बचपन जैसे ही ख़त्म होता है और जब लड़की किशोरावस्था में कदम रखती है तो धीरे धीरे वो जवानी के रास्ते पर भी चल पड़ती है. उसकी लाइफ धीरे धीरे ना चाहते हुए भी बदलने लगती है. मानसिक विचारधारा के साथ साथ शारीरिक बदलाव भी होने लगते है. जब शारीरिक व यौनपरक लक्षण विकसित होने लगते हैं जो यौवन की शुरुआत हो जाती है. Show ऐसा हारमोन में बदलाव के कारण होता है. इस बदलाव की वजह से लड़कियां प्रजनन के योग्य बनते हैं. यौवनारंभ हर किसी में अलग-अलग समय पर शुरू होता है और अलग-अलग अवधि तक रहता है. बदलते जीवनशैली और खान-पान की वजह से वर्तमान में काफी सारी लड़कियों में यह नौ वर्ष की अवस्था से ही शुरू हो जाता है. वैसे आमतौर पर इसे 13 वर्ष की अवस्था से आरम्भ माना जाता है. लड़कियों में होने वाले कुछ और बदलाव: 1. स्तनों के आकार में होती है वृद्धि. 2. त्वचा हो जाती है तैलीय, मुंहासे करते हैं परेशान. 3. प्रजनन अंगों में भी आ जाता है बदलाव. 4. शरीर की लंबाई और नितंबों का आकार बढ़ जाता है. 5. बगल और योनि के आसपास बाल आने शुरू हो जाते हैं. 6. पीरियड शुरू हो जाना. होम -> समाज | 3-मिनट में पढ़ें | एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश के शहरी किशोरों का रूझान अब समय से काफी पहले सेक्स की ओर होने लगा है. आप कहेंगे यह बात नई नहीं है. हर गुजरते साल के साथ हमारी नजर ऐसे किसी सर्वे से होकर गुजरती है. जिस 'उम्र' की बात हम कर रहे हैं वह भी हर नए सर्वे के साथ घटते हुए ही दिखा है. हमारे बच्चे समय से पहले जवान हो रहे हैं. लेकिन क्यों? जो भी तस्वीर हमारे सामने उभर रही है उसे हम सही या गलत की कैटेगरी में नहीं रख सकते. सेक्स एक नॉर्मल प्रक्रिया है. शरीर की जरूरत है. लेकिन जब जरूरत एक उल्टी तस्वीर पेश करने लगे तो चिंता और सवाल जायज हो जाते हैं. सेक्स का पहला अनुभव केवल 13 से 14 साल की उम्र में हमारे शहरों में हाल के वर्षों में सेक्स को लेकर किशोरों के मन में कैसे बदलाव हो रहे हैं, इसकी बानगी एक ई-हेल्थकेयर कंपनी मेडीएंजल्स डॉट कॉम के सर्वे से देखने को मिलती है. यह सर्वे देश के 20 बड़े शहरों में 13 से 19 साल के 15,000 लड़के-लड़कियों के बीच किया गया. सर्वे के अनुसार देश में लड़कों के लिए पहली बार सेक्सुअल कॉन्टैक्ट बनाने की औसत उम्र 13.72 साल है. जबकि लड़कियां 14.09 की उम्र में इसका अनुभव हासिल कर लेती हैं. मामला यहीं नहीं रूकता. कच्ची उम्र में सेक्स के प्रति आकर्षण और इससे जुड़े प्रयोग करने की चाहत में कई किशोर यौन संक्रामक रोगों से भी ग्रसित हो रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक इनमें से 8.9 फीसदी बच्चों को कभी न कभी यौन रोगों का सामना करना पड़ा. सर्वे में शामिल 6.3 फीसदी लड़कों और 1.3 फीसदी लड़कियों ने माना कि उन्होंने कम से कम एक बार सेक्स जरूर किया है. सर्वे में शामिल लड़कों के लिए पहली बार सेक्स (इंटरकोर्स) की उम्र 14 साल जबकि लड़कियों के लिए यह 16 साल थी. किशोर मन में क्यों बढ़ रहा सेक्स के प्रति रूझान यह विवादित विषय है. आप, बस इसे छेड़ने की जुर्रत कीजिए और देखिए कैसे हैरान कर देने वाली दलीलें आपकों सुनने को मिलेंगी. इंटरनेट से लेकर मोबाइल और फिर टीवी, फिल्मों सहित जींस पहनने नहीं पहनने के कारण गिनाए जाने लगेंगे. हो सकता है, कुछ फीसदी बातें इनसे भी जुड़ी हों. लेकिन पूरी जिम्मेदारी इंटरनेट, टीवी और फिल्मों पर ही डाल देना क्या सही है? आप यह क्यों नहीं देखते कि हमारे सामाजिक और पारिवारिक परिवेश में कितना बदलाव आया है. खासकर शहरों में, वैसे परिवारों में..जहां माता-पिता दोनों कामकाजी हैं. अकेलेपन के बीच जब आपका बच्चा दोस्तों और अनजान लोगों के बीच ज्यादातर वक्त गुजारने लगे तो इसके लिए क्या हम जिम्मेदार नहीं हैं? सेक्स एजुकेशन समाज बदल रहा है. हमारे रहन-सहन का ढंग बदल रहा है. खर्च चलाने के लिए माता-पिता का काम करना जरूरी है ही. फिर क्या किया जाए? हमारे यहां स्कूलों में सेक्स शिक्षा देने पर बहस होती रही है लेकिन अब भी इसे अपनाना दूर की कौड़ी है. बेहतर होगा, हम इस पर गंभीरता से विचार करें. वैसे लोग जो इंटरनेट या टीवी, फिल्मों को ही सेक्स के प्रति रूझान का बड़ा कारण मानते हैं, उनके लिए एक बात समझनी बहुत जरूरी है. आज के दौर में आप इंटरनेट पर बैन नहीं लगा सकते. हजार रास्ते हैं जिससे होकर वह हमारे किशोरों की नजर में पहुंच ही जाएगा. आप अगर इंटरनेट, टीवी, फिल्मों पर बैन लगाकर सोचते हैं कि खतरा टल गया तो यह बात उस शुतुर्मुर्ग जैसी ही है जो शिकारी को देख कर अपनी आंखे बंद कर लेता है. उसे लगता है कि खतरा अगर नजर नहीं रहा तो इसका मतलब वह टल गया. क्यों न हम सेक्स शिक्षा के बारे में बात करना शुरू करें. इंटरनेट या अन्य माध्यमों से जो कचड़ा उसके मन में जा रहा है उसके लिए यह शिक्षा एक फिल्टर का काम तो करेगी ही. कम से कम एक सही माध्यम से तो उसके पास सेक्स से जुड़ी जानकारी पहुंचेगी. उम्र और सेक्स संबंध के बारे में खुल कर उसे बताएं..फिर शायद वह गलत और सही का ठीक-ठीक फर्क समझने लगे. लेखकइसे सुनेंरोकेंहर लड़की के जीवन में वो उम्र आती है जब वो इन दोनों को एक जैसा समझती है और अपनी दबी इच्छाओं को प्रेम का नाम देकर किसी की ओर आकर्षित होती है। मेरे ख्याल से ये उम्र लगभग 13-14 के बाद शुरू हो जाती है और 18-19 तक तो रहती ही है। इसे सुनेंरोकें18 से 35 तक की उम्र में सेक्स की चाहत इस उम्र में सेक्सुअल संतुष्टि के लिए मन में बहुत ज्यादा उत्साह व
उत्तेजना रहती है। एक-दूसरे को स्पर्श करना, सहलाना, चूमना, बाहों में भरना, इस उम्र में एक आम बात है। लडकी कितने साल मे जवान होती है? इसे सुनेंरोकेंलड़कियों के जवान होने की औसत उम्र पहले 14 साल थी वो घटकर 12 से 13 साल हो गयी हैं। जवान कैसे होता है? इसे सुनेंरोकेंसदा जवान बने रहने के टिप्स : Rules जवान और खूबसूरत दिखने के लिए अच्छी नींद लेना चाहिए पर इसके लिए देर तक सोने की बजाय जल्दी सोने और जल्दी उठने की आदत अपनाएं। सुबह जल्दी उठने से कई प्रकार के रोग दूर रहते है और शरीर भी सेहतमंद रहता है। अधिक उम्र मर भी जवान दिखने के लिए सुबह जल्दी उठकर योग और एक्सरसाइज करें। लड़की की जवानी क्या है?इसे सुनेंरोकेंयौवन के शबाब पर होने पर लड़कियों के शरीर में काफी बदलाव देखने को मिलते हैं। लड़कियों की जवानी पर उफान आता है। इस दौरान वह बेहद सुंदर हो जाती हैं। लड़कियों की जवानी में चहेरे का चमकता नूर उनकी खूबसूरती में चार चांद लगा देता है और उनकी काफिर अदाएं तो मशाल्लाह होती हैं जिनसे नजर हटाने का दिल ही नहीं करता है। वीर जवान कैसे बने? इसे सुनेंरोकेंयोग आपको हर पल शरीर और मन से युवा बनाए रखने की ताकत रखता है। बशर्ते कि आप इसे नियमित करते हैं। साप्ताहिक भी कर सकते हैं तो कुछ आसनों का चयन किया जा सकता है उनके लाभ को देखते हुए। आसनों के अलावा योग के अन्य उपाय करना भी युवा बने रहने और दिखने के लिए आवश्यक है। जवान और फिट कैसे रहे? हमेशा फिट कैसे रहे || स्वस्थ और जवान दिखें – Best 5 Tips How to fit body in Hindi
लड़का कितने साल में जवान होता है?ज्यादातर लड़के 9 साल की उम्र में यौवन या प्यूबर्टी (puberty) में कदम रखते हैं और 14 साल तक चलता है जबकि लड़कियां 8 साल की उम्र में बड़ी होने लगती हैं।
कितने साल में लड़कियां जवान हो जाती हैं?लड़कियों के जवान होने की औसत उम्र पहले 14 साल थी वो घटकर 12 से 13 साल हो गयी हैं।
लड़का बालिग कब होता है?प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को इस प्रस्ताव की घोषणा करते हुए इसकी जानकारी दी थी। वर्तमान में देश में पुरुषों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष है, जबकि महिलाओं के लिए 18 वर्ष है।
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