ज्येष्ठ कब से कब तक है? - jyeshth kab se kab tak hai?

Jyeshta Month 2022 हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह का विशेष महत्व है। इस माह सूर्य देव और वरुण देव की पूजा का काफी महत्व है। ऐसे ही जानिए ज्येष्ठ माह में कौन से काम करने की है मनाही।

नई दिल्ली, Jyeshta Month 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह को तीसरा महीना माना जाता है। इस माह में जहां सूर्य का प्रकोप काफी बढ़ जाता है। वहीं इस माह में सूर्य देव और वरुण देव की पूजा करने का विशेष लाभ मिलता है। बता दें कि ज्येष्ठ मास 17 मई से शुरू हुआ था जोकि 14 जून तक चलेगा। शास्त्रों में ज्येष्ठ मास का काफी अधिक महत्व है। क्योंकि इन माह में सबसे बड़े दिन होते हैं। इसके साथ ही इसी माह में भगवान श्री राम की मुलाकात उनके परमभक्त हनुमान जी से हुई थी। इसी कारण इस माह में भगवान बजरंगबली की पूजा करने का विधान है।

इस माह में वातावरण गर्म होता है और शरीर में जल स्तर गिरने लगता है। ऐसे में इस माह जल का सही इस्तेमाल करना चाहिए। बेकार में जल का व्यर्थ करने से बचना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ माह में भगवान हनुमान, वरुण देव के साथ-साथ शनिदेव और हनुमान जी की पूजा करने का विधान है। इसके अलावा जानिए ज्येष्ठ मास में कुछ ऐसे काम है जिन्हें करने की मनाही होती है। शास्त्रों के मुताबिक, ज्येष्ठ मास में ये काम करने से शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

ज्येष्ठ माह में ये काम करना है वर्जित

  • ज्येष्ठ माह में दोपहर की समय सोने की मनाही है। माना जाता है कि जो लोग दोपहर के समय इस माह में सोते हैं उन्हें कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • इस माह में लहसुन, राई के अलावा गर्म चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि इस माह में सबसे अधिक गर्मी होती है। ऐसे में गर्म चीजों का सेवन करने से शरीर में अधिक गर्मी बढ़ जाती है। जिसके कारण कई शारिरिक समस्य़ाओं का सामना करना पड़ता है।
  • मान्यता है कि इस माह में बैंगन का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि इसका सेवन करने से संतान के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
  • मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में अपने बड़े पुत्र या फिर पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए। यह शुभ नहीं माना जाता है।
  • महाभारत के अनुसार, ज्येष्ठ मास में एक से अधिक बार भोजन नहीं करना चाहिए। इससे व्यक्ति धनवान बनता है। -ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्। ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।।

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Edited By: Shivani Singh

ज्येष्ठ माह में सूर्य अत्यंत ताकतवर होता है, इसलिए गर्मी भी भयंकर होती है. सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है. ज्येष्ठा नक्षत्र के कारण भी इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है. इस मास में सूर्य और वरुण देव की उपासना विशेष फलदायी होती है.

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ज्येष्ठ कब से कब तक है? - jyeshth kab se kab tak hai?

Jyeshta month 2022: कब से शुरू हो रहा ज्येष्ठ माह, जानें इस महीने का महत्व और विशेष उपाय

ज्येष्ठ कब से कब तक है? - jyeshth kab se kab tak hai?

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2022,
  • (अपडेटेड 16 मई 2022, 3:29 PM IST)

स्टोरी हाइलाइट्स

  • ज्येष्ठ मास 17 मई से 14 जून तक रहेगा
  • जानें, इस महीने का महत्व और विशेष उपाय

ज्येष्ठ हिन्दू कैलेंडर का तीसरा महीना होता है. इस महीने में सूर्य अत्यंत ताकतवर होता है, इसलिए गर्मी भी भयंकर होती है. सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है. ज्येष्ठा नक्षत्र के कारण भी इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है. इस मास में सूर्य और वरुण देव की उपासना विशेष फलदायी होती है. इस बार ज्येष्ठ मास 17 मई से 14 जून तक रहेगा.

ज्येष्ठ मास का वैज्ञानिक महत्व
ज्येष्ठ में वातावरण और जल का स्तर गिरने लगता है, इसलिए जल का सही और पर्याप्त प्रयोग करना चाहिए. हीटस्ट्रोक और खान-पान की बीमारियों से बचाव आवश्यक है. इस माह में हरी सब्जियां, सत्तू, जल वाले फलों का प्रयोग लाभदायक होता है. इस महीने में दोपहर का विश्राम करना भी लाभदायक है.

वरुण देव और सूर्य की कृपा
इस महीने रोज सुबह और संभव हो तो शाम को भी पौधों में जल दें. प्यासों को पानी पिलाएं. लोगों को जल पिलाने की व्यवस्था करें. जल की बर्बादी न करें. घड़े सहित जल और पंखों का दान करें. रोज सुबह और शाम सूर्य मंत्र का जाप करें. अगर सूर्य संबंधी समस्या है तो ज्येष्ठ के हर रविवार को उपवास रखें.

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ज्येष्ठ के मंगलवार की महिमा
ज्येष्ठ के मंगलवार को हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है. इस दिन हनुमान जी को तुलसी दल की माला अर्पित की जाती है. साथ ही हलवा पूरी या मीठी चीजों का भोग भी लगाया जाता है. इसके बाद उनकी स्तुति करें. निर्धनों में हलवा पूरी और जल का वितरण करें. ऐसा करने से मंगल सम्बन्धी हर समस्या का निदान हो जाएगा.

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जेठ की परेवा कब है 2022?

निर्जला एकादशी (11 जून, शनिवार) ज्येष्ठ मास की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत किया जाता है।

ज्येष्ठ महीने में कौन कौन से त्योहार आते हैं?

इस महीने की शुरुआत में रंभा तृतीया का व्रत, गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, संत कबीर जयंती, वट सावित्री व्रत आदि सहित कई बड़े व्रत त्योहार पड़ रहे हैं. इस महीने में भगवान विष्णु को समर्पित दो एकादशी पड़ने वाली है. इसके अलावा ज्येष्ठ मास में हनुमान जी को समर्पित बड़ा मंगल का व्रत भी पड़ रहा है.

ज्येष्ठ मास के बाद कौन सा महीना आता है?

Jyeshtha Month 2022 व्रत और त्योहारों की सूची.

ज्येष्ठा नक्षत्र कब है?

सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है. ज्येष्ठा नक्षत्र के कारण भी इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है. इस मास में सूर्य और वरुण देव की उपासना विशेष फलदायी होती है. इस बार ज्येष्ठ मास 17 मई से 14 जून तक रहेगा.