लोहे का छल्ला कौन सी उंगली में पहनना चाहिए? - lohe ka chhalla kaun see ungalee mein pahanana chaahie?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि को न्याय प्रिय ग्रह बताया गया है। शनि देव हमेशा मनुष्य के कर्मों के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं। जो व्यक्ति अपने जीवन में हमेशा बुरे कार्य की तरफ रहते हैं। गलत तरीके से अपना जीवन व्यतीत करते हैं उनको शनिदेव के दंड का सामना करना पड़ता है। लेकिन जो लोग अच्छे कार्य करते हैं उनके ऊपर शनि देव हमेशा मेहरबान रहते हैं। उन लोगों को शनिदेव कभी भी परेशान नहीं करते हैं।

लोहे का छल्ला कौन सी उंगली में पहनना चाहिए? - lohe ka chhalla kaun see ungalee mein pahanana chaahie?

ज्योतिष के अनुसार देखा जाए तो लोहे की अंगूठी और घोड़े के नाल की अंगूठी धारण किया जाए तो इससे शनि के बुरे प्रभावों से बचा जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति के ऊपर शनि की महादशा, शनि की ढैया, साढ़ेसाती जैसी परेशानियां चल रही हैं तो इससे बचने के लिए आप लोहे का छल्ला धारण करें। परंतु इससे पहनने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है। अन्यथा आपके जीवन में बहुत सी परेशानियां उत्पन्न होने लगेंगी। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से लोहे का छल्ला धारण करने के क्या नियम हैं इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

शनि छल्ला पहनने से पहले जान लीजिए ये नियम

लोहे का छल्ला कौन सी उंगली में पहनना चाहिए? - lohe ka chhalla kaun see ungalee mein pahanana chaahie?

1. अगर आप लोहे का छल्ला धारण कर रहे हैं तो सबसे पहले आप अपनी कुंडली की जांच जरूर करा लीजिए। अगर आप बिना कुंडली की जांच कराए हुए छल्ला पहनते हैं तो अन्य ग्रहों की स्थिति की वजह से आपके ऊपर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

2. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह शुभ फल प्रदान कर रहा है तो उन लोगों को लोहे का छल्ला पहनने से बचना चाहिए अन्यथा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

लोहे का छल्ला कौन सी उंगली में पहनना चाहिए? - lohe ka chhalla kaun see ungalee mein pahanana chaahie?

3. अगर आप शनि का छल्ला धारण कर रहे हैं तो आपको इस बात का पता होना चाहिए कि छल्ला किस उंगली में धारण करना चाहिए। बहुत से लोग ऐसे हैं जो शनि का छल्ला किसी भी उंगली में धारण कर लेते हैं परंतु यह ठीक नहीं माना गया है। लोहे का छल्ला हमेशा दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में ही पहनें, तभी आपको इसका शुभ प्रभाव मिल पाएगा। बता दें मध्यमा उंगली के नीचे शनि पर्वत स्थित होता है, जिसकी वजह से इस उंगली में शनि छल्ला पहनने से उचित फल की प्राप्ति होती है।

लोहे का छल्ला कौन सी उंगली में पहनना चाहिए? - lohe ka chhalla kaun see ungalee mein pahanana chaahie?

4. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति शनि का छल्ला धारण कर रहा है तो सबसे पहले दिन और नक्षत्र का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है। शनि छल्ला धारण करने के लिए शनिवार की शाम का समय बहुत ही उत्तम माना गया है। इसके अलावा उससे अनुराधा, उत्तरा, भाद्रपद एवं रोहिणी नक्षत्र में शनि का छल्ला धारण करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

5. अगर आपने शनि का छल्ला पहन रखा है या फिर पहनने के बारे में विचार कर रहे हैं तो आपको सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप छल्ले को मैला ना होने दें। समय-समय पर लोहे का छल्ला साफ करके चमकाते रहिए।

6. अगर आपने लोहे का छल्ला धारण कर लिया है तो आप उसको बार-बार निकाले नहीं, हमेशा इसको धारण करके ही रखिए। क्योंकि अगर आप बार-बार शनि का छल्ला उंगली से बाहर निकालते हैं तो इसका लाभ नहीं मिल पाता है।

इसे सुनेंरोकेंक्यों और कैसे पहनें लोहे की अंगूठी लोहे की अंगूठी पुरुष को दाएं हाथ की बीच वाली उंगली में धारण करना चाहिए. क्योंकि शनि का क्षेत्र मध्यमा उंगली के नीचे होता है. हालांकि विशेष परिस्थिति में इसे बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में भी धारण किया जा सकता है. इसके अलावा लोहे की अंगूठी हमेशा शनिवार की शाम धारण करना शुभ होता है.

चांदी का छल्ला पहनने से क्या लाभ है?

इसे सुनेंरोकेंयदि शुक्र के कारण विवाह में अड़चनें आ रही हों तो चांदी का छल्ला पहनने से जल्द ही विवाह होने के योग बनते हैं. वहीं विवाहित लोगों के चांदी के छल्ला पहनने से उनके दांपत्य जीवन में खुशहाली रहती है. इसके अलावा चांदी का छल्ला पहनने से राहु का दोष दूर होता और मन शांत रहता है.

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शनिदेव में क्या क्या चढ़ाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं या फिर उस तेल को गरीबों में दान करें. तेल चढ़ाने के दौरान इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें, कि तेल इधर-उधर न गिरे. वहीं शनिवार को काले तिल और गुड़ चींटी को खिलाएं.

शनि देव को कौन सा भोग लगता है?

इसे सुनेंरोकेंआगे जानिए शनिदेव की पूजा की पूरी विधि… – शनिवार की शाम को स्नान आदि करने के बाद घर के किसी साफ स्थान पर शनिदेव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। – शनिदेव को नीले फूल, काला कपड़ा, काली उड़द और काले तिल चढ़ाएं। साथ ही मीठी पुरी का भोग भी लगाएं।

नाव की कील की अंगूठी पहनने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंअगर आपकी कुंडली में शनि की साढ़े साती व महादशा चल रही है तो इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए नाव की कील का उपाय बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए आप नाव में लगी लोहे की कील की अंगूठी बनवा लें। अब इसे शनिवार को अनामिका अंगुली में पहनें। इससे शनि का प्रकोप कम हो जाएगा।

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घोड़े की नाल का छल्ला पहनने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंशनि के दुष्प्रभवों से बचने के लिए पहनें छल्ला घोड़े की नाल के छल्ले का उपयोग हर क्षेत्र में बहुत ही शुभ माना जाता है। सामान्यतया इसका प्रयोग शनि के दुष्प्रभावों और बुरी आत्माओं से बचने के लिए किया जाता है। इसलिए इसे शनि का छल्ला भी कहा जाता है। इसे दाहिने हाथ की माध्यम अंगुली में धारण करना अच्छा माना जाता है।

इसे सुनेंरोकेंलोहे का छल्ला हमेशा दाहिने हाथ की माध्यम उंगली में धारण करना चाहिए, तभी आपको उचित फल की प्राप्ति होती है। क्योंकि मध्यमा उंगुली के नीचे शनि पर्वत स्थित होता है। लोहे का छल्ला धारण करने के लिए भी दिन और नक्षत्र का भी ध्यान रखना चाहिए।

चांदी का Challa क्यों पहना जाता है?

इसे सुनेंरोकेंविवाह का योग भी बनाता है चांदी का छल्‍ला यदि शुक्र के कारण विवाह में अड़चनें आ रही हों तो चांदी का छल्‍ला पहनने से जल्‍द ही विवाह होने के योग बनते हैं. वहीं विवाहित लोगों के चांदी के छल्‍ला पहनने से उनके दांपत्य जीवन में खुशहाली रहती है. इसके अलावा चांदी का छल्‍ला पहनने से राहु का दोष दूर होता और मन शांत रहता है.

लोहे का छल्ला कौन से हाथ में पहनना चाहिए?

क्यों और कैसे पहनें लोहे की अंगूठी लोहे की अंगूठी पुरुष को दाएं हाथ की बीच वाली उंगली में धारण करना चाहिए. क्योंकि शनि का क्षेत्र मध्यमा उंगली के नीचे होता है. हालांकि विशेष परिस्थिति में इसे बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में भी धारण किया जा सकता है. इसके अलावा लोहे की अंगूठी हमेशा शनिवार की शाम धारण करना शुभ होता है.

लोहे का छल्ला कब और कैसे पहने?

ज्योतिषियों के अनुसार घोड़े की नाल का छल्ला लगभग हर क्षेत्र के लिए शुभ माना जाता है. शनि के प्रकोप और बुरी आत्माओं से बचने के लिए लोगों को लोहे का छल्ला पहनने की सलाह दी जाती है. इसी कारण इसे शनि का छल्ला भी कहते हैं. घोड़े की नाल का छल्ला दाहिने हाथ की बीच वाली उंगली में धारण किया जाता है.

लोहे का छल्ला क्यों पहना जाता है?

लोहे के छल्ले या अंगुठी को शनि का छल्ला कहा जाता है। कुछ लोग घोड़े की नाल की अंगुठी बनवाकर पहनते हैं। ज्योतिषानुसार शनि की ढैय्या, साढ़े साती, दशा, महादशा या अन्तर्दशा में तमाम तरह की परेशानियों से बचने के लिए लोहे का छल्ला पहना जाता है। शनि पीड़ा से व्यक्ति को स्नायु तंत्र और लंबी बीमारी की परेशानी हो जाती है।

छल्ला कौन सी उंगली में पहनना चाहिए?

- ज्योतिषीयों के अनुसार व्यक्ति के हाथ का अंगूठा शुक्र ग्रह का कारक माना गया है. वहीं चांदी को चंद्र ग्रह का कारक माना गया है. कुंडली में शुक्र की स्थिति शुभ न होने पर चांदी का छल्ला अंगूठे में धारण किया जाता है. कहते हैं कि शुक्र के मजबूत होने पर जीवन में तमाम सुख-सुविधाएं मिलती हैं.