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विषय-सूचि
आय क्या होती है? (definition of revenue in hindi)यदि आसान शब्दों में कहा जाए तो आय फर्म द्वारा वस्तुओं की बिक्री से मिलने वाली राशि होती है। इसको हम ऐसे परिभाषित कर सकते हैं : किसी फर्म की आय उसकी बिक्री से प्राप्त राशि है। आय के प्रकार (types of revenue in hindi)आय मुख्यतः तीन प्रकार की होती है :
1. कुल आय (total revenue in hindi):एक फर्म की कुल आय या TR उसके पूरे उत्पाद की बिक्री से प्राप्त हुई पूरी राशी होती है। इसे हम बिकी हुई इकाइयों की संख्या को प्रति इकाई के मूल्य से गुना करके ज्ञात कर सकते हैं। कुल आय का सूत्र (formula of total revenue in hindi)TR = Q*P यहाँ, TR = कुल आय Q = बेचीं गयी इकाइयों की मात्रा P = प्रति इकाई मूल्य 2. औसत आय (average revenue in hindi) :औसत आय या AR वह मात्रा होती है जिसे एक फर्म बेची गयी हर एक इकाई पर प्राप्त करती है। यदि हम कुल आय को बेची गयी इकाइयों की मात्रा से भाग देते हैं तो हमारे पास औसत आय आ जाती है। औसत आय का सूत्र (formula of average revenue in hindi)AR = TR / Q यहां, AR = औसत आय TR = कुल आय Q = बेचीं गयी इकाइयों की मात्रा 3. सीमान्त आय (Marginal Revenue in hindi) :सीमान्त आय या MR आय में आया वह बदलाव होता है जोकि एक और इकाई को बेचके मिलने वाली राशि से आता है। हम इसे ऐसे भी कह सकते हैं की यह वह अतिरिक्त आय होती है जो एक अतिरिक्त इकाई को बेचने से प्राप्त होती है। सीमांगत आय का सूत्र (formula of marginal revenue in hindi)MR = TRn – TRn-1 यहाँ, MR = सीमान्त आय TRn = n इकाइयों की कुल आय TRn-1 = n-1 इकाइयों की कुल आय कुल आय, औसत आय एवं सीमान्त आय में सम्बन्ध (total revenue, average revenue and marginal revenue in hindi)ऊपर दिए गए चित्रों को देखके हम समझ सकते हैं :
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Post navigationकुल आय से आप क्या समझते हैं?कुल आय (total revenue in hindi):
एक फर्म की कुल आय या TR उसके पूरे उत्पाद की बिक्री से प्राप्त हुई पूरी राशी होती है। इसे हम बिकी हुई इकाइयों की संख्या को प्रति इकाई के मूल्य से गुना करके ज्ञात कर सकते हैं।
सीमांत आय से आप क्या समझते हैं?सीमान्त आय – सीमान्त आय अन्तिम इकाई की बिक्री से प्राप्त होने वाली आय होती है। किसी वस्तु की एक अधिक अथवा एक कम इकाई बेचने से कुल आय में जो वृद्धि अथवा कमी होती है, वह उस वस्तु की सीमान्त आय कहलाती है।
राष्ट्रीय आय की किसकी परिभाषा उपभोग पर आधारित हैं?जहाँ मार्शल और पीगू ने उत्पादन को आधार मानकर राष्ट्रीय आय की परिभाषा दी है, फिशर ने उपभोग के आधार पर राष्ट्रीय आय को परिभाषित किया है । फिशर के अनुसार, ”वास्तविक राष्ट्रीय आय, एक वर्ष में उत्पादित शुद्ध उपज का वह अंश है जिसका उस वर्ष में प्रत्यक्ष रूप से उपभोग किया जाता है ।”
औसत आय क्या है सूत्र लिखिए?1 Answer. औसत आय उत्पादन की निश्चित मात्रा की बिक्री की प्रति इकाई आय है, जिसे बिक्री से प्राप्त कुल आय को वस्तु की बेची गई कुल मात्रा (इकाइयों) से भाग देकर ज्ञात किया जाता है।
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