिचय

समुच्चयबोधक के पद परिचय में समुच्चयबोधक का भेद और समुच्चयबोधक से संबंधित योजित शब्द को बताना होता है।

उदाहरण – दिल्ली अथवा कोटा में पढ़ना ठीक है।
इस वाक्य में ‘अथवा’ समुच्चयबोधक शब्द है।
अथवा : विभाजक समुच्चयबोधक अव्यय है तथा ‘कोटा’ और दिल्ली के मध्य विभाजक संबंध।

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पद परिचय के लिए आवश्यक संकेत क्या है? 

पद परिचय के लिए आवश्यक संकेत निम्नलिखित है-

  1. संज्ञा- संज्ञा के भेद (जातीवेचक्, व्यक्तिवाचक, भाववाचक) 
  2. लिंग –  स्त्रीलिंग, पुलिंग
  3. कारक तथा क्रिया के साथ संबंध
  4. वचन- एकवचन, बहुवचन 
  5. सर्वनाम-  सर्वनाम के प्रकार( पुरुषवाचक, प्रश्नवाचक , संबंधवाचक, निश्चयवाचक , अनिश्चयवाचक, निजवाचक) 
  6. लिंग, वचन, कारक, क्रिया के साथ संबंध
  7. विशेष्य-  लिंग, वचन
  8. वाक्य-  लिंग, वचन ,काल, धातु। 
  9. विशेषण – विशेषण के प्रकार (गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक और सार्वनामिक) 
  10. अवयव- अवयव के भेद ( क्रिया, विशेषण, संबंधबोधक, समुचयबोधक, विस्मायादिबोधक) 

सभी पदों के परिचय संक्षिप्त दृष्टि से मुख्यतः दो वर्गों में बांटा जा सकते है-

  • विकारी: लिंग, वचन,पुरुष, कारक आदि के कारण पदों में विकार उत्पन्न होता है इसी कारण में विकारी शब्द कहा जाता है। 
  • अविकारी: अव्यय शब्द होते हैं जिन पर लिंग वचन काल पूर्व शादी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है जैसे प्रातः काल धीरे-धीरे यहां महा आदि। 

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पद परिचय के उदाहरण

  1. रामचरितमानस की रचना तुलसीदास द्वारा की गई। 
  • रामचरितमानस: व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन , पुल्लिंग, कर्म कारक। 
  • तुलसीदास द्वारा: व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग , करण कारक। 
  • की गई : संयुक्त क्रिया , एकवचन , स्त्रीलिंग , कर्मवाच्य, अन्य पुरुष। 
  1. वह दौड़कर विद्यालय गया। 
  • वह- अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ताकारक, गया क्रिया का कर्ता। 
  • दौड़कर- पूर्वकालिक क्रिया, रीतिवाचक क्रिया विशेषण, गया क्रिया की विशेषता बता रहा है। 
  • गया- मुख्य क्रिया, एकवचन,पुल्लिंग,भूतकाल,कर्तृवाच्य। 
  1. बाग में कुछ लोग बैठे हैं। 
  • बाग- जातिवाचक संज्ञा,  एकवचन, पुल्लिंग,अधिकरण कारक। 
  • कुछ- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, विशेष्य लोग
  • लोग- जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक। 
  •   बैठे हैं – अकर्मक क्रिया , बहुवचन, पुल्लिंग, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल 
  1. मैं आपको कुछ रुपए दूंगा। 
  • मै- उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन,पुल्लिंग,कर्ता कारक, दूंगा क्रिया का करता। 
  • आपको- मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, स्त्रीलिंग ,संप्रदान कारक। 
  • कुछ- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, विशेष्य रुपये। 
  • रुपए- जातिवाचक संज्ञा ,बहुवचन, पुल्लिंग, विशेष्य , विशेषण:कुछ। 
  • दूंगा-सकर्मक क्रिया,एकवचन,पुल्लिंग, कर्तृवाच्य, भविष्यकाल,  कर्ता मैं। 
  1. भारतीय सैनिक रणक्षेत्र में वीरता दिखाते हैं और छात्रों को सबक सिखाते हैं। 
  • भारतीय: गुणवाचक विशेषण,पुल्लिंग, बहुवचन, विशेष्य- सैनिक
  • सैनिक- जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, कर्ता कारक, दिखाते हैं क्रिया का कर्ता। 
  • रणक्षेत्र में- जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुर्ल्लिंग, अधिकरण कारक। 
  • वीरता -भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग,कर्म कारक। 
  • दिखाते हैं- सकर्मक क्रिया, बहुवचन, कतृवाचय, वर्तमान काल कार्यकर्ता सैनिक। 
  • और-समानाधिकरण समुच्चयबोधक दो वाक्यों को जोड़ने वाला। 
  • शत्रुओं को- जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, कर्म कारक, पुल्लिंग। 
  • सबक- भाववाचक संज्ञा, एकवचन, कर्म कारक। 
  • सिखाते हैं- सकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, कृत्यवाच्य, वर्तमान काल कर्ता सैनिक। 
  1. वीरों की सदा जीत होती है। 
  • वीरों की- जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक । 
  • सदा- कालवाचक क्रिया विशेषण। 
  • जीत- भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक। 
  • होती है- अकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग,वर्तमान काल, कृत्यवाय। 
  1. इस संसार में ईमानदार बहुत कम है। 
  • इस- सार्वनामिक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, संसार विशेष्य। 
  • संसार में- जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, अधिकरण कारक। 
  • ईमानदार- भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य- विशेषण ‘बहुत कम’। 
  • बहुत कम- गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, विशेष्य ईमानदार। 
  1. अरे! आप आ गए। 
  • अरे! – विस्मयादिबोधक अव्यय, विस्मय का भाव प्रकट कर रहा है। 
  • आप- मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम,एकवचन, पुल्लिंग ,कर्ता कारक। 

पद परिचय वर्कशीट

निम्नलिखित प्रश्नो में रेखांकित पदों के सही परिचय का चयन करे।

Q1. मुंशी प्रेमचंद ने गोदान के रचना की।
A) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक
B) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक
C) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक
D) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक

Answer (C)
Trick: यहाँ प्रेमचंद काम को करने वाला है इसीलिए करता कारक  

Q2. रेखा नित्य दौड़ने जाती है ।
A) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, ‘दौड़ने जाता है’ क्रिया की विशेषता
B) रीतिवाचक क्रिया विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, ‘दौड़ने जाता है’ क्रिया की विशेषता
C) अव्यय, स्थानवाचक क्रिया विशेषण, ‘दौड़ने जाती है’ क्रिया की विशेषता
D) अव्यय, कालवाचक क्रिया विशेषण, ‘दौड़ने जाती है’ क्रिया की विशेषता

Answer (D)

Q3. अच्छी मिट्टी में फूल खिलते हैं।
A) सकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृ वाच्य
B) अकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृ वाच्य
C) सकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृ वाच्य
D) अकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमान काल, कर्तृ वाच्य

Answer (B)

Q4. पीला गुलाब देखकर मन खुश हो गया।
A) संख्यावाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग, गुलाब विशेष्य का विशेष
B) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग, गुलाब विशेष्य का विशेष
C) परिमाणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, गुलाब विशेष्य का विशेष
D) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, स्त्रीलिंग, गुलाब विशेष्य का विशेष

Answer (B)

Q5. राधिका ने आपको बुलाया है।
A) प्रथम पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक
B) निजवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग/स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
C) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम, स्त्रीलिंग/पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक
D) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम, स्त्रीलिंग/पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक

Answer (C)

Q6. रिया पटना जा रही है।
A) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक
B) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
C) भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, करण कारक
D) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक

Answer (B)

Q7. राखी से मैं कल यहीं मिला था।
A) क्रिया, अकर्मक, पूर्ण भूतकाल, पुल्लिंग एकवचन, कर्तृवाच्य
B) क्रिया, सकर्मक, पूर्ण भविष्य काल, पुल्लिंग एकवचन, कर्मवाच्य
C) क्रिया, अकर्मक, वर्तमान काल, स्त्रीलिंग एकवचन, कर्म वाच्य
D) क्रिया, अकर्मक, भूतकाल, पुल्लिंग, बहुवचन, भाववाच्य

Answer (A)

Q8. सोहन पहली कक्षा में पढ़ता है।
A) विशेषण, संख्यावाचक, आवृत्तिसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कक्षा विशेष्य
B) विशेषण, परिमाणवाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कक्षा विशेष्य
C) विशेषण, संख्यावाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कक्षा विशेष्य
D) विशेषण, निश्चयवाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कक्षा विशेष्य

Answer (C)

Q9. बिल्ली पेड़ के नीचे बैठी हैं।
A) अव्यय, संबंधबोधक, पेड़ से संबंध
B) अव्यय, योजक
C) अव्यय, योजक बिल्ली और पेड़ के बीच सम्बन्ध बता रहा है
D) अव्यय, क्रिया विशेषण

Answer (A)

Q10. अभिषेक किसे देख रहा है?
A) सर्वनाम, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्म कारक
B) सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, करण कारक
C) सर्वनाम, पुल्लिंग, प्रश्नवाचक, कर्ताकारक
D) सर्वनाम, प्रश्नवाचक, एकवचन, कर्म कारक

Answer (D)

Q11. घोड़ा तेज दौड़ रहा है।
A) अव्यय, कालवाचक क्रियाविशेषण
B) अव्यय, रीतिवाचक क्रियाविशेषण, दौड़ना क्रिया की विशेषता
C) अव्यय, स्थानवाचक क्रियाविशेषण, दौड़ना क्रिया की विशेषता
D) इनमें से कोई नहीं

Answer (B)

Q12. गरीब किसान बहुत परिश्रम कर रहा है।
A) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य-किसान
B) संज्ञा, संख्यावाचक, पुल्लिंग, बहुवचन
C) विशेषण, जातिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन
D) इनमें से कोई नहीं

Answer (A)

Q13. कल मेरे पापा दिल्ली गए।
A) क्रिया, सकर्मक, एकवचन, पुल्लिंग, भूतकाल, कर्मवाच्य
B) क्रिया, सकर्मक, बहुवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमानकाल, कर्तृवाच्य
C) क्रिया, अकर्मक, बहुवचन, पुल्लिंग, भविष्यकाल, कर्तृवाच्य
D) क्रिया, अकर्मक, एकवचन, पुल्लिंग, भूतकाल, कर्तृवाच्य

Answer (D)

Q14. राम बाजार जा रहा है।
A) संज्ञा, जातिवाचक, बहुवचन, पुल्लिंग, सम्बन्ध कारक, ‘जा रहा है’ क्रिया का कर्ता
B) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक, ‘जा रहा है’ क्रिया का कर्ता
C) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक
D) इनमें से कोई नहीं

Answer (B)

Q15. वाह! कितना सुन्दर कुत्ता है।
A) अव्यय, विस्मयादिबोधक, शोक सूचक
B) अव्यय, संबंध बोधक, शोक सूचक
C) क्रिया विशेषण, काल वाचक, कुत्ते की विशेषता बता रहा
D) अव्यय, विस्मयादिबोधक, हर्ष सूचक

Answer (D)

पद परिचय PPT

पद परिचय वीडियो

Source: Aasoka

पद परिचय में क्या क्या आता है? - pad parichay mein kya kya aata hai?

पद परिचय में क्या क्या आता है? - pad parichay mein kya kya aata hai?

FAQ

पद परिचय के कितने भेद हैं?

पद परिचय के मुख्यत 5 भेद होते हैं-
संज्ञा,सर्वनाम,विशेषण,क्रिया,अव्यय 

विशेषण पद क्या होता है?

विशेषण का पद परिचय करते समय विशेषण, विशेषण के भेद, अवस्था, लिंग, वचन और विशेष्य व उसके साथ संबंध आदि को बताना चाहिए , विशेषण का लिंग कौन सा है, उसका वचन,विशेष्य के अनुसार होता है।

पद परिचय का अर्थ क्या है? 

पद परिचय का अर्थ है वाक्य में प्रयुक्त पदों का व्याकरणिक परिचय देना। 

संज्ञा पद परिचय किसे कहते है? 

वाक्य में उपस्थित संज्ञा पदों का Pad parichay करते समय संज्ञा, संज्ञा के भेद, लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया  के साथ उसका संबंध बतलाना आवश्यक होता है। संज्ञा शब्द का क्रिया के साथ संबंध कारक के अनुसार जाना जाता है। 

उम्मीद है, कि इस ब्लॉग में आपको Pad parichay के बारे में सभी जानकारी मिल गई होगी। यदि आप हिंदी व्याकरण के और भी ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो आप Leverage Eduकी वेबसाइट पर बनें रहें।

पद परिचय कैसे पहचानते हैं?

सरल भाषा में समझें तो पद परिचय में वाक्य के पदों का परिचय से अर्थ है कि वाक्य में जो भी शब्द दिए गए हैं उनमें कौन संज्ञा है, कौन सर्वनाम है या कौनसी क्रिया है, कौनसा कारक है, उसका लिंग क्या है ,उसका वचन कौन सा है तथा अन्य पदों के साथ उसके संबंध आदि को बताना ही पद परिचय है।

पद परिचय कितने प्रकार के होते हैं Class 10?

संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा अव्यय। इन सभी पदों का परिचय देते समय हमें निम्नलिखित बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए। संज्ञा के भेद (व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक), लिंग, वचन, कारक, क्रिया का 'कर्ता'है?/क्रिया का 'कर्म' है?

पद परिचय कितने प्रकार के होते हैं class 9?

वाक्य में आए शब्दों को पद कहते हैं। ये पद संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक होते हैं। इनका परिचय देना पद-परिचय कहलाता है। इसे व्याकरणिक परिचय भी कहते हैं

पद परिचय क्या होता है उदाहरण सहित लिखिए?

परिभाषा- शब्द जब वाक्य में प्रयुक्त हो जाते हैं तो उन्हें पद कहते हैं। उन्हीं पदों का व्याकरणिक परिचय प्रस्तुत करना पद परिचय कहलाता है। पद परिचय में सबसे पहले पद को पहचान लेना चाहिए कि वह शब्दों के किस भेद के अंतर्गत आता है। उसके बाद निम्नलिखित निर्देशों के अनुरूप उसकी व्याकरणिक भूमिकाओं का उल्लेख करना चाहिए।