हिंदी नाटक उद्भव और विकास के लेखक कौन हैं? - hindee naatak udbhav aur vikaas ke lekhak kaun hain?

हिंदी नाटक किसकी रचना है?

हिंदी में नाटकों का प्रारंभ भारतेन्दु हरिश्चंद्र से माना जाता है। उस काल के भारतेन्दु तथा उनके समकालीन नाटककारों ने लोक चेतना के विकास के लिए नाटकों की रचना की इसलिए उस समय की सामाजिक समस्याओं को नाटकों में अभिव्यक्त होने का अच्छा अवसर मिला।

नाटक की उत्पत्ति और विकास क्या है?

साथ ही आपने यह भी जाना कि वैदिक काल से से लेकर अब तक नाटकों का विकास हुआ। किन्तु परिष्कृत नाटकों की रचना ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी के पूर्वाद्ध में मानी जाती है । संस्कृत नाटकों में महाकवि भास के नाटक अत्यधिक प्रतिष्ठा को प्राप्त हुए हैं । परिष्कृत रूपक रचनाओं में भास के रूपकों को प्राचीन माना जाता है ।

आधुनिक हिन्दी नाटक के लेखक कौन हैं?

Aadhunik Hindi Natak Ka Agradoot: Mohan Rakesh - Hindi book by - Govind Chatak - आधुनिक हिन्दी नाटक का अग्रदूत मोहन राकेश - गोविन्द चातक(डॉ. )

हिंदी नाटक का विकास कब से माना जाता है?

प्रसाद युग (1915 – 1933 ई. इसे हिन्दी नाटक साहित्य का विकास युग कहा जाता है।