भाषा परिवर्तन से क्या समझते हैं? - bhaasha parivartan se kya samajhate hain?

भाषा परिवर्तन से क्या समझते हैं? - bhaasha parivartan se kya samajhate hain?

भाषा परिवर्तन के कारण : भाषा क्या है, भाषा परिवर्तन क्या है, भाषा परिवर्तन के कारण आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं।

भाषा क्या है ?

वह साधन जिसके माध्यम से हम अपने विचारों का आदान-प्रदान करते है तथा दूसरे के भावों को समझ सकते हैं भाषा कहलाती है। भाषा की सहायता से हम अपने विचारों को लिखित एवं कथित दोनों रूपों में प्रदर्शित कर सकते हैं। भाषा के माध्यम से उद्देश्यपूर्ण ध्वनि संकेतों से मन की बातों एवं विचारों का विनिमय होता है जो हर समाज के अनुसार भिन्न-भिन्न होते हैं।

भाषा परिवर्तन क्या है ?

भाषा परिवर्तन या भाषा विकास एक संघटना है। जिसमें एक समय अंतराल में भाषा के विभिन्न स्तरों जैसे – ध्वनि, रूपिम, वाक्य, अर्थ तथा अन्य कारकों में परिवर्तन होता है। भाषा परिवर्तन ध्वनि, शब्द, अर्थ, लिपि-वर्तनी आदि में होने वाले विभिन्न परिवर्तन भाषा परिवर्तन कहलाता है।

  • भाषा परिवर्तन के कारण
    • सरलीकरण
    • भाषा संपर्क
    • आधुनिकीकरण
    • मानकीकरण भाषा
    • साहित्यिक प्रभाव
    • भौगोलिक प्रभाव

भाषा परिवर्तन के कारण

  • सरलीकरण

सरलीकरण से तात्पर्य किसी भी विषय को सरल बनाने से है। भाषा-भाषी यानि किसी भाषा को प्रयोग में लाने वाले व्यक्ति कम से कम प्रयत्नों के माध्यम से शब्दों का उच्चारण करना अधिक उचित समझते हैं। इसके अलावा उनके द्वारा शब्दों के उच्चारण में मितव्ययिता को अपनाया जाता है। जिससे भाषा को सरल रूप में प्रकट किया जा सकें। अर्थात किसी भी शब्द को सरल बनाकर उसका प्रयोग अपनी भाषा में करना सरलीकरण कहलाता है जो भाषा परिवर्तन का एक प्रमुख कारण है।

  • भाषा संपर्क

भाषा संपर्क भाषा परिवर्तन का एक प्रमुख कारण है। उदाहरण के लिए अंग्रेजी, फ़ारसी-अरबी भाषा के संपर्क में आने के पश्चात हिंदी भाषा के कई शब्दों में बहुत से परिवर्तन देखे जा सकते है। अतः दो या दो से अधिक भाषाओं के संपर्क में आने से किसी विशेष भाषा में परिवर्तन आ सकते हैं।

  • आधुनिकीकरण

आधुनिकीकरण भी भाषा परिवर्तन का कारण है, भारतीय संविधान में हिंदी भाषा को भारत सरकार द्वारा राजभाषा घोषित किया गया। जिसके विभिन्न विषयों में तकनीकी एवं परिभाषित शब्दावली की आवश्यकता थी और इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हिंदी भाषा में विकास करते हुए वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना की गई जिसके माध्यम से हिंदी भाषा में कई परिवर्तन किए गए। कई अंतर्राष्ट्रीय शब्दों के साथ संस्कृत प्रत्यय लगाकर नए तकनीकी शब्दों को विकसित किया गया जो भाषा परिवर्तन का कारण रहा।

  • मानकीकरण भाषा

किसी भाषा का आम बोलचाल के स्तर से ऊपर उठना और मानक रूप धारण करना मानकीकरण कहलाता है। मानकीकरण की वजह से भाषाओं को उच्च स्तर प्रदान करने के लिए उनमें कई परिवर्तन किए जाते हैं। उदाहरण के लिए देवनागरी लिपि के कई वर्णों को परिवर्तित करते हुए उनमें नए वर्णों का प्रयोग किया गया। अतः मानकीकरण भी भाषा परिवर्तन का एक प्रमुख कारण है।

  • साहित्यिक प्रभाव

साहित्यिक प्रभाव भी किसी भाषा के परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिसका प्रमाण मध्य युग का भारतीय या यूरोपीय इतिहास है। भाषा परिवर्तन के उदाहरण- भक्ति आंदोलन के प्रभाव से भाषा के प्रति जनरुचि में ऐसा परिवर्तन आया कि पाठक से लेकर लेखक भी संस्कृत की अपेक्षा लोकभाषाओं की ओर आकर्षित हो गए। इसके अलावा आधुनिक युग में छायावाद ने खड़ी बोली हिंदी की रुक्षता को दूर करते हुए ब्रजभाषा का उदय हुआ।

  • भौगोलिक प्रभाव

भाषा परिवर्तन में भौगोलिक प्रभावों का भी महत्वपूर्ण योगदान है विभिन्न विद्वानों के अनुसार जलवायु का प्रभाव मनुष्य के शारीरिक गठन, चरित्र एवं ध्वनि पद्धति पर भी पड़ता है। उदाहरण के तौर पर पहाड़ी एवं मरुस्थलीय क्षेत्रों में निवास करने वाले व्यक्ति अधिक श्रमी होते है और वे अफगानी, पंजाबी, कुमाऊनी, गढ़वाली, राजस्थानी आदि भाषाओं का प्रयोग करते है। अधिक परिश्रमी होने के कारण उनकी भाषाओं में मृदुता की अपेक्षा पौरुष दिखाई पड़ता है। इसके विपरीत समतल मैदान में रहने वाले व्यक्तियों की भाषा एक प्रकार की कोमलता होती है।

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भाषा परिवर्तन का क्या अर्थ है?

भाषा परिवर्तन क्या है ? भाषा परिवर्तन या भाषा विकास एक संघटना है। जिसमें एक समय अंतराल में भाषा के विभिन्न स्तरों जैसे – ध्वनि, रूपिम, वाक्य, अर्थ तथा अन्य कारकों में परिवर्तन होता है। भाषा परिवर्तन ध्वनि, शब्द, अर्थ, लिपि-वर्तनी आदि में होने वाले विभिन्न परिवर्तन भाषा परिवर्तन कहलाता है।

भाषा से आप क्या समझते हैं?

भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर व पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों का आदान-प्रदान करता है। दूसरे शब्दों में- जिसके द्वारा हम अपने भावों को लिखित अथवा कथित रूप से दूसरों को समझा सके और दूसरों के भावो को समझ सके उसे भाषा कहते है। सार्थक शब्दों के समूह या संकेत को भाषा कहते है।

भाषा परिवर्तनशील क्यों है?

भाषा के परिवर्तन में भौगोलिक प्रभाव को महत्वपूर्ण माना है। उनके अनुसार जलवायु का प्रभाव मनुष्य के शारीरिक गठन पर ही नहीं, उसके चरित्र और ध्वनि-पध्दति पर भी पड़ता है। यदि यह कहें कि पहाड़ी भागों में रहने वालों की भाषा कोमल होती है।

भाषा परिवर्तन की कितनी दशाएं हैं?

रूप-परिवर्तन की तीन दिशाएँ मानी जाती हैं: पद का आगम, पद का लोप और पद का विपर्यय। पद का आगम: बोलते समय शब्द के आगे तो कभी पीछे कोई सार्थक व निरर्थक शब्द आ जाता है। कालांतर में ऐसे शब्द लेखन और व्यवहार में प्रयुक्त हो जाते हैं