चौपाई दोहा सोरठा की परिभाषा और पहचानचौपाई दोहा सोरठा की परिभाषा हिंदी व्याकरण competitive exam group C aur D class 10 में 1 या 2 क्वेश्चन पूछे जाते हैं चौपाई , दोहा, सोरठा परिभाषा और उदाहरण के लिए 1या 2 अंक निर्धारित हे। इससे पहले हम उपसर्ग और प्रत्यय में पड़ चुके हैं। Show
चौपाई दोहा सोरठा की परिभाषा
दोहा की परिभाषा और पहचान-यह अर्ध सम मात्रिक छंद है इसके 4 चरण होते हैं इसके सम चरणों 11,11 मात्रा होती हैं विषम चरणों में 13,13 मात्राएं होती हैं! दोहा के उदाहरण- ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ । ।। ऽ ऽ ऽ ऽ । ऐसी वानी बोलिए, मन का आपा खोय। ऽ ।। ऽ ऽ ।। । ऽ ऽ ।। ऽ ।। ऽ। औरन को शीतल करे, आपॅहु शीतल होय! श्री हनुमान चालीसा उदाहरण श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि। बरनउ रघुवर विमल जस, जो दायक फल चारि। उदाहरण- पवन तनय संकट हरण, मंगल मूरती रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहिं सुरभूप।। चौपाई की परिभाषा और पहचान- यह सम मात्रिक छंद होता है इसमें 4 चरण होते हैं हर चरण में 16,16 मात्राएं होती है! पहले चरण की तुुक दूसरे से तथा तीसरेेेेे चरण की चौथेेे चरण से मिलती हैं। चौपाई के उदाहरण– ।। । ऽ ऽ। ऽ । ऽ। ऽ ।। जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीश तिॅहु लोक उजागर ऽ। ऽ। । ऽ ऽ । । । ऽ ऽ राम दूत अतुलित बलधामा अंजनी पुत्र पवन सुतनामा। उदाहरण- बदउऺ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुराधा।। अमिय मूरिमय चूरन चारू। समन सकल भव रुज परिवारू।। प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदय राखि कोसलपुर राजा।। गरल सुधा रिपु अमिय मिताई। गोपद सिंधु अनल सिलाई।। सोरठा की परिभाषा और पहचान-दोहा के ठीक विपरीत के सम चरणों में 13,13 मात्रा तथा विषम चरणों में 11,11 मात्राएं होती है! सोरठा के उदाहरण ऽ । ऽ । ऽ ऽ । ।। ।।। ॥ ॥ । । । मूक होय वाचाल, पंगु चढ़इ गिरिवर गहन। ऽ । । ऽ ऽ। । ऽ । । । । । । । ॥ ॥ ।।। जासु कृपा सो दयाल ,द्रवउ सकल कलमल दहन उदाहरण-2 जो सुमिरत सिधि होइ गननायक करिवर बदन ! करहु अनुग्रह सोई, बुद्धि रासि सुभ गुन सदन रोला की परिभाषा-रोला मात्रिक छंद है। इसके प्रत्येक चरण में 24 मात्राएं होती हैं। प्रत्येक चरण में 11 तथा 13 मात्राएं होती हैं। प्रत्येक चरण के अंत में दो गुरु या लघु वर्ण आते हैं। उदाहरण- हे देवी, यह नियम, सृष्टि में सदा अटल है, रह सकता है वही सुरक्षित, जिसमें बल है। निर्बल का है नहीं जगत में, कहीं ठिकाना, रक्षा साधन उसे प्राप्त हो, चाहे नाना।। छन्द किसे कहते हैं Chhand kise kahate hain जिन रचनाओं में वर्ण, मात्रा, यति, गति, कुक आदि पर बल दिया जाता है उसे छन्द कहते हैं। छन्द कितने प्रकार के होते हैं Chhand ke kitne prakar hote hain छन्द के 3 प्रकार होते हैं-
Qus-1 दोहा चौपाई और सोरठा में कितनी मात्राएं होती हैं?1.दोहा में सम चरणों 11,11 मात्रा होती हैं विषम चरणों में 13,13 मात्राएं होती हैं! 2.चौपाई के हर चरण में 16,16 मात्राएं होती है! 3.सोरठा सम चरणों में 13,13 मात्रा तथा विषम चरणों में 11,11 मात्राएं होती है! Qus-2 दोहा की परिभाषा उदाहरण सहित बताइए।यह अर्ध सम मात्रिक छंद है इसके 4 चरण का होते हैं इसके सम चरणों
11,11 मात्रा होती हैं विषम चरणों में 13,13 मात्राएं होती हैं! Qus-3 चौपाई की परिभाषा उदाहरण सहित बताइए?यह सम मात्रिक छंद होता है इसमें 4 चरण होते हैं उदाहरण Qus-4 सोरठा की परिभाषा उदाहरण सहित बताइए?दोहा के ठीक विपरीत के सम चरणों में 13,13 मात्रा तथा विषम चरणों में 11,11 मात्राएं होती है! चौपाई छंद का उदाहरण क्या है?चौपाई छंद का उदाहरण
जाचक गुनगन गावन लागे ।। गुरु पद पदुम हरषि सिर नावा। 3. बंदउँ गुरु पद पदुम परागा।
चौपाई छंद कैसे लिखें?Chaupai चौपाई छंद का सूत्र – “कल सोलह जल तजि चौपाई।”
इस चौपाई में चार चरण होते हैं, प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं। चरण के अन्त में जगण ( I I S ) अथवा तगण ( S I I ) नहीं होना चाहिए, अन्तिम दो वर्ण गुरु-लघु (S I) भी नहीं होने चाहिए।
सोरठा छंद का उदाहरण क्या होता है?तुलसी-सूर-विहारि-कृष्णभट्ट-भारवि-मुखाः। भाषाकविताकारि-कवयः कस्य न सम्भता:॥ जो सुमिरत सिधि होय, गननायक करिबर बदन।
दोहा क्या है उदाहरण सहित समझाइए?दोहा अर्द्धसम मात्रिक छंद है। यह दो पंक्ति का होता है इसमें चार चरण माने जाते हैं | इसके विषम चरणों प्रथम तथा तृतीय में १३-१३ मात्राएँ और सम चरणों द्वितीय तथा चतुर्थ में ११-११ मात्राएँ होती हैं। विषम चरणों के आदि में प्राय: जगण (। ऽ।)
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