निम्नलिखित पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए च चारु चंद्र छ क्या ही स्वच्छ झोंको से शांत और चुपचाप? - nimnalikhit panktiyon ka saral arth likhie ch chaaru chandr chh kya hee svachchh jhonko se shaant aur chupachaap?

Short Note

निम्‍नलिखित पंक्‍तियों का सरल अर्थ लिखिए :

चारु चंद्र ______ झोंकों से।

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Solution

कवि ने इस पद्य में प्रकृति की सुंदरता का सुंदर वर्णन किया है। रात के समय चाँद की चंचल किरणें जल-थल में खेलती हुई प्रतीत हो रही हैं। पृथ्वी और आकाश में चारों ओर चाँदनी फैली हुई है। ऐसा प्रतीत होता है कि हरी-हरी घास के नोंकों से धरती अपनी खुशियों का इजहार कर रही है और मंद-मंद चल रही हवाओं के झोंकों में सारे वृक्ष झूम रहे हैं।

Concept: पद्य (9th Standard)

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Chapter 1.01: चाँदनी रात - पाठ के आँगन में [Page 2]

Q (२) (च)Q (१) (ख)Q (२) (छ)

APPEARS IN

Balbharati Hindi - Lokbharati 9th Standard Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती ९ वीं कक्षा]

Chapter 1.01 चाँदनी रात
पाठ के आँगन में | Q (२) (च) | Page 2

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चारु चंद्र झोंको से छ क्या ही स्वच्छ शांत और चुपचाप?

(2) पुलक प्रगट झोंकों से ।। इस अवसर पर पृथ्वी अत्यंत प्रसन्न है। वह अपनी यह प्रसन्नता पृथ्वी पर उगी हुई हरी - हरी घास की नोकों से प्रकट कर रही है। मंद-मंद हवा के झोंकों से पेड़-पौधे भी झूम रहे हैं और ऐसा लगता है, जैसे वे भी अपनी खुशी प्रकट कर रहे हैं।

निम्नलिखित पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए च चारु चंद्र छ क्या ही स्वच्छ झोंकों से?

इन पंक्तियों में पंचवटी के चारों और प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया है| यहाँ पर स्वच्छ और निर्मल चांदनी है। चारों तरह वातावरण शांत सा महसूस हो रहा है और अच्छी खुशबू दिशाओं में महक रही है| पंचवटी में चारों और स्वच्छ वातावरण फैला हुआ है| सब जगह एकांत और चुप्पी है, फिर भी सब अपना कर्तव्य का पालन कर रहे हैं।