गणेश जी स्थापना में क्या क्या सामग्री लगती है? - ganesh jee sthaapana mein kya kya saamagree lagatee hai?

गणेश जी स्थापना में क्या क्या सामग्री लगती है? - ganesh jee sthaapana mein kya kya saamagree lagatee hai?

Ganesh Chaturthi 2022 Puja Samagri: गणपति उत्सव की शुरुआत 31 अगस्त 2022 से होगी. गणपति की आराधना से पहले पूजा में प्रयोग होने वाली इन चीजों को एकत्रित करे लें.

गणेश जी स्थापना में क्या क्या सामग्री लगती है? - ganesh jee sthaapana mein kya kya saamagree lagatee hai?

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन घर-घर में बप्पा विराजमान होते हैं. 31 अगस्त 2022 को गणेश चतुर्थी पर गजानन का आगमन होगा,वहीं 9 सितंबर 2022 को अनंत चतुर्दर्शी पर गौरी पुत्र गणेश का विसर्जन किया जाएगा. इस दिन बप्पा अपने लोक वापस लौट जाते हैं.

गणेश जी स्थापना में क्या क्या सामग्री लगती है? - ganesh jee sthaapana mein kya kya saamagree lagatee hai?

गणेश चतुर्थी की पूजन सामग्री - पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, गणेश प्रतिमा, गंगाजल, इलाइची-लौंग, सुपारी, जल कलश, पंचामृत, रोली, अक्षत, मौली, सिंदूर, लाल फूल, जनेऊ, चांदी का वर्क, नारियल, पंचमेवा, घी-कपूर,चंदन, दूर्वा, मोदक, बेसन के लड्‌डू

गणेश जी स्थापना में क्या क्या सामग्री लगती है? - ganesh jee sthaapana mein kya kya saamagree lagatee hai?

गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त - इस साल गणपति बप्पा बेहद शुभ संयोग में पधार रहे हैं. गणेश चतुर्थी पर रवि, शुक्ल, ब्रह्म योग बन रहे हैं जिसमें गणपति की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. गणेश चतुर्थी पर प्रतिमा स्थापना के लिए 31 अगस्त को सुबह 11 बजकर 05 मिनट से 01 बजकर 37 मिनट तक शुभ मुहूर्त है.

गणेश जी स्थापना में क्या क्या सामग्री लगती है? - ganesh jee sthaapana mein kya kya saamagree lagatee hai?

गणेश जी का चमत्कारी मंत्र - गणेश चतुर्थी पर बप्पा की कृपा पाने के लिए पूजा में 'ॐ गं गणपतये नमः' का जाप जरूर करें. ऐसा ककरने से जीवन के तमाम विघ्न खत्म हो जाएंगे.

गणेश जी स्थापना में क्या क्या सामग्री लगती है? - ganesh jee sthaapana mein kya kya saamagree lagatee hai?

गणपति स्थापना का मंत्र - गणपति जी की स्थपान शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए. विघ्यहर्ता की स्थापना से घर में सुख-शांति आती है, समस्त संकट दूर हो जाते हैं. स्थापन करते वक्त 'अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च। श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम।' मंत्र का जाप करें.

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जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,

माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।

पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,

लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।

'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।

पटनाः Ganesha Chaturthi 2022: बस कुछ ही दिन और, घर-घर में गणपति बप्पा का आगमन होने वाला है. पारंपरिक रूप से भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि को श्रद्धालु अपने-अपने घरों में गणपति प्रतिमा को स्थापित करके उनकी प्राण-प्रतिष्ठा सहित पूजा करते हैं. गणपति पूजन का आयोजन 10 दिन तक किया जाता है. इसके बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा को बड़ी धूम-धाम से विदाई देकर उनका विसर्जन किया जाता है. इस बार गणेश चतुर्थी 31 अगस्त 2022 को है. 

ये पूजा सामग्री है जरूरी
गणपति बप्‍पा की स्‍थापना से पहले पूजा की सारी सामग्री एकत्रित कर लें. पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, गणेश प्रतिमा, जल कलश, पंचामृत, लाल कपड़ा, रोली, अक्षत, कलावा, जनेऊ, गंगाजल, इलाइची-लौंग, सुपारी, चांदी का वर्क, नारियल, सुपारी, पंचमेवा, घी-कपूर की व्‍यवस्‍था कर लें. लेक‍िन ध्‍यान रखें क‍ि श्रीगेश को तुलसी दल व तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए. इसके स्‍थान पर गणपत‍ि बप्‍पा को शुद्ध स्‍थान से चुनी हुई दूर्वा जि‍से कि अच्‍छे तरीके से धो ल‍िया हो, अर्पित करें.

प्रसाद के लिए ऐसी करें व्यवस्था
गणेश जी को पूजन में भूलकर भी तुलसी पत्ते नहीं चढ़ाना चाहिए. पौराणिक कथा के अनुसार तुलसी जी ने भगवान गणेश से विवाह से मना कर दिया था, इससे नाराज हो कर गणपति बप्पा ने उन्हें श्राप दे दिया था. बाद में गणेश जी के 2 विवाह हुए थे, जिन्हें रिद्धि और सिद्धि के नाम से जाना जाता है. गणेश जी के प्रसाद के लिए बेसन के लड्डू, लाजा (खील), जौ का सत्तू, सफेद तिल, चुरा (पोहा), गन्ना, केला, नारियल रखा जाना चाहिए. ये सभी एकदंत को प्रिय हैं. 

इन बातों का रखें ध्यान
केतकी के और सफेद फूल- गणेशजी को कभी भी सूखे फूल अर्पित नहीं करना हैं. सूखे फूल अर्पित करना अशुभ होता है. सफेद जनेऊ और सफेद वस्त्र- गणेश जी को सफेद जनेऊ भी अर्पित नहीं करते हैं. जनेऊ को हल्दी में पीला करके ही उन्हें अर्पित करें. इसी प्रकार उन्हें सफेद वस्त्र भी नहीं पहनाए जाते हैं. सफेद चंदन- गणेजी को सफेद चंदन के बजाए पीला चंदर अर्पित करें या पीला चंदन लगाएं.

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गणेश जी की पूजा में कौन कौन सी सामग्री लगती है?

भगवान गणेश के पूजन के लिए अभी से गणेश की प्रतिमा, गंगाजल, लाल कपड़ा, धूप, दीप, कपूर, फूल, जनेऊ, दूर्वा, कलश, नारियल, रोली, पंचामृत, मौली, फल, सुपारी, लाल चंदन, पंचमेवा, मोदक शामिल हैं।

गणेश जी स्थापना में क्या क्या लगता है?

पूजन के प्रारंभ में हाथ में अक्षत, जल एवं पुष्प लेकर स्वस्तिवाचन, गणेश ध्यान एवं समस्त देवताओं का स्मरण करें। अब अक्षत एवं पुष्प चौकी पर समर्पित करें। इसके पश्चात एक सुपारी में मौली लपेटकर चौकी पर थोड़े-से अक्षत रख उस पर वह सुपारी स्थापित करें।

घर में गणेश जी की स्थापना कैसे करें?

भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करने के लिए शास्त्रों में कई प्रकार के नियम बनाये गए हैं। भगवान गणेश की प्रतिमा का स्वरूप कैसा हो, रंग कैसा हो, उनकी सूंड का आकार और दिशा कैसी हो और पूरा स्वरूप कैसा हो, ताकि घर में सुख समृद्धि और धन धन्य की वर्षा हो सके इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

गणपति जी को क्या क्या चढ़ता है?

गणेशजी को ये 5 चीजें अर्पित करने से वे हो जाते हैं प्रसन्न.
मोदक के लड्डू : गणेशजी को मोदक या लड्डू का नैवेद्य अच्छा लगता है। ... .
दुर्वा : गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा है। ... .
फूल : आचार भूषण ग्रंथ के अनुसार भगवान श्रीगणेश को तुलसीदल को छोड़कर सभी प्रकार के फूल चढाएं जा सकते हैं। ... .
केले : गणेशजी को केले बहुत पसंद है।.