भारत में हरित क्रांन्ति की शुरुआत सन १९६६-६७ से हुई। हरित क्रांन्ति प्रारम्भ करने का श्रेय नोबल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर नारमन बोरलॉग को जाता हैं। हरित क्रांन्ति से अभिप्राय देश के सिंचित एवं असिंचित कृषि क्षेत्रों में अधिक उपज देने वाले संकर तथा बौने बीजों के उपयोग से फसल उत्पादन में वृद्धि करना हैं। Show अनुक्रम
हरित क्रांन्ति के चरण[संपादित करें]
हरित क्रांन्ति की विशेषताएं[संपादित करें]
हरित क्रांन्ति का फसलों पर प्रभाव[संपादित करें]
हरित क्रांन्ति से प्रभावित राज्य[संपादित करें]
वाह्य सूत्र[संपादित करें]
हेलो फ्रेंड प्रश्न है भारत में हरित क्रांति लाने का श्रेय जाता है दीदी पॉल नॉर्मन बोरलॉग एमएस स्वामीनाथन कैसी मेहता तो देखें भारत में हरित क्रांति हरित क्रांति संबंधित होती है किससे कृषि से किससे संबंधित होती है कृषि से संबंधित होती है हमारी हरित क्रांति क्या संबंधित है हरित क्रांति तो हरित क्रांति कृषि से इस तरीके से संबंध है कि अच्छे किस्म अच्छे किस्म के बीजों का उत्पादन ठीक है जो कि उच्च उत्पादकता दे उच्च उत्पादकता जिनकी हो उच्च उत्पादकता दिन की हो ठीक है इस तरीके के बीजों का विकास करना ठीक है और इस तरीके के संकर बीज उत्पन्न करना इस क्रांति के अंतर्गत आता था और इस क्रांति के जनक माने जाते हैं एमएस स्वामीनाथन कौन एम एस स्वामीनाथन ठीक है एम एस स्वामीनाथन क्या माने जाते हैं यह एक अनुवांशिक विज्ञानी है और इन्हें हरित क्रांति का जनक माना जाता है जिन्होंने 1933 में मेक्सिको के अंदर यह प्रयोग अपने किए थे कहां पर हो कि उन्होंने पहले मेक्सिको में प्रयोग किया इसमें उन्होंने शंकर भी विकसित किया और फिर उन्होंने भारत में भी हरित क्रांति का उन्होंने क्या किया विकास किया तो पहला एबीपी पोल उन्होंने कार्य नहीं किया नहीं नॉर्मन बोरलॉग में यह कार्य क्या में स्वामीनाथन इसलिए राइट होकर कैसे मेहता भी सही नहीं है तुम्हारा राइट आंसर कौन सा जाता ऑप्शन सी वाला आशा करते आपको प्रश्न का उत्तर समझ आया का वीडियो को देखने के लिए धन्यवाद यहां पर एक प्रश्न दे रखा है भारत में हरित क्रांति तो नोट लगेंगे हरित क्रांति के बारे में यहां पर हमें बताना हरित क्रांति थी उसको 9669 26 27 में क्या किया गया था लागू किया गया था देश में ठीक है अब यह जो हल्का की थी इसके अंतर्गत क्या आता था हम यहां पर देखते हैं कि हरित क्रांति देश में उत्पादन हरित क्रांति जो थी वह देश में उत्पादन उत्पादन क्षमता उत्पादन क्षमता बढ़ाने हेतु बढ़ाने हेतु lagu-lagu एक क्या थी नीति थी लागू एक नहीं दी थी जिसके अंतर्गत हमने देखा कि क्या किया गया था जिसके अंदर गाना जो गाने अनाज उगाने के लिए अनाज उगाने के लिए क्या किया गया था प्रयोग तुझे पारंपरिक देश के स्थान पर प्रयुक्त पारंपरिक यहां मिलते हैं पारंपरिक बीजों के सांसदों के स्थान पर विजय के स्थान पर क्या किया गया था संस्कृत विजय शंकर से फसल रे डीजे निर्मल किए गए थे संकर किस्मों का संस्कृत इस मकान की संकर किस्मों के बीजों का प्रयोग प्रयोग किया कर दिया गया था प्रयोग को क्या कर दिया गया था बढ़ावा दिया गया था ठीक है यानी कि संस्कृत के थे उनके प्रयोग किया था बढ़ावा दिया गया था क्या हुआ था कि जो उसका वैज्ञानिक थे इन्होंने फसलों के फसलों के संक्षिप्त रूप संस्कृत रूप से किए गए थे यार किए रहते तैयार किए थे जो कि कैसे थे जो कैसे इतना शक यानी कि नाशक कीटनाशक यानी कि यह कहते हैं कि विरोधी थे या कीटनाशक के रूप में इनको प्रयोग किया गया एवं यह कैसे थे उत्पादन क्षमता बढ़ाने में उत्पादन यहां पर लिखते हैं उत्पादन बढ़ाने में क्या-क्या समर्थक बढ़ाने में समर्थ समर्थ समर्थ समर्थ थे पंकज कश्मीर की संस्कृत रूप तैयार किए गए थे फसलों के क्या लाभ है यह कीटनाशकों और कैसे उत्पादन देते थे ठीक है यहां पर हमने देखा कि इसके फलस्वरूप क्या हुआ इसके लाभ क्या हुआ इसके लाभ क्या हुए इसके नाम से क्या हुआ 1968 में गेहूं का उत्पादन गेहूं का उत्पादन था 117 लक्षण बढ़ गया लाख बढ़ाया अनाजों की संख्या हुई उत्पादन संख्या वृद्धि हुई हरित क्रांति के फलस्वरूप इसके अंतर्गत हरित क्रांति के अंतर्गत मशीनों का उपयोग मशीनों का उपयोग को बढ़ावा मिला ठीक है मशीनों के उपयोग को बढ़ावा मिला इसके अलावा हमने देखा इसमें कीटनाशकों का विक्रम बढ़ाना कीटनाशकों को किया गया बढ़ावा दिया गया और संकरित फसलों को उगाने के लिए बढ़ावा दिया गया था इसके अंतर्गत से क्या हुआ उत्पादन क्षमता अक्षमता में अनाजों की उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी हुई जैसे संस्कृत फसलें यहां पर कुछ एग्जांपल देखिए गेहूं की फसलें कौन-कौन सी बनाई गई गेहूं की संघर्ष असली बनाएंगे एंड यहां पर कल्याण कल्याण सोना सोनालिका सोनालिका यह क्या थी इसकी शंकर सोच लेती इसी तरह मक्के की बनाई गई मक्के की संकेश्वर से बनाई गई कि संघर्ष गंगा गंगा सफेद दो गंगा पार गंगा पार की थी मक्के की फसल तैयार की गई थी जो कि अधिक उत्पादन क्षमता रखती थी इसी तरह हम देखते हैं कि चावल की जो नहीं थी यानी कि जो अनाज से सारे उनकी किसने बनाएगी इसमें क्या थी पंकज जया यह फसने बनाई गई थी क्या से क्या हुआ की उत्पादन क्षमता आती है ना गति बढ़ गई अब इसका श्रेय किसको जाता है यहां पर लिखते हैं स्वामी स्वामी नाथन यह जो वैज्ञानिक थे इनको है जिन्होंने हरित क्रांति को क्या दिया बढ़ावा दिया था ठीक है क्योंकि हमने देखा तो देश आजाद हुआ जान कि स्वतंत्र और उसके बाद यहां पर क्या होते अकाल की स्थिति पैदा हो गई थी जो उत्पादन चलता है ना क्यों बहुत कम हो गई जिसके कारण जो वैज्ञानिकों ने शोध एवं नई संस्कृत फसलों का निर्माण किया उनको उपयोग में लाया जिसे हम कहते हैं सहित क्रांति धन्यवाद |