पितरों का आशीर्वाद कैसे मिलता है? - pitaron ka aasheervaad kaise milata hai?

नई दिल्‍ली: भाद्रपद महीने की पूर्णिमा (20 सितंबर, सोमवार) से पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2021 शुरू हो चुका है. पितृ पक्ष के ये 15 दिन बहुत अहम होते हैं. इस दौरान पितरों को तर्पण (Tarpan) करके उनसे आशीर्वाद लिया जा सकता है क्‍योंकि जिंदगी में सफलता के लिए‍ पितरों का आशीर्वाद (Blessings) बहुत जरूरी है. अब आने वाले 6 अक्‍टूबर पितरों को तर्पण करते समय यदि कुछ जरूरी बातों का ध्‍यान रखें तो पितरों का पूरा आशीर्वाद पा सकते हैं. 

ऐसे मिलेगा पितरों का पूरा आशीर्वाद 

पितरों का पूरा आशीर्वाद पाने के लिए ऐसे काम करना चाहिए जिनसे वे प्रसन्‍न हों. 

- पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूरे मन से दान-पुण्य करें. जिस दिन पूर्वजों की तिथि हो उस दिन सोना-चांदी, घी-तेल, नमक, फल, मिठाई, गुड़ का दान करना बहुत अच्‍छा होता है.  

- यदि पूर्वजों के निधन की तिथि पता नहीं है या किसी की अकाल मृत्‍यु हुई है तो सर्व पितृ श्राद्ध के दिन पितरों का पिंडदान या श्राद्ध जरूर करें. इससे पितरों की आत्‍मा को शांति मिलती है. 

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- श्राद्ध (Shradh) में कभी भी कोई शुभ काम न करें. ना ही तामसिक भोजन करें. ऐसा करना पितरों को नाराज कर सकता है. 

- पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए केवल श्राद्ध कर्म करने वाला व्‍यक्ति ही नहीं बल्कि घर के सभी सदस्‍य अपने हाथ से दान करें. तिथि के दिन किसी न किसी गरीब व्‍यक्ति को भोजन दें. 

- पितृ पक्ष के दौरान या अन्‍य दिनों में आपसे कोई गलती हुई तो पितरों से क्षमा जरूर मांगे. इसके लिए तिथि के दिन तिल के तेल का दीपक जलाकर जरूरतमंदों में भोजन बांटे और गलतियों की क्षमा मांगें. इससे पितृ प्रसन्न होंगे. 

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

हमारे पितृ या पूर्वज कई प्रकार के होते हैं। उनमें से बहुतों ने तो दूसरा जन्म ले लिया और बहुतों ने पितृलोक में स्थान प्राप्त कर लिया है। पितृलोक में स्थान प्राप्त करने वाले हर वर्ष श्राद्ध पक्ष में अपने वंशजों को देखने आते हैं और उस वक्त वे उन्हें आशीर्वाद देते या श्राप देकर चले जाते हैं। आओ जानते हैं कि पितरों को प्रसन्न करने के उपाय।

1. प्रतिदिन पढ़ें हनुमान चालीसा।

2. श्राद्ध पक्ष में अच्छे से करें श्राद्ध कर्म।

3. गरीब, अपंग व विधवा महिला को दें दान।

4. पढ़ें गीता का 7वां अध्याय या मार्कण्डेय पुराणांतर्गत 'पितृ स्तुति' करें।

5. तेरस, चौदस, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन गुड़-घी की धूप दें।

6. मांस और मदिरा से दूर रहें और महिलाओं का सम्मान करें।

7. घर का वास्तु ठीक करवाएं।

8. केसर या चंदन का तिलक लगाएं।

9. गुरु ग्रह के उपाय करें।

10. गया में जाकर तर्पण पिंडदान करें।

श्राद्ध पर्व : पितरों के आशीर्वाद से होगी सुखों की प्राप्ति

पितृपक्ष के दिनों में अवश्य करें श्राद्ध....



पितृपक्ष के दौरान पितरों की सद्गति के लिए कुछ खास परिस्थितियों में महिलाओं को भी वि‍‍धिपूर्वक श्राद्ध करने का अधिकार प्राप्त है। गरूड़ पुराण में बताया गया है कि पति, पिता या कुल में कोई पुरुष सदस्य नहीं होने या उसके होने पर भी यदि वह श्राद्धकर्म कर पाने की स्थिति में नहीं हो तो महिला श्राद्ध कर सकती है।

इस पुराण में यह भी कहा गया है कि यदि घर में कोई वृद्ध महिला है तो युवा महिला से पहले श्राद्ध कर्म करने वा अधिकार उसका होगा। शास्त्रों के अनुसार पितरों के परिवार में ज्येष्ठ या कनिष्ठ पुत्र अथवा पुत्र ही न हो तो नाती, भतीजा, भांजा या शिष्य तिलांजलि और पिंडदान करने के पात्र होते हैं।


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Authored by Parag sharma | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: May 2, 2022, 2:15 PM

  • जरूर करें ये पांच, होगा धन लाभ

    पितृपक्ष चल रहे हैं और यह समय बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि इस काल में पूर्वज अपने परिजनों के यहां आते हैं और उनको आशीर्वाद देते हैं। शास्त्रों में भी पितृ पक्ष को लेकर कई बातें बताई हैं। इन दिनों सुबह उठकर अगर कुछ कार्य कर लें तो ना केवल पितर प्रसन्न होंगे बल्कि माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। पितृपक्ष में सुबह उठकर इन कार्यों के करने से जीवन को नई दिशा मिलती है। आप पितृ पक्ष से ही नियम बना लें कि हर रोज ये पांच कार्य करेंगे, जिससे ना केवल दरिद्रता दूर होगी बल्कि कुंडली में मौजूद दोष भी खत्म होते हैं। आइए जानते हैं उन बातों को जो सुबह सबसे पहले करने चाहिए…

  • धन का मार्ग होता है प्रशस्त

  • मां लक्ष्मी का मिलता है आशीर्वाद

  • धन संबंधी समस्या होती है दूर

    केवल पितृ पक्ष में ही नहीं बल्कि अन्य दिनों में भी कटोरे मे जल भरकर उसमें रोटी के टुकड़े डालकर छत पर रख देना चाहिए। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और धन और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है।

    सुबह उठकर ना करें ऐसे काम, दिन भर रहेंगे परेशान

  • धन-धान्य की नहीं होती कमी

  • पितरों की आत्मा को मिलती है शांति

    हर रोज सूर्य देव को जल देना बहुत शुभ कार्य माना गया है। सूर्य देव को जल देने के बाद दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके पितरों का ध्यान करते हुए जल गिरा देना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, साथ ही उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

रूठे हुए पितरों को कैसे मनाए?

पितरों को प्रसन्न करने के 10 अचूक उपाय.
प्रतिदिन पढ़ें हनुमान चालीसा।.
श्राद्ध पक्ष में अच्छे से करें श्राद्ध कर्म।.
गरीब, अपंग व विधवा महिला को दें दान।.
पढ़ें गीता का 7वां अध्याय या मार्कण्डेय पुराणांतर्गत 'पितृ स्तुति' करें। ... .
तेरस, चौदस, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन गुड़-घी की धूप दें।.

पितर देवता को प्रसन्न करने के लिए क्या करें?

इसके लिए ये उपाय करने चाहिए..
पितरों को प्रसन्न करने के उपाय संबंधित खबरें ... .
तस्वीर लगाएं और पूजा पाठ करें घर में अपने पितरों की ऐसी तस्वीर लगायें जिसमें वे हंसते मुस्कराते हों. ... .
प्रातः काल प्रणाम करना प्रतिदिन प्रातः काल उठकर पितरों को प्रणाम करना चाहिये. ... .
खास दिनों को मनाएं ... .
दान दक्षिणा करें.

कैसे पहचाने घर में पितृ दोष है?

कैसे पहचाने घर में पितृ दोष है ? ( पितृ दोष होने पर वैवाहिक जीवन में सदा तनाव बना रहता है. पति-पत्नी के बीच आए दिन झगड़े होते हैं. परिवार में एकता नहीं होती. अक्सर घर में क्लेश होते है, मानसिक शांति नहीं मिलती, बिना बात के घर में लड़ाई होना पितृ दोष के लक्ष्ण हैं.

पितृ को कैसे खुश करें?

पिण्डदान करें ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सुबह स्नान-पूजन के बाद पितरों को तर्पण के साथ पिंडदान करना चाहिए। हथेली भर अनाज का पिंड (जौ के आटे, खीर या गाय का दूध के खोआ) बनाकर उसे पितरों को अर्पण करना चाहिए।

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