कच्चा चावल, मिट्टी, कोयला खाने का मन क्यों करता है प्रेगनेंसी मेंLast updated Jun 18, 2021 Show
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं। शरीर में बदलाव आने के साथ महिला व्यवहार में, खाने पीने की आदतों में, भी बदलाव आ सकते हैं। और इन सभी का कारण प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में हो रहे हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं। साथ ही कुछ महिलाओं के अंदर कुछ अजीब बदलाव देखने को भी मिलते हैं जैसे की प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं का मिट्टी, कच्चे चावल, कोयला आदि खाने के मन करता है। क्या आप भी प्रेगनेंसी के दौरान ऐसे बदलावों का अनुभव कर चुकी है या आप अब प्रेग्नेंट हैं और आपको ऐसे बदलाव महसूस हो रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या आप जानती है की आखिर ऐसा क्यों होता है। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको प्रेग्नेंट महिला का कच्चा चावल, मिट्टी, कोयला खाने का मन क्यों करता है इस बारे में बताने जा रहे हैं। पिका सिंड्रोम के कारणपिका सिंड्रोम एक ऐसी अवस्था होती है जहां किसी खाने की चीज के प्रति आपकी इच्छा इतनी बढ़ जाती है की आप उसे खाए बिना रह नहीं पाते हैं। यदि कोई प्रेग्नेंट महिला इस समस्या से ग्रसित होती है तो महिला की प्रेगनेंसी के दौरान कच्चा चावल, मिट्टी, कोयला खाने की इच्छा बढ़ सकती है। इस बीमारी का बढ़ना सेहत पर गलत असर डाल सकता है ऐसे में महिला को इस समस्या का इलाज करवाना चाहिए। हार्मोनल बदलावगर्भावस्था के दौरान महिला की खाने की इच्छा में भी बदलाव आता है यानी की महिला का कुछ न कुछ अलग खाने का मन कर सकता है। ऐसे में कई महिलाओं का कच्चा चावल, मिट्टी, कोयला, मुल्तानी मिट्टी आदि खाने का मन कर सकता है। पोषक तत्वों की कमी के कारणयदि किसी प्रेग्नेंट महिला के शरीर में आयरन या अन्य किसी पोषक तत्वों की कमी होती है तो इस कारण भी महिला का ऐसी चीजें खाने का मन अधिक करता है। ऐसे में हो सके तो आपको एक बार डॉक्टर से राय जरूर लेनी चाहिए। क्योंकि शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण यदि यह समस्या होती है तो इससे माँ व् बच्चे की सेहत पर गलत असर पड़ सकता है। गंध और स्वादप्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को जिन चीजों की गंध या स्वाद अधिक आकर्षित करता है उन चीजों का खाने का मन भी महिला का कर सकता है। जैसे की महिलाओं को मिट्टी की गंध अच्छी लगती है तो महिला का मिट्टी खाने का मन कर सकता है। क्या इन चीजों को खाने से माँ या बच्चे को कोई नुकसान होता है?जी हाँ, प्रेगनेंसी के दौरान कोयला, मिट्टी, कच्चे चावल आदि खाने के कारण महिला को पेट से जुडी समस्याएँ, इन्फेक्शन, शरीर में पोषक तत्वों की कमी जैसी समस्या होने का खतरा रहता है। साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु के विकास पर भी इसका नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है। ऐसे में जितना हो सके गर्भवती महिला को इन चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए। तो यह हैं कच्चा चावल, मिट्टी, कोयला खाने का मन प्रेगनेंसी के दौरान क्यों करता है उससे जुडी जानकारी, यदि आपका भी ऐसा ही मन करता है तो आपको अपनी इस आदत को कण्ट्रोल करना चाहिए ताकि माँ और बच्चे पर इसका कोई गकत प्रभाव नहीं पड़े।
सर्दी के दौरान अक्सर लोग ठंड से बचने के लिए खुद को अलग-अलग तरीकों से गर्म रखने की कोशिश करते रहते हैं। ऐसे ही ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि वो कोयलों से आग जलाकर सेंकते हैं और गर्म रखने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कोयलों की आंच आपके लिए कितनी सही या कितनी नुकसानदायक हो सकती है? आप ही नहीं बल्कि बहुत से लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं होगी कि सर्दी के दौरान कोयलों की आंच के पास घंटों बैठे रहने के कारण त्वचा और स्वास्थ्य पर इसका क्या असर होता है। आपको बता दें कि एक्सपर्ट और डॉक्टर सलाह देते हैं कि कोयले की आग या आंच आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। ये आग न सिर्फ आपकी त्वचा में समस्या पैदा करती है बल्कि ये आपके फेफड़ों की भी नुकसान पहुंचाने का काम कर सकती है। अगर आप भी कोयलों की आग या आंच के सामने घंटों बैठते हैं तो आपको भी ये जानना जरूरी है कि स्वास्थ्य के लिए ये कितनी सही या गलत है। इसके लिए हमने इस विषय पर बात की डॉ. अनार सिंह आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष , शल्य तंत्र की डॉक्टर राखी मेहरा से। स्वास्थ्य के लिए कैसी है कोयले की आंचअक्सर हम सभी सर्दी के दौरान खुद को गर्म रखने और अपने बच्चों को गर्म रखने के लिए ब्लोअर और अंगीठी का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि लोगों को हकीकत में इससे काफी गर्मी मिलती है लेकिन इसके कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती है। जी हां, डॉक्टर राखी मेहरा का कहना है कि आमतौर पर लोग खुद को गर्म रखने के लिए कोयले की अंगीठी या आंच के पास बैठे रहते हैं जिसके कारण उनके शरीर में भारी मात्रा में कार्बन पहुंचने लगता है जो एक खतरनाक तत्व है। एक्सपर्ट का कहना है कि कोयले की आंच को सेंकना हर किसी के लिए खतरनाक हो सकता है इसमें बच्चों और बुजुर्गों को काफी स्वास्थ्य हानि हो सकती है। शरीर से कम होता है ऑक्सीजनमानव शरीर के लिए बहुत जरूरी है कि नियमित रूप से और पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलता रहे और कार्बन शरीर से निकलता रहे। एक्सपर्ट राखी मेहरा बताती हैं कि सर्दी के दौरान जलने वाली कोयले की आंच से भारी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड निकलने लगता है जो सीधा आपके शरीर में पहुंचता है। जबकि हम सभी के लिए मोनोऑक्साइड काफी खतरनाक होता है जो शरीर में ज्यादा होने पर आपकी जान को भी खतरा हो सकता है। इतना ही नहीं ये सिर्फ आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होता है बल्कि ये आपके मस्तिष्क को भी बहुत हानि पहुंचाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जितना जरूरी शरीर के अन्य अंगों को ऑक्सीजन की जरूरत और पर्याप्त मात्रा चाहिए होती है उतनी ही जरूरत आपके मस्तिष्क को चाहिए होती है। एक्सपर्ट के मुताबिक, मानव शरीर का मानसिक स्वास्थ्य तभी स्वस्थ हो सकता है जब आपके मस्तिष्क में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन होता है। अगर ऐसा नहीं होता तो आपको कई तरह की मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो सकती है। हीमोग्लोबिन का भी घटता है स्तरशरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा हमेशा पर्याप्त मात्रा में बनी रहनी चाहिए इससे आप कई गंभीर बीमारियों से बचे रह सकते हैं और खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। लेकिन जब आप कोयले की अंगीठी के सामने घंटों बैठते हैं तो इससे आपके शरीर में धीरे-धीरे करते हुए मोनोऑक्साइड आपके फेफड़ों तक पहुंचने लगता है। जिसके बाद ये आपके शरीर में घूम रहे खून में मिलने लगता है और हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने लगता है। साथ ही खून में मोनोऑक्साइड का स्तर बढ़ने लगता है जिसके कारण आप एक गंभीर स्थिति में जा सकते हैं। कई लोगों की मौत का कारण खून में भारी मात्रा में मोनोऑक्साइड और कम मात्रा में हीमोग्लोबिन के कारण होता है। इसे भी पढ़ें: सर्दियों में फिट रहना है तो हर रोज जरूर खाएं कम से कम 5 तरह की सब्जियां और 1 फल, जानें इसके फायदे हृदय स्वास्थ्य भी हो सकता है प्रभावितजिन लोगों को अस्थमा या हृदय रोग जैसी समस्याएं होती है उन लोगों के लिए कोयले की आंच और भी ज्यादा भयानक हो सकती है। डॉक्टर राखी मेहरा बताती हैं कि जिन लोगों को पहले से ही दिल से संबंधित बीमारियां या सांस की समस्या होती है उन लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इसके कारण दिल को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता और इसकी जगह हानिकारक तत्व आपके शरीर में पहुंचते रहते हैं। आंखों को भी होता है नुकसानकोयले की आंच के कारण आपकी आंखों को भी काफी नुकसान होता है जिससे आप अभी तक अंजान हैं। कोयले से निकलने वाली गैस और कण आपकी आंखों में पहुंचकर जमा होने लगती है। इसके कारण आपकी आंखों से आंसू निकलने के साथ सूखापन बना रह सकता है। कई लोगों के साथ कई दिनों तक आंखों में जलन भी रह सकती है। त्वचा में आता है रुखापनठंड के दौरान अक्सर ज्यादातर लोग वैसे भी सूखेपन का शिकार रहते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि लोग पानी की कम मात्रा लेते हैं जिसके कारण शरीर में पर्याप्त नमी नहीं रहती है। वहीं, जब लोग साथ में कोयले के सामने बैठे रहते हैं तो इससे निकलने वाली भारी मात्रा में हानिकारक तत्व आपके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही त्वचा के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाने लगते हैं। इसके कारण आपकी त्वचा में काफी सूखापन आने लगता है और आपकी त्वचा में पहले से मौजूद नमी भी गायब होने लगती है। यही वजह है कि रोजाना आंच के सामने बैठने के कारण आपकी त्वचा फटने लगती है और रुखी हो जाती है। जलने लगती है आपकी त्वचाबहुत देर तक कोयले की आंच या अंगीठी के आगे बैठे रहने के कारण आपकी त्वचा एक समय पर जलने लगती है जिसके कारण आपको अपनी त्वचा में लालिमा नजर आ सकती है। अक्सर लोग कोयले की आंच को कमरे में रखकर काफी पास उससे तापते हैं लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं होता कि कोयले की आंच काफी तेज होती है जो आपकी त्वचा को तेजी से जलाने का काम करती है। बच्चों की त्वचा पर इसके जलने का असर ज्यादा देखा जा सकता है। जलने के कारण आपकी त्वचा में लालिमा या फिर त्वचा काली पड़ने लगती है जो एक लंबे समय तक बनी रह सकती है। इसे भी पढ़ें: सर्दियों के दौरान घर पर इन 4 हेल्दी डेसर्ट को अपनाएं, आहार विशेषज्ञ स्वाती बाथवाल से जानें बनाने का तरीका क्या है बचाव का तरीका
(इस लेख में दी गई जानकारी डॉ. अनार सिंह आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष , शल्य तंत्र की डॉक्टर राखी मेहरा से बातचीत पर निर्भर है)। कोयला खाने से क्या होता है?कोयला खाने से पेट एवं लीवर से जुडी कई बिमारिया जैसे कृमि, हिपेटाइटिस बी आदि हो सकती है. कोयला खाने से पेट और लीवर से जुड़ी समस्या हो सकती है, और पेट दर्द भी हो सकता है. कोयला एक जीवाश्म इंधन है और यह ऊर्जा खनिज होता है. लकड़ी का कोयला खाने से दांत चमकने लगते हैं और इसे खाने से हैंगओवर भी उतर जाता है.
कोयला खाने से कौन सा रोग होता है?खाना बनाने के लिए लंबे समय तक कोयला, लकड़ी या चारकोल का इस्तेमाल करने से हृदय रोग से मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। यह बात एक अध्ययन के बाद सामने आई है। ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने खाना बनाने के लिए इनके स्थान पर बिजली या गैस चूल्हों का प्रयोग करने की सलाह दी है।
औरत कोयला क्यों खाती है?जी हां, प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ महिलाओं को कोयला खाने का मन करता है. ऐसे में वे दिन भर कोयले के बारे में सोचती रहती हैं. ऐसा करीब 25 से 30 फीसदी महिलाओं के साथ होता है. आपको बता दें कि कोयले का इस्तेमाल मेडिकल इमरजेंसी में मरीज के शरीर के अंदर से किसी जहरीली चीज को सोखने के लिए किया जाता है.
सबसे शुद्ध कोयला कौन सा होता है?सबसे उत्तम कोटि का कोयला एन्थ्रासाइट कोयला है कोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है जिसको ईंधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है।
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