क्या महीने में एक से ज्यादा बार पूर्णिमा हो सकती है? - kya maheene mein ek se jyaada baar poornima ho sakatee hai?

पूर्णिमा प्रत्येक माह की शुक्ला पक्ष मे आने वाला मासिक उत्सव है, अतः पूर्णिमा वर्ष मे 12 बार, तथा अधिक मास की स्थिति मे 13 बार भी हो सकती है। पूने, पूरणमासी, पूनम ऐसे ही पूर्णिमा को विभिन्न लोक भाषाओं मे अन्य-अन्य नाम से जाना जाता है।
अश्विन पूर्णिमा:
व्रत / स्नान / दान:
रविवार, 9 अक्टूबर 2022

भारत मे, प्रत्येक माह की पूर्णिमा को कोई न कोई पर्व अवश्य मनाया जाता हैं। इन्हीं मासिक तिथियों मे, कुछ लोकप्रिय एवं महत्वपूर्ण पूर्णिमा तिथि श्री हनुमान जन्मोत्सव, बुद्ध पूर्णिमा, गुरू पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा, कोजागरी लक्ष्मी पूजा, टेसू पूनै, वाल्मीकि जयंती, रक्षाबन्धन, श्री भैरव जयंती, देव दिवाली एवं अन्नपूर्णा जंयती, दत्त जयन्ती हैं। भारत का सबसे प्रसिद्ध रंगों भरा वाला त्यौहार होली भी फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन ही होता है।

पूर्णिमा के दिन हिंदू व्रत, गंगा स्नान तथा सत्यनारायण जी के कथा का पाठ करते हैं। खगोलीय घटनाओं के अनुसार, पूर्णिमा के दिन समुद्र मे और दिनो से अधिक ज्वार की घटना होती है।

हिन्दु पञ्चांग एवं खगोलीय स्थिति के अनुसार, चंद्रमा 28 दिनों में पृथ्वी का एक चक्कर पूर्ण करता है। 15 दिनों के उपरांत चंद्रमा पृथ्वी की एक छोर से दूसरी की छोर पर होता है। जब चंद्रमा भारतवर्ष की ओर होता है, तब उसे पूर्ण अवस्था मे देखा जाता है। जब चंद्रमा पूर्ण स्वरूप से भारतवर्ष मे दिखाई देता, उस दिन को ही पूर्णिमा का दिन कहा जाता है। और यह घटना(पूर्णिमा) प्रत्येक स्थान अथवा देश के लिए चंद्रमा की स्थिति के अनुसार अलग-अलग समय पर हो सकती है।

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आगे के त्यौहार(2022)

Ashvin Purnima: 9 October 2022Kartik Purnima: 8 November 2022Maghsheersh Vrat Purnima: 7 December 2022Maghsheersh Snaan Purnima: 8 December 2022

सुरुआत तिथि

शुक्ला पूर्णिमा

महीना

हर महीने की पूर्णिमा

उत्सव विधि

व्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, गंगा स्नान, सत्यनारायण कथा।

महत्वपूर्ण जगह

घर, मंदिर, नदी घाट, गंगा, यमुना, संगम।

पिछले त्यौहार

Bhadrapad Purnima: 10 September 2022, Sawan Purnima Snan: 12 August 2022, Sawan Purnima Vart: 11 August 2022, Ashad Purnima: 13 July 2022, Jyeshtha Purnima: 14 June 2022, Vaishakha Purnima Snaan: 16 May 2022, Vaishakha Purnima Vart: 15 May 2022, Chaitra Purnima: 16 April 2022, Phalgun Purnima: 18 March 2022, Phalgun Purnima Vrat: 17 March 2022, Magha Purnima Vart: 16 February 2022, Pausha Purnima: 17 January 2022, 19 November 2021

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ज्योतिष या जानकारों का कहना है कि पौष महीने में सूर्य देव ग्यारह हजार रश्मियों के साथ तप करके सर्दी से राहत देते हैं. पौष के महीने में सूर्य देव की विशेष पूजा-उपासना से मनुष्य जीवन-मरण के चक्कर से मुक्ति पा सकता है.

क्या है इस पूर्णिमा का महत्व:
पौष पूर्णिमा के दिन गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान, दान और सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है. माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से तन, मन और आत्मा तीनों नए हो जाते हैं. इसीलिए इस दिन संगम तट पर स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. पौष का महीना सूर्य देव का महीना माना जाता है. पूर्णिमा की तिथि चन्द्रमा के अनुसार होती है.
सूर्य-चन्द्रमा का यह अद्भुत संयोग केवल पौष पूर्णिमा को ही मिलता है. इस दिन सूर्य और चन्द्रमा दोनों की उपासना से पूरी होती हैं मनोकामनाएं. इस दिन ग्रहों की बाधा शांत होती है और मोक्ष का वरदान भी मिलता है. इस बार यह तिथि शनिवार 23 जनवरी को है.

इस पौष पूर्णिमा पर ग्रहों का क्या संयोग होगा:
ग्रहों और नक्षत्रों के अच्छे-बुरे प्रभाव जिंदगी पर पड़ते ही रहते हैं. तो यहां जानें इस साल पौष पूर्णिमा पर ग्रहों का क्या संयोग बनेगा, जो आपको लाभ देगा. इस बार पौष पूर्णिमा को शुक्र और बुध, बृहस्पति की राशि में होंगे. देव गुरु और दैत्य गुरु का अद्भुत सम्बन्ध बना रहेगा. चन्द्रमा और शुक्र के सम्बन्ध से अमृत वर्षा होगी. शनि और सूर्य का पवित्र संयोग बना रहेगा. इस बार पवित्र नदी में स्नान से मुक्ति और मोक्ष की ज्यादा संभावना है.

इस तिथि पर कैसें करें पूजा और स्नान:
पौष पूर्णिमा को सुबह स्नान के पहले संकल्प लें. पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें फिर स्नान करें. साफ कपड़े पहनें और सूर्य को अर्घ्य दें. फिर मंत्र जाप करके कुछ दान जरूर करें. इस दिन व्रत रखना और भी अच्छा होगा. पौष पूर्णिमा पर स्नान के बाद कुछ विशेष मंत्रों के जाप से कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है.
इन मंत्रों का जाप करें - पहला मंत्र - 'ऊँ आदित्याय नमः', दूसरा मंत्र - 'ऊँ सोम सोमाय नमः', तीसरा मंत्र- 'ऊँ नमो नीलकंठाय', चौथा मंत्र - 'ऊँ नमो नारायणाय'. पौष पूर्णिमा के महत्व को समझकर, आप भी इसका लाभ उठाइए और अपने जीवन को खुशहाल बनाइए.