एनपीएस कर्मचारी के लिए आयकर गणना उदाहरण - enapeees karmachaaree ke lie aayakar ganana udaaharan

हिंदी न्यूज़ बिजनेससरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, NPS पर बढ़ी टैक्स डिडक्शन लिमिट

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी है। फाइनेंस मिनिस्टर सीतारमण ने सोमवार को पेश किए गए बजट में राज्य कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) अकाउंट में...

एनपीएस कर्मचारी के लिए आयकर गणना उदाहरण - enapeees karmachaaree ke lie aayakar ganana udaaharan

Vishnuलाइव हिंदुस्तान,नई दिल्लीTue, 01 Feb 2022 01:46 PM

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी है। फाइनेंस मिनिस्टर सीतारमण ने सोमवार को पेश किए गए बजट में राज्य कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) अकाउंट में एंप्लॉयर्स के कंट्रीब्यूशन पर टैक्स डिडक्शन लिमिट को अब 14 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा है। राज्य कर्मचारियों के लिए अभी NPS अकाउंट पर टैक्स डिडक्शन लिमिट 10 फीसदी है। हालांकि, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पहले से 14 फीसदी की टैक्स डिडक्शन लिमिट का फायदा मिल रहा है। सरकार का यह कदम राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच समानता लाने का काम करेगा। साथ ही, इससे सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट्स में बढ़ोतरी होगी।   

राज्य कर्मचारी अब क्लेम कर सकेंगे 14% का टैक्स बेनेफिट
राज्य सरकार के कर्मचारी अब फाइनेंशियल ईयर 2022-23 से अपने एंप्लॉयर की तरफ से किए गए NPS कंट्रीब्यूशन (एनपीएस अकाउंट में राज्य सरकारों की तरफ से किए गए योगदान)  पर 14 फीसदी का टैक्स बेनेफिट क्लेम कर सकते हैं। प्राइवेट सेक्टर के एंप्लॉयीज के लिए टैक्स बेनेफिट अभी 10 फीसदी ही है।

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तीन अलग-अलग सेक्शंस के तहत टैक्स बेनेफिट
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) अकाउंट्स में इनवेस्टमेंट पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तीन अलग-अलग सेक्शंस के तहत टैक्स बेनेफिट मिलता है। सेक्शन 80 CCD(1) के तहत एक फाइनेंशियल ईयर में एनपीएस में 1.5 लाख रुपये तक के इनवेस्टमेंट पर डिडक्शन बेनेफिट मिलता है। यह डिडक्शन, सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख  रुपये की ओवरऑल लिमिट में आता है। 

50 हजार रुपये का एडिशनल डिडक्शन
NPS पर सेक्शन 80C डिडक्शन के ऊपर भी अतिरिक्त टैक्स छूट का फायदा मिलता है। यह एडिशनल डिडक्शन सेक्शन 80 CCD(1b) के तहत 50,000 रुपये तक मिलता है। कोई भी टैक्सपेयर NPS के टियर-1 अकाउंट्स में निवेश करके 50,000 रुपये तक एडिशनल डिडक्शन का फायदा ले सकता है। इस तरह कोई भी टैक्सपेयर NPS में इनवेस्ट करके एक फाइनेंशियल ईयर में 2 लाख रुपये के ओवरऑल टैक्स बेनेफिट को क्लेम कर सकता है। 2 लाख रुपये का यह टैक्स बेनेफिट केवल तभी मिलेगा, जबकि किसी व्यक्ति ने ओल्ड टैक्स रिजीम को अपनाया है। 2 लाख रुपये की लिमिट के ऊपर एंप्लॉयर (नियोक्ता) की तरफ से किए गए किसी कंट्रीब्यूशन पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80 CCD(2) के तहत डिडक्शन का फायदा मिलेगा। 

एनपीएस कर्मचारी के लिए आयकर गणना उदाहरण - enapeees karmachaaree ke lie aayakar ganana udaaharan

Authored by Amit Tyagi | नवभारतटाइम्स.कॉमUpdated: Oct 21, 2021, 10:02 AM

National Pension System: अगर आपका नियोक्ता चाहे तो अपनी तरफ से एनपीएस में योगदान कर आपको टैक्स बचाने में मदद कर सकता है। जी हां अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो हम आपको विस्तार से इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।

एनपीएस कर्मचारी के लिए आयकर गणना उदाहरण - enapeees karmachaaree ke lie aayakar ganana udaaharan

नई दिल्ली
NPS News: इनकम टैक्स बचाने के लिए सरकार ने आयकर कानून 1961 के सेक्शन 80c के तहत ₹1.5 लाख के निवेश पर टैक्स छूट देने का प्रावधान बनाया है। अगर आप नेशनल पेंशन सिस्टम या एनपीएस (NPS) में निवेश करते हैं तो ₹50,000 तक की अतिरिक्त रकम पर आप टैक्स बचत का फायदा उठा सकते हैं। क्या आप यह जानते हैं कि अगर आपका नियोक्ता चाहे तो अपनी तरफ से एनपीएस में योगदान कर आपको टैक्स बचाने में मदद कर सकता है। जी हां अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो हम आपको विस्तार से इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।

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NPS में निवेश से बचाएं टैक्स
नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश कर आप दो तरह से इनकम टैक्स बचाने में मदद पा सकते हैं। अगर आप एनपीएस में खुद निवेश करते हैं तो सालाना ₹50,000 तक के निवेश पर आप इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80ccd (1B) के तहत इनकम टैक्स की बचत कर सकते हैं। अगर आपका नियोक्ता एनपीएस में आप की बेसिक सैलरी +डीए का 10 फ़ीसदी निवेश करता है तो आप इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80ccd (2d) के तहत आयकर में राहत पा सकते हैं। इस बारे में बहुत से लोग उलझन में रहते हैं। आइए आपको इसे उदाहरण के जरिए आसानी से समझाने की कोशिश करते हैं।

नियोक्ता के योगदान पर टैक्स छूट
नेशनल पेंशन सिस्टम में आपके नियोक्ता की तरफ से जो योगदान किया जाता है वह भी आयकर में छूट के हिसाब से आप का ही योगदान माना जाएगा। इसका मतलब यह है कि अगर आपका नियोक्ता बेसिक और डीए का दस फीसदी निवेश करता है तो उस पर एक एंप्लॉई के रूप में आप इनकम टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं।

जिक्र नहीं होने पर भी फायदा मिलेगा
अगर आपके नियोक्ता ने फॉर्म 16 में सेक्शन 80CCD(2d) के तहत NPS में निवेश का जिक्र वेतन से आमदनी वाले सेक्शन में नहीं किया है, तब भी आप इस रकम पर इनकम टैक्स में छूट का लाभ उठा सकते हैं। इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 17 (1) के हिसाब से NPS में किये गए निवेश को वेतन का ही हिस्सा माना जाता है। यह निवेश इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80CCD के तहत आता है।

वेतन में जोड़कर होगी गणना
अगर नियोक्ता ने अपनी तरफ से NPS में निवेश किया है तो यह आपका वेतन ही माना जायेगा। इस पर आपको इनकम टैक्स के स्लैब के हिसाब से आयकर चुकाना पड़ेगा। इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करते वक्त नियोक्ता के NPS में योगदान को ग्रॉस सैलरी में जोड़ना पड़ेगा और उसके बाद आप सेक्शन 80CCD(2) के तहत इस पर इनकम टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं।

कितनी रकम पर टैक्स लाभ?
अगर आपका नियोक्ता NPS में योगदान कर रहा है तो आप बेसिक सैलरी और डीए के 10% तक के योगदान पर ही इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80CCD(2) के तहत आयकर छूट का दावा कर सकते हैं। सरकार ने आयकर कानून के सेक्शन 80 CCE के तहत इसकी अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये तक रखी है।

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Web Title : Hindi News from Navbharat Times, TIL Network

80 सीसीडी 1B क्या है?

आयकर धारा 80ccd(1) राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में कर्मचारियों के योगदान के खिलाफ कटौती की अनुमति देता है। *1.5 लाख रु. 80CCD (1b) NPS में योगदान के खिलाफ अतिरिक्त कटौती की अनुमति देता है। NPS में इन्वेस्टमेंट करने पर प्रति वर्ष 2 लाख रुपये तक की कटौती बचाई जा सकती है।

80CCD क्या है 1 80CCD 1B 80CCD 2?

आम बजट 2021 में सेक्‍शन 80CCD में एक नया संसोधन हुआ और सेक्‍शन 80CCD(1B) जोड़ा गया. इस नए प्रावधान में इंडिविजुअल्‍स के लिए 50,000 रुपये के अतिरिक्‍त टैक्‍स डिडक्‍शन का प्रावधान किया गया. यह प्रावधान सैलरीड और सेल्‍फ-इम्‍प्‍लॉयड दोनों के लिए किया गया.

इनकम टैक्स की गणना कैसे करते हैं?

इनकम टैक्स की गणना आपकी टैक्स योग्य इनकम पर लागू टैक्स स्लैब के आधार पर की जाती है. आपकी टैक्स योग्य आय की जानकारी प्राप्त करने के लिए, आपकी आय के सभी स्रोतों (सैलरी, किराया, पूंजीगत लाभ आदि) से कुल आय की जानकारी ली जाती है और इसमें से उन कटौतियों और छूटों को घटाया जाता है, जिनके लिए आप पात्र हैं.

इनकम टैक्स स्लैब क्या है?

आइए इनकम टैक्स रेट के बारे में जान लेते हैं. 2.5 लाख तक कमाई पर शून्य टैक्स है. 2.5 से 5 लाख पर 5 परसेंट टैक्स जिसमें सेक्शन 87ए के तहत छूट ले सकते हैं. 5.7.5 लाख पर 10 परसेंट, 7.5 से 10 लाख पर 15 परसेंट, 10-12.5 लाख पर 20 परसेंट, 12.5-15 लाख पर 25 परसेंट और 15 लाख से अधिक की कमाई पर 30 परसेंट टैक्स देना होता है.