गंदे मोहल्ले के गंदे लोग कौन होते हैं स्पष्ट कीजिए? - gande mohalle ke gande log kaun hote hain spasht keejie?

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गंदे मोहल्ले के गंदे लोग कौन होते हैं स्पष्ट कीजिए? - gande mohalle ke gande log kaun hote hain spasht keejie?

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CBSE Class 9 Hindi Ch – 12

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Ch-12 अरुण कमल

  1. खुशबू रचते हैं हाथ में कौन-सी समस्या समाज के लिए घातक है?

  2. खुसबू रचते हैं हाथ शीर्षक कविता का मूल भाव लिखिए।

  3. कूड़े-करकट के ढेरों के बाद शब्दों से खुशबू रचने वालों के परिवेश के बारे में क्या पता चलता है?

  4. खुशबू रचने वालों को गंदे मुहल्ले के गंदे लोग क्यों कहा गया है?

  5. अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए कवि ने कौन-कौन से निशान याद रखे थे? नए इलाके में कविता के आधार पर उत्तर लिखिए।

  6. खुशबू रचते हैं हाथ कविता में कवि किस समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहता है और क्यों?

  7. व्याख्या कीजिए-

    1. यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं
      एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया
    2. समय बहुत कम है तुम्हारे पास
      आ चला पानी ढहा आ रहा अकास
      शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर

  8. नए इलाके में कविता में कवि ने शहरों की किस विडम्बना की ओर संकेत किया है?

Ch-12 अरुण कमल


Answer

  1. किसी भी देश के बच्चे ही उसका भविष्य होते हैं। इन बच्चों के बाल मज़दूर के रूप में काम करने से वे पढ़ लिख नहीं सकेंगे। उनके खेलने-कूदने के दिन मज़दूरी करने में बीत रहे हैं। ऐसे में ये बच्चे आजीवन मज़दूर बनकर रह जाएँगे। बाल मज़दूरी की यह समस्या समाज और राष्ट्र के लिए घातक है।
  2. इस कविता को लिखने के पीछे कवि का उद्देश्य समाज के निचले तबके द्वारा किया जा रहा उत्कृष्ट कार्य प्रकाश में लाना है। कवि सामाजिक और आर्थिक विषमता के प्रति हमें सचेत और जागरूक करना चाहते हैं।
  3. ‘कूड़े-करकट के ढेरों के बाद’ शब्दों से ‘खुशबू रचने वालों’ के परिवेश के बारे में यह पता चलता है कि वे बहुत ही गंदे स्थानों पर रहते हैं।
  4. खुशबू रचने वालों को, गंदे मुहल्ले के गंदे लोग इसलिए कहा जाता है कि खुशबू रचने वाले लोग गन्दे मुहल्लों में रहते हैं और स्वयं भी गन्दे होते हैं।
  5. अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए कवि ने निम्न निशान याद रखे थे। पीपल का पेड़, खाली पड़ा प्लॉट या ढहा हुआ मकान तथा एक मंजिला बिना रंग के फाटक वाला मकान।
  6. जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल बदबूदार होता है। वे दुनिया की निकृष्टतम बस्तियाँ हैं। इन गंदी बस्तियों में श्रमिक रहते हैं। वहाँ जीने की दशाएँ बेहद खराब हैं तथा श्रमिकों की दीन-हीन दशा की ओर कवि ध्यान आकर्षित करना चाहता है।
    1. कवि परिवर्तन के दौर की विशेषता का उल्लेख करते हुए कहता है कि अब जीवन को स्मृति के सहारे नहीं जिया जा सकता। अब वह कई बार धोखा दे जाती है। यह दुनिया रोज नए रंग बदलती है। यह एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है। यहाँ कुछ भी स्थायी नहीं है।
    2. व्यक्ति के पास समय का अभाव है। नई परिस्थितियों में सभी काम में व्यस्त हैं। रोज नए परिवर्तन हो रहे हैं। ऐसे बदलते वातावरण में भी आशा की एक किरण अवश्य रहती है कि सम्भवतः कोई ऊपर से देखकर पहचान कर पुकार ले।
  7. इस कविता में कवि ने शहरों की विडंबना की ओर संकेत किया है कि वहाँ के लोगों के पास समय का सदा अभाव रहता है। वहाँ कोई किसी से जान-पहचान रखना नहीं चाहता। दरवाज़ा खटखटाने पर भी कोई किसी की सहायता करने को तैयार नहीं होता। वहाँ अब पूर्व परिचितों का अकाल-सा पड़ गया है। वहाँ सभी अपने-अपने कामों में व्यस्त रहते हैं। शहरों में पड़ोसी-पड़ोसी को नहीं पहचानता। न उनमें कोई प्रेम भावना तथा न स्नेह होता है।

Class 9 Hindi – B Chapter Wise Important Question


गंदे मोहल्ले के गंदे लोग कौन होते हैं स्पष्ट कीजिए? - gande mohalle ke gande log kaun hote hain spasht keejie?


4 खुशबू रचने वालों को गंदे मुहल्ले के गंदे लोग क्यों कहा गया है?

यहाँ रोज़ कुछ बन रहा है रोज़ कुछ घट रहा है यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं 2022-23 Page 4 नए इलाके में / खुशबू रचते हैं हाथ / 109 एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया जैसे वसंत का गया पतझड़ को लौटा हूँ जैसे बैसाख का गया भादों को लौटा हूँ अब यही है उपाय कि हर दरवाज़ा खटखटाओ और पूछो - क्या यही है वो घर ?

गंदे इलाकों में लोग क्या बनाते हैं?

उत्तर : नए बसते इलाके में नित्य नया निर्माण होता रहता है। नई घटनाएँ घटती रहती हैं। पीपल का पेड़ हो या ढहा हुआ मकान अथवा खाली पड़ा ज़मीन का टुकड़ा, सभी को आवश्यकतानुसार परिवर्तित किया जाता है। पुरानी बनी इमारतों का भी रूप शीघ्र ही बदल जाता है।

खुशबू रचते हाथ कविता के माध्यम से अरुण कमल क्या संदेश देना चाहते है?

इस कविता के द्वारा कवि श्रमिकों की इसी दयनीय दशा को सुधारना चाहता है। वह चाहता है कि इनके रहने की दशा को स्वास्थ्यप्रद बनाया जाए।

खुशबूरचते हैंहाथ कविता में कौन सी समस्या समाज के लिए घातक बताई गई है?

'खुशबू रचते हैं हाथ' कविता में बाल श्रम और श्रमिक जीवन की समस्या को उभारते हुए समाज में व्याप्त आर्थिक विषमता की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है। अगरबत्तियों और धूप (खुशबूदार पदार्थ) से मंदिरों और घरों को महकाने वाले लोग बदबूदार जगहों पर रहने के लिए विवश हैं।