एशिया का पितामह किसे कहा जाता है? - eshiya ka pitaamah kise kaha jaata hai?

नई दिल्ली| पुनः संशोधित रविवार, 24 अक्टूबर 2010 (18:40 IST)

एशिया का पितामह किसे कहा जाता है? - eshiya ka pitaamah kise kaha jaata hai?
एशिया का पितामह किसे कहा जाता है? - eshiya ka pitaamah kise kaha jaata hai?

हमें फॉलो करें

पिछले लगभग 60 साल से ओलिम्पिक के बाद दुनिया के सबसे बड़े खेल समारोह रहे एशियाई खेलों में भले ही चीन, जापान या कोरिया का दबदबा रहा हो लेकिन इस महाद्वीपीय खेल महाकुंभ के जनक भारत के शिक्षाविद और खेल प्रशासक गुरुदत्त सोंधी थे।


लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज में प्राचार्य रहे सोंधी ने सबसे पहले ओलिम्पिक खेलों की तर्ज पर एशियाई खेलों के आयोजन का विचार रखा था। इसके लिए बाकायदा उन्होंने दिल्ली के पटियाला हाउस में 12 और 13 फरवरी 1949 को एशिया के छह देशों के प्रतिनिधियों की बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसमें एक साल बाद यानी 1950 से ओलिम्पिक की तरह हर चार साल में एशियाई खेल आयोजित करने की योजना तैयार की गई थी।
एशियाई खेलों की यह शुरुआत हालाँकि प्रथम विश्वयुद्ध से पहले 1912 में हो गई थी लेकिन तब इन्हें सुदूर पूर्व खेलों के नाम से जाना जाता था और इसमें जापान, फिलीपीन्स और चीन भाग लेते थे। इसके पहले खेल 1913 में मनीला में हुए तथा यह 1934 तक चलते रहे।


सुदूर पूर्व खेलों की तर्ज पर ही भारत, श्रीलंका (सिलोन) और अफगानिस्तान ने 1934 में दिल्ली में पश्चिमी एशियाई खेलों का आयोजन किया था लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के कारण यह आगे नहीं हो पाए थे।


विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद जब 1948 में लंदन में ओलिम्पिक खेल आयोजित किए गए तो चीन और फिलीपीन्स के खिलाड़ियों ने फिर से सुदूर पूर्व खेलों की शुरुआत पर मनन किया। सोंधी ने सबसे पहले यहीं पर एशियाई खेलों के आयोजन का विचार रखा था, जिसमें सारे एशिया महाद्वीप के देश भाग लेंगे।

फरवरी की बैठक में ही पहले एशियाई खेल दिल्ली में आयोजित करने का फैसला किया गया था लेकिन तब तैयारियों में देरी के कारण इन्हें टाल दिया गया और आखिर में चार से 11 मार्च 1951 में इनका सफल आयोजन किया गया। इसमें 11 देशों ने भाग लिया था। इसके बाद हालाँकि दूसरे एशियाई खेल तीन साल बाद 1954 में मनीला में आयोजित किए गए लेकिन बाद में चार साल का क्रम बना रहा।
थाइलैंड की राजधानी बैकाक में अब तक सर्वाधिक चार बार एशियाई खेलों की मेजबानी की है। उसने 1966 के बाद 1970 में भी एशियाई खेलों की सफल मेजबानी की थी।

इसके अलावा उसने 1978 और 1998 में भी खेलों का आयोजन किया। नई दिल्ली ने दो बार खेलों की मेजबानी की है। पहले के बाद 1982 में नौवें एशियाई 1982 में दिल्ली में आयोजित किए गए थे।
अब 16वें एशियाई खेल 12 नवंबर से चीन के ग्वांग्झू शहर में होंगे जबकि इसके चार साल दक्षिण कोरिया के इंचियोन में दुनिया के सबसे बड़े महाद्वीप के खिलाड़ियों का जमघट जमेगा। (भाषा)

एशियाई खेल के जनक कौन है?

पिछले लगभग 60 साल से ओलिम्पिक के बाद दुनिया के सबसे बड़े खेल समारोह रहे एशियाई खेलों में भले ही चीन, जापान या कोरिया का दबदबा रहा हो लेकिन इस महाद्वीपीय खेल महाकुंभ के जनक भारत के शिक्षाविद और खेल प्रशासक गुरुदत्त सोंधी थे।

एशिया खेल का मुख्यालय कहाँ है?

एशियाई खेल.

सबसे पहले एशियाई खेल कहाँ हुए थे?

नई दिल्ली1951 एशियाई खेल / स्थानnull

भारत में एशियाई खेलों का आयोजन कितनी बार हुआ है?

इससे पहले यहां 1990 और 2010 के संस्करणों का आयोजन हो चुका है। इसके साथ ही भारत दो बार एशियन गेम्स की मेजबानी कर चुका है। जहां साल 1951 में पहला संस्करण और फिर 1982 में दूसरी बार खेलों के इस महाकुंभ का आयोजन किया है। 2026, 2030 और 2034 एशियाई खेलों की मेजबानी के लिए देश और शहरों का नाम फिलहाल तय है।