Show औद्योगिक क्रांति से निम्नलिखित लाभ हुए- 1. उत्पादन क्षमता में वृद्धि-नवीन खोजों के परिणाम स्वरूप उत्पादन की नवीन तकनीकों का विकास भी होता रहता था, जिससे उत्पादन क्षमता में निरंतर वृद्धि होती रहती थी। अतः औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप वस्तुओं की उत्पादन क्षमता कई गुना बढ़ गई। 2. यातायात में विशेष सुविधा- औद्योगिक क्रांति से यातायात की साधनों का तेजी से विकास हुआ। यातायात के ऐसे नवीन साधनों का निर्माण और खोज होने लगी थी जो तीव्र गति से कार्य करते हो इस प्रकार क्रांति के फलस्वरूप यातायात अधिक सुगम और विकसित हो गया। इन्हें भी पढ़ें:- मेंडलीफ की आवर्त नियम तथा आधुनिक आवर्त नियम में क्या अंतर है? 3. विज्ञान की प्रगति- औद्योगिक साधनों के विकास के लिए विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर खोज चलती रही। वैज्ञानिक नई नई प्रौद्योगिकी की खोज में प्रयत्नशील रहते थे। इन खोजों और प्रयासों के परिणाम स्वरूप विज्ञान की विभिन्न शाखाएं निरंतर प्रगति की ओर बढ़ने लगी। 4. कृषि में सुधार- औद्योगिक क्रांति के परिणाम स्वरूप कृषि कार्यों के लिए नवीन यंत्रों का प्रयोग किया जाने लगा। अभी तक कृषि अत्यधिक श्रम साध्य तथा इससे उत्पादन बहुत कम होता था। यंत्रीकरण से कृषि कार्य सरल हो गया और खाद्यान्नों की उत्पादन क्षमता में कई गुना वृद्धि हो गई। अब कृषि धीरे-धीरे व्यवसाय का रूप लेने लगी। इन्हें भी पढ़ें:- त्रिभुज क्या है- 5. सांस्कृतिक आदान-प्रदान में वृद्धि- औद्योगिक क्रांति से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि हुई। व्यापारिक वर्ग के लोग विश्व के सभी देशों में आने जाने लगे। इससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान हुआ और मानव परंपरागत रूढ़ियों से मुक्त हो गया। 6. दैनिक जीवन में सुख सुविधा के साधनों में वृद्धि- मानव के दैनिक जीवन में भौतिक साधनों के सुलभ हो जाने से विशेष सुख सुविधा का वातावरण बना। मानव को दैनिक जीवन के कार्यों की पूर्ति हेतु विशेष सुविधाएं प्राप्त हुई, जिन्होंने नागरिकों के जीवन स्तर को परिष्कृत रूप प्रदान किया। अब उनका जीवन सुख सुविधाओं से परिपूर्ण होता चला गया। इन्हें भी पढ़ें:- कावूर की नीति और उद्देश्य | काउंट कैमिलो दे कावूर कौन था। 7-समाजवादी विचारधारा का जन्म- औद्योगिक क्रांति का एक अन्य लाभकारी परिणाम यह हुआ कि श्रमिकों के माध्यम से समाजवाद का जन्म हुआ। समाजवाद ने मानव को अपने अधिकारों के प्रति अत्यधिक सजग बनाया। इससे मानवीय स्वतंत्रता के सिद्धांत को विशेष बल मिला। 8-नगरों का विकास- औद्योगिक प्रतिष्ठानों की स्थापना के कारण नए-नए नगरों की स्थापना हुई। नगरों में जनसंख्या बढ़ने से वहां के आकार में वृद्धि हुई। नगर उद्योग तथा वाणिज्य के केंद्र बन गए। इस प्रकार नगरीकरण की प्रक्रिया तीव्र हो गई। इन्हें भी पढ़ें:- आत्मकथ्य पाठ के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर- Read more – स्टील और स्टेनलेस स्टील के बीच क्या अंतर है? Read more – ऊर्जा के प्रमुख स्रोतों का वर्णन कीजिए। इन्हें भी पढ़ें:- नर्मदा एवं टिहरी बांध आंदोलन का क्या कारण है- Read more – ऊर्जा संरक्षण क्यों आवश्यक है? Read more- जनसंख्या वृद्धि के महत्वपूर्ण घटकों की व्याख्या करें। इन्हें भी पढ़ें:- राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद पाठ के महत्वपूर्ण प्रश्न- read more – लोकल एरिया नेटवर्क के लाभ ? read more – औद्योगिक क्रांति से क्या लाभ है? इन्हें भी पढ़ें:- धातु एवं अधातु read more – फसल चक्र से क्या समझते हैं ? read more – भारत में निर्धनता दूर करने के उपाय? इन्हें भी पढ़ें:- भौतिक राशि क्या है? read more – ‘एक दलीय प्रणाली’क्या है? latest article – जॉर्ज पंचम की नाक ( कमलेश्वर) इन्हें भी पढ़ें:- जैव प्रक्रम क्या है- latest article – सौर-कुकर के लाभ ? click here – click इन्हें भी पढ़ें:- Ncrt Class 10 जल संसाधन सामाजिक विज्ञान(पार्ट-1) Recommended
Post navigationऔद्योगिक क्रांति से समाज को क्या लाभ हुआ?उत्पादन क्षमता में वृद्धि-नवीन खोजों के परिणाम स्वरूप उत्पादन की नवीन तकनीकों का विकास भी होता रहता था, जिससे उत्पादन क्षमता में निरंतर वृद्धि होती रहती थी। अतः औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप वस्तुओं की उत्पादन क्षमता कई गुना बढ़ गई। 2. यातायात में विशेष सुविधा- औद्योगिक क्रांति से यातायात की साधनों का तेजी से विकास हुआ।
औधोगिक क्रांति के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव क्या थे?आर्थिक प्रभाव
उत्पादन में वृद्धि से वस्तुओं की उपलब्धता बढ़ी। उत्पादन में वृद्धि से निर्यात में वृद्धि। स्वतंत्र कारीगर कारखानों से प्रतिस्पर्द्धा नहीं कर सके, फलत: कुटीर उद्योग समाप्त हो गए। बड़े-बड़े कृषि फार्मों की स्थापना के कारण छोटे किसानों को रोज़गार की तलाश में गाँवों से शहरों की ओर जाना पड़ा।
औद्योगिक क्रांति के परिणाम क्या है?धन सम्पदा में भारी वृद्धि हुई। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भी बढ़ा। औपनिवेशिक साम्राज्यवाद का विस्तार भी औद्योगिक क्रांति का परिणाम था एवं नए वर्गों का उदय हुआ। इस क्रांति से किसी वर्ग को पूंजी जमा करने और शोषण करने का मौका मिला तो शोषित वर्ग को उस शोषण चक्र से मुक्ति के लिए तरह-तरह के प्रयत्न करने पड़े।
औद्योगिक क्रांति का मजदूरों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?औद्योगिक क्रांति मे नवीन आविष्कारों के कारण खदानों की खोज हुई, कारखानों की आवश्यकता हुई तथा इनके लिये बड़ी मात्रा मे कच्चे माल की आवश्यकता हुई। इसके कारण उपनिवेशों का तथा श्रमिकों का शोषण भी होने लगा। हजारों श्रमिक मशीनों के कारण बेकार होने लगे, श्रमिकों की आर्थिक समस्यायें उत्पन्न होने लगी। अनेक बैंकों की स्थापना हुई।
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