बिजनेस के कितने प्रकार होते हैं? - bijanes ke kitane prakaar hote hain?

बिज़नेस करना एक कला है और इस कला को सीखने के लिए समय लगता है यह कला सिर्फ किताबों को पढ़कर नही सीखी जा सकती, इसके लिए आपको मार्केट में रिसर्च करनी पड़ती है।  

प्रत्येक व्यक्ति को बिज़नेस अपनी सामर्थ्य के हिसाब से ही करना चाहिए। आज मैं आपको बताऊंगा कि बिज़नेस कितने प्रकार के होते है उसी के आधार पर आप पता लगाये कि आपके अंदर कौन सी सामर्थ्य है और आपको कौनसा बिज़नेस स्टार्ट करना चाहिए।

मुख्य रुप से बिज़नेस 6 प्रकार के होते है

  1. मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस
  2. सर्विस बिज़नेस
  3. रिटेल बिज़नेस
  4. फ्रेंचाइजी बिज़नेस
  5. डिस्ट्रीब्यूशन बिज़नेस
  6. मल्टी लेवल मार्केटिंग बिज़नेस

  • बिज़नेस कितने प्रकार के होते है Types of business in hindi
    • 1. मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस
    • 2. सर्विस बिज़नेस
    • 3. रिटेल बिज़नेस
    • 4. फ्रेंचाइजी बिज़नेस
    • 5. डिस्ट्रीब्यूटर बिज़नेस
    • 6. मल्टी लेवल मार्केटिंग बिज़नेस
  • निष्कर्ष

बिज़नेस कितने प्रकार के होते है Types of business in hindi

सभी प्रकार के बिज़नेस के अपने-अपने फायदे तथा नुकसान होते हैं। प्रत्येक बिज़नेस के प्रकार का नीचे विस्तार से वर्णन किया है

1. मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस

मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस वह बिज़नेस होता हैं जिसमें किसी प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग की जाती है मैन्युफैक्चरिंग के लिए आपको कुछ सामान, मशीनरी तथा जगह की जरूरत होती है।

मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस को दो प्रकार से सफल बनाया जा सकता है।

  • आप ऐसा प्रोडक्ट बनाए जो मार्केट में पहले से मौजूद नहीं है और वह प्रोडक्ट लोगों की किसी प्रकार से मदद कर सके।
  • अथवा मार्केट में मौजूद किसी प्रोडक्ट से बेहतरीन क्वालिटी का प्रोडक्ट बनाए।

प्रत्येक बिज़नेस को सफल बनाने के लिए उसकी सही तरीके से मार्केटिंग की जानी चाहिए। मार्केटिंग करने पर ही आप लोगों को अपने प्रोडक्ट के बारे में बता सकते हैं।

मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस के उदाहरण – अगरबत्ती बनाने का बिज़नेस, मोमबत्ती बनाने का बिज़नेस, चप्पल बनाने का बिज़नेस, पापड़ बनाने का बिज़नेस आदि।

मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस के फायदे

आप कस्टमर की डिमांड के अनुसार प्रोडक्ट बना सकते हैं और अपनी क्रिएटिविटी के हिसाब से भी नए प्रोडक्ट बना सकते है।

मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस में प्रोडक्ट क्वालिटी कंट्रोल आपके हाथ में होती है।

प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग करके आप प्रत्येक प्रोडक्ट पर ज्यादा मार्जिन कमा सकते हैं।

यह जरूरी नहीं है कि आप अपने प्रोडक्ट को बाजार में बेचे अगर आपका प्रोडक्ट अच्छा होगा तो मार्केट में मौजूद डिस्ट्रीब्यूटर भी आपका प्रोडक्ट रिटेलर तक पहुंचा सकते हैं।

आपको सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान देना है। डिस्ट्रीब्यूटर आपके प्रोडक्ट को मार्केट में दुकान तक पहुंचा देगा।

मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस के नुकसान

मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस के लिए आपको जमीन तथा मकान की भी जरूरत होती है। जहां आप अपनी मशीन तथा कच्चा माल रख सके।

शुरुआत में ही आपको मशीन तथा कच्चा माल खरीदना होगा जिसमें आपको काफी इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा।

2. सर्विस बिज़नेस

सर्विस बिज़नेस में आप कस्टमर की सेवा करने के बदले पैसे लेते हैं जैसे रेस्टोरेंट, मोबाइल नेटवर्क, होटल, सैलून आदि।

सर्विस बिज़नेस में आप ग्राहकों कुछ भी नहीं बेचते बल्कि रात भर रूकने के बदले में पैसे चार्ज करते हैं।

शारीरिक श्रम वाले काम भी सर्विस बिज़नेस के अंतर्गत आते हैं। जैसे ब्यूटी पार्लर, सैलून, कार सर्विस सेंटर, ट्रांसपोर्ट कंपनी, मकान बनाने का काम, घर को रंगने का काम आदि।

सर्विस बिज़नेस के फायदे

सर्विस बिज़नेस में आपको कोई प्रोडक्ट नहीं बनाना पड़ता बल्कि मार्केट में मौजूद किसी प्रोडक्ट के द्वारा लोगों कि सहायता करनी होती है उसी सहायता के बदले ग्राहक आपको पैसा देता है।

यह बिज़नेस करने के लिए आपको किसी प्रकार का कार्य करना आना चाहिए जैसे कार सर्विस, मेकअप आदि।

सर्विस बिज़नेस के नुकसान

मार्केट में सर्विस बिज़नेस बहुत अधिक है। इस कारण कंपटीशन भी बहुत है इसमें सफल होने के लिए आपको बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ेगी।

3. रिटेल बिज़नेस

रिटेल बिज़नेस में आप मैन्युफैक्चरर से सामान खरीदते हैं और ग्राहक को उसकी डिमांड के हिसाब से सामान बेच देते हैं।

इस बिज़नेस में आप सिर्फ वही सामान अपने पास रखते हैं। जिसकी ग्राहक को जरूरत होती है।

अगर आपका सामान खराब या एक्सपायरी हो जाए तो आप उसे मैन्युफैक्चरिंग कंपनी को वापस भी भेज सकते हैं।

रिटेल बिज़नेस के उदाहरण – किराने की दुकान, कूलर और AC की दुकान, रेडीमेड कपड़ों की दुकान आदि।

रिटेल बिज़नेस के फायदे

इस बिज़नेस में आपको सिर्फ ग्राहक की जरुरत को समझना है और वही सामान अपनी दुकान में रखना है।

आप विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट बेच सकते हैं।

आप रिटेल बिज़नेस में ऐसा सामान भी बेच सकते हैं। जिसकी घर में रोजाना जरूरत पड़ती है जैसे दूध, ब्रेड, आटा, दाल, चावल आदि।

रिटेल बिज़नेस के नुकसान

रिटेल बिज़नेस में आपको रोजाना अपनी दुकान खोलना पड़ता है। अगर आप अपनी दुकान नहीं खोलेंगे तो आपका सामान भी नहीं बिकेगा।

4. फ्रेंचाइजी बिज़नेस

फ्रेंचाइजी बिज़नेस में आप किसी बड़ी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेकर उसके नाम से कोई दुकान या स्टोर खोल सकते है।

मार्केट में बहुत सारी कंपनियां है जो अपनी फ्रेंचाइजी देने के लिए तैयार है जैसे mcdonalds, swiggy, KFC आदि।

पढ़े : फ्रेंचाइजी बिज़नेस कैसे शुरु करें और इसके फायदे क्या है

फ्रेंचाइजी बिज़नेस के फायदे

आप किसी बड़े ब्रांड के नाम के साथ अपना स्टोर या दुकान खोल सकते है जो मार्केट में पहले से ही अपनी पहचान बना चुका है।

आपको मार्केटिंग करने कि भी जरुरत नही है जिस कंपनी कि आपने फ्रेंचाइजी ली है वह अपने आप मार्केटिंग करती है।

फ्रेंचाइजी बिज़नेस के नुकसान

किसी भी बड़ी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने के लिए शुरुआत में आपको काफी इन्वेस्टमेंट करना पड़ता है।

5. डिस्ट्रीब्यूटर बिज़नेस

डिस्ट्रीब्यूटर बिज़नेस में आपको मैन्युफैक्चरिंग कंपनी से सामान लेकर रिटेलर बिज़नेस (दुकानदार) तक पहुंचाना होता है।

प्रत्येक एरिया में हर बड़ी कंपनी का एक डिस्ट्रीब्यूटर होता है। डिस्ट्रीब्यूटर बिज़नेस में सफल होने के लिए आपको पूरी दुनिया में ऐसा प्रोडक्ट खोजना है जो बहुत ही काम का है और आपके क्षेत्र में नहीं मिलता, उसे आपको खरीदकर अपने एरिया में डिस्ट्रीब्यूट करना है।

आप मैन्युफैक्चरिंग कंपनी से डिस्ट्रीब्यूटर राइट्स (अधिकार) भी खरीद सकते हैं। इसके बाद आपके क्षेत्र में वह कंपनी सिर्फ आपको ही प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए देगी।

मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस के फायदे

आप विदेशी कंपनी से भी सामान मंगवाकर अपने क्षेत्र में रिटेल स्टोर पर डिस्ट्रीब्यूट कर सकते हैं।

इस बिज़नेस में आपको सिर्फ दुकानदारों के साथ डील करना होता है। कस्टमर के साथ डील नहीं करना।

मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस के नुकसान

इसमें आपको फायदा तभी होगा जब आप बहुत सारे दुकानदारों को अपना समान डिस्ट्रीब्यूट करेंगे।

6. मल्टी लेवल मार्केटिंग बिज़नेस

इस बिज़नेस में आपको किसी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के साथ जुड़ना होता है और अपने नीचे दूसरे सदस्यों को भी जोड़ना होता है।

जब आपके नीचे जुड़े हुए सदस्य उस कंपनी का सामान खरीदते हैं तो आपको उसका कमीशन मिलता है।

मार्केट में बहुत सारी मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी है जैसे फॉरएवर, वेस्टीज आदि।

इन कंपनियों के साथ जुड़ना बहुत ही आसान होता है।

मल्टी लेवल मार्केटिंग बिज़नेस के फायदे

आपके नीचे जितने अधिक सदस्य जुड़ेगे आपको उतनी ही अधिक कमाई होगी

सभी जुड़े हुए सदस्य अपनी जरूरत के हिसाब से कंपनी से सामान खरीदते हैं और आपको घर बैठे-बैठे प्रॉफिट होता है।

मल्टी लेवल मार्केटिंग बिज़नेस के नुकसान

अधिक से अधिक सदस्य जोड़ने के लिए आपको रोजाना नए नए लोगों से मिलना होता है।

निष्कर्ष

इस गाइड में आपने जाना कि बिज़नेस कितने प्रकार के होते है और किस बिज़नेस के क्या-क्या फायदे और नुकसान है।

अगर आपके पास पैसा नही है तो आप शुरुआत रिटेल बिज़नेस अथवा डिस्ट्रीब्यूटर बिज़नेस से करें क्योंकि ये बिज़नेस आप बहुत कम पैसे में भी शुरु कर सकते है।

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बिजनेस के कितने प्रकार हैं?

बिज़नेस कितने प्रकार के होते है.
मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस.
सर्विस बिज़नेस.
रिटेल बिज़नेस.
फ्रेंचाइजी बिज़नेस.
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मल्टी लेवल मार्केटिंग बिज़नेस.

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बिजनेस क्या होता है?

व्यवसाय (Business) विधिक रूप से मान्य संस्था है, जो उपभोक्ताओं को कोई उत्पाद या सेवा प्रदान करने के लक्ष्य से निर्मित की जाती है। व्यवसाय को 'कम्पनी', 'इंटरप्राइज' या 'फर्म' भी कहते हैं।

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