इतने मकान कि लगता है मकान पर मकान लदे हैं। - itane makaan ki lagata hai makaan par makaan lade hain.

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

         जिस गली में आजकल रहता हूँ – वहाँ एक आसमान भी है लेकिन दिखाई नहीं देता। उस गली में पेड़ भी नहीं हैं, न ही पेड़ लगाने की गुंजाइश ही है। मकान ही मकान हैं। इतने मकान कि लगता है मकान पर मकान लदे हैं। लंद-फंद मकानों की एक बहुत बड़ी भीड़, जो एक सँकरी गली में फँस गई और बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है। जिस मकान में रहता हूँ, उसके बाहर झाँकने से 'बाहर' नहीं सिर्फ दूसरे मकान और एक गंदी व तंग गली दिखाई देती है। चिड़ियाँ दिखती हैं, लेकिन पेड़ों पर बैठीं या आसमान में उड़तीं हुई नहीं। बिजली या टेलीफोन के तारों पर बैठी, मगर बातचीत करतीं या घरों के अंदर यहाँ-वहाँ घोंसले बनाती नहीं दिखतीं।

1. लिखिए: (2)

गद्यांश में उल्लेखित चिड़ियों की विशेषताएँ –

  1. ____________
  2. ____________

2. 'पक्षियों की घटती संख्या' विषय पर २५ से ३० शब्दों में अपने विचार लिखिए। (2)

1.

  1. वे पेड़ों पर बैठीं या आसमान में उड़ती हुई नहीं दिखती है, बल्कि बिजली या टेलीफोन के तारों पर बैठी हुई दिखती हैं।
  2. वे बातचीत करती या घरों के अंदर यहाँ-वहाँ घोंसले बनाती नहीं दिखती हैं।

2. एक समय था जब पक्षियों की चहचहाट से सुबह होती थी, लेकिन अब धीरे-धीरे पक्षियों की संख्या कम होने लगी है। बढ़ती जनसंख्या के कारण जंगलों-व पहाड़ों का सफाया हो रहा है। इससे पक्षियों के बसेरे उजड़ने लगे हैं। उन्हें रहने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं मिल रहा है। कीठनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग व बढ़ते प्रदूषण के चलते पक्षियों की जान खतरे में पड़ गई है। यह सिद्ध हो चुका है कि मोबाइल से निकलने वाली तरंगें पक्षियों के लिए घातक होती हैं। वर्तमान समय में गिद्ध, गौरैया जैसी कई प्रजातियाँ विलुप्त होती जा रही हैं। विज्ञान की प्रगति व बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने की इस अंधी कोशिश में पक्षियों का जीवन खतरे में पड़ गया है।

Concept: पद्य (10th Standard)

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