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हेपेटाइटिस बी में परहेज, क्या खाना चाहिए और क्या न खाएं - What to eat and what not to eat in Hepatitis B in Hindiकई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है! वर्तमान समय में हेपेटाइटिस बी एक सामान्य बीमारी का रूप धारण कर चुका है। इस बीमारी में आपका लिवर कमजोर हो जाता है। लिवर कमजोर होने की वजह से आपकी पाचन क्रिया प्रभावित होती है। इसलिए हेपेटाइटिस बी में आपको खाने-पीने पर बहुत ज्यादा सावधानी रखनी चाहिए। हालांकि, हेपेटाइटिस बी में किसी खास डाइट प्लान की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन इस बीमारी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इस बात का आपको पता होना चाहिए। चिकित्सकों के अनुसार, हेपेटाइटिस बी के रोगियों को स्वस्थ आहार खाना चाहिए और अपने वजन को संतुलित बनाएं रखना चाहिए। ऐसा करने से बीमारी को जल्द ठीक करने में मदद मिलती है। स्वस्थ आहार और संतुलित वजन जितना हेपेटाइटिस बी के रोगियों के लिए आवश्यक है, उतना ही स्वस्थ लोगों के लिए भी जरूरी है। (और पढ़ें - लिवर को साफ के लिए आहार)
हेपेटाइटिस बी में डाइट का महत्व - Hepatitis B me diet ka mahatvaआप जो भी खाते हैं, उसे पचाने का काम लिवर करता है। लिवर भोजन को संग्रहित उर्जा में तब्दील करता है और शरीर को आवश्यक रसायन की पूर्ति करता है। इसके अलावा मांसपेशियों के निर्माण के लिए लिवर आपके शरीर को पोषक तत्व उपलब्ध करता है। पोषक तत्व से आपको पर्याप्त मात्रा में उर्जा मिलती है और आपका शरीर भी ठीक तरीके से काम करता है। (और पढ़ें - लिवर फंक्शन टेस्ट क्या है) अस्वस्थ भोजन हेपेटाइटिस के मरीजों के लिए लिवर में परेशानी पैदा कर सकता है। इसके अलावा यदि आपके आहार में कैलोरी की मात्रा अधिक है तो इससे आपका वजन बढ़ सकता है। वजन बढ़ने से आपके लिवर में फैट बढ़ने लगता है, जिससे फैटी लिवर नामक बीमारी हो सकती है। फैटी लिवर की वजह से आप लिवर रोग या हेपेटाइटिस बी के शिकार होते हैं। (और पढ़ें - फैटी लिवर के उपाय) आपको इस बात का पता होना चाहिए कि आपके आहार में टॉक्सिन या विषाक्त पदार्थों की मात्रा होती है, जो लिवर के लिए नुकसानदायक होते हैं। उदाहरण के लिए खराब या जंगल में उगने वाले मशरूम को खाने से लिवर की समस्या या व्यक्ति की मौत हो सकती। इसके अलावा शराब में भी विषाक्त पदार्थ होते हैं, जो लिवर के लिए बहुत अधिक हानिकारक होते हैं। (और पढ़ें - टॉक्सिन कैसे निकाले) वहीं अगर आप हेपेटाइटिस बी के मरीज हैं और स्वस्थ आहार खा रहे हैं, तो आपका लिवर धीरे-धीरे मजबूत होने लगता है। लिवर मजबूत होने से लिवर से संबंधित बीमारी होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। इसके अलावा इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजूबत होती है। (और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएं) सामान्य लोगों की तुलना में हेपेटाइटिस बी के रोगियों में डायबिटीज होने का खतरा अधिक रहता है। स्वस्थ और संतुलित आहार शरीर के फैट को कम करता है और रक्त में शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित बनाए रखता है, जिससे डायबिटीज का खतरा कम होता है। (और पढ़ें - डायबिटीज में परहेज) हेपेटाइटिस बी में कम कार्बोहाइड्रेट खाएं - Hepatitis B me kam carbohydrate khayeकार्बोहाइड्रेट शरीर का ईंधन होता है। कार्बोहाइड्रेट दो प्रकार के होते हैं, पहला कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट और दूसरा सामान्य कार्बोहाइइड्रेट। फाइबर और स्टार्च युक्त खाद्य पदार्थ में कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है। सामान्य कार्बोहाइड्रेट की तुलना में कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट को पचाना थोड़ा मुश्किल होता है। बीन्स और ब्राउन राइस, जई का दलिया, चौलाई जैसे खाद्य पदार्थ में बहुत अधिक स्टार्च मौजूद होते हैं, जो कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट के अंतर्गत आते हैं। हालांकि, चावल, आलू और पास्ता में फाइबर की मात्रा कम होती है। इसलिए हेपेटाइटिस बी के रोगियों को कार्बोहाईड्रेट कम खाना चाहिए और खासकर कॉमप्लेक्स कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों को बहुत ही कम मात्रा में खाएं। (और पढ़ें - कम कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन) हेपेटाइटिस बी में कॉफी पीएं - Hepatitis B me coffee piyeहेपेटाइटिस बी की बीमारी में नियमित रूप से कॉफी पीना आपके लिए फायदेमंद होता है। इस बीमारी के दौरान कॉफी पीने से रोग के विकास को कम किया जा सकता है। इसके अलावा यह लिवर रोग और लिवर कैंसर से भी बचाव करता है। हालांकि, डिकैफिनेटेड कॉफी (कैफीन रहित कॉफी) और ग्रीन टी लिवर के लिए न तो लाभदायक होते हैं और न ही हानिकारक होते हैं। (और पढ़ें - हेपेटाइटिस बी टेस्ट कैसे होता है) हेपेटाइटिस बी में फल और सब्जियां खानी चाहिए - Hepatitis B me fal aur sabjiya khani chahiyeहेपेटाइटिस बी के रोगियों को पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियां खानी चाहिए। इसके अलावा स्वस्थ व्यक्ति को भी अपने आहार में भरपूर मात्रा में फल और सब्जियों को शामिल करना चाहिए। अमेरिका के कृषि विभाग के अनुसार, 30 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को रोजाना कम से कम एक या आधा कटोरी फल और दो से ढ़ाई कटोरी सब्जी खानी चाहिए। वहीं पुरूषों को दो कटोरी फल और तीन कटोरी सब्जी खानी चाहिए। लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि फलों में फ्रुक्टोज पाया जाता है, जिसे पचाने में लिवर को परेशानी होती है। इसके अलावा फलों में फाइबर और पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। इसलिए फलों का चुनाव करते समय इसका ध्यान जरूर रखें। (और पढ़ें - हेपेटाइटिस ए के उपचार) हेपेटाइटिस बी में प्रोटीन युक्त आहार खाएं - Hepatitis B me protein yukt aahar khayeप्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण के लिए बहुत आवश्यक होते हैं। इसके अलावा यह ऊतकों की मरम्मत करते हैं और इनको एक जगह से दूसरे जगह पर विस्थापित करने का भी काम करते हैं। इसलिए प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे बीन्स, अंडा, बीज और सूखे मेवे, दूध, दही, पनीर, कम चर्बी वाला मीट और मछली आदि खाएं। (और पढ़ें - हेपेटाइटिस सी का इलाज) हेपेटाइटिस में थोड़ा-थोड़ा लेकिन अधिक बार भोजन करें - Hepatitis me thoda thoda lekin adhik bar khayeथोड़ा-थोड़ा करके अधिक बार खाएं, यह सुझाव केवल हेपेटाइटिस बी के रोगियों के लिए ही नहीं है बल्कि स्वस्थ व्यक्ति के लिए भी है। एक बार में अधिक भोजन करने से इसे पचाने में परेशानी होती है, खास कर हेपेटाइटिस बी के रोगियों को क्योंकि, इस बीमारी के दौरान आपका लिवर कमजोर हो जाता है। इसके साथ ही साथ एक बार में अधिक भोजन करने से आपका वजन भी बढ़ता है। इसलिए पूरे दिन में थोड़ा-थोड़ा करके अधिक बार भोजन करें। (और पढ़ें - वजन घटाने के तरीके) हपेटाइटिस बी में क्या खाएं और परहेज - Hepatitis B me kya khaye aur parhejहेपेटाइटिस बी में फास्ट फूड नहीं खाना चाहिए - Hepatitis B me fast food nahi khana chahiyeहालांकि, फास्ट फूड (या जंक फूड) अधिकतर लोगों को बहुत अधिक पसंद होता है, लेकिन हेपेटाइटिस बी के रोगियों को जंक फूड नहीं खाना चाहिए। जंक फूड से आपको किसी भी प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त नहीं होते हैं। जंक फूड में फैट, चीनी, कैलोरी और कैमिकल्स मिले होते हैं, जबकि हेपेटाइटिस बी के मरीजों को इन सब से परहेज रखना चाहिए। हेपेटाइटिस बी के दौरान आपका लिवर कमजोर हो जाता है और ऐसे में जंक फूड खाने से लिवर पर तनाव बढ़ता है। इसलिए जंक फूड न खाएं। (और पढ़ें - हेपेटाइटिस सी टेस्ट कैसे होता है) हेपेटाइटिस बी में रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल न करें - Hepatitis B me refined oil ka istemal na kareरिफाइंड तेल को पचाना लिवर के लिए बहुत मुश्किल होता है। रिफाइंड ऑयल ठंडा होने के बाद कठोर हो जाता है। इसलिए हेपेटाइटिस बी के रोगियों को खाना बनाने में रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसकी जगह पर आप अलसी का तेल या जैतून का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। (और पढ़ें - पाचन शक्ति कैसे बढ़ाये) हेपेटाइटिस बी में डेयरी उत्पाद न खाएं - Hepatitis B me dairy utpad na khayeलिवर रोगियों के लिए डेयरी उत्पाद को पचाना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए हेपेटाइटिस के रोगियों को डेरी उत्पाद नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा हेपेटाइटिस बी के रोगियों में लैक्टोज से एलर्जी होती है, इसलिए इसका भी ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही साथ इस बात की भी पुष्टि की जा चुकी है कि डेयरी उत्पाद खाने से आपकी छोटी आंत में बैक्टीरिया की वृद्धि बढ़ जाती है, जिससे लिवर रोगियों की पाचन क्रिया कमजोर होने लगती है। (और पढ़ें - एलर्जी के उपाय) हेपेटाइटिस बी में कृत्रिम स्वीटनर और अधिक मीठा न खाएं - Hepatitis B me kratim sweetener aur adhik mitha na khayeहेपेटाइटिस बी के मरीजों को कृतिम स्वीटनर को पचाना बहुत मुश्किल होता है। इसके अलावा कृत्रिम स्वीटनर में फ्रुक्टोज कार्न सिरप की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो आपके लिवर के लिए हानिकारक होता है। फ्रुक्टोज एक प्रकार की चीनी है, जिसे लिवर पचाता है। फ्रुक्टोज की अधिक मात्रा ट्राइग्लिसराइड्स (यह रक्त में पाई जाने वाली वसा है) की मात्रा को बढ़ाने लगती है। इसकी मात्रा बढ़ने से इंसुलिन का उत्पादन कम होता है, जिससे फैटी लिवर नामक रोग हो सकता है। इसलिए हेपेटाइटिस के रोगियों को फलों के जूस, फ्रुक्टोज कार्न सिरप, शहद और गुड़ नहीं खाना चाहिए। (और पढ़ें - लिवर कैंसर की सर्जरी) हेपेटाइटिस बी में प्रोसेस्ड फूड नहीं खाना चाहिए - Hepatitis B me processed food nahi khana chahiyeहेपेटाइटिस बी के रोगियों को किसी भी हाल में प्रोसेस्ड फूड नहीं खाना चाहिए। प्रोसेस्ड फूड को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए, उसमें कैमिकल, नमक और अप्राकृतिक खाद्य पदार्थ मिलाए जाते हैं, जो आपके लिए बेहद नुकसानदायक होते हैं। (और पढ़ें - ज्यादा नमक खाने के नुकसान) हेपेटाइटिस बी में अशुद्ध पानी न पीएं - Hepatitis B me ashudha pani na piyeअशुद्ध या सामान्य नल के पानी में धातु, क्लोरीन, फ्लोराइड, अकार्बनिक रसायन और कई यौगिक मौजूद होते हैं, जो आपके लिवर के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होते हैं। यहां तक की जब आप शावर करते हैं, उस दौरान आपके त्वचा और श्वसन क्रिया के माध्यम से विषाक्त पदार्थ आपके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इसलिए अशुद्ध पानी या सामान्य नल के पानी की जगह पर आप फिल्टर किया हुआ पानी या शुद्ध पानी पीएं। पानी के विषाणुओं को मारने के लिए इसे गर्म करें और पीएं। यह सुझाव दुनिया के हर व्यक्ति लिए है। (और पढ़ें - गर्म पानी पीने के फायदे) हेपेटाइटिस बी के मरीजों को शराब नहीं पीनी चाहिए - Hepatitis B ke marijo ko sharab nahi pini chahiyeयदि आपको पता चल चुका है कि आप हेपेटाइटिस बी के मरीज हैं तो आपको शराब पीना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। आपको इस बात का भी पता होना चाहिए कि शराब लिवर के लिए बहुत अधिक नुकसानदायक होता है। इसके अलावा अधिक शराब पीना किसी भी व्यक्ति के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। (और पढ़ें - शराब छुड़ाने के घरेलू उपाय) हेपेटाइटिस बी में फलों के जूस न पीएं - Hepatitis B me fruit juice na piyeफलों के जूस में बहुत अधिक मात्रा में चीनी होती है। चीनी लिवर के लिए हानिकारक होती है। इसके अलावा चीनी आपके पाचन क्रिया को भी प्रभावित करती है। इसलिए अधिक मात्रा में चीनी या मिठा खाद्य पदार्थ न खाएं। इसके अलावा फलों के जूस हेपेटाइटिस बी के वायरस को बढ़ावा देते हैं, इसलिए हेपेटाइटिस बी के रोगियों को फलों का जूस नहीं पीना चाहिए। (और पढ़ें - लिवर की प्रत्यारोपण सर्जरी) हेपेटाइटिस बी में लस (ग्लूटेन) युक्त खाद्य पदार्थ न खाएं - Hepatitis B me las yukt khadya padarth na khayeग्लूटन या लस आपके सूजन को बढ़ावा देते हैं। इसलिए गेहूं और जौ जैसे लस युक्त खाद्य पदार्थों को न खाएं, यह आपके लिवर के लिए फायदेमंद होगा। लस या ग्लूटन जब पूरी तरह से नहीं पच पाता है, तब वह आपके शरीर में सूजन को बढ़ावा देता है। सूजन बढ़ने से आपके आंत में छेद हो सकते हैं। (और पढ़ें - सूजन का इलाज) इसके अलावा लस आपके शरीर में विषाक्त पदार्थों और रोग को बढ़ाने वाले जीवाणुओं को रक्त में प्रवेश करने में मदद करता है। आपके शरीर में विषाक्त पदार्थ बढ़ने से लिवर को हानि पहुंचती है, जिससे 'नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर' रोग हो सकता है। इसके अलावा इससे लिवर से संबंधित अन्य गंभीर बीमारी भी उत्पन्न हो जाते हैं। (और पढ़ें - सूजन कम करने के उपाय) सम्बंधित लेख
हेपेटाइटिस बी में कौन सा सब्जी खाना चाहिए?प्रोटीन रिच फूड्स के लिए नट्स, मछली, सोया, का सेवन कर सकते है. – विटामिन और प्रोटीन की भरपूर मात्रा के साथ आप अपनी डाइट में ग्रीन टी, साबुत अनाज जैसी चीजे भी शामिल कर सकते हैं. – हेपेटाइटिस के मरीजों को अधिक से अधिक लिक्विड फ्लूट्स का इस्तेमाल करना चाहिए. -अपनी डाइट में केवल ताजे और हेल्दी खाने को शामिल करें.
हेपेटाइटिस बी में कौन से फल खाने चाहिए?हेपेटाइटिस बी के लिए कौन सा खाना अच्छा है? आपको अपने खान-पान और रहन-सहन में कुछ बदलाव करने होंगे। ताजे फल जैसे स्ट्रॉबेरी, संतरा आदि का सेवन करें। खूब पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें।
हेपेटाइटिस बी में क्या परहेज करना चाहिए?हेपेटाइटिस के जितने भी वायरस मौजूद हैं, उनमें सबसे खतरनाक वायरस 'बी' माना जाता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में या तो संक्रमित सूई या फिर असुरक्षित यौन संबंधों की वजह से फैल सकता है।. फास्ट फूड का सेवन नही करना चाहिए।. कार्बोहाइड्रेट वाली चीजों से परहेज करें।. मीठे पदार्थ से दूरी बनाकर रखें।. हेपेटाइटिस बी को कैसे खत्म करें?जीर्ण / chronic हेपेटाईटिस बी का कोई इलाज है ? अभी जीर्ण / chronic हेपेटाईटिस बी का कोई इलाज नहीं है, किन्तु शुभ समाचार यह है कि ऐसे इलाज उपलब्ध हैं, जो इस बीमारी के बढ़ने की गति को धीमा कर सकते हैं, इसके लिए वाईरस को धीमा करना होता है। यदि हेपेटाईटिस बी के वाईरस कम मात्रा में पैदा हों तो लीवर को कम क्षति पहुंचेगी।
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