चौपाई छंद को क्या कहते हैं? - chaupaee chhand ko kya kahate hain?

दोस्तों हमारा आज का टॉपिक चौपाई छंद की परिभाषा और उदाहरण | chaupai chhand in hindi | चौपाई छंद के उदाहरण है। हमे अनेक परीक्षाओं में छंदों से संबंधित प्रश्न आते हैं,जिनमे छंद के उदाहरण या उदाहरण देकर छंद का नाम पूछा जाता है। इसलिए hindiamrit.com आज आपको इस टॉपिक की विधिवत जानकारी देगा।

Contents

  • 1 चौपाई छंद की परिभाषा और उदाहरण | chaupai chhand in hindi | चौपाई छंद के उदाहरण
    • 1.1 चौपाई छंद की परिभाषा और उदाहरण | chaupai chhand in hindi | चौपाई छंद के उदाहरण 
  • 2 चौपाई छंद की परिभाषा | चौपाई छंद किसे कहते हैं
  • 3 चौपाई छंद के नियम | चौपाई छंद पहचानने का तरीका
  • 4 चौपाई छंद के उदाहरण स्पष्टीकरण सहित
  • 5 चौपाई छंद के अन्य उदाहरण
  • 6 आप अन्य छंद भी पढ़िये
  • 7 चौपाई छंद के परीक्षा उपयोगी प्रश्न
  • 8 सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण पढ़िये ।

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चौपाई छंद की परिभाषा और उदाहरण | chaupai chhand in hindi | चौपाई छंद के उदाहरण 

हमने आपको इस टॉपिक में क्या क्या पढ़ाया है?

(1) चौपाई छंद की परिभाषा
(2) चौपाई छंद के नियम | चौपाई छंद पहचानने का तरीका
(3) चौपाई छंद के उदाहरण स्पष्टीकरण सहित
(4) चौपाई छंद के अन्य उदाहरण
(5) चौपाई छंद के परीक्षा उपयोगी प्रश्न

चौपाई छंद को क्या कहते हैं? - chaupaee chhand ko kya kahate hain?
चौपाई छंद की परिभाषा और उदाहरण | chaupai chhand in hindi | चौपाई छंद के उदाहरण

चौपाई छंद की परिभाषा | चौपाई छंद किसे कहते हैं

Chaupai चौपाई छंद का सूत्र – “कल सोलह जल तजि चौपाई।”

इस चौपाई में चार चरण होते हैं, प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं। चरण के अन्त में जगण ( I I S )  अथवा तगण ( S I I )  नहीं होना चाहिए, अन्तिम दो वर्ण गुरु-लघु (S I) भी नहीं होने चाहिए।

चौपाई छंद के नियम | चौपाई छंद पहचानने का तरीका

(1) चौपाई छंद के प्रत्येक चरण में 16 मात्राएं होती है।

(2) चौपाई छंद में अंतिम दो वर्ण की मात्राएं ( S I ) नहीं होती है।

(3) चौपाई छंद में चरण के अन्त में जगण ( I I S )  अथवा
तगण ( S I I )  नहीं होना चाहिए।

चौपाई छंद के उदाहरण स्पष्टीकरण सहित

(1)  बिनु पग चले सुने बिनु काना।
      कर बिनु कर्म करे विधि नाना ।।
      तनु बिनु परस नयन बिनु देखा।
      गहे घ्राण बिनु वास असेखा ॥

स्पष्टीकरण –

बिनु   पग  चले   सुने   बिनु   काना।
I I      I I    I S   I S     I I     S S     = 16 मात्राएं

इसीप्रकार सभी चरणों मे 16 मात्राएं है तो यहाँ पर चौपाई छंद है।

(2)  जो न होत जग जनम भरत को।
       सकल धरम धुर धरनि धरत को ॥

स्पष्टीकरण –

जो  न   होत   जग   जनम   भरत     को।
S    I    S I     I I     I I I      I I I       S   = 16 मात्राएं

अतः यहाँ पर चौपाई छंद है।

चौपाई छंद के अन्य उदाहरण

(1) यह वर माँगउ कृपा निकेता,
      बसहुँ हृदयँ श्री अनुज समेता।

(2) निरखि सिद्ध साधक अनुरागे।
      सहज सनेहु सराहन लागे ॥

(3) सकल मलिन मनः दीन दुखारी।
        देखी सासु आन अनुसारी ॥

(4) समुझि मातु करतब सकुचाहीं।
       करत कुतरक कोटि मन माही ॥

(5) रामु लखनु सिय सुनि मम नाऊँ ।
      उठि जनि अनत जाहिं तजि ठाऊँ॥

आप अन्य छंद भी पढ़िये

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चौपाई छंद के परीक्षा उपयोगी प्रश्न

(6) ढोल गंवार सूद्र पशु नारी।
     सकल ताड़ना के अधिकारी।।

(7) सुन सिय सत्य असीस हमारी।
      पुजहि मन कामना तुम्हारी।

(8) बिनु पग चले सुने बिनु काना।
      कर बिनु कर्म करे बिधि नाना।

(9) जय हनुमान ग्यान गुन सागर।
     जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।

(10) राम दूत अतुलित बलिधामा।
      अंजनि पुत्र पवनसुत नामा।

सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण पढ़िये ।

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चौपाई छंद का उदाहरण क्या है?

चौपाई छंद का उदाहरण जाचक गुनगन गावन लागे ।। गुरु पद पदुम हरषि सिर नावा। 3. बंदउँ गुरु पद पदुम परागा।

दोहा चौपाई एवं सोरठा क्या कहलाते हैं?

जिन छन्दों के चारों चरणों की मात्राएँ या वर्ण एक से हों वे सम कहलाते हैं , जैसे चौपाई , इन्द्रवज्रा आदि । जिनमें पहले और तीसरे तथा दूसरे और चौथे चरणों की मात्राओं या वर्गों में समता हो वे अर्द्धसम कहलाते हैं , जैसे दोहा , सोरठा आदि ।

चौपाई कैसे छंद है?

यह अर्ध सम मात्रिक छंद है इसके 4 चरण होते हैं इसके सम चरणों 11,11 मात्रा होती हैं विषम चरणों में 13,13 मात्राएं होती हैं!

चौपाई कौन सा छंद है?

चौपाई मात्रिक सम छन्द का एक भेद है। प्राकृत तथा अपभ्रंश के १६ मात्रा के वर्णनात्मक छन्दों के आधार पर विकसित हिन्दी का सर्वप्रिय और अपना छन्द है। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में चौपाइ छन्द का बहुत अच्छा निर्वाह किया है। चौपाई में चार चरण होते हैं, प्रत्येक चरण में १६-१६ मात्राएँ होती हैं तथा अन्त में गुरु होता है।