कुछ ही साल पहले की बात है जब 2018 में नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अमेरिका को चैलेंज देते हुए कहा था कि उनका हाथ हमेशा न्यूक्लियर बटन पर रहता है। इसके जवाब में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पलटवार करते हुए कहा था उनका न्यूक्लियर बटन भी काम करता है और कहीं अधिक पावरफुल है। इन दो देशों के बीच तनातनी को देख ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि कहीं यह लड़ाई बड़ा रूप न अख्तियार कर ले। तीन साल बाद एक बार फिर न्यूक्लियर पावर को लेकर कई तरह की आशंका जताई जा रही है। इन सबके बीच यूएन चीफ की ओर सीटीबीटी यानी कॉम्प्रिहेंसिव टेस्ट बैन ट्रीटी (व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि) पर हस्ताक्षर करने की बात कही जाती है। चीन की ओर से आई परेशान करने वाली खबर पिछले कुछ समय से भारत और चीन के बीच रिश्ते ठीक नहीं है और सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। इन सबके बीच पिछले दिनों खबर आई कि चीन की ओर से वहां के यूमेन शहर के पास सैकड़ों मिसाइल रखने के ठिकाने बनाए जा रहे हैं। इन ठिकानों का इस्तेमाल तरल ईंधन वाली मिसाइलों को रखने के लिए किया जाना है। पिछले कुछ समय से तनातनी का जो माहौल है उसमें यह खबर परेशान करने वाली है। Vice Army Chief: 'अगर भारत आर्म्ड फोर्सेज में निवेश नहीं करता तो हम गलवान हार जाते', वाइस आर्मी चीफ ने कही ये बड़ी बातें Show परमाणु हथियारों पर संयुक्त राष्ट्र की अपील, भारत का जवाब AUKUS Pact : चीन की हरकतों पर अंकुश लगाने की तैयारी, समझिए ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बी मिलना कैसे भारत के लिए है गुड न्यूज Explained: ऑस्ट्रेलिया के परमाणु पनडुब्बी डील को लेकर अमेरिका पर आखिर इतना क्यों भड़का है फ्रांस? जानें, पूरी कहानी क्या है सीटीबीटी और भारत ने क्यों नहीं किया इस पर हस्ताक्षर AUKUS: ऑस्ट्रेलियाई परमाणु पनडुब्बी डील से बौखलाया चीन, कहा- परमाणु हमले की करनी होगी तैयारी उसके बाद 1963 में पार्शियल न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रीटी पेश (पीटीबीटी) पेश की गई। मगर आशा के अनुरूप परिणाम नहीं आने पर भारत ने 1968 में नॉन प्रॉलिफरेशन ट्रीटी का बहिष्कार कर दिया। भारत का यह मानना है कि इस संधि के बिंदु परमाणु संपन्नता को लेकर देशों के बीच भेदभाव करने वाले हैं। यही वजह है कि भारत ने अभी तक सीटीबीटी पर हस्ताक्षर नहीं किया है। क्यों भारत सीटीबीटी पर हस्ताक्षर करने के लिए मना कर दिया है?भारत का यह मानना है कि इस संधि के बिंदु परमाणु संपन्नता को लेकर देशों के बीच भेदभाव करने वाले हैं। यही वजह है कि भारत ने अभी तक सीटीबीटी पर हस्ताक्षर नहीं किया है।
कितने देश सीटीबीटी पर हस्ताक्षर कर चुके हैं?यह संधि 24 सितंबर 1996 को अस्तित्व में आयी। उस समय इस पर ७१ देशों ने हस्ताक्षर किया था। अब तक इस पर १७८ देशों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। भारत और पाकिस्तान ने सीटीबीटी पर अब तक हस्ताक्षर नहीं किया है।
1995 में व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि पर भारत का रुख क्या था?Detailed Solution. सही उत्तर भारत ने इस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है। भारत ने 1995 में व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर कब हुआ?परिचय: NPT एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिसका उद्देश्य परमाणु हथियार और हथियार प्रौद्योगिकी के प्रसार को रोकना, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना और निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को आगे बढ़ाना है। इस पर वर्ष 1968 में हस्ताक्षर किया गया था और यह वर्ष 1970 से प्रवर्तित हुआ।
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