कौन से सांप के पूछ में जहर होता है? - kaun se saamp ke poochh mein jahar hota hai?

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सावधान रहने की जरूरत
नाथ सुरेश ने बताया कि घोड़ा पछाड़ सांप किसी पर भी अचानक हमला नहीं बोलता है। यदि इसके साथ छेड़छाड़ की जाए, तो ये घातक हो जाता है। मुंह से वार करके ये सिर्फ खून निकाल सकता है, लेकिन यदि इसने पूछ से वार किया, तो उस स्थान पर गलाव पड़ जाएगा। सुरेश ने बताया कि इस सांप की पूछ में काटा होता है, जिसमें विष होता है। घोड़ा पछाड़ सांप सबसे फुर्तीला प्रजाति का होता है। यह सबसे अधिक गति से भागता है और लंबाई में भी अधिक होता है। इसकी खासियत यह भी है कि दूध देने वाली गाय को भांप लेता है और पैरों से जकड़कर दूध पी लेता है। जहरीला नहीं होने के कारण गाय आदि को काट देने के बाद भी कुछ असर नहीं होता।

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ये भी हैं खासियत
- छलांग लगाता है।
- बहुत तेज भागता है।
- मांसाहारी प्रजाति का है।
- सर्पों में सबसे तेज भागने वाला है।
- 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से भागता है।
- चूहा और गिलहरी का सबसे ज्यादा शिकार करता है।
- इसकी लंबाई 10 से 15 फीट तक होती है।
- यह सांप पेड़ और पानी में सबसे ज्यादा रहता है
- यह सांप पानी में भी बड़ी तेजी से तैरता है।

कौन से सांप के पूछ में जहर होता है? - kaun se saamp ke poochh mein jahar hota hai?

जब कोई साँप किसी को काट देता है तो इसे सर्पदंश या 'साँप का काटना' (snakebite) कहते हैं। साँप के काटने से घाव हो सकता है और कभी-कभी विषाक्तता (envenomation) भी हो जाती है जिससे मृत्यु तक सम्भव है। अब यह ज्ञात है कि अधिकांश सर्प विषहीन होते हैं किन्तु अन्टार्कटिका को छोड़कर सभी महाद्वीपों में जहरीले साँप पाये जाते हैं। साँप प्राय: अपने शिकार को मारने के लिये काटते हैं किन्तु इसका उपयोग आत्मरक्षा के लिये भी करते हैं।

विषैले जंतुओं के दंश में सर्पदंश सबसे अधिक भंयकर होता है। इसके दंश से कुछ ही मिनटों में मृत्यु तक हो सकती है। कुछ साँप विषैले नहीं होते और कुछ विषैले होते हैं। समुद्री साँप साधारणतया विषैले होते हैं, पर वे शीघ्र काटते नहीं। विषैले सर्प भी कई प्रकार के होते हैं। विषैले साँपों में नाग (कोबरा), काला नाग, नागराज (किंग कोबरा), करैत, कोरल वाइपर, रसेल वाइपर, ऐडर, डिस फालिडस, मॉवा (Dandraspis), वाइटिस गैवौनिका, रैटल स्नेक, क्राटेलस हॉरिडस आदि हैं। विषैले साँपों के विष एक से नहीं होते। कुछ विष तंत्रिकातंत्र को आक्रांत करते हैं, कुछ रुधिर को और कुछ तंत्रिकातंत्र और रुधिर दोनों को आक्रांत करते हैं।

भिन्न-भिन्न साँपों के शल्क भिन्न भिन्न प्रकार के होते हैं। इनके शल्कों से विषैले और विषहीन साँपों की कुछ सीमा तक पहचान हो सकती है। विषैले साँप के सिर पर के शल्क छोटे होते हैं और उदर के शल्क उदरप्रदेश के एक भाग में पूर्ण रूप से फैले रहते हैं। इनके सिर के बगल में एक गड्ढा होता है। ऊपरी होंठ के किनारे से सटा हुआ तीसरा शल्क नासा और आँख के शल्कों से मिलता है। पीठ के शल्क अन्य शल्कों से बड़े होते हैं। माथे के कुछ शल्क बड़े तथा अन्य छोटे होते हैं। विषहीन सांपों की पीठ और पेट के शल्क समान विस्तार के होते हैं। पेट के शल्क एक भाग से दूसरे भाग तक स्पर्श नहीं करते। साँपों के दाँतों में विष नहीं होता। ऊपर के छेदक दाँतों के बीच विषग्रंथि होती है। ये दाँत कुछ मुड़े होते हैं। काटते समय जब ये दाँत धंस जाते हैं तब उनके निकालने के प्रयास में साँप अपनी गर्दन ऊपर उठाकर झटके से खीचता है। उसी समय विषग्रंथि के संकुचित होने से विष निकलकर आक्रांत स्थान पर पहुँच जाता है।

सर्पदंश के लक्षण[संपादित करें]

कुछ साँपों के काटने के स्थान पर दाँतों के निशान काफी हल्के होते हैं, पर शोथ के कारण स्थान ढंक जाता है। दंश स्थान पर तीव्र जलन, तंद्रालुता, अवसाद, मिचली, वमन, अनैच्छिक मल-मूत्र-त्याग, अंगघात, पलकों का गिरना, किसी वस्तु का एक स्थान पर दो दिखलाई देना तथा पुतलियों का विस्फारित होना प्रधान लक्षण हैं। अंतिम अवस्था में चेतनाहीनता तथा मांसपेशियों में ऐंठन शुरु हो जाती है और श्वसन क्रिया रुक जाने से मृत्यु हो जाती है। विष का प्रभाव तंत्रिकातंत्र और श्वासकेंद्र पर विशेष रूप से पड़ता है। कुछ साँपों के काटने पर दंशस्थान पर तीव्र पीड़ा उत्पन्न होकर चारों तरफ फैलती है। स्थानिक शोथ, दंशस्थान का काला पड़ जाना, स्थानिक रक्तस्त्राव, मिचली, वमन, दुर्बलता, हाथ पैरों में झनझनाहट, चक्कर आना, पसीना छूटना, दम घुटना आदि अन्य लक्षण हैं। विष के फैलने से थूक या मूत्र में रुधिर का आना तथा सारे शरीर में जलन और खुजलाहट हो सकती है। आंशिक दंश या दंश के पश्चात् तुरंत उपचार होने से व्यक्ति मृत्यु से बच सकता है।

निरोधक उपाय[संपादित करें]

कुएँ या गड्ढे में अनजाने में हाथ न डालना, बरसात में अँधेरे में नंगे पाँव न घूमना और जूते को झाड़कर पहनना चाहिए।

उपचार[संपादित करें]

सर्पदंश का प्राथमिक उपचार शीघ्र से शीध्र करना चाहिए। दंशस्थान के कुछ ऊपर और नीचे रस्सी, रबर या कपड़े से बाँध देना चाहिए लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि धमनी का रुधिर प्रवाह धीरे हो जाये लेकिन रुके नहीं। काटे गये स्थान पर किसी चीज़ द्वारा कस कर बांधे जाने पर उस स्थान पर खुून का संचार रुक सकता है जिससे वहाँ के ऊतकाे काे रक्त मिलना बन्द हाे जायेगा, जिससे ऊतकाें काे क्षति पहुँच सकती है। किसी जहरीले साँप के काटे जाने पर संयम रखना चाहिये ताकि ह्रदय गति तेज न हाे। साँप के काटे जाने पर जहर सीधे खून में पहुँच कर रक्त कणिकाआे काे नष्ट करना प्रारम्भ कर देते है, ह्रदय गति तेज हाेने पर जहर तुरन्त ही रक्त के माध्यम से ह्रदय में पहुँच कर उसे नुक़सान पहुँचा सकता है। काटे जाने के बाद तुरन्त बाद काटे गये स्थान काे पानी से धाेते रहना चाहिये। यदि घाव में साँप के दाँत रह गए हों, तो उन्हें चिमटी से पकड़कर निकाल लेना चाहिए। प्रथम उपचार के बाद व्यक्ति को शीघ्र निकटतम अस्पताल या चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए। वहाँ प्रतिदंश विष (antivenom) की सूई देनी चाहिए। दंशस्थान को पूरा विश्राम देना चाहिए। किसी दशा में भी गरम सेंक नहीं करना चाहिए। बर्फ का उपयोग कर सकते हैं। ठंडे पदार्थो का सेवन किया जा सकता है। घबराहट दूर करने के लिए रोगी को अवसादक औषधियाँ दी जा सकती हैं। श्वासावरोध में कृत्रिम श्वसन का सहारा लिया जा सकता है। चाय, काफी तथा दूध का सेवन कराया जा सकता है, पर भूलकर भी मद्य का सेवन नहीं कराना। अतः साँप के काटे जाने पर बिना घबराये तुरन्त ही नजदीकी प्रतिविष केन्द्र में जाना चाहिये।हम इससे बच सकते हैं।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • प्रतिविष (Antivenom)
  • प्रतिकारक (Antidote)

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • सर्प दंश : खून जमा देने वाला खौफ (दैनिक जागरण)

क्या घोड़ा पछाड़ सांप जहरीला होता है?

स्नेक सेवर सलमान पठान ने बताया कि घोड़ा पछाड़ सांप हालांकि जहरीला नहीं होता है, लेकिन ये सबसे फुर्तीला होता हैं. इसकी गति अधिक होती हैं, इसके साथ ही यह बिना किसी छेड़छाड़ के काटता भी नहीं है.

क्या सांप की पूंछ में जहर होता है?

जिस साँप की पूंछ कम नुकीला और रंग ज्यादा गहरा होता वो जहरीला साँप होता है. और जिस साँप का पूंछ जादा नुकीला होता है. वो साँप जहरीला नही होता है. लेकिन काटने पर उस जगह पे संक्रमण जरुर होता है.

कौन कौन से सांप में जहर होता है?

1.समुद्री सांप (Belcher's Sea Snake) दुनिया का सबसे जहरीला सांप , समुद्री सांप साउथ ईस्ट एशिया और नॉर्थन ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं। ... .
इंनलैंड ताइपन (Inland Taipan) ... .
इस्टर्न ब्राउन स्नेक (Eastern Brown Snake) ... .
रैटल स्नेक (Rattle Snake) (Eastern Brown Snake) ... .
6.सॉ स्केल्ड वाइपर और और चेन वाइपर (Saw Scaled Viper).

कौन कौन से सांप में जहर नहीं होता?

गैर विषैले सांप उदाहरण: क्रेट, वाइपर, कोबरा, आदि. इंडियन पायथन), सैंड बोआ, चेकर्ड कीलबैक इत्यादि।