कविता का शीर्षक उत्साह है क्यों रखा गया है? - kavita ka sheershak utsaah hai kyon rakha gaya hai?

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Question

कविता का शीर्षक उत्साहक्यों रखा गया है?

Solution

यह एक आह्वान गीत है। कवि क्रांति लाने के लिए लोगों को उत्साहित करना चाहते हैं। बादल का गरजना लोगों के मन में उत्साह भर देता है। इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।

One Line Answer

कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?

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Solution

यह एक आह्वान गीत है। कवि क्रांति लाने के लिए लोगों को उत्साहित करना चाहते हैं। बादल का गरजना लोगों के मन में उत्साह भर देता है। इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)

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Chapter 5: सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' - उत्साह और अट नहीं रही है - उत्साह [Page 35]

Q 2Q 1Q 3

APPEARS IN

NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2

Chapter 5 सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' - उत्साह और अट नहीं रही है
उत्साह | Q 2 | Page 35

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कविता का शीर्षक उत्साह रखने का मुख्य कारण यह है कि इस कविता में कवि बादल के माध्यम से समाज में क्रांति और उत्साह की भावना उत्पन्न कर एक महान परिवर्तन लाना चाहते हैं। कवि ने बादलों से गरजने का आह्वान है, जो बादलों के मोहक स्वरुप के स्थान पर उनके उत्साह को प्रदर्शित है। 'उत्साह' शीर्षक कविता का मुख्य विषय को अभिव्यक्त करता है जिसके कारण इसे एक सार्थक शीर्षक कहा जा सकता है।

Prasad | 615 days ago

कवि ने कविता का शीर्षक उत्साह इसलिए रखा है, क्योंकि कवि बादलों के माध्यम से क्रांति और बदलाव लाना चाहता है। वह बादलों से गरजने के लिए कहता है। एक ओर बादलों के गर्जन में उत्साह समाया है तो दूसरी ओर लोगों में उत्साह का संचार करके क्रांति के लिए तैयार करना है।

शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता में किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद-सौंदर्य कहलाता है। उत्साह कविता में ऐसे कौन-से शब्द हैं जिनमें नाद-सौंदर्य मौजूद है, छाँटकर लिखें।


(i) घेर घेर घोर गगन, धाराधार ओ !
(ii) ललित ललित, काले घुँघराले।
(iii) विद्‌युत् - छबि उर में, कवि नवजीवन वाले।
(iv) विकल विकल, उन्मन थे उन्मन।

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कविता में बादल किन-किन अर्थो की ओर संकेत करता है?


कविता में बादल ललित कल्पना और क्रांति चेतना की ओर संकेत करता है। यह एक तरफ पीड़ित-प्यासे लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने वाला है तो दूसरी तरफ वह नई कल्पना और नए अंकुर के लिए विध्वंस, विप्लव और क्रांति चेतना की ओर संकेत करता है।

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कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर 'गरजने' के लिए कहता है, क्यों?


निराला विद्रोही कवि हैं। वे समाज में क्रांति के माध्यम से परिवर्तन लाना चाहते थे। वे क्रांति चेतना का आश्वान करने में विश्वास रखते थे जो ओज और जोश पर निर्भर करती है। ओज और जोश के लिए ही कवि बादलों को गरजने के लिए कहता है।

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जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं वैसे ही कवि के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़-घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही कभी किसी प्राकृतिक सौंदर्य को देख कर अपने उमड़ते भावों को कविता में उतारिए।


झूम उठे तरुवर उपवन में
छाई हरियाली कानन में
लता पल्लवित पाणि-युगल में
लिए खड़ी उपहार-सुमन।
किसी की स्मृति से हर्षित मन?
फूल खिले फूले न समाते
मोद-भरे मधु गंध उड़ाते
सौरभ-निधि का भार उठाए
बह चला मंद-मंद पवन।
किसकी स्मृति से हर्षित मन?
मधुपावली सुवाद्‌य बजाती
कोकिल कूहू तान सुनाती
विहग मंडली हर्ष जनाती
हो गए जन-मन रत नर्तन।
किसकी स्मृति से हर्षित मन?
हर्ष-तरंग उठी मानस में
नव संचार हुआ साहस में
झंकृति से मानस--वीणा की
सकल हुआ रोमांचित तन।
किसकी स्मृति से हर्षित मन? -डॉ० रत्न चंद्र शर्मा से आभार सहित

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कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?


यह एक आह्वान गीत है जिसमें कवि ने उत्साहपूर्ण ढंग से अपने प्रगतिवादी स्वर को प्रकट किया है। वह बादलों से गरज-गरज कर सारे संसार को नया जीवन प्रदान करने की प्रेरणा देता है जिनके भीतर वज्रपात की शक्ति छिपी हुई है। वह संसार को नई प्रेरणा और जीवन प्रदान करने की क्षमता रखता है इसलिए कवि ने बादलों के विशेष गुण के आधार पर इस कविता का शीर्षक उत्साह रखा है।

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कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?

यह एक आह्वान गीत है। कवि क्रांति लाने के लिए लोगों को उत्साहित करना चाहते हैं। बादल का गरजना लोगों के मन में उत्साह भर देता है। इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।

कविता का शीर्षक उच्च क्यों रखा गया?

कवि ने कविता का शीर्षक उत्साह इसलिए रखा है, क्योंकि कवि बादलों के माध्यम से क्रांति और बदलाव लाना चाहता है। वह बादलों से गरजने के लिए कहता है। एक ओर बादलों के गर्जन में उत्साह समाया है तो दूसरी ओर लोगों में उत्साह का संचार करके क्रांति के लिए तैयार करना है।

उत्साह कविता का शीर्षक सार्थक है क्या आप सहमत हैं?

➲ 'उत्साह' कविता का शीर्षक 'उत्साह' इसलिये रखा गया क्योंकि इस कविता के माध्यम से कवि ने बादलों आह्वान करके बादलों को क्रांति व चेतना का प्रतीक बनाया है। इस कविता के माध्यम से कवि ने लोगों के मन में उत्साह भरने का प्रयत्न किया है, इसलिये ये शीर्षक पूर्ण रूप से सार्थक है।

महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी ने अपनी कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा है?

Explanation: निराला जी आह्वाहन गीत के माध्यम से लोगो को उत्साहित करना चाहते हैं, उनके अंदर क्रांति का भाव जगाना चाहते हैं। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए कवि बादलों से गरजने की अपील कर रहा है, और ऐसी गर्जना की जन-मानस में चेतना का अभूतपूर्व संचार हो जाये। उदासीन लोग भी अपनी उदासीनता को छोड़ उत्साहित हो जाये।