पृष्ठ संख्या: 17 प्रश्न अभ्यास कारण बताएं 1. "मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा।" उत्तर लेखक के मन में बस कंपनी के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा इसलिए जाग गई कि वह इतनी खटारा बस को चलाने का साहस जुटा रहा था। कंपनी का हिस्सेदार अपनी पुरानी बस की खूब तारीफ़ कर रहा था| ऐसे व्यक्ति के प्रति श्रद्धा भाव ही उमड़ता है। 2. "लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफ़र नहीं करते।" • लोगों ने यह सलाह क्यों दी ? लोगों
ने लेखक को यह सलाह इसलिए दी क्योंकि इस बस का कोई भरोसा नहीं है कि यह कब और कहाँ रूक जाए, शाम बीतते ही रात हो जाती है और रात रास्ते में कहाँ बितानी पद जाए, कुछ पता नहीं रहता। उनके अनुसार यह बस डाकिन की तरह है।
• लेखक को ऐसा क्यों लगा ?
जब बस का इंजन स्टार्ट हुआ तब सारी बस झनझनाने लगी। लेखक को ऐसा प्रतीत हुआ कि पूरी बस ही इंजन है। मानो वह बस के भीतर न बैठकर इंजन के भीतर बैठा हुआ हो। 4.''गज़ब हो गया। ऐसी बस अपने आप चलती है।'' उत्तर लेखक को बस की स्थिति देखकर लग रहा था की बस नही चल पाएगी परन्तु जब उसने बस के हिस्सेदार से पूछा तो उसने कहा चलेगी ही नही, अपने आप चलेगी। एक तो खास्ता-हालत बस ऊपर से अपने आप आप इस कारण लेखक को हैरानी हुई। 5. "मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था।" • लेखक पेड़ों को अपना दुश्मन क्यों समझ था ?
लेखक को पेड़ों से डर लग रहा था कि कहीं उसकी बस किसी पेड़ से टकरा न जाए। एक पेड़ निकल जाने पर वह दूसरा पेड़ का इंतज़ार करता था कि बस कहीं इस पेड़ से न टकरा जाए। यही वजह है कि लेखक को हर पेड़ अपना दुश्मन लग रहा था। पाठ से आगे 1. 'सविनय अवज्ञा आंदोलन' किसके नेतृत्व में, किस उद्देश्य से तथा कब हुआ था? इतिहास की उपलब्ध पुस्तकों आधार पर लिखिए। उत्तर 'सविनय अवज्ञा आंदोलन' गांधीजी के नेतृत्व में, भारत को पूर्ण स्वाधीनता दिलाने के लिए 1930 ई. में हुआ था। पृष्ठ संख्या: 18 भाषा की बात 1.बस, वश, बस तीन शब्द हैं-इनमें बस सवारी के अर्थ में, वश अधीनता के अर्थ में, और बस पर्याप्त (काफी) के अर्थ में प्रयुक्त होता है, जैसे-बस से चलना होगा। मेरे वश में नहीं है। अब बस करो। उपर्युक्त वाक्य के समान तीनों शब्दों से युक्त आप भी दो-दो वाक्य बनाइए। उत्तर (1) बस - वाहन (2) वश - अधीन (3) बस - पर्याप्त (काफी) 2. ''हम पाँच मित्रों ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें।
पन्ना से इसी कंपनी की बस सतना के लिए घंटे भर बाद मिलती है।'' ने, की, से आदि शब्द वाक्य के दो शब्दों के बीच संबंध स्थापित कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को कारक कहते हैं। इसी तरह जब दो वाक्यों को एक साथ जोड़ना होता है 'कि' का प्रयोग होता है। उत्तर (i) बस कंपनी के एक हिस्सेदार भी उसी बस से जा रहे थे।(ii) बस सचमुच चल पड़ी और हमें लगा कि यह गाँधी जी के असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलनों के वक्त अवश्य चलती होगी। (iii) यह समझ में नहीं आता था कि सीट पर हम बैठे हैं। (iv) ड्राइवर ने तरह-तरह की तरकीबें की पर वह नहीं चली। 3. ''हम फ़ौरन खिड़की से दूर सरक गए। चाँदनी में रास्ता टटोलकर वह रेंग रही थी।'' 'सरकना' और 'रेंगना' जैसी क्रिया दो प्रकार की गति बताती है। ऐसी कुछ और क्रियाएँ एकत्र कीजिए जो गति के लिए प्रयुक्त होती हैं, जैस-घूमना इत्यादि। उन्हें वाक्यों में प्रयोग कीजिए। उत्तर ► रफ्तार - बस की रफ्तार बहुत ही तेज़ थी। ► चलना - बस का चलना ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो हवा से बातें कर रही हो। 5. भाषा की दृष्टि से देखें तो हमारी बोलचाल में प्रचलित अंग्रेजी शब्द फर्स्ट क्लास में दो शब्द हैं-फर्स्ट और क्लास। यहाँ क्लास का विशेषण है फर्स्ट। चूँकि फर्स्ट संख्या है, फर्स्ट क्लास संख्यावाचक विशेषण का उदाहरण है। महान आदमी में किसी आदमी की विशेषता है महान। यह गुणवाचक विशेषण है। संख्यावाचक विशेषण और गुणवाचक विशेषण के उदाहरण खोजकर लिखिए। उत्तर (i) गुणवाचक विशेषण - हरी घास, छोटा आदमी (ii) संख्यावाचक विशेषण - चार संतरे, दूसरी बिल्ली Courtesy : CBSE लोगों ने लेखक को शाम वाली बस से सफर नहीं करने की सलाह क्यों दी?"लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफर नहीं करते।" लोगों ने यह सलाह क्यों दी? Solution : लोगों ने यह सलाह लेखक को इसलिए दी, क्योंकि वे यह जानते थे कि बस की हालत बहुत खराब है। रास्ते में बस कभी भी और कहीं भी धोखा दे सकती है।
समझदार लोगों ने क्या सलाह दी डॉक्टर मित्र ने बस के बारे में क्या कहा?सुबह घर पहुँच जाएँगे। हम में से दो को सुबह काम पर हाज़िर होना था इसीलिए वापसी का यही रास्ता अपनाना ज़रूरी था। लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफ़र नहीं करते।
बस की यात्रा पाठ में लेखक हर पेड़ को अपना दुश्मन क्यों समझ रहा था *?लेखक पेड़ों को अपना दुश्मन क्यों समझ रहा था? उत्तर:- बस की जर्जर अवस्था से लेखक को ऐसा महसूस हो रहा था कि बस की स्टीयरिंग कहीं भी टूट सकती है तथा ब्रेक फेल हो सकता है। ऐसे में लेखक को डर लग रहा था कि कहीं उसकी बस किसी पेड़ से टकरा न जाए।
गजब हो गया ऐसी बस अपने आप चलती है लेखक ने ऐसा क्यों कहा होगा?लेखक को यह सुनकर हैरानी क्यों हुई? जब लेखक ने बस को जर्जर व क्षीण अवसर मे देखा तो उस यह विश्वास नहीं था कि वह सफर तय कर सकेगी। इसी कारण उसने कंपनी के हिस्सेदार से यह पूछा कि यह बस चलती भी है तो उन्होंने उत्तर दिया कि यह अपने-आप चलती है। यही लेखक की हैरानी का कारण था।
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