मुहावरा जब भाषा या अपने कथन को विशेष ढंग से कहना होता है तथा उसे प्रभावी ढंग से अभिव्यक्ति करना होता है तब कुछ ऐसे वाक यांशों का प्रयोग किया जाता है जो अपने सामान्य अर्थ से हटकर अलग अर्थ का बोध कराते हैं। ऐसे वाक्यांशों या शब्द समूह को मुहावरा कहा जाता है। You can also download Class 10 Science NCERT
Solutions to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations. मुहावरा का शाब्दिक अर्थ है-अभ्यास। बार-बार प्रयोग करने के कारण कुछ शब्द समूह उक्ति बन जाते हैं और चमत्कारपूर्ण अर्थ की अभिव्यक्ति करने लगते हैं जो कालांतर में मुहावरा बन जाते हैं। अतः मुहावरा ऐसा शब्द समूह या वाक्यांश है जो अपने शाब्दिक अर्थ को छोड़कर नए एवं विशेष अर्थ की अभिव्यक्ति करता है। मुहावरे की विशेषताएँ – पाठ्यपुस्तक ‘स्पर्श’ में प्रयुक्त मुहावरे पाठ-1 : बड़े भाई साहब 1. प्राण सूखना-डर लगना। 2. हँसी-खेल होना-छोटी-मोटी बात। 3. आँखें फोड़ना-बड़े ध्यान से पढ़ना। 4. गाढ़ी कमाई–मेहनत की कमाई। 5. ज़िगर के टुकड़े-टुकड़े होना-दिल पर भारी आघात लगना। 6. हिम्मत टूटना-साहस समाप्त होना। 7. जान तोड़ मेहनत करना-खूब परिश्रम होना। 8. दबे पाँव आना-चोरी-चोरी आना। 9. घुड़कियाँ खाना-डाँट-डपट सहना। 10. आड़े हाथों लेना-कठोरतापूर्ण व्यवहार करना। 11. घाव पर नमक छिड़कना-दुखी को और दुखी करना। 12. तलवार खींचना-लड़ाई के लिए तैयार रहना। 13. अंधे के हाथ बटेर लगना-अयोग्य को कोई महत्त्वपूर्ण वस्तु मिलना। 14. चुल्लूभर पानी देने वाला-कठिन समय में साथ देने वाला। 15. दाँतों पसीना आना-बहुत अधिक परेशानी उठाना। 16. लोहे के चने चबाना-बहुत
कठिनाई उठाना। 17. चक्कर खाना-भ्रम में पड़ना। 18. आटे-दाल का भाव मालूम होना-कठिनाई का अनुभव होना। 19. ज़मीन पर पाँव न रखना-बहुत खुश होना। 20. हाथ-पाँव फूल जाना-परेशानी देखकर घबरा
जाना। पाठ-2 : डायरी का एक पन्ना 1. रंग दिखाना-प्रभाव या स्वरूप दिखाना। 2. ठंडा पड़ना-ढीला पड़ना। 3. टूट जाना-बिखर जाना। पाठ-3 : तताँरा-वामीरो कथा 1. सुध-बुध खोना-अपने वश में न रहना। 2. बाट जोहना-प्रतीक्षा करना। 3. खुशी का ठिकाना न रहना-बहुत अधिक खुशी होना। 4. आग-बबूला होना-बहुत क्रोध आना। 5. राह. न सूझना-उपाय न मिलना। 6. सुराग न मिलना-पता न मिलना। पाठ-4 : तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र 1. चक्कर खाना-घबरा जाना। 2. सातवें आसमान पर होना-ऊँचाई पर होना। 3. तराजू पर तोलना-उचित-अनुचित का निर्णय लेना। 4. हावी होना-अधिक प्रभावी होना। पाठ-5 : गिरगिट 1. जिंदगी नर्क होना-बहुत कष्ट में दिन बीतना। 2. त्योरियाँ चढ़ाना-गुस्से में आना। 3. मज़ा चखाना-बदला लेना। 4. मत्थे मढ़ना-ज़बरदस्ती आरोप लगाना। 5. तबाह होना-बरबाद होना। 6. गाँठ बाँध लेना-अच्छी तरह समझ लेना। पाठ-6 : अब कहाँ दूसरे के दुख में दुखी होने वाले 1. दीवार खड़ी करना-बँटवारा कर लेना। 2. बेघर करना-आश्रय छीन लेना। 3. डेरा डालना-स्थायी रूप से रहना। जब से यहाँ दंगे हुए हैं, तब से सेना ने यहाँ डेरा डाल दिया है। पाठ-7 : I. पतझड़ में टूटी पत्तियाँ 1. हवा में उड़ना-ऊपरी बातें करना। II. झेन की देन 1. सन्नाटा सुनाई देना-अत्यधिक शांति होना। पाठ-8 : कारतूस 1. तंग आना-परेशान होना। 2. कामयाब होना-सफल होना। 3. आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना। 4. काम तमाम करना-मार डालना। 5. नज़र रखना-निगरानी करना। 6. जान बख्शना-हत्या न करना। कुछ महत्त्वपूर्ण मुहावरे, उनके अर्थ और प्रयोग – 1. अंगूठा दिखाना-मना करना। 2. आँखों का तारा-बहुत प्यारा। 3. अक्ल पर पत्थर पड़ना-बुद्धि भ्रष्ट होना। 4. अंधे की लाठी-एकमात्र सहारा। 5. अपना उल्लू सीधा करना-स्वार्थ सिद्ध करना। 6. अंगार उगलना-कठोर वचन
उगलना। 7. अंत पाना-भेद जानना। 8. अंधे के हाथ बटेर लगना-कम गुणी को गुणवान वस्तु मिल जाना। 9.आँखें बिछाना–स्वागत करना। 10. अगर-मगर करना-टाल-मटोल करना। 11. अंग-अंग ढीला
होना-बहुत थक जाना। 12. आँखें पथरा जाना—स्तब्ध रह जाना। 13. अपने पैरों पर खड़े होना-आत्मनिर्भर होना। 14. अपना राग अलापना-सबसे अलग राय रखना। 15. अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना-अपना ही अहित करना। 16. आँखें दिखाना-गुस्से से देखना। 17. आँखें फेरना-बदल जाना। 18. आँखों पर परदा पड़ना-भला बुरा कुछ न समझना। 19. आँखों का पानी मरना-बेशर्म होना। 20. अंधेरे घर का उजाला-इकलौता पुत्र। 21. आँखों से ओझल होना-धोखा देना। 22. आँखें चुराना-सामने आने से बचना। 23. आँखों में खटकना-अच्छा न लगना। 24. आकाश के तारे तोड़ना-असंभव काम करना। 25. आस्तीन का साप-कपटी मित्र। 26. आग में घी डालना-क्रोध को भड़काना। 27. इधर-उधर की हाँकना-व्यर्थ बोलना। 28. ईद का चाँद होना-बहुत दिनों बाद दिखाई देना। 29. ईंट का जवाब पत्थर से देना-दुष्ट से दुष्टता करना। 30.
ईंट से ईंट बजाना-तहस-नहस कर देना। 31. उल्लू बनाना-मूर्ख बनाना। 32. उन्नीस-बीस होना-थोड़ा-बहुत होना। 33. उँगली उठाना-दोष निकालना। 34. ऊँट के मुँह में जीरा-किसी वस्तु का बहुत कम मात्रा में होना। 35. ऊँगली पर नचाना-वश में करना। 36. एक पंथ दो काज-एक साथ दो कार्य संपन्न करना। 37. एड़ी चोटी का जोर लगाना-बहुत प्रयास करना। 38. एक अनार सौ बीमार-वस्तु की पूर्ति कम और माँग अधिक। 39. एक आँख से देखना-सभी को एक भाव से देखना। 40. कमर कसना-तैयार होना। 41. कलेजा फटना-असहनीय दुख होना। 42. कसौटी पर कसना-परीक्षा में खरा उतरना। 43. कलेजा ठंडा होना-संतोष होना। 44. कानो-कान खबर न होना-बिलकुल खबर न होना। 45. कान पर जूं न रेंगना-असर न होना। 46. कमर टूटना-हिम्मत हार जाना। 47. कलई खुलना-भेद खुल जाना। 48. कान भरना-चुगली करना। 49. काम आना-वीरगति पाना। 50. काम तमाम करना-मार डालना। 51. खाक छानना-इधर-उधर भटकना। 52. खून खौलना-बहुत क्रोध में होना। 53. खरी खोटी सुनाना-बुरा-भला कहना। 54. खून की
होली खेलना-मारकाट मचाना। 55. गड़े मुर्दे उखाड़ना-पुरानी बातों को दोहराना। 56. गागर में सागर होना-थोड़े में बहुत कुछ कहना। 57. गले का हार होना-बहुत प्रिय होना। 58. गुड़-गोबर करना-बात बिगाड़ देना। 59. गिरगिट की तरह रंग बदलना-सिद्धांतहीन होना। 60. गाल बजाना-अपनी प्रशंसा स्वयं करना। 61. घड़ों पानी पड़ना-लज्जित होना। 62. घर का ना घाट का-कहीं का न रहना। 63. घी के दिये जलाना-प्रसन्न होना। 64.घोड़े बेचकर सोना-निश्चित होना। 65. घुटने टेकना-पराजय स्वीकारना। 66. चाँद का टुकड़ा-अत्यंत सुंदर होना। 67. चिकना घड़ा होना-निर्लज्ज होना। 68. चेहरा खिलना–प्रसन्न होना। 69. चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना-घबरा जाना। 70. चेहरा मुरझाना-चमक फीकी पड़ना। 71. चार चाँद लगाना–शोभा बढ़ाना। कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में जाकर भारत की प्रतिष्ठा | 72. छक्के छुड़ाना-बुरी तरह हराना। 73. छप्पर फाड़कर
देना-उम्मीद से अधिक मिलना। 74. छाती पर साँप लोटना-ईर्ष्या होना। 75. छठी का दूध याद आना-बहुत कष्ट होना। 76. छुपा रुस्तम-देखने में साधारण। 77. जान देना-आत्महत्या करना। 78. जान में जान आना-राहत महसूस करना। 79. ज़मीन पर पैर न रखना-अधिक गर्व करना। 80. जूती चाटना-खुशामद करना। 81. झंडा गाड़ना-धाक जमा देना। 82. झख मारना–व्यर्थ में समय नष्ट करना। 83. टेढ़ी खीर होना-कठिन कार्य। 84. टाँग अड़ाना-व्यर्थ में दखल देना। 85. टाल-मटोल करना-बहाने बनाना। 86. टूट पड़ना-हमला कर देना। 87. ठोकर खाना-मुसीबतों का सामना करना। 88. डंके की चोट पर कहना-निर्भीक होकर कहना। 89. तारे गिनना–बेचैनी से प्रतीक्षा करना। 90. तिल का ताड़ करना-छोटी बात को बड़ा करना। 91. तितर-बितर होना-बिखर जाना। 92. दाँत खट्टे करना-परास्त करना। 93. दाल न गलना-सफल न होना। 94. दाल में काला होना-गड़बड़ होना। 95. दो-ट्रक जवाब देना-साफ़ इंकार करना। 96. दूध का दूध पानी का पानी करना-न्याय करना। 97. धरती
पर पाँव न पड़ना-अभिमान में रहना। 98. धाक जमाना-प्रभाव जमाना। 99. नौ दो ग्यारह होना-भाग जाना। 100. नाक कटाना-बेइज्जती कराना। 101.नाक रख लेना-इज़्ज़त बचा लेना। 102. नाक में दम करना-परेशान करना। 103. पापड़ बेलना-विषम परिस्थितियों से गुज़रना। 104. पस्त करना-हरा देना। 105. पानी-पानी होना-लज्जित होना। 106. पीठ दिखाना-कायरतापूर्ण
काम करना। 107. फूला न समाना-अधिक प्रसन्न होना। 108. बाँछे खिलना-बहुत प्रसन्न होना। 109. बाल भी बाँका न होना-कुछ भी न बिगाड़ना। 110. बुढ़ापे की लाठी-एकमात्र सहारा। 111. बाल-बाल बचना-साफ़ बच
जाना। 112. मारा-मारा फिरना-इधर-उधर भटकना। 113. मुँह की खाना-हार जाना। 114. मुँह में पानी आना-ललचा जाना। 115. मुट्ठी गरम करना-रिश्वत देना। 116. मक्खियाँ मारना-बेकार बैठना। 117. मन में लड्डू फूटना-खुशी की अनुभूति होना। 118. माथे पर बल पड़ना-चिंतित होना। 119. मुँह फुलाना-नाराज़ होना। 120. मुँहतोड़ जवाब देना-साहसपूर्वक हरा देना। 121. मुँह पीला पड़ना-भयभीत होना। 122. मुँह फेरना-उपेक्षा करना। मुट्ठी में होना-वश में होना। 124. रंग में भंग पड़ना-खुशी में बाधा पड़ना। 125. रफूचक्कर होना-गायब होना। 126. रँगा सियार होना-ढोंगी होना। 127. राई का पहाड़ बनाना-बात को बहुत ही बढ़ा-चढ़ाकर कहना। 128. लकीर का फ़कीर होना-घिसी-पिटी को मानते रहने वाला। 129. लटू होना-मुग्ध
होना। 130. लोहा लेना-मुकाबला करना। 131. लाल-पीला होना-क्रोधित होना। 132. वेद वाक्य मानना-पूर्णतया विश्वसनीय एवं सत्य मानना। 133. सिर उठाना-विद्रोह करना। 134.
सिर पर चढ़ना-उदंड होना। 135. सिर पर चढ़ाना-गलत काम के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करना। 136. सिर से पानी गुज़रना-सहनशक्ति से बाहर होना। 137. सिर कलम करना-मृत्युदंड देना। 138.
सिर पर खून सवार होना-किसी की हत्या करने क तैयार होना। 139. सोने में सुहागा होना-गुणवत्ता बढ़ जाना। 140. श्री गणेश करना-शुरुआत करना। 141. हवा होना-भाग जाना, गायब होना। 142. हवा
लगना-प्रभाव में आ जाना। 143. हवाइयाँ उड़ना-भयभीत होना। 144. हवा से बातें करना-बहत तेज़ चलना या दौडना। 145. हथियार उठाना-मुकाबले को तैयार होना। 146. हथियार डालना-पराजय
स्वीकार कर लेना। 147. हाथ धोकर पीछे पड़ना-बुरी तरह परेशान करना। 148. हाथ उठाना-पिटाई करना। 149. हाथ थामना-सहारा देना, अपना बनाना। 150. हाथ धो बैठना-वंचित हो जाना। 151. हाथ माँगना-वैवाहिक प्रस्ताव रखना। 152. हाथ-पाँव मारना-प्रयास करना। 153. हाथ पसारना-किसी से कुछ माँगना। 154. हाथ मलना-पछताना। 155. हाय-हाय करना-हमेशा धन की लालच में पड़े रहना। आओ देखें कितना सीखा प्रश्न 1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3. NCERT Solutions for Class 10 Hindi |