प्रस्तुत एकांकी बहू
की विदा श्री विनोद रस्तोगी द्वारा रचित है। इस एकांकी के माध्यम से लेखक ने हमारे समाज में व्याप्त दहेज की समस्या को दर्शाया है। राजेश्वरीराजेश्वरी जीवनलाल की पत्नी है | उसका स्वभाव अपने पति से सर्वथा भिन्न है | जहाँ जीवनलाल जिद्दी स्वभाव के अभिमानी और कठोर प्रवृत्ति के हैं | वहीं उनकी पत्नी राजेश्वरी धैर्यवान और ममता की मूर्ति है | वह बहू की विदाई के दिन अपने पति को बार-बार समझा रही थी परंतु पति की ज़िद के आगे उसकी एक न चली वह अपनी बहू से अत्यधिक स्नेह करती है | इसलिए प्रमोद को अपने पति से छुपा कर अपनी ओर से पाँच हजार रुपये देना चाहती है जिससे बहू की विदाई खुशी-खुशी हो जाए और उसके पति की बात भी रह जाए | वह एक माँ के हृदय की पीड़ा को समझती है क्योंकि वह भी एक माँ है जिसे अपनी बेटी गौरी के आने की प्रतीक्षा है | बहू की विदाई भली प्रकार हो जाए यही उसकी कामना है | प्रमोदप्रमोद कमला का भाई है | उसकी आयु 23 वर्ष है | वह पहले सावन पर अपनी बहन को ससुराल से लेने के लिए आता है | परंतु जीवनलाल दहेज कम दिए जाने के कारण कमला को विदा करने से इंकार कर देता है | जब जीवान लाला अत्यंत कटु वचन कहकर उसे आघात पहुँचाता है, तब भी वह संयम रखता है और चुप रहता है | वह अत्यंत व्यवहार कुशलता का परिचय देते हुए जीवनलाल को कमला के गौने पर सभी इच्छाएँ पूरी करने का आश्वासन देता है परंतु जीवनलाल टस से मस नहीं होता | वह अपनी बहन को भी सांत्वना देता है तथा अगली बार जीवनलाल की चोट के मरहम के साथ आने का वादा करता है | अवतरण संबंधित प्रश्न उत्तर(क) ” अगर तुम्हारी सामर्थ्य कम थी, तो अपनी बराबरी का घर देखते। झोंपड़ी में रहकर महल से नाता क्यों जोड़ा ? “ i) वक्ता और श्रोता कौन हैं ? वक्ता ने उपर्युक्त कथन श्रोता की किस बात के उत्तर में कहा है ? उत्तर – वक्ता जीवन लाल है और श्रोता है-प्रमोद। जीवन लाल प्रमोद से कहता है कि यदि उसे अपनी बहन विदा करानी थी तो दहेज़ | क्यों नहीं दिया ? प्रमोद ने जब यह कहा कि अपनी सामर्थ्य के अनुसार जितना हो सका, उतना हमने दिया, तो प्रमोद की यह बात सुनकर जीवन लाल ने उपर्युक्त कथन कहा। (ii) ‘झोंपड़ी’ और ‘महल’ शब्दों द्वारा किस-किस की ओर संकेत किया गया है ? जीवन लाल ने अपने किए अपमान का उल्लेख कैसे किया ? उत्तर – झोंपड़ी’ कहकर जीवन लाल ने प्रमोद पर व्यंग्य किया है। ‘महल’ शब्द का प्रयोग हैसियत वालों के लिए किया गया है। जीवन लाल के अनुसार जो लोग सामर्थ्यवान नहीं हैं, उन्हें सामर्थ्यवान लोगों से रिश्ता जोड़ने का सपना नहीं देखना चाहिए। (iii) प्रमोद कौन था ? वह किसे विदा कराना चाहता था और क्यों ? उत्तर – प्रमोद, कमला का भाई है। उसकी अवस्था 23 वर्ष है। वह अपनी बहन, जो जीवन लाल के बेटे की पत्नी है, को विदा कराने आया था क्योंकि हर लड़की का सपना होता है कि विवाह के बाद पहला सावन अपने माता-पिता के यहाँ बिताए । (iv) जीवन लाल ने बहू की विदा कराने के लिए क्या शर्त रखी ? उसका परिचय दीजिए । उत्तर – जीवन लाल बहुत लोभी व्यक्ति था। वह दहेज का लोभी था। उसने अपनी बहू कमला को उसके भाई प्रमोद के साथ विदा कराने के लिए पाँच हज़ार रुपये की माँग की जिसके अभाव में विदा कराना असंभव बताया | (ख) रोओ मत, मैं कहता हूँ रोओ मत। इन मोतियों का मूल्य समझने वाला यहाँ कोई नहीं है। पानी से पत्थर नहीं पिघल सकता। (i) रोने वाला कौन था ? उसके रोने का कारण स्पष्ट करते हुए, उसका परिचय दीजिए। उत्तर – रोने वाली प्रमोद की बहन कमला थी। प्रमोद अपनी बहन को विदा कराने के लिए जीवन लाल जी के यहाँ आया था जिससे कि वह पहला सावन अपने माता-पिता के घर बिता सके परंतु दहेज का लोभी जीवन लाल अपनी बहू को दहेज़ के रूप में पाँच हजार रुपये दिए बिना विदा नहीं करना चाहता था। (ii) वक्ता उसे किस प्रकार सांत्वना देता है और समस्या का हल किस प्रकार निकालने की बात कहता है ? उत्तर – प्रमोद ने अपनी बहन को सांत्वना देते हुए कहता है कि वह शीघ्र ही जीवन लाल जी के लिए घाव के मरहम के रूप में पाँच हज़ार रुपये लेकर फिर आएगा और अपनी बहन को विदा कराकर ले जाएगा। इसके लिए वह अपना घर बेच देगा | (iii) वक्ता की बात सुनकर श्रोता उसे ऐसा करने से रोकते हुए क्या कहता है ? उत्तर – प्रमोद की बहन ने जब यह सुना कि उसका भाई मेरे ससुर जीवन लाल को पाँच हज़ार रुपये देने के लिए अपना घर बेचने की योजना बना रहा है तो उसने उसे ऐसा न करने को कहा क्योंकि एक छोटी-सी इच्छा पूरी करने के लिए इतनी बड़ी रकम चुकाना उचित नहीं। साथ ही साल दो साल में विमला का विवाह भी करना होगा, तब भी रुपयों की आवश्यकता पड़ेगी। (iv) जीवन लाल की पत्नी ने समस्या का क्या हल सुझाया ? उत्तर – जीवन लाल की पत्नी राजेश्वरी ने जब यह सुना कि उसके पति कमला को विदा करने के बदले पाँच हज़ार रुपये माँग रहे हैं. तो वह बोली कि वह अपने पति को भली-भाँति जानती है, वे अपनी जिद्द के आगे किसी की नहीं सुनते। जब प्रमोद ने उन्हें बताया कि वे पाँच हजार रुपये की माँग कर रहे हैं, तो वह अपनी ओर से पाँच हज़ार रुपये देने का प्रस्ताव रखती है, पर कमला और प्रमोद दोनों इस. प्रस्ताव के लिए राजी नहीं हैं। बहू की विदा के लेखक कौन है?प्रस्तुत एकांकी बहू की विदा श्री विनोद रस्तोगी द्वारा रचित है। इस एकांकी के माध्यम से लेखक ने हमारे समाज में व्याप्त दहेज की समस्या को दर्शाया है। इस एकांकी में कुल पाँच पात्र हैं- जीवन लाल, उनकी पत्नी राजेश्वरी, उनका बेटा रमेश, बहू कमला और प्रमोद जो कमला का भाई है।
बहु की विदा पाठ हिंदी साहित्य की कौन सी विधा है?Explanation: बहू की विदा एकांकी का सारांश - बहू की विदा नामक एकांकी विनोद रस्तोगी जी द्वारा लिखी गयी है . प्रस्तुत एकांकी में एक्कंकिकार ने समाज में व्याप्त दहेज़ की समस्या का सजीव चित्रण किया है . एकांकी में एक धनी व्यापारी जीवनलाल अपनी बहु कमला को पहला सावन बिताने के लिए उसके मायके भेजने से साफ़ इनकार कर देते है .
राजेश्वरी की उम्र क्या थी?तेलंगाना: दिव्यांग कवयित्री बूरा राजेश्वरी का 42 साल की उम्र में निधन हो गया
जीवन लाल की पत्नी का क्या नाम था?उत्तर . राजेश्वरी जीवनलाल की पत्नी थी । प्रश्न ३.
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