क्वार महीने की क्या विशेषता है? - kvaar maheene kee kya visheshata hai?

भादों का महीना वर्षा ऋतु का अन्तिम माह होता है। वर्षा के समाप्त होते ही शीत के आरम्भ का ख्याल गुदगुदाने लगता है। किन्तु वास्तव में ऐसा नहीं है कि वर्षा की समाप्ति के साथ ही शीत की शुरुवात हो जाए। वर्षा ऋतु और शीत ऋतु के बीच क्वार का महीना एक संधिकाल होता है। क्वार माह में वर्षा बन्द हो जाती है और धूप फिर से एक बार कड़कड़ाने लगती है। इस संधिकाल में वर्षा ऋतु में हुई भरपूर वर्षा से भीगी धरा को जब भगवान भास्कर की प्रखर किरणे संतप्त करने लगती हैं तो आठों दिशाओं, पूर्व, ईशान, उत्तर, वायव्य, पश्चिम, नैऋत्य, दक्षिण और आग्नेय, में सम्पूर्ण वातावरण आर्द्रता से भर उठता है, ऊमस अपनी चरम सीमा को प्राप्त कर लेती है, ऊमस भरी गर्मी से शरीर चिपचिपाने लगता है। ग्रीष्म की गर्मी को सह लेना आसान है किन्तु क्वार माह की ऊमसयुक्त गर्मी को सहना अत्यन्त दुरूह।

यद्यपि भारत में छः ऋतुओं, वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर का प्रावधान बनाया गया है किन्तु वास्तव में देखा जाए तो हमारे देश में केवल दो ऋतुएँ ही होती हैं - ग्रीष्म और शीत, वर्षा तो हमारे यहाँ ग्रीष्म के दौरान ही हो जाती है। फाल्गुन माह के उत्तरार्ध से लेकर क्वार (आश्विन) माह तक अर्थात् चैत्र (चैत), वैशाख (बैसाख), ज्येष्ठ (जेठ), आषाढ़, श्रावण (सावन), भाद्रपक्ष (भादों) और आश्विन (क्वार) महीनों में गर्मी ही तो पड़ती है। वर्षा ऋतु में वर्षा न होने पर स्पष्ट रूप से लगने लगता है कि यह ग्रीष्म ऋतु ही है।

आश्विन (क्वार) माह में पितृपक्ष तो पूर्णरूप से गर्मी का अहसास कराता है फिर नवरात्रि के दौरान शनैः-शनैः गर्मी कुछ कम होने लगती है तथा विजयादशमी (दशहरा) तक यह बहुत कम हो जाती है। यह गर्मी आश्विन (क्वार) माह की पूर्णिमा अर्थात् शरद् पूर्णिमा के दिन एक प्रकार से पूरी तरह से खत्म हो जाता है। यही कारण है कि शरद् पूर्णिमा को शीत का जन्मदिन कहा जाता है।

शरद् पूर्णिमा की रात्रि के अवसान होते ही कार्तिक माह का आरम्भ हो जाता है और फिर कार्तिक माह से लेकर फाल्गुन के पूर्वार्ध तक अर्थात् कार्तिक, मार्गशी (अगहन),  पौष (पूस) और माघ महीनों में, शीत अपनी सुखद अनुभूति कराने लगती है। पूस माह में ठंड अपनी चरम सीमा में पहुँच जाती है शायद पूस की इस ठंड को ध्यान में रखते हुए प्रेमचंद जी ने "पूस की रात" कहानी लिखी होगी।

किन्तु यह तो मानना ही पड़ेगा कि भारत संसार भर में एक विशिष्ट देश है जहाँ पर एक नहीं, दो नहीं वरन् पूरी छः ऋतुएँ होती हैं।

विषयसूची

  • 1 क्वार कौन सा महीना होता है?
  • 2 हिलोरे का मतलब क्या होता है?
  • 3 कौन से महीने में आकाश में घने बादल दिखाई देते हैं 1 आश्विन 2 क्वार 3 ज्येष्ठ 4 माघ?
  • 4 क्वार के दिनों में सिवान नाले के पानी में क्या क्या बहकर आता था?
  • 5 आश्विन महीने के बादलों की क्या विशेषता होती है?

क्वार कौन सा महीना होता है?

इसे सुनेंरोकेंकुआर: कुआर- संज्ञा पुलिंग [संस्कृत कुमार, प्रा० कुवार] [ विशेषण कुआरा ] हिंदुस्तानी सातवा महीना जो भादो के बाद और कार्तिक के पहले होता है । आसिन । आश्विन ।

क्वार महीने की क्या विशेषता है?

इसे सुनेंरोकेंवर्षा ऋतु और शीत ऋतु के बीच क्वार का एक माह एक संधिकाल होता है। इसमें बरसात नहीं होती है। धूप कड़कड़ाने लगती है। बारिश से भीगी जमीन पर जब तीखी धूप पड़ती है तो वातावरण आद्र्रता से भर जाता है।

हिलोरे का मतलब क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंहिलोर Meaning in Hindi – हिलोर का मतलब हिंदी में हवा के झोंके आदि से जल का उठना और गिरना । तरंग । लहर ।

क्वार महीने का दूसरा नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंहिन्दू पंचांग के अनुसार साल के सातवें माह का नाम है। यह आश्विन का पर्यायवाची है।…

कौन से महीने में आकाश में घने बादल दिखाई देते हैं 1 आश्विन 2 क्वार 3 ज्येष्ठ 4 माघ?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : क्वार के मास में जो बादल आसमान में होते हैं वे सक्रिय नहीं होते अर्थात्‌ केवल गरज कर ही रह जाते हैं बरसते नहीं हैं। उसी प्रकार जो निर्धन हो गए हैं वे केवल बड़बड़ा कर रह जाते हैं, कुछ कर नहीं पाते हैं। इसलिए कवि ने दोनों में समानता दिखाई है। (क) बनत बहुत बहु रीत।

क्वार की दिनों में क्या होता है?

इसे सुनेंरोकें(i)क्वार गरमी का अंत, इस समय हल्की-हल्की ठंड होती है तथा आसमान साफ़ रहता है। (ii) आषाढ़ वर्षा का मौसम होता है, वर्षा न होने से गरमी भी होती है। (iii)माघ इस महीने काफी सर्दी होती है।

क्वार के दिनों में सिवान नाले के पानी में क्या क्या बहकर आता था?

इसे सुनेंरोकेंक्वार के दिनों में सिवान (नाले) के पानी में क्या-क्या बहकर आता था? Answer: क्वार के दिनों में सिवान (नाले) में मोथा और साईं की अधगली घासें, घेऊर और बनप्याज की जड़ें व अनेक किस्म की घासों के बीज बहकर आते थे।

आश्विन के महीने में गाँव में चारों ओर क्या फैला होता था?

इसे सुनेंरोकेंगाँव के चारों ओर पानी हिलोरें ले रहा है। बरसात में उगने वाले घास और खरपतवारों की लेखक को याद आ जाती है। वह अपनी आँखों के सामने सारे दृश्य को घटित होते देखता है। क्वार के दिनों में झाग भरे जल में कूदना लेखक को अच्छा लगता है।

आश्विन महीने के बादलों की क्या विशेषता होती है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. ► आश्विन मास के बादलों की विशेषता यह होती है कि यह बादल केवल गरजते हैं। वह बरसते नहीं हैं, यह बादल खाली होते हैं और केवल गरजना ही जानते हैं। थोथे बादर क्वार के, ज्यों ‘रहीम’ घहरात ।

क्वार के बादल कैसे होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: क्वार के मास में जो बादल आसमान में होते हैं वे सक्रिय नहीं होते अर्थात्‌ केवल गरज कर ही रह जाते हैं बरसते नहीं हैं। उसी प्रकार जो निर्धन हो गए हैं वे केवल बड़बड़ा कर रह जाते हैं, कुछ कर नहीं पाते हैं।

इसे सुनेंरोकेंक्वार के दिनों में सिवान (नाले) में साईं और मोथा की अधगली घासे, घेऊर और बनप्याज की जड़े व नाना प्रकार की घासों के बीज बहकर आते थे।