हो सके।

हो सके तो समझ लेना |
दिल की पुकार मेरी.
हैं तुझ पर ये जान निसार मेरी.
कोई पल नही होता ऐसा ,
जिसमे ना हो याद तेरी.
कहना चाहती हैं कई शब्द मेरी जुबान,
पर होटों को रोक लेती हैं मोजुदगी तेरी.
ना होने पर भी तेरे ,
दिल को होती हैं चाह तेरी.
पर जब होती हैं तू सामने ना जाने क्यों नहीं उठती नज़रे मेरी.
मुझ से पहले मत ले उसको इतना वरना रुक जाउंगी,
कहती हैं सााँस मेरी.
हो सके तो समझ लेना ।।

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2 years ago