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यह भी पढ़ें: शरद पवार बोले- अजित पवार ने तोड़ी है NCP दल-बदल के घेरे में आएंगे अजित पवार? गुप्ता ने कहा, ‘इस मामले के कई पहलू हैं। राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग द्वारा मान्यता दी जाती है। दल के अध्यक्ष द्वारा की गई अनुशंसा के अनुसार विधानसभा या लोकसभा प्रत्याशियों को पार्टी का चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाता है। चुनाव जीतने के बाद पार्टी विधायक दल के नेता को सदन में मान्यता मिलती है, जिससे मुख्यमंत्री या नेता विपक्ष का चयन होता है। विधायक दल के नेता को विप जारी करने का अधिकार होता है और जिसके उल्लंघन पर दल बदल विरोधी कानून लागू किया जा सकता है।’
शिवसेना के कांग्रेस-NCP गठबंधन से हैरान मत होइए, बाल ठाकरे ने मुस्लिम लीग से भी हाथ मिलाया था अगर अजित एनसीपी के मुखिया बनेंगे तो नया मोड़ विराग गुप्ता कहते हैं, ‘महाराष्ट्र मामले में अजित पवार भले ही एनसीपी विधायक दल के नेता हैं, लेकिन सरकार बनाने में समर्थन के लिए पार्टी अध्यक्ष के पत्र का ही वैधानिक महत्व है। इस घटनाक्रम के बाद एनसीपी के विधायक बहुमत से अजीत पवार को दल के नेता पद से हटा भी सकते हैं। अजीत यदि ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा करके एनसीपी के ही मुखिया बन जाएं तो इस मामले में नया मोड़ आ जाएगा।’ पढ़ें: महाराष्ट्र में सरकार का पेच, गवर्नर-स्पीकर की भूमिका अहम 'सरकार बनाने में राज्यपाल की भूमिका' गुप्ता ने कहा, ‘एनसीपी में शरद पवार के पास यदि अभी विधायकों का बहुमत है तो वह कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने का जवाबी दावा कर सकते हैं। ऐसी जवाबी स्थिति में मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच सकता है, जहां शिवसेना ने पहले याचिका दायर की थी। पुराने फैसलों की नजीर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में यदि सुनवाई हुई तो विधानसभा के पटल पर ही बहुमत साबित करने का निर्देश दिया जा सकता है।’
महाराष्ट्र: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर शिवसेना ने 'बाल ठाकरे की कसम' खाते हुए पलटवार किया है शरद पवार का दावा, हम बनाएंगे सरकार इस बारे में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि क्या अजित पवार यह जांच एजेंसियों के डर से कर रहे हैं। मेरे सूत्रों के अनुसार राजभवन में 10-11 विधायक मौजूद थे, उनमें से 3 यहां पहुंच चुके हैं।' उन्होंने दावा किया कि उनके पास नंबर हैं, सरकार वह बनाएंगे। उन्होंने कहा कि अजित पवार पर कार्रवाई के बारे में पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने आरोप भी लगाया कि पार्टी विधायक दल के नेता के चयन के दौरान विधायकों के हस्ताक्षर लिए गए थे और हस्ताक्षर वाली चिट्ठी को ही राजभवन में दिया गया होगा। यह भी पढ़ें: जब 41 साल पहले शरद ने भी तोड़ी थी पार्टी बीजेपी का दावा, सभी एनसीपी विधायक साथ Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कितनी सीटें चाहिए?सरकार बनाने के लिए 288 विधायकों की विधानसभा में बहुमत की आवश्यकता 145 सीटों की है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव कब होंगे?महाराष्ट्र विधानसभा के २८८ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए २१ अक्टूबर २०१९ को चुनाव हुआ। इसके मतों की गणना २४ अक्टूबर २०१९ को हुई।
एक राज्य में कितने विधायक होते हैं?प्रत्येक राज्य में प्रत्येक संसद के सदस्य (सांसद) के लिए सात और नौ विधायक होते हैं, जो भारत के निम्न सदन लोकसभा द्विसदनीय लोकसभा में है।
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