पेट की बीमारी दूर करने के लिए मां ने मोहन को क्या नहीं दिया था? - pet kee beemaaree door karane ke lie maan ne mohan ko kya nahin diya tha?

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Question 1.
“ऐसे-ऐसे’ एकांकी के लेखक कौन हैं?
(a) जयंत विष्णु
(b) विष्णु प्रभाकर
(c) गुणाकर मुले
(d) अनुबंधोपाध्याय

Answer

Answer: (b) विष्णु प्रभाकर


Question 2.
मोहन ने पिता के दफ़तर में क्या खाया था?
(a) बर्गर
(b) समोसे
(c) फल
(d) मिठाई

Answer

Answer: (c) फल


Question 3.
किन बहानों को मास्टर जी समझ जाते हैं?
(a) पेट दर्द
(b) सिर दर्द
(c) चक्कर आना
(d) उपर्युक्त सभी

Answer

Answer: (d) उपर्युक्त सभी


Question 4.
वैद्य जी को बुलाकर कौन लाया?
(a) मोहन की माँ
(b) मोहन के पिता
(c) मोहन के पड़ोसी दीनानाथ
(d) मोहन का मित्र

Answer

Answer: (a) मोहन की माँ


Question 5.
मोहन कैसा लड़का था?
(a) कमज़ोर
(b) कम बुद्धिवाला
(c) भला
(d) शरारती

Answer

Answer: (d) शरारती


(1)

पिता-कहाँ? कुछ भी नहीं। सिर्फ एक केला और एक संतरा खाया था। अरे, यह तो दफ़तर से चलने तक कूदता फिर रहा था। बस अड्डे पर आकर यकायक बोला-पिता जी, मेरे पेट में तो कुछ ऐसे-ऐसे’ हो रहा है। माँ-कैसे?
पिता-बस ‘ऐसे-ऐसे’ करता रहा। मैंने कहा-अरे, गड़गड़ होती है? तो बोला नहीं। फिर पूछा-चाकू सा चुभता है? तो जवाब दियानहीं। गोला-सा फूटता है? तो बोला नहीं। जो पूछा उसका जवाब नहीं। बस एक ही रट लगाता रहा, कुछ ऐसे-ऐसे’ होता है।

Question 1.
एक केला और संतरा किसने खाया था?
(a) सोहन ने
(b) रोहन ने
(c) मोहन ने
(d) रोहित ने

Answer

Answer: (c) मोहन ने


Question 2.
‘ऐसे-ऐसे’ का बहाना कौन करता था?
(a) सोहन एक मास्टर
(b) मोहन स्वयं
(c) मोहन का पिता
(d) मोहन की माँ

Answer

Answer: (b) मोहन स्वयं


Question 3.
मोहन के पेट में किस तरह का दर्द हो रहा था?
(a) ऐसे-ऐसे
(b) सूई-सी चुभना जैसा
(c) गड़गड़ होने जैसा
(d) चाकू की चुभन जैसा

Answer

Answer: (a) ऐसे-ऐसे


(2)

पिता-वैद्य जी, शाम तक ठीक था। दफ़तर से चलते वक्त रास्ते में एकदम बोला-मेरे पेट में दर्द होता है। ऐसे-ऐसे’ होता है। समझ नहीं आता, यह कैसा दर्द है!
वैद्य जी-अभी बता देता हूँ। असल में बच्चा है। समझा नहीं पाता है। (नाड़ी दबाकर) वात का प्रकोप है… मैंने कहा, बेटा, जीभ तो दिखाओ। (मोहन जीभ निकालता है।) कब्ज है। पेट साफ़ नहीं हुआ। (पेट टटोलकर) हूँ, पेट साफ़ नहीं है। मल रुक जाने से वायु बढ़ गई है। क्यों बेटा? (हाथ की उँगलियों को फैलाकर फिर सिकोड़ते हैं) ऐसे-ऐसे होता है?

Question 1.
वैद्य जी के अनुसार-मोहन ऐसे-ऐसे क्यों कर रहा है?
(a) क्योंकि उसे यह बीमारी हुई है।
(b) क्योंकि उसे दर्द का कारण पता नहीं है।
(c) क्योंकि उसे यह बीमारी पहली बार हुई।
(d) क्योंकि बीमारी को इसी नाम से पुकारा जाता है

Answer

Answer: (c) क्योंकि उसे यह बीमारी पहली बार हुई।


Question 2.
उसे किस बात की बीमारी है?
(a) बुखार है।
(b) मलेरिया है।
(c) वात की
(d) सरदी और जुकाम का है।

Answer

Answer: (c) वात की


Question 3.
मोहन के पेट में वायु बढ़ने का कारण था-
(a) उल्टे-सीधे खाना
(b) तला भूना खाना
(c) मल रुक जाना
(d) बासी तथा दूषित भोजन करना

Answer

Answer: (c) मल रुक जाना


(3)

माँ-पर मास्टर जी, वैद्य और डॉक्टर तो दस्त की दवा भेजेंगे।
मास्टर-माता जी, मोहन की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है। इसकी ऐसे-ऐसे की बीमारी को मैं जानता हूँ। अकसर मोहन जैसे लड़कों को वह हो जाती है।

Question 1.
वैद्य जी और डॉक्टर दवा भेजेंगे किसने कहा?
(a) पिता जी ने
(b) पड़ोसी ने
(c) माँ जी ने
(d) मास्टर जी ने

Answer

Answer: (c) माँ जी ने


Question 2.
‘मोहन की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है’ यह कथन किसके हैं?
(a) माँ जी के
(b) पिता जी के
(c) माँ जी ने
(d) पड़ोसिन के

Answer

Answer: (c) माँ जी ने


Question 3.
“ऐसे-ऐसे’ की बीमारी क्यों और किन्हें होती है?
(a) मौज-मस्ती करने के कारण
(b) खाना हजम न होने के कारण
(c) स्कूल का काम पूरा नहीं करने के कारण मोहन जैसे लड़कों को
(d) अंट-शंट खाने के कारण

Answer

Answer: (c) स्कूल का काम पूरा नहीं करने के कारण मोहन जैसे लड़कों को


(4)

मास्टर-(हँसकर) कुछ नहीं, माता जी, मोहन ने महीना भर मौज की। स्कूल का काम रह गया। आज खयाल आया। बस डर के मारे पेट में ‘ऐसे-ऐसे’ होने लगा-‘ऐसे-ऐसे’। अच्छा, उठिए साहब! आपके ‘ऐसे-ऐसे’ की दवा मेरे पास है। स्कूल से आपको दो दिन की छुट्टी मिलेगी। आप उसमें काम पूरा करेंगे और आपका ऐसे-ऐसे दूर भाग जाएगा।

Question 1.
मोहन ने महीना भर क्या किया?
(a) काम
(b) पढ़ाई
(c) मौज-मस्ती
(d) कुछ नहीं

Answer

Answer: (c) मौज-मस्ती


Question 2.
पेट में ‘ऐसे-ऐसे’ होने का क्या कारण था?
(a) पेट-दर्द
(b) छुट्टी करने का बहाना
(c) स्कूल का काम न करने का डर
(d) बासी एवं अंट-शंट खाना

Answer

Answer: (c) स्कूल का काम न करने का डर


Question 3.
मोहन के ‘ऐसे-ऐसे’ की दवा में क्या मिला?
(a) गोलियाँ
(b) दो दिन की छुट्टी
(c) तीन दिन की छुट्टी
(d) खेलने की आज़ादी

Answer

Answer: (b) दो दिन की छुट्टी


(5)

पिता-यह 43332 है। जी, जी हाँ। बोल रहा हूँ… कौन? डाक्टर साहब! जी हाँ, मोहन के पेट में दर्द है… जी नहीं, खाया तो कुछ नहीं… बस यही कह रहा है… बस जी… नहीं, गिरा भी नहीं… ‘ऐसे-ऐसे’ होता है। बस जी, ‘ऐसे-ऐसे’ होता! यह ऐसे-ऐसे क्या बला है, कुछ समझ में नहीं आता। जी-जी हाँ। चेहरा एकदम सफ़ेद हो रहा है। नाचा-नाचता फिरता है… जी नहीं, दस्त तो नहीं आई… जी हाँ, पेशाब तो आया था… जी नहीं, रंग तो नहीं देखा। आप कहें तो अब देख लेंगे… अच्छा जी! ज़रा जल्दी आइए।

Question 1.
गद्यांश के पाठ और उसके लेखक का नाम लिखो।

Answer

Answer:
पाठ का नाम-ऐसे-ऐसे
लेखक-विष्णु प्रभाकर।


Question 2.
यह बातचीत किस-किसमें हो रही है ?

Answer

Answer: यह वार्तालाप मोहन के पिता और डॉक्टर के बीच हो रही है।


Question 3.
ऐसे-ऐसे क्या है?

Answer

Answer: मोहन दर्द के बारे में बताता है कि पेट में ऐसे-ऐसे हो रहा है। वह स्पष्ट बता नहीं पाता।


(6)

मोहन-(कराहकर) जी हाँ… ओह!
वैद्य जी-(हर्ष से उछलकर) मैंने कहा न, मैं समझ गया। अभी पुड़िया भेजता हूँ। मामूली बात है, पर यही मामूली बात कभीकभी बड़ों-बड़ों को छका देती है। समझने की बात है। मैंने कहा, आओ जी, दीनानाथ जी, आप ही पुड़िया ले लो। (मोहन की माँ से) आधे-आधे घंटे बाद गरम पानी से देनी है। दो-तीन दस्त होंगे। बस फिर ‘ऐसे-ऐसे’ भागेगा; जैसे-गधे के सिर से सींग! (वैद्य जी द्वार की ओर बढ़ते हैं। मोहन के पिता पाँच का नोट निकालते हैं।)
पिता-वैद्य जी, यह आपकी भेंट।

Question 1.
वैद्य जी हर्ष से क्यों उछले?

Answer

Answer: वैद्य जी हर्ष से उछले क्योंकि उन्हें लगा कि वे मोहन की बीमारी समझ गए हैं।


Question 2.
वैद्य जी ने मोहन के लिए क्या दवा दिया?

Answer

Answer: वैद्य जी ने मोहन को दवा की पुड़िया दिया और उसे आधे-आधे घंटे बाद गरम पानी से लेने को कहा।


Question 3.
वैद्य जी ने दवा के बारे में क्या अश्वासन दिया?

Answer

Answer: वैद्य जी ने दवा के बारे में अश्वासन दिया कि दवा लेने के बाद दो-तीन दस्त होंगे और फिर ऐसे-ऐसे भी भागेगा; जैसे-गधे के सिर से सींग


(7)

जी नहीं, वह नहीं है। बिलकुल नहीं है। (मोहन से) ज़रा मुँह फिर खोलना। जीभ निकालो। (मोहन जीभ निकालता है।) हाँ, कब्ज ही लगता है। कुछ बदहज़मी भी है। (उठते हुए) कोई बात नहीं। दवा भेजता हूँ। (पिता से) क्यों न आप ही चलें! मेरा विचार है कि एक ही खुराक पीने के बाद तबीयत ठीक हो जाएगी। कभी-कभी हवा रुक जाती है और फंदा डाल लेती है। बस उसी की ऐंठन है।

Question 1.
‘जी नहीं, वह नहीं है।’ ये कथन किसका है?

Answer

Answer: जी नहीं, वह नहीं है। कथन वैद्य जी का है?


Question 2.
डॉक्टर मोहन से क्या कहता है?

Answer

Answer: डॉक्टर मोहन से मुँह खोलने तथा जीभ निकालने के लिए कहते हैं।


Question 3.
डॉक्टर ने मोहन को मुँह खोलने के लिए क्यों कहता है?

Answer

Answer: डॉक्टर ने मोहन को मुँह खोलने के लिए इसलिए कहा क्योंकि वह मुँह और जीभ देखकर उसकी बीमारी को पकड़ना चाह रहा था।


(8)

मास्टर-माता जी, मोहन की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है। इसकी ‘ऐसे-ऐसे’ की बीमारी को मैं जानता हूँ। अकसर मोहन जैसे लड़कों को वह हो जाती है। माँ-सच! क्या बीमारी है यह? मास्टर-अभी बताता हूँ। (मोहन से) अच्छा साहब! दर्द तो दूर हो ही जाएगा। डरो मत। बेशक कल स्कूल मत आना। पर हाँ, एक बात तो बताओ, स्कूल का काम तो पूरा कर लिया है?

Question 1.
माता जी मोहन की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है। यह वार्तालाप किस-किसके बीच हो रही है।

Answer

Answer: उपरोक्त कथन की बातचीत माँ और मास्टर के बीच में हो रही है।


Question 2.
मास्टर जी ने यह क्यों कहा कि मोहन की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है?

Answer

Answer: मोहन ने पूरा महीना मौज-मस्ती में व्यतीत कर दिया। उसने स्कूल का कार्य पूरा नहीं किया था। एक-दो दिन बाद स्कूल खुलने वाला था। उसे स्कूल जाना था और पेट में ‘ऐसे-ऐसे’ होने का बहाना कर रहा था। ऐसी बीमारी का इलाज वैद्य और डॉक्टर कैसे कर सकते थे। मास्टर जी मोहन की बीमारी को जानते थे। इसलिए उन्होंने कहा कि मोहन की बीमारी की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है।


Question 3.
मोहन जैसे लड़के कैसे होते हैं?

Answer

Answer: मोहन ने पूरा महीना मौज-मस्ती में व्यतीत कर दिया। उसने स्कूल का कार्य पूरा नहीं किया था। एक-दो दिन बाद स्कूल खुलने वाला था। उसे स्कूल जाना था और पेट में ‘ऐसे-ऐसे’ होने का बहाना कर रहा था। ऐसी बीमारी का इलाज वैद्य और डॉक्टर कैसे कर सकते थे। मास्टर जी मोहन की बीमारी को जानते थे। इसलिए उन्होंने कहा कि मोहन की बीमारी की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है।


Question 4.
‘ऐसे-ऐसे’ की बीमारी क्यों और किन्हें होती है?

Answer

Answer: मोहन ऐसे लड़कों में था जो छुट्टियों में खूब मौज-मस्ती करते हैं। स्कूल का काम पूरा नहीं करते और जब स्कूल की छुट्टियाँ समाप्त होने को आती हैं तो स्कूल का वर्क याद आता है। स्कूल का काम पूरा न होने से उन्हें स्कूल में जाने से भी डर लगता है। ऐसे लड़के पेट में दर्द होने या ‘ऐसे-ऐसे’ होने की रट लगा देते हैं।


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मोहन की माँ ने मोहन को कौन सी घरेलू दवा खिलाई थी?

2. मोहन की माँ ने मोहन को कौन-सी घरेलू दवा खिलाई थी? उत्तर: मोहन की मां ने मोहन को हींग, चूरन, और पेपरमेंट खिलाया था।

मोहन के ऐसे ऐसे की बीमारी कौन दूर करता है?

माँ-पर मास्टर जी, वैद्य और डॉक्टर तो दस्त की दवा भेजेंगे। मास्टर-माता जी, मोहन की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है। इसकी ऐसे-ऐसे की बीमारी को मैं जानता हूँ। अकसर मोहन जैसे लड़कों को वह हो जाती है।

वैद्य जी ने मोहन को क्या बीमारी बताएं?

वैद्य जी मोहन के पेट-दर्द का कारण बताते हैं वात का प्रकोप है, कब्ज़ है। पेट साफ़ नहीं हुआ है। मल रु क जाने से वायु बढ़ गई है। वह मोहन को दवा की पुड़िया हर आधे-आधे घंटे बाद गरम पानी से लेने को कहते हैं।

मोहन को क्या बीमारी थी class 6?

वैद्य जी मोहन को क्या बीमारी बताते हैं? वह उसे क्या दवा देते हैं। वैद्य जी मोहन के पेट-दर्द का कारण बताते हैं वात का प्रकोप है, कब्ज़ है।