भारत के बारे में अच्छी बातें

भारत के सिद्ध पुरुष : दुनिया के अन्य किसी देश में नहीं सिर्फ भारत में ही पैदा क्यों होते हैं सिद्ध पुरुष। भारत में आकर ही लोगों को ज्ञान और मोक्ष का मार्ग नजर आता है। जब हम भारत की बात करते हैं तो इसका मतलब है अखंड भारत। लोगों को यहीं पर आकर शांति और ज्ञान का अनुभव होता है।

भारत में ध्यान, योग और अध्यात्म विद्या सीखने के लिए अन्य देशों की अपेक्षा उचित वातावरण है। यहां एक ओर जहां हिमालय है, तो वहीं दूसरे छोर पर समुद्र। एक ओर जहां रेगिस्तान है, तो दूसरे छोर पर घने जंगल और ऊंचे-ऊंचे पहाड़। 

इसके अलावा कई प्राचीन आश्रम, गुफाएं और पहाड़ हैं, जहां जाकर तपस्या की जा सकती है या ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। अध्यात्म की इसी तलाश के लिए हजारों विदेशी यहां आकर भारत के वातावरण से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। 

भारत में बहुत सारी प्राचीन गुफाएं हैं, जैसे बाघ की गुफाएं, अजंता-एलोरा की गुफाएं, एलीफेंटा की गुफाएं और भीमबेटका की गुफाएं। अखंड भारत की बात करें तो अफगानिस्तान के बामियान की गुफाओं को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। भीमबेटका में 750 गुफाएं हैं जिनमें 500 गुफाओं में शैलचित्र बने हैं। यहां की सबसे प्राचीन चित्रकारी को कुछ इतिहासकार 35,000 वर्ष पुरानी मानते हैं, तो कुछ 12,000 साल पुरानी।

मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित पुरा-पाषाणिक भीमबेटका की गुफाएं भोपाल से 46 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। ये विंध्य पर्वतमालाओं से घिरी हुई हैं। भीमबेटका मध्यभारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विंध्याचल की पहाड़ियों के निचले हिस्से पर स्थित है। पूर्व पाषाणकाल से मध्य पाषाणकाल तक यह स्थान मानव गतिविधियों का केंद्र रहा।

भारत में एक से बढ़कर एक दार्शनिक हुए हैं। जैसे कपिल, कणाद, गौतम, जैमिनि, व्यास, पतंजलि, बृहस्पति, अष्टावक्र, शंकराचार्य आदि जैसे महान दार्शनिक और संत हुए हैं वहीं गोरखनाथ, मत्स्येंद्र नाथ, जालंधर, गोगादेव, झुलेलाल, तेजाजी महाराज, संत नामदेव, संत ज्ञानेश्वर, रामानंद, कबीर, पीपा, रामसापीर बाबा रामदेव, पाबूजी, मेहाजी मांगलिया, हड़बू, रैदास, मीराबाई, गुरुनानक, धन्ना, तुलसीदास, दादू दयाल, मलूकदास, पलटू, चरणदास, सहजोबाई, दयाबाई, एकनाथ, तुकाराम, समर्थ रामदास, भीखा, वल्लभाचार्य, चैतन्य महाप्रभु, विट्ठलनाथ, संत सिंगाजी, हितहरिवंश, गुरु गोविंदसिंह, हरिदास, दूलनदास, महामति प्राणनाथ, शिरडी के साई बाबा, शैगांव के गजानन महाराज, रामकृष्‍ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, मेहर बाबा, दादा धूनी वाले, लाहड़ी महाशय, शीलनाथ बाबा, महर्षि अरविन्द, जे कृष्णमूर्ति, ओशो रजनीश, स्वामी प्रभुपाद, दयानंद सरस्वती, महर्षि महेश योगी, एनी बिसेंट, आनंद मूर्ति, दादा लेखराज, श्रीशिव दयाल सिंह, श्रीराम शर्मा आचार्य, देवहरा बाबा, नीम करौली बाबा आदि ऐसे हजारों साधु और संत हैं जिनके कारण दुनियाभार में भारत के प्रति लोगों में प्रेम है।

अगले पन्ने पर दसवीं महान बात....

हम अपने भारतीय होने पर बहुत गर्व महसूस करते हैं. लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं, जिनके होते हुए हमें इस युक्ति, यानि, “गर्व से कहो हम भारतीय हैं” (I am proud of my India), को कहते हुए शंका या शर्मिंदगी महसूस हो सकती है.

जैसे कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, भारत के बारे में भी कई बहुत अच्छी और कई अत्यधिक बुरी बातें हैं. ये हैं, भारत के बारे में 10 सबसे बुरी बातें, जिनके होते हुए हमारे “I am proud of my India” कहने में कोई समझदारी नहीं दिखती. अच्छा हैं कि हम इन समस्याओं के समाधान में कुछ सहयोग करें, जिससे हम देर-सवेर अपने देश पर गर्व कर सकें.

भारत के बारे में अच्छी बातें

1भारत एक पुरुष प्रधान देश

भारत पुरुष प्रधान देशों में से एक है. भारत में पुरुषों को औरतों से ज्यादा सम्मान व प्राथमिकता दी जाती है. भारत में ज्यादातर लोग औरतों को “वस्तु” के रूप में देखते हैं. यहां औरतों को घरों में ऐसा सिखाया जाता है कि उनके जीवन का मुख्य लक्ष्य शादी करना, बच्चे पैदा करना और पति पक्ष की सेवा करना ही है. लड़कियों को बोझ माना जाता है और भारत में भ्रूण हत्या की समस्या आम है. जिसमें लड़कियों को जन्म लेने से पहले ही गर्भ में मार दिया जाता है.

2जाति पर विभाजित समाज

भारत एक जातियों और धर्मों में बंटा हुआ देश है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ हिन्दू धर्म में ही यह समस्या है, बल्कि यह समस्या भारत के हर धर्म में है. लोगों को अलग-2 जातियों में विभाजित किया गया है. आश्चर्यजनक रूप से “ऊंची” जाति मान-सम्मान और आदर की भावना पैदा करती है और “नीची” जाती वालों को हीनता और “दया-भावना” की नज़रों से देखा जाता है. जाति के नाम पर छुआछूत और सामाजिक बहिष्कार आज के समाज में भी मौजूद हैं.

3राजनीति, धर्म और कानून तीनों का मिश्रित देश

भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, लेकिन यहां धर्म निरपेक्षता कहीं भी नहीं दिखायी देती. भारत में जातियों के आधार पर वोट बैंक की राजनीति होती है. यहां पर नेता लोगों की धर्म के नाम पर आपस में लड़ाई करवाते हैं और लोग भी आँखों पर पट्टी बांधकर इस तमाशे का हिस्सा बनते हैं. भारत के संविधान में धर्म निरपेक्षता के नाम पर सभी कानून बने हुए हैं. लेकिन उन नियमों की कोई पालना नहीं करता. पूरे विश्व में सिर्फ भारत ही ऐसा अदभुत देश है, जहाँ लोगों को आज भी धर्म और जाति के आधार पर आरक्षण दिया जाता है.

4बुनियादी ढांचे की कमी

भारत की विकास दर तो हर वर्ष बढ़ रही है, लेकिन उसका असर यहां पर कहीं भी नहीं दिख रहा. क्योंकि यहां का साधारण बुनियादी ढांचा बहुत कमज़ोर है. भारत बुनियादी ढांचे में दक्षिण एशिया देशों में सिर्फ पाकिस्तान से ही बेहतर है.

5अंधविश्वास की समस्या

भारत अंधविश्वास की समस्या से बुरी तरह लिप्त है. यहां पर कई लोग सारी उम्र सिर्फ इसीलिए कोई काम-काज शुरू करते है, क्योंकि उनको ज्योतिषी द्वारा बहका दिया जाता है. भारत में ज्यादातर लोग अपने से ज्यादा, ग्रह, नक्षत्र, भाग्य, वास्तु और ज्योतिष पर विश्वास करते हैं. व्यावहारिक मेल-मिलाप और प्रेम-दयाभाव को छोड़ कर लोग दिखावी पूजा-पाठ और तीर्थ-पर्यटन में जिन्दगी बिता देते हैं.

6नौकरशाही बाधाएं

भारत में आम आदमी को एक छोटा सा व्यापार चलाने के लिए भी बहुत सी प्रशासनिक समस्याओं और औपचारिकताओं का सामना करना पढ़ता है. अपना अधिकार पाने के लिए अधिकारियों को खुश करना पड़ता है. शायद यह कभी ना खत्म होने वाली समस्या है. भारत में भ्रष्टाचार ही बड़ी समस्या नहीं है, जो भारत को आगे बढ़ने से रोकती है.

7उदासीन मीडिया

भारतीय मीडिया गरीबों को ज्यादा तवज्जो नहीं देता, वह अपना ज्यादातर ध्यान मिडिल क्लास और अप्पर-मिडिल क्लास के लोगों पर लगाता है. भारतीय मीडिया द्वारा ज्यदातर दिखाई जाने वाली खबरें एक तरफा ही होती हैं, वह खबर का दूसरा पहलू कभी नहीं दिखाते.

8आदिवासियों के प्रति अलगाव की भावना

भारत में आदिवासियों के प्रति अलगाव की भावना है. भारत में आदिवासियों से उनकी जमीनें जबरन छीन ली जाती हैं और फिर वहां पर कोले की खदानें बनायी जाती हैं. भारत में सिर्फ मिडिल क्लास और अमीर लोगों की सुनी जाती है. जबकि इस अत्याचार का शिकार हुए गरीबों की कोई भी नहीं सुनता और उनको सारी उम्र उनका हक नहीं मिलता.

9सरकार को ही हर बात के लिए जिम्मेदार ठहराना

भारत में लोग हर समस्या का दोष सिर्फ सरकार पर ही लगाना पसंद करते हैं. वह अक्सर यह भूल जाते हैं कि सत्ता में आयी सरकार उनके द्वारा ही चुनी गयी है. लोगों द्वारा मुद्रास्फीति का दोष सीधे तौर पर सरकार पर लगाया जाता है. भारतीयों को सब कुछ अच्छा चाहिए, लेकिन वह सरकार को टैक्स नहीं देना चाहते.

भारत में भ्रष्टाचार की समस्या कोई नई समस्या नहीं है. यह दिन पर दिन बढती जा रही है. यहां पर नेताओं से लेकर सरकारी नौकरशाही तक भ्रष्ट हैं. यह समस्या बहुत भयंकर है और भारत की तरक्की के रास्ते में सबसे बढ़ा पत्थर भी है. भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली बहुत समस्याएं हैं, जो भारत को आगे नहीं बढ़ने दे रहीं.

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भारत की सबसे खास बात क्या है?

यह संस्कृति पूरी दुनिया में कहीं नहीं। 2 अनेकता में एकता - हां, भारत की सबसे बड़ी विशेषता यह तो है, कि इस यहां हर धर्म, जाति, वर्ग, संप्रदाय और पंथ को मानने वाले लोग एक साथ मिल-जुलकर रहते हैं। साथ मिलकर त्योहार मनाते हैं और एक दूसरे की संस्कृति का सम्मान करते हैं।

भारत क्यों प्रसिद्ध है?

दुष्यन्त-शकुन्तला पुत्र भरत महर्षि विश्वामित्र और अप्सरा मेनका की बेटी शकुन्तला और पुरुवंशी राजा दुष्यन्त के बीच गान्धर्व विवाह होता है. इन दोनों के पुत्र का नाम भरत हुआ. ऋषि कण्व ने आशीर्वाद दिया कि भरत आगे चलकर चक्रवर्ती सम्राट बनेंगे और उनके नाम पर इस भूखण्ड का नाम भारत प्रसिद्ध होगा.