भारतीय संविधान की अन्य देशों के संविधान से तुलना
संविधान, मूल सिद्धांतों या स्थापित नज़ीरो का एक समुच्चय होता है जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन अभिशासित होते हैं। यह वह विधि है जो किसी राष्ट्र के शासन का आधार होती है एवं उसके चरित्र, संगठन को निर्धारित करती है। यह लिखित या अलिखित दोनों रूपों में हो सकता है। यद्यपि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के उदाहरण के पश्चात अधिकतर देशों में लिखित संविधान की प्रथा प्रचलित हो गई है। Show आगे हम भारतीय संविधान की अन्य देशों के संविधान के साथ तुलनात्मक अध्ययन करेंगे-
निष्कर्ष: भारतीय संविधान के निर्माण की प्रक्रिया में संविधान सभा ने लगभग 60 देशों के संविधानों का गहन अध्ययन किया और विश्व के विभिन्न संविधानों में जो कुछ भारत हेतु उपयुक्त लगा, उसे भारतीय संविधान का हिस्सा बनाया । भारतीय संविधान के अनेक देशी और विदेशी स्त्रोत हैं, लेकिन भारतीय संविधान पर सबसे अधिक प्रभाव भारतीय शासन अधिनियम 1935 का है. भारत के संविधान के निर्माण में निम्न देशों के संविधान से सहायता ली गई है: (1) संयुक्त राज्य अमेरिका: मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, संविधान की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निर्वाचित राष्ट्रपति एवं उस पर महाभियोग, उपराष्ट्रपति उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात. (2) ब्रिटेन: संसदात्मक शासन-प्रणाली, एकल नागरिकता एवं विधि निर्माण प्रक्रिया. (3) आयरलैंड: नीति निर्देशक सिद्धांत, राष्ट्रपति के निर्वाचक-मंडल की व्यवस्था, राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा में साहित्य, कला, विज्ञान तथा समाज-सेवा इत्यादि के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त व्यक्तियों का मनोनयन, आपातकालीन उपबंध. (4) ऑस्ट्रेलिया: प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची का प्रावधान, केंद्र एवं राज्य के बीच संबंध तथा शक्तियों का विभाजन. (5) जर्मनी: आपातकाल के प्रवर्तन के दौरान राष्ट्रपति को मौलिक अधिकार संबंधी शक्तियां. (6) कनाडा: संघात्मक विशेषताएं अवशिष्ट शक्तियां केंद्र के पास. (7) दक्षिण अफ्रीका: संविधान संशोधन की प्रक्रिया प्रावधान. (8) रूस: मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान. (9) जापान: विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया. नोट: भारतीय संविधान के अनेक देशी और विदेशी स्त्रोत हैं, लेकिन भारतीय संविधान पर सबसे अधिक प्रभाव 'भारतीय शासन अधिनियम: 1935 का है. भारतीय संविधान के 395 अनुच्छेदों में से लगभग 250 अनुच्छेद ऐसे हैं, जो 1935 ई० के अधिनियम से या तो शब्दश: लिए गए हैं या फिर उनमें बहुत थोड़ा परिवर्तन किया गया है. भारतीय संविधान में अमेरिका से क्या लिया गया है?1. संयुक्त राज्य अमेरिका से मौलिक अधिकार, निर्वाचित राष्ट्रपति और उस पर महाभियोग, उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात, न्यायपालिका की स्वतंत्रता को संयुक्त राज्य अमेरिका से लिया गया है।
भारतीय संविधान की कौन सी विशेषताएं अमेरिका से ली गई है?मौलिक अधिकार:
मौलिक अधिकारों का वर्णन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12-35, भाग III में किया गया है। यह अमेरिका के संविधान से ली गई विशेषता है। संपत्ति के अधिकार (अनुच्छेद 31) को 44वें संशोधन अधिनियम (1978) द्वारा मौलिक अधिकारों की सूची से हटा दिया गया था।
भारत के संविधान पर अमेरिका के संविधान का क्या प्रभाव पड़ा है?Answer: 1791 ई. में पहला संविधान संशोधन करके बिल ऑफ राइट्स ('Bill of Rights) को मौलिक अधिकार के रूप में शामिल किया गया। इसके तहत् संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिकों को वाणी की, पे्रस की, धर्म की, याचिका की, सभा-सम्मेलन करने की स्वतंत्रता की गारंटी दी गई।
भारतीय संविधान और अमेरिकी संविधान में क्या अंतर है?अमेरिका का संविधान बहुत ही सटीक और दृढ़ है जो केवल कुछ पन्नो तक ही सिमित है , जबकि भारत का संविधान बहुत बड़ा है जिसमें XXII भाग, 395 आर्टिकल और 12 अनुसूचियां (शेड्यूल) हैं। क्योंकि अमेरिकी संविधान बहुत दृढ़ है, इसलिए संविधान में संशोधन के प्रावधान भी बहुत दृढ़ और अधिक औपचारिक (फॉर्मल) भी।
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