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Navbharat Times | Updated: 7 Apr 2021, 4:29 pm नॉर्मल डिलीवरी के बाद वजाइना में टांके लगते हैं और प्रसव के बाद इन टांकों की सही देखभाल करना बहुत जरूरी है ताकि इंफेक्शन या किसी और तरह की परेशानी से बचा जा सके।
नॉर्मल डिलीवरी के बाद लगे टांकों को भरने में कम समय लगता है और अगर अच्छी देखभाल की जाए तो यह और जल्दी ठीक हो सकते हैं। वजाइनल डिलीवरी के बाद छोटा टांका लगा है, तो इसे ठीक होने में 2 से 3 हफ्तों का समय लगता है लेकिन हर महिला में यह प्रक्रिया अलग हो सकती है। एक हफ्ते के बाद दर्द में कमी आ सकती है लेकिन असहजता एक महीने तक महसूस होती है। अगर सीरियस टियरिंग में गहरे टांके लगे हों तो इसे पूरी तरह से ठीक होने में 6 से 8 हफ्ते का समय लग जाता है। एक महीने तक इसमें दर्द रहता है। जब टांके ठीक होना शुरू करते हैं, तब इनमें खुजली हो सकती है। 6वें सप्ताह के आसपास आप डॉक्टर से चेकअप जरूर करवाएं ताकि पता चल सके कि टांके ठीक हो रहे हैं या नहीं। यह भी पढ़ें : मां को ही नहीं शिशु को भी मिलते हैं नॉर्मल डिलीवरी के फायदे दर्द वाली जगह पर कैसे पाएं आरामनॉर्मल डिलीवरी के बाद टांकों में दर्द हो सकता है। इस दर्द को कम करने के लिए आप निम्न तरीके अपना सकती हैं :
यह भी पढ़ें : 30 की उम्र के बाद इन तरीकों से बढ़ा सकती हैं नॉर्मल डिलीवरी के चांस एक्सपर्ट की रायआईवीएफ एक्सपर्ट डॉक्टर सुची कालिया का कहना है कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद टांकों की देखभाल में पेशाब या मल त्याग करने के बाद टांकों को हल्के हाथ से साफ करें। आगे से पीछे तक के हिस्से को साफ करना होता है। इसके अलावा पैरों को ज्यादा दूर नहीं रखना होता है। दोनों पैरों को एक-दूसरे के नजदीक रखें। आलती-पालथी की पोजीशन में बैठकर स्तनपान नहीं करवाना चाहिए क्योंकि इससे टांकों पर जोर पड़ता है। कब्ज न होने दें, इससे भी टांके जल्दी भर जाते हैं। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें In this article
जिन महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी होती है, उनमें से अधिकांश को योनि में टांके लगाए जाते हैं। ये टांके मूलाधार के चीरे (एपिसियोटमी) या पेरिनियम क्षेत्र के फट जाने पर लगाए जाते हैं। डिलीवरी के बाद कुछ हफ्तों में जैसे-जैसे चीरे का घाव ठीक होता है, ये टांके भी अपने आप गल जाते हैं। इन टांकों में आपको दर्द हो सकता है और आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि टांकों की साफ-सफाई रखें ताकि इनफेक्शन से बचा जा सके। इसके बारे में आगे विस्तार से जानें। डिलीवरी के बाद टांकों की जरुरत क्यों पड़ती है?नॉर्मल डिलीवरी के दौरान आपकी योनि और गुदा के बीच के मांसपेशीय क्षेत्र (पेरिनियम) में बहुत ज्यादा खिंचाव होता है। अक्सर यह खिंचाव इतना ज्यादा होता है कि त्वचा फट जाती है। इसलिए भारत में अधिकांश डॉक्टर जब पेरिनियम क्षेत्र में खिंचाव होने लगता है तो वहां स्वयं शल्य चीरा (भगछेदन) लगा देती हैं। इस चीरे को अंग्रेजी में एपिसियोटमी कहा जाता है। कई बार शल्य चीरा लगाने के बाद एपिसियोटमी उसी रेखा से और ज्यादा गहरी फट जाती है। यदि आपके पेरिनियम क्षेत्र की त्वचा या चीरा बहुत ज्यादा फट जाए तो उत्तकों और त्वचा को ठीक होने में मदद के लिए टांकों की जरुरत होगी। कई बार, खिंचाव होने पर भी त्वचा ज्यादा गहराई से नहीं फटती। इसमें केवल त्वचा की परतें फटती हैं, मांसपेशियां नहीं फटती। ऐसी स्थिति में टांके लगाने की जरुरत नहीं होती। इन्हें अंग्रेजी में फर्स्ट डिग्री टेयर कहा जाता है। यदि आप इतनी सौभाग्यशाली रहीं कि आपको एपिसियोटमी न करवानी पड़ी हो और केवल फर्स्ट डिग्री टेयर ही हुआ हो तो आपको शायद टांकों की भी जरुरत न पड़े। योनि में लगे टांकों को ठीक होने में कितना समय लगता है?आमतौर पर टांके डिलीवरी के दो हफ्तों के अंदर अपने आप गल जाते हैं, मगर चीरे की जगह को पूरी तरह ठीक होने में और ज्यादा समय लगता है। चीरे का घाव कितनी जल्दी ठीक होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी त्वचा कितनी गहरी फटी है या चीरा कितना गहराई से लगा है। सामान्य एपिसियोटमी या सैकंड डिग्री टेयर, जिसमें त्वचा के साथ मांसपेशी भी फटती है, वह आमतौर पर दो से तीन हफ्तों में ठीक हो जाती है। कुछ महिलाओं को एक या दो महीने तक दर्द व असहजता महसूस होती है। यदि भगछेदन का चीरा बहुत गहराई तक फट गया हो और थर्ड या फोर्थ डिग्री टेयर हुआ हो - जिसमें त्वचा गुदा तक फट जाए, तो आपको लंबे समय तक दर्द व असहजता हो सकती है। थर्ड और फोर्थ डिग्री टेयर किसी के साथ भी हो सकता है। डिलीवरी के बाद शुरुआती कुछ दिनों में आपको पेशाब या मलत्याग करने में भी मुश्किल हो सकती है। यह भी संभव है कि आपको कई महीनों या सालों तक गैस या मल को नियंत्रित करने में मुश्किल हो। आपका मूलाधार का चीरा ज्यादा गहराई तक फटने की संभावना रहती है, यदि:
योनि में लगे टांकों की देखभाल मुझे कैसे करनी चाहिए?यदि आपको टांके लगे हों तो अस्पताल से घर आ जाने के बाद कोशिश करें कि आप ज्यादा देर तक बैठी न रहें, खासतौर पर शुरुआती कुछ दिनों तक। बैठने से आपके शरीर का वजन श्रोणि क्षेत्र पर पड़ता है। इसकी बजाय आप खड़े रहने, चलने-फिरने, लेटने या अर्धलेटी अवस्था में बैठने की कोशिश करें। श्रोणि क्षेत्र में रक्त संचरण बेहतर करने के लिए पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (कीगल्स) करें। इससे चीरे के घाव को ठीक होने और मांसपेशियों को मजबूत होने में मदद मिलेगी। इससे अचानक पेशाब लीक होने की समस्या (मूत्र असयंमितता) में सुधार आएगा। डिलीवरी के बाद डॉक्टर आपको जो एंटिबायोटिक दवाएं दें उनका कोर्स पूरा करें और दवाएं समय पर लें। इससे आपको इनफेक्शन से सुरखा मिलेगी। आसानी से मलत्याग के लिए आपको रेचक (लैक्सेटिव) दिए जा सकते हैं, ताकि मलत्याग के दौरान टांकों पर जोर न पड़े। टांकों को साफ रखने और उन्हें ठीक होने में मदद के लिए आप निम्नांकित उपाय भी आजमा सकती हैं:
योनि के आसपास दर्द होने पर मैं क्या कर सकती हूं?डिलीवरी के बाद शुरुआती कुछ दिनों के लिए डॉक्टर आपको दर्दनिवारक दवा देंगी। हालांकि, जल्द ही आप पाएंगी कि इन दवाओं के बिना भी आप दर्द सहन कर पा रही हैं। दर्द व असहजता से राहत पाने के लिए आप इन घरेलू उपायों को अपना सकती हैं:
टांकों से जुड़ी किसी परेशानी के बारे में मुझे डॉक्टर से कब बात करनी चाहिए?अस्पताल से छुट्टी मिलने के समय डॉक्टर आपको अगले अप्वाइंटमेंट के बारे में बता देंगी, ताकि वे देख सकें कि टांके व घाव सही हो रहे हैं या नहीं। यह चेकअप आमतौर पर एकांतवास की अवधि के बाद यानि डिलीवरी के छह हफ्तों बाद होता है। यदि इससे पहले आपको कोई चिंता हो, तो आप अपने लक्षणों के बारे में डॉक्टर से फोन पर बात कर सकती हैं। कुछ ऐसे लक्षण हैं जो समस्या की तरफ इशारा करते हैं और उन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। निम्नांकित स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से बात करें:
क्या टांकों की वजह से मुझे भविष्य में दिक्कत हो सकती है?यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका चीरा कितना गंभीर या गहरा था। जिन महिलाओं का पेरिनियम क्षेत्र थर्ड या फोर्थ डिग्री तक फट जाता है, उनमें से कुछ को लंबे समय तक उस क्षेत्र में दर्द रहता है। या फिर उन्हें पेशाब को नियंत्रित करने से जुड़ी समस्याएं होती हैं। डिलीवरी के बाद जिन महिलाओं को टांके लगते हैं, उनमें से कुछ को संभोग (सेक्स) के दौरान दर्द हो सकता है या मूत्राशय से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। ये समस्याएं शिशु के जन्म के बाद होने वाली आम समस्याएं नहीं हैं, इसलिए आपको इन्हें सहने की जरुरत नहीं है। यदि समय के साथ आपकी असहजता और लक्षणों में सुधार न आए तो आप महिलाओं की समस्याओं की विशेषज्ञ फिजियोथेरेपिस्ट को दिखा सकती हैं। वे पेल्विक फ्लोर में फिर से मजबूती लाने में आपकी मदद कर सकती हैं। सही उपचार से टांकों की वजह से होने वाली अधिकांश समस्याओं का समाधान हो जाता है या उनमें सुधार आता है। डॉक्टरी सलाह लेने से पहले नियमित तौर पर पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (कीगल) करें। इन लक्षणों में अक्सर नियमित कीगल व्यायाम करने से सुधार आ जाता है। अंग्रेजी के इस लेख से अनुवादित: Stitches after vaginal delivery हमारे लेख पढ़ें:
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टांके ठीक होने में कितना समय लगता है?टांके कब होते हैं हील
एक विशिष्ट एपिसीओटॉमी या दूसरी डिग्री का टियर जिसमें मांसपेशियों को काट दिया गया है या फट गई हैं, आमतौर पर दो से तीन सप्ताह में ठीक हो जाता है। कुछ महिलाओं को एक या दो महीने तक दर्द और बेचैनी महसूस होती है।
टांके सूखने के लिए क्या करें?टांकों को सूखा रखें (Keeping stitches dry)
एक बाथटब में खड़े होकर अपने शरीर को एक कपड़े की मदद से साफ करें और अपने टांकों का बचाव करें। शरीर को साफ करने के बाद हल्के हाथ से दबाते हुए तौलिये की मदद से टांके को सूखा लें। भले ही घाव का क्षेत्र गीला न हो, लेकिन ध्यान रखें कि घाव का हिस्सा पूरी तरह से सूख जाना चाहिए।
टांके पर क्या लगाना चाहिए?हल्दी को क्रीम या दही के साथ मिला दें जिससे कि एक पेस्ट तैयार हो सके. अब इस पेस्ट को टांके का निशान पर लगाएं और 10 से 15 मिनट के लिए इसके सूखने का इंतज़ार करें. फिर त्वचा को गर्म पानी से धो लें और फिर मॉइस्चराइज़र लगा लें.
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