गोरखों ने गढ़वाल पर कब अधिकार किया? - gorakhon ne gadhavaal par kab adhikaar kiya?

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UTTARAKHAND ONE LINER HINDI -3 / गोरखा शासन / गोरखा कर / प्रशासन

  1. गोरखा लोगों का सम्बन्ध मूलतः किस देश से था? नेपाल
  2. गोरखाओं ने कुमाऊँ की राजनीतिक कमजोरियों का लाभ उठाकर अल्मोड़ा पर कब आक्रमण किया था? 1790 ई.
  3. 1790 ई. में अल्मोड़ा पर गोरखा आक्रमण का नेतृत्व किसने किया था? हस्तीदल चौतरिया, काजी जगजीत पाण्डे, अमरसिंह थापा ( वीर थापा)
  4. कुमाऊँ पर गोरखाओं ने कब तक शासन किया था? 1790 ई. से 1815 ई. तक
  5. कुमाऊँ का पहला सूब्बा (सूबेदार) कौन नियुक्त हुआ था? जोग मल्ल शाह
  6. 1791 ई. में सेनापति अमरसिंह थापा ने किसकी सहायता से गढ़वाल पर आक्रमण किया? हरक देव
  7. अमरसिंह थापा ने गढ़वाल में कहाँ पर घेरा डाला था? लंगूरगढ़
  8. किस वर्ष गोरखा शासक ने गढ़वाल के राजा से सन्धि कर ली? 1792 ई.
  9. किस वर्ष अमरसिंह थापा और हस्तीदल चौतरिया के नेतृत्व में गढ़वाल पर गोरखाओं ने पुनः आक्रमण किया? 1803 ई.
  10. 14 मई, 1804 को देहरादून के किस स्थान पर गढ़वाल नरेश प्रद्युम्न शाह और गोरखों के बीच युद्ध हुआ था? खुड़बुड़ा
  11. किस युद्ध में गढ़वाल नरेश प्रद्युम्न शाह शहीद हो गए तथा गढ़वाल पर गोरखों की सत्ता स्थापित हो गई? खुड़बुड़ा के युद्ध में
  12. गोरखा सेनानायकों ने गढ़वाल पर कब तक राज किया? 1804 ई. से 1815 ई
  13. नेपाल नरेश रणबहादुर ने से ई. तक काली नदी से लेकर 1804 से 1815 सतलुज पार तक के क्षेत्र का सर्वोच्च न्यायाधीश किसे नियुक्त किया था? अमरसिंह थापा
  14. कुमाऊँ तथा गढ़वाल का कौन-सा गोरखा सेनानायक सर्वोच्च पदाधिकारी था? नेपाल दरबार का अमरसिंह थापा
  15. गोरखों का कौन प्रमुख सेनानायक कला प्रेमी था? रणजोर सिंह थापा (1804-1805 ई.)
  16. रणजोर सिंह थापा के संरक्षण में रहने वाला गढ़वाल का प्रसिद्ध चित्रकार ? मोलाराम
  17. एवं कवि कौन था? मोलाराम ने रणजोर सिंह थापा को कौन-सी उपमा दी थी? दानवीर कर्ण
  18. गोरखों का वह सेनानायक कौन था, जिसने कृषि की उन्नति के लिए तकावी ऋण दिए तथा लगान की दर घटा दी? हस्तीदल चौतरिया (1805-1808 ई.)
  19. किस गोरखा सेनानायक के काल में हरिद्वार के हर की पौड़ी में नारी, दास, केटी (दास बच्चों) की बिक्री होती थी? हस्तीदल चौतरिया
  20. गढ़वाल के कवि व चित्रकार श्री मोलाराम ने किसके अत्याचार से नेपाल सरकार को अवगत कराया था? भैरो थापा (1808-1811 ई.)
  21. किस गोरखा सेनानायक ने गढ़वाल में भूमि को उर्वरता के आधार पर पाँच भागों-अबल, दम, सोम, चाहर तथा सूखबासी में विभाजित किया था? काजी बहादुर भण्डारी (1811-1812 ई.)
  22. किस गोरखा सेनानायक ने उर्वरता के आधार पर भूमिकर निर्धारित किया था? काजी बहादुर भण्डारी

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गोरखा शब्दावली

  • ब्राह्मण दासों को कठुआ कहा जाता था
  • गोरखा शासन में न्यायाधीश को विचारी कहा जाता था गोरखा कार्यरत सैनिको को जागरिया कहा जाता था
  • दो वर्ष के लिए सेवा मुक्त सैनिकों को ढाकरिया कहा जाता था
  • गोरखा लोग शिल्पकर्मियों को कामी कहते थे
  • गोरखा लोग नाई को नौ कहते थे
  • गोरखा लोग दशहरा को दशाई कहते हैं यह इनका प्रिय त्योहार है
  • मंदिरों को दान भूमि को गूंठ भूमि कहा जाता था

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गोरखा प्रशासन

  • 1790 अल्मोड़ा पर अधिकार के समय नेपाल नरेश रणबहादुर शाह था
  • सच व झूठ का पता करने के लिए दिव्य अग्नि परीक्षा होती थी
  • दिव्य परीक्षा तीन प्रकार की होती थी गोला दीप, कढाई दीप और तराजू दीप
  • गोला दीप प्रथा में हाथ में लोहे का डंडा रखकर कुछ दूरी तक चलना होता था गवाह के बयान पर संदेह होने पर उसके सिर पर महाभारत या हरिवंश रखकर कसम कराई जाती थी
  • गोरखा सैनिकों का मुख्य हथियार खुकरी था
  • खुकरी बनाने का प्रमुख केन्द्र गढ़ी नगर था
  • नेवार जाति के लोहार खुकरियां बनाते थे
  • गोरखों ने गढ़वाल व कुमाऊँ में घरों की छतों पर महिलाओं को चढ़ने पर पाबंदी लगायी
  • गोरखा मांस व मदिरा के शौकीन थे उन्हे सुअर का मांस प्रिय था
  • गोरखों ने केदारनाथ, बद्रीनाथ व जागेश्वर आदि जगहों में तीर्थ यात्रियों के लिए सदावर्त लगाया
  • चंपावत के बालेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार 1796 में सूबेदार महावीर थापा ने कराया
  • 1797 ई० में रणबहादुर शाह की पत्नी कान्ति देवी ने शतोली परगने के कुछ ग्रामों को केदारनाथ मंदिर में सदावर्त चलाने के लिए दान दिया

गोरखा कालीन कर

  • पुगाडी कर भूमि कर था, इससे लगभग डेढ लाख आय होती श्री सैनिकों को वेतन इस कर से दिया जाता था
  • टीका भेंट कर शादी व विवाह समय
  • मांगा कर प्रत्येक नौजवान से एक रू0 में लिया जाता था
  • टांड कर बुनकरों से
  • तिमारी- सैनिकों को देय वेतन, जिसमें फौजदार को 4 आना तथा सुबेदार का दो आना मिलता था
  • सलामी- एक प्रकार का नजराना
  • मिझारी कर-शिल्पकर्मियों व जगरिया ब्रह्मणों से
  • मौकर- प्रतिपरिवार लगता था, चंद राजाओं ने भी लगाया
  • सायर-सीमा व चुंगी कर
  • मरों – पुत्रहीन व्यक्ति से
  • घीकर- दुधारू पशुओं से
  • बहता कर – छिपाई सम्पति में लगने वाला कर
  • गोबर व पुछिया नामक कर भी गोरखा कालीन थे

उत्तराखंड के प्राचीन राजवंश ( IMPORTENT ONE LINER )

कत्यूरी वंश /चंद वंश /पंवार वंश ( IMPORTENT ONE LINER )

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गोरखों ने गढ़वाल पर पूर्ण अधिकार कब किया?

गढ़वाल पर गोरखा शासन(1804-1815) 14 मई 1804ई० को खुड़बुड़ा नामक मैदान(देहरादून) में गोरखा सेना व गढ़वाल सेना फिर एक बार आमने सामने थी इस युद्ध मे गढ़वाल शासक प्रद्युम्न शाह वीरगति को प्राप्त हो गये और इस युद्ध के पश्चात सम्पूर्ण गढ़वाल व कुमाँऊ पर गोरखा शासन स्थापित हो गया।

गोरखा ने कुमाऊं पर कब अधिकार किया था?

मानसखण्ड का कुर्मांचल व कुमांऊँ नाम चन्द राजाओं के शासन काल में प्रचलित हुआ। कुर्मांचल पर चन्द राजाओं का शासन कत्यूरियों के बाद प्रारम्भ होकर सन १७९० तक रहा। सन १७९० में नेपाल की गोरखा सेना ने कुमांऊँ पर आक्रमण कर कुमांंऊँ राज्य को अपने आधीन कर दिया। गोरखाओं का कुमांऊँ पर सन १७९० से १८१५ तक शासन रहा।

गोरखा अधिकार के बाद गढ़वाल में कितनी तहसील है?

वर्तमान में 103 तहसील है ।