Advertisement Remove all ads Show Advertisement Remove all ads One Line Answer जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात् देखा नहीं था तब तक उनके मानस पटल पर उसका कौन-सा चित्र रहा होगा, अपनी कल्पना से लिखिए। Advertisement Remove all ads Solutionजब तक हालदार साहब ने कैप्टन को नहीं देखा था तब तक वो उसे एक फौज़ी समझते थे। उन्हें लगता था फौज़ में होने के कारण लोग उन्हें कैप्टन कहते हैं। Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 10: स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा - प्रश्न-अभ्यास [Page 65] Q 7Q 6Q 8 APPEARS INNCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2 Chapter 10 स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा Advertisement Remove all ads जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात् देखा नहीं था तब तक उनके पास मानस पटल पर उसका कौन-सा चित्र रहा होगा, अपनी कल्पना से लिखिए। जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात देखा नहीं था तब तक वे सोचते थे कि कैप्टन एक रौबदार व्यक्तित्व वाला इंसान है। उनके मस्तिष्क के पटल पर एक गठीले बदन के पुरुष की छवि अंकित थी। जिसकी मूंछें बड़ी-बड़ी थीं। उसकी चाल में फौजियों जैसी मजबूती और ठहराव था। चेहरे पर तेज था। उसका पूरा व्यक्तित्व ऐसा था जिसे देखकर दूसरा व्यक्ति प्रभावित हुए बिना नहीं रहता। इस तरह हालदार साहब के दिल और दिमाग पर एक फौजी की तस्वीर अंकित थी। 239 Views नेताजी सुभाषचंद्र बोस के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक प्रोजेक्ट बनाइए। विद्यार्थीयो अपने अध्यापका अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें। 681 Views कैप्टन फेरी लगाता था। फेरी वाले हमारी जिंदगी का एक अभिन्न अंग हैं। यह हमारी दौड़ती-भागती जिंदगी को आराम देते हैं। फेरी वाले घर पर ही हमारी आवश्यकताओं को पूरा कर देते हैं। गली में कई फेरी वाले आते हैं जैसे सब्जी वाले, फल वाले, रोजाना काम में आने वाली वस्तुएँ आदि। फेरी वालों ने हमारे जीवन को सुगम बना दिया है। हमें छोटी से छोटी चीज घर बैठे मिल जाती है इससे हमारे समय की बचत होती है। हम अपना बचा हुआ समय किसी उपयोगी कार्य में लगा सकते हैं। कुछ फेरी वाले जहाँ हमारे जीवन के लिए उपयोगी हैं वहीं कुछ फेरी वाले समस्या भी उत्पन्न कर देते हैं। कई कॉलोनियाँ शहर से दूर होती हैं इसलिए वहाँ के लोगों को अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए इन फेरी वालों पर निर्भर रहना पड़ता है। ये फेरी वाले उन लोगों की जरूरतों का फायदा उठाते हुए मनमाने मूल्यों पर वस्तु बेचते हैं। कई बार तो दुगने पैसों पर गंदा और घटिया माल बेच देते हैं। कई फेरी वाले अपराधिक तत्वों से मिलकर उन्हें ऐसे घरों की जानकारी देते हैं जहाँ दिन में केवल बच्चे और बूढ़े होते हैं। फेरी वालों की मनमानी रोकने के लिए उनको नगरपालिका से जारी मूल्य-सूची दी जानी चाहिए। फेरी वालों के पास पहचान-पत्र और लाइसेंस होना चाहिए। 548 Views आपके विद्यालय में शारीरिक रूप में चुनौतीपूर्ण विद्यार्थी है। उनके लिए विद्यालय परिसर और कक्षा-कक्ष में किस तरह के प्रावधान किए जाएँ प्रशासन को इस संदर्भ में पत्र द्वारा सुझाव दीजिये । सेवा में आपको विदित ही है कि हमारे विद्यालय में अनेक ऐसे विद्यार्थी हैं जो किसी न किसी रूप से शारीरिक विकलांगता से युक्त हैं। उन्हें विद्यालय में प्रथम अथवा द्वितीय तल पर स्थित कक्षाओं में जाने तथा प्रसाधन कक्षों का प्रयोग करने में बहुत कठिनाई होती है। आप से प्रार्थना है कि शारीरिक रूप से असमर्थ विद्यार्थियों की कक्षाएं निचले तल पर लगाई जाएं तथा सीढ़ियों के साथ-साथ रैंप भी बनाए जाएं जिससे उन्हें आने-जाने में तकलीफ न हो। उनके लिए पुस्तकालय, प्रसाधन कक्षों में भी समुचित व्यवस्था की जाए। आशा है आप हमारी प्रार्थना को स्वीकार कर समुचित प्रबंध कराएंगे। धन्यवाद, 961 Views “वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!” हालदार साहब के मन में नेता जी की मूर्ति पर चश्मा लगाने वाले के प्रति आदर था। जब उन्हें पता चला कि चश्मा लगाने वाला कोई कैप्टन था तो उन्हें लगा कि वह नेता जी का कोई साथी होगा। परंतु पानवाला उसका मजाक उड़ाते हुए बोला कि वह एक लँगड़ा व्यक्ति है इसलिए वह फौज में कैसे जा सकता है। 400 Views सीमा पर तैनात फ़ौजी ही देश-प्रेम का परिचय नहीं देते। हम सभी अपने दैनिक कार्यों में किसी न किसी रूप में देश प्रेम प्रकट करते हैं; जैसे-सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुँचाना, पर्यावरण संरक्षण आदि। अपने जीवन-जगत से जुड़े ऐसे कार्यों का उल्लेख करें और उन पर अमल भी कीजिये। हम अपने जीवन-जगत से जुड़े ऐसे कई कार्यों को उचित ढंग से कर सकते हैं जिससे देश प्रेम का परिचय मिलता है। पानी हमारे प्राणी जीवन के लिए अनमोल धैरोहर है। पानी का उचित प्रयोग करना चाहिए। बिना मतलब के पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। पानी की टंकी
को खुला न छोड़े। पानी के प्रयोग के बाद तुरंत पानी की टंकी बंद कर देनी चाहिए। 369 Views कैप्टन को ना देखने तक हालदार साहब के मन में उसकी कौन सी छवि रही होगी?Solution : जब तक हालदार साहब ने अपनी आँखों से चश्मेवाले कैप्टन को देखा नहीं था, तब तक उनके मन में कैप्टन की मूर्ति कुछ और थी। उन्होंने सोचा था कि कैप्टन शरीर से हट्टा-कट्टा मजबूत होगा । वह जरूर सिर पर फौजी टोपी पहनता होगा। वह रोबदार, अनुशासित और दबंग मनुष्य होगा।
मूर्ति को देखकर हालदार साहब के मन में कैसे भाव उठते थे?हालदार साहब के मन में अवश्य ही देशभक्तों के प्रति सम्मान की भावना थी जो सुभाष की मूर्ति को देखकर प्रबल हो उठती थी। देश के लिए सुभाष के किए कार्यों को यादकर उनके प्रति श्रद्धा उमड़ पड़ती थी। इस कारण हालदार साहब चौराहे पर रुककर नेताजी की मूर्ति को निहारते रहते थे।
कैप्टन के बारे में हालदार साहब की क्या सोच बनी थी?वह कैप्टन चश्मे वाला एक बूढ़ा, लंगड़ा, मरियल सा आदमी था, जो गरीब था। लेकिन फिर भी उसने अपनी देशभक्ति प्रकट की। उसके मन में देशभक्ति की भावना थी और नेता जी की मूर्ति के प्रति सम्मान था। उसकी इस बात ने हालदार साहब को यह सोचने पर विवश कर दिया कि देश भक्ति प्रकट करने के लिए अमीर होना आवश्यक नहीं है।
7 जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात् देखा नहीं था तब तक उनके मानस पटल पर उसका कौन सा?जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात रूप से नहीं देखा था तब तक उनके मानस पटल पर कैप्टन का व्यक्तित्व एक फ़ौजी व्यक्ति ' जैसा रहा होगा जो लंबे कदवाला मजबूत कद-काठी वाला हट्टा-कट्टा दिखता होगा। उसका चेहरा रोबीला तथा घनी मूंछों वाला रहा होगा। वह अवश्य ही नेताजी की फ़ौज का सिपाही रहा होगा।
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