पीरियड ना आने से कौन सी बीमारी होती है? - peeriyad na aane se kaun see beemaaree hotee hai?

पीरियड्स (माहवारी) एक सामान्य प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है. सामान्यत: 12 साल की उम्र से लड़कियों को पीरियड्स आना शुरू हो जाते हैं, जो कि लगभग 45-55 साल तक मेनोपॉज आने तक चलते हैं. हर महिला का पीरियड चक्र अलग होता है और यह शरीर पर निर्भर करता है. सामान्य पीरियड साइकिल 2 से 8 दिनों तक चल सकते हैं. लेकिन अधिकतर महिलाओं को पीरियड्स 4 दिनों तक होते हैं.

पीरियड्स या मासिक धर्म के दौरान दौरान लड़कियों या महिलाओं में काफी हार्मोनल और शारीरिक बदलाव दिखते हैं. कभी-कभी पीरियड्स से जुड़े लक्षणों को मामूली समझकर उन्हें अनदेखा कर दिया जाता है, लेकिन कुछ मामलों ये लक्षण नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, पीरियड्स का अनियमित होना लिवर से जुड़ी बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है.

40 साल से कम उम्र की महिलाओं पर हुई स्टडी

पीरियड ना आने से कौन सी बीमारी होती है? - peeriyad na aane se kaun see beemaaree hotee hai?

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हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, अनियमित पीरियड्स लिवर संबंधित रोग का जोखिम बढ़ा सकती है. यू.एस. ऑफिस ऑन विमेन हेल्थ के अनुसार, अगर पीरियड्स 24 से 38 दिनों में आते हैं, तब भी वह नियमित माना जा सकता है.

40 साल से कम उम्र की 72,092 महिलाओं पर हुई स्टडी के मुताबिक, जिन महिलाओं में लंबे या अनियमित पीरियड्स की समस्या देखी जा रही थी, उनमें 26 से 30 दिनों तक चलने वाले सामान्य पीरियड्स वाली महिलाओं की अपेक्षा नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीज विकसित होने की संभावना 49 प्रतिशत अधिक थी.

कांगबुक सैमसंग अस्पताल और सियोल, दक्षिण कोरिया में सुंगक्यूंकवान यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के एमडी सेउन्घो रयू (Seungho Ryu, MD) ने कहा, हमारी स्टडी बताती है कि लंबे या अनियमित पीरियड साइकिल नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीज के खतरे का विकास कर सकते हैं या उसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं. 

हार्मोन बैलेंस बिगड़ने का लिवर पर असर

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के डाइटिशियन और ओविसिटी रिसर्चर डॉ. दिमित्रियोस कौटौकिडिस (Dimitrios Koutoukidis) ने कहा, यह स्टडी ये देखने के लिए की गई थी कि क्या हार्मोंस से लिवर पर कोई प्रभाव पड़ता है. स्टडी में पाया गया कि सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन का असामान्य स्तर नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है. 

डॉ. कौटौकिडिस ने आगे कहा कि फैटी लिवर से जुड़ी बीमारी को रोकने के लिए अनियमित या असामान्य रूप से लंबे पीरियड साइकिल वाली महिलाओं के लिए कोई सटीक उपाय नहीं है. लेकिन फिर भी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके लिवर संबंधित बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है. इसके लिए नीचे दिए हुए तरीके जरूर फॉलो करें.

  • अपना वजन ज्यादा ना होने दें
  • अधिक ड्रिंक न करें
  • धूम्रपान न करें

डॉ. रयू के मुताबिक, असामान्य रूप से लंबे पीरियड साइकिल वाली महिलाओं या लड़कियों में लाइफस्टाइल बदलने से नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर रोग के साथ  कार्डियोमेटाबोलिक रोगों के जोखिम को कम करने में भी मदद मिल सकती है.

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ज्यादातर महिलाओं को शिकायत होती है कि उनके पीरियड्स समय पर नहीं आते हैं. पीरियड्स मिस होने की सबसे आम वजह प्रेग्नेंसी होती है लेकिन अगर आप  प्रेग्नेंसी प्लान नहीं कर रही हैं और फिर भी आपके पीरियड्स में देरी हो जाती है तो इसकी कई वजहें  (Late period reasons) हो सकती हैं. आइए जानते हैं इन 9 वजहों के बारे में.

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तनाव- तनाव का असर शरीर पर कई तरीकों से पड़ता है, जिसमें पीरियड भी शामिल है. तनाव से GnRH नामक हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है, जिसके कारण ओव्यूलेशन या पीरियड्स नहीं होते हैं. खुद को रिलैक्स रखें और नियमित पीरियड साइकिल को वापस लाने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
 

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बीमारी- अचानक से हुए बुखार, सर्दी, खांसी या किसी लंबी बीमारी की वजह से भी पीरियड्स में देरी हो सकती है. ये अस्थायी रूप से होता है और एक बार जब आप बीमारी से ठीक हो जाते हैं, तो आपके पीरियड्स फिर से नियमित हो जाते हैं.
 

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दिनचर्या में बदलाव- शेड्यूल बदलना, नाइट शिफ्ट में काम करना, शहर से बाहर आना-जाना या फिर घर में किसी शादी या फंक्शन के दौरान हमारे रूटीन में कई तरह के बदलाव आ जाते हैं. शरीर को जब इस नए शेड्यूल की आदत हो जाती है या फिर जब हम सामान्य दिनचर्या में वापस आ जाते हैं तो पीरियड्स भी नियमित हो जाते हैं.

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ब्रेस्टफीडिंग- बहुत सी महिलाओं को समय पर पीरियड्स आने तब तक शुरू नहीं होते हैं जब तक कि वो बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराना बंद नहीं करती हैं. 

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बर्थ कंट्रोल पिल्स- बर्थ कंट्रोल पिल्स और कुछ अन्य दवाएं भी पीरियड्स साइकिल को बदल देती हैं. ऐसी दवाएं लेने पर या तो पीरियड्स कम आते हैं या जल्दी-जल्दी आते हैं या बिल्कुल ही आने बंद हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें.

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मोटापा- मोटापे की वजह से भी पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं और जिसकी वजह से पीरियड्स आने में देरी हो सकती है. हालांकि, ये समस्या कम वजन वालों को भी होती है लेकिन मोटापा इसकी एक मुख्य वजह हो सकता है.

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प्री मेनोपॉज- मेनोपॉज से पहले महिलाओं के शरीर में आंतरिक रूप से कई तरह के बदलाव आते हैं. इसकी वजह से पीरियड्स देरी से या समय से पहले आने लगते हैं.
 

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दुबलापन- अगर आपके शरीर में पर्याप्त फैट नहीं है तो भी आपके पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं. नियमित पीरियड्स के लिए हेल्दी वजन जरूरी होता है. 

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थायराइड- गर्दन में स्थित थायरॉयड ग्रंथि, मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है. यह शरीर के कई कार्यों में भी भूमिका निभाती है. अगर आपको थायराइड संबंधित कोई समस्या है तो इसका असर पीरियड्स पर भी पड़ता है. अगर आपको थायराइड की दिक्कत है तो पीरियड्स को समय पर लाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.

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पीरियड नहीं होने से क्या होता है?

लेकिन पीरियड्स मिस होने का सिर्फ एक ही मतलब नहीं होता है। यह कुछ अन्य चिकित्सा और जीवनशैली कारक के कारण भी हो सकता हैं। कुछ दवाएं या शारीरिक स्थिति आपके मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकते हैं। यदि आप गर्भवती नहीं हैं, तो अत्यधिक वजन घटाने, हार्मोनल अनियमितताएं और रजोनिवृत्ति सबसे आम कारण हैं।

अगर 2 महीने तक पीरियड ना आए तो क्या करें?

जी हां पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम भी पीरियड लेट या जल्दी होने की कॉमन वजह मानी जाती है. आजकल महिलाओं में ये समस्या तेजी से फैलती जा रही है. आपको बता दें कि यह समस्या आजकल कॉमन सी हो रही है, इस वजह से आपको कम या ज्यादा फ्लो हो सकता है. इस समस्या के होने पर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए.

3 महीने से पीरियड नहीं आया तो क्या करें?

समय के साथ इसका नियमन होता, अत: चिंता की बात नहीं है। 2 वजन का अत्यधिक बढ़ना या मोटापा भी माहवारी में अनियमितता का एक प्रमुख कारण है। कई बार यह समस्या थायरॉइड के कारण होती है, अत: डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। 3 हमारी दिनचर्या और खानपान में बदलाव के कारण भी कई बार माहवारी देरी से आने की समस्या होती है।

पीरियड रुक जाने का क्या कारण है?

स्ट्रेस पीरियड्स लेट होने का सबसे बड़ा कारण है और इसके दौरान आपके हार्मोन्स में बदलाव आने लगते हैं। यह बदलाव आपके मस्तिष्क के पीरियड्स रेग्यूलेट करने के रेस्पॉन्स को बदल सकता है। तनाव के कारण आप बीमार भी पड़ सकती हैं या आपका एकदम से वजन भी बढ़ सकता है, जो पीरियड्स लेट होने का एक बड़ा कारण है।