योजना-वार अद्यतन ब्याज दरों का विवरण अलग-अलग खंडों में दिया गया है जिस पर क्लिक कर के जानकारी ली जा सकती है। Show "कृपया भारतीय स्टेट बैंक की 24X7 हेल्पलाइन का टॉल फ्री 1800 1234, 1800 11 2211, 1800 425 3800 या टॉल नंबर 080-26599990 का संपर्क करें। इनसे देश में सभी लेन्डलाइन और मोबाइल फोन से संपर्क किया जा सकता है।" एक कर्मचारी की सैलरी पर 12 फीसदी की कटौती ईपीएफ खाते के लिए की जाती है। अगर बात नियोक्ता की करें तो उसकी तरफ से की गई कटौती का 8.33 फीसदी हिस्सा ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) में जाता है, जबकि बचा हुआ 3.67 फीसदी हिस्सा ईपीएफ में जाता है। वहीं कर्मचारी की तरफ से कटवाए गए पूरे 12 फीसदी ईपीएफ में जाते हैं। जब बात सैलरी की हो रही है तो 50 हजार रुपये की सैलरी को मानक मान लेते हैं। अगर नए वेज कोड को देखें तो उसके अनुसार कुल सैलरी का आधा हिस्सा बेसिक सैलरी (25 हजार) होता है। ऐसे में सैलरी पर कटने वाला पीएफ और उस पर मिलने वाले ब्याज की कैल्कुलेशन कुछ ऐसी होगी। ईपीएफ और ईपीएस में कुल कितना योगदान
यानी अगर आपकी बेसिक सैलरी 25 हजार रुपये है तो कंपनी और कर्मचारी दोनों का मिलाकर ईपीएफ में हर महीने कुल योगदान करीब 3918 रुपये होगा। वहीं आपको ईपीएस खाते में हर महीने 2082 रुपये जाएंगे। पहले कितना मिलता था ब्याज, अब कितना मिलेगा
आपके कुल जमा पर होगा कितना नुकसानऊपर दी गई कैल्कुलेशन सिर्फ 1 साल की है। माना गया है कि 2021-22 के पहले महीने से किसी ने नौकरी शुरू की है तो आखिरी महीने तक उसे ईपीएफ ब्याज दर घटने से कितना नुकसान होगा। वहीं अगर बात कई सालों से नौकरी कर रहे हैं और आपके खाते में मोटी रकम जमा हो गई है तो आपको इस मामूली सी गिरावट का भी बहुत भारी नुकसान होगा। मान लेते हैं कि आपके खाते में अभी तक 10 लाख रुपये जमा हो गए हैं तो कैल्कुलेशन कुछ ऐसा होगा। सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए PF अकाउंट में जमा राशि पर 8.5% की बजाए 8.10% की दर से ब्याज देने के फैसले को मंजूरी दे दी है। एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) ने शुक्रवार को इसका ऑफिस ऑर्डर जारी किया। यह दर पिछले करीब 40 साल में सबसे कम है। 1977-78 में EPFO ने 8% का ब्याज दिया था। उसके बाद से यह 8.25% या उससे अधिक रही है। पिछले दो फाइनेंशियल ईयर (2019-20 और 2020-21) की बात करें तो ब्याज दर 8.50% रही है। देश के करीब 6 करोड़ कर्मचारी PF के दायरे में आते हैं। यहां समझें PF पर अब कितना कम मिलेगा ब्याज ऐसे में मान लीजिए आपके PF अकाउंट में 31 मार्च 2022 तक (वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ओपनिंग बैलेंस) कुल 5 लाख रुपए जमा हैं। ऐसे में अगर आपको 8.50% की दर से ब्याज मिलता तो आपको 5 लाख पर 4,2500 रुपए ब्याज के रूप में मिलते। लेकिन अब ब्याज दर को घटाकर 8.10% करने के बाद आपको 40,500 रुपए ब्याज मिलेगा। हालांकि ये उदाहरण क मोटे तौर पर किया गया है। PF के दायरे में आने वाले देश के करीब 6 करोड़ कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है। एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ब्याज दर में कटौती का फैसला किया है। यानी अब आपको PF अकाउंट में जमा राशि पर 8.5% की बजाए 8.10% की दर से ब्याज मिलेगा। यह दर पिछले करीब 40 साल में सबसे कम है। 1977-78 में EPFO ने 8% का ब्याज दिया था। उसके बाद से यह 8.25% या उससे अधिक रही है। पिछले दो फाइनेंशियल ईयर (2019-20 और 2020-21) की बात करें तो ब्याज दर 8.50% रही है। यहां समझें PF पर अब कितना कम मिलेगा ब्याज ऐसे में मान लीजिए आपके PF अकाउंट में 31 मार्च 2022 तक (वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ओपनिंग बैलेंस) कुल 5 लाख रुपए जमा हैं। ऐसे में अगर आपको 8.50% की दर से ब्याज मिलता तो आपको 5 लाख पर 4,2500 रुपए ब्याज के रूप में मिलते। लेकिन अब ब्याज दर को घटाकर 8.10% करने के बाद आपको 40,500 रुपए ब्याज मिलेगा। हालांकि ये उदाहरण क मोटे तौर पर किया गया है। पीएफ राशि पर ब्याज की गणना कैसे करें?EPF में कर्मचारी का योगदान = ₹ 15,000 का 12% = ₹ 1,800.. ईपीएस में कंपनी/नियोक्ता का योगदान = ₹ 15,000 का 8.33% = ₹ 1,250.. पीएफ का ब्याज कब मिलेगा 2022?इससे पहले जून में सरकार ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 5 करोड़ से अधिक ग्राहकों के लिए ईपीएफ जमा पर 8.1 प्रतिशत ब्याज को मंजूरी दी थी। आपको बता दें कि 2021-22 के लिए भविष्य निधि में प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये से अधिक के योगदान पर ब्याज पर कर लगाने की पेशकश भी गई थी।
पीएफ का पैसा डबल होता है क्या?अगर आप कभी अपने PF Account से पैसा निकालने के लिए आवेदन करते हैं तो फिर आपको सिर्फ PF Account वाला पैसा 15.67% (12% कर्मचारी वाला हिस्सा+3.67% कंपनी वाला हिस्सा) ही मिलता है। मतलब यह कि 10 साल नौकरी पूरी कर लेने वाले व्यक्ति को पीएफ का पैसा डबल नहीं मिलता। बल्कि, सिर्फ सवा गुना ही मिलता है।
PF कितने प्रकार के होते हैं?तीन तरह की भविष्य निधि योजनाएं हैं. ये योजनाएं हैं यानी कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), और सामान्य भविष्य निधि (GPF).
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