PDF डाउनलोड करें। Show PDF डाउनलोड करें। करवाचौथ एक ऐसा व्रत है जिसका इंतज़ार हर विवाहित महिला बड़ी बेसब्री से करती है। करवाचौथ संपूर्ण भारत में खासतौर पर उत्तरी भारत में हिन्दू महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक मुख्य त्यौहार है। इस दिन महिलाएं अपने पति (कभी-कभी मंगेतर) की लम्बी उम्र और रक्षा के लिए सूर्योदय से रात चाँद दिखने तक निर्जल व्रत रखती हैं। इस प्राचीन हिन्दू त्यौहार के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें।
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विकीहाउ के बारे मेंसभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो ९,६२३ बार पढ़ा गया है। यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?पहली बार करवा चौथ का व्रत कैसे करें?सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।. स्नान करने के बाद मंदिर की साफ- सफाई कर ज्योत जलाएं।. देवी- देवताओं की पूजा- अर्चना करें।. निर्जला व्रत का संकल्प लें।. इस पावन दिन शिव परिवार की पूजा- अर्चना की जाती है।. सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। ... . माता पार्वती, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।. करवा चौथ कैसे मनाई जाती बताइए?करवाचौथ एक ऐसा व्रत है जिसका इंतज़ार हर विवाहित महिला बड़ी बेसब्री से करती है। करवाचौथ संपूर्ण भारत में खासतौर पर उत्तरी भारत में हिन्दू महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक मुख्य त्यौहार है। इस दिन महिलाएं अपने पति (कभी-कभी मंगेतर) की लम्बी उम्र और रक्षा के लिए सूर्योदय से रात चाँद दिखने तक निर्जल व्रत रखती हैं।
भारत में करवा चौथ कैसे मनाया जाता है?इस व्रत में करवे का विशेष रूप से प्रयोग होता है। महिलाएं दिनभर निर्जला उपवास रखती हैं और चंद्रोदय के बाद भोजन-जल ग्रहण करती हैं। करवे में पकवान भरे जाते हैं या पताशे रखे जाते हैं और उन्हें दान में दिया जाता है। कई स्थानों पर चावल से बने व्यंजन भी रखे जाते हैं।
करवा चौथ के दिन क्या नहीं करना चाहिए?करवा चौथ के दिन भूलकर भी मांस, मछली, अंडा और मुर्गा आदि तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। ध्यान रखें इस नियम का पालन केवल व्रती महिलाओं को ही नहीं बल्कि उनके पतियों को भी करना चाहिए। मान्यता है कि अगर इस नियम का पालन न किया जाए तो व्रत करना व्यर्थ जाता है। करवा महारानी भी व्रती पर प्रसन्न नहीं होतीं।
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