Show Course NCERT Class 12Class 11Class 10Class 9Class 8Class 7Class 6 IIT JEE Exam JEE MAINSJEE ADVANCEDX BOARDSXII BOARDS NEET Neet Previous Year (Year Wise)Physics Previous YearChemistry Previous YearBiology Previous YearNeet All Sample PapersSample Papers BiologySample Papers PhysicsSample Papers Chemistry Download PDF's Class 12Class 11Class 10Class 9Class 8Class 7Class 6 Exam CornerOnline ClassQuizAsk Doubt on WhatsappSearch DoubtnutEnglish DictionaryToppers TalkBlogJEE Crash CourseAbout UsCareerDownloadGet AppTechnothlon-2019 Logout Login Register now for special offers +91 Home > English > Class 11 > Hindi > Chapter > Hindi (Core) > 'अंधेपन की भाप' में कौन-सा अलं... Text Solution उत्प्रेक्षाउपमारूपकअतिशयोक्ति Answer : C
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20.2 K 18.7 K 3:36 `SO_(2)` की विरंजक क्रिया का कारण इसकी `............प्रकृति है। 58124220 31.0 K 13.9 K 1:57 किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक `0.3xx10^(-4)" वेबर/मी"^(2)` तथा उर्ध्व घटक `3sqrt(3) xx 10^(-5) `" वेबर/मी"^(2)` है | नति कोण का मान ज्ञात कीजिए | Show More Comments Add a public comment... Follow Us: Popular Chapters by Class: Class 6 AlgebraBasic Geometrical IdeasData HandlingDecimalsFractions Class 7 Algebraic ExpressionsComparing QuantitiesCongruence of TrianglesData HandlingExponents and Powers Class 8 Algebraic Expressions and IdentitiesComparing QuantitiesCubes and Cube RootsData HandlingDirect and Inverse Proportions Class 9 Areas of Parallelograms and TrianglesCirclesCoordinate GeometryHerons FormulaIntroduction to Euclids Geometry Class 10 Areas Related to CirclesArithmetic ProgressionsCirclesCoordinate GeometryIntroduction to Trigonometry Class 11 Binomial TheoremComplex Numbers and Quadratic EquationsConic SectionsIntroduction to Three Dimensional GeometryLimits and Derivatives Class 12 Application of DerivativesApplication of IntegralsContinuity and DifferentiabilityDeterminantsDifferential Equations Privacy PolicyTerms And Conditions Disclosure PolicyContact Us Notes For All Chapters Hindi Aroh Class 11 व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न1. मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती कपट
के शर में शब्दार्थ प्रसंग-प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-1 में संकलित कविता ‘सबसे खतरनाक’ से उद्धृत है। इसके रचयिता पंजाबी कवि पाश हैं। पंजाबी भाषा से अनूदित इस कविता में, कवि ने दिनोंदिन अधिकाधिक नृशंस और क्रूर होती जा रही स्थितियों को उसकी विदूपताओं के साथ चित्रित किया है। इस अंश में कवि कुछ खतरनाक स्थितियों के विषय में बता रहा है। व्याख्या-कवि यहाँ उन स्थितियों का वर्णन करता है जो मानव को दुख तो देती हैं, परंतु सबसे खतरनाक नहीं होतीं। वह बताता है कि किसी की मेहनत की कमाई को लूटने की स्थिति सबसे खतरनाक नहीं है, क्योंकि उसे फिर पाया जा सकता है। पुलिस की मार पड़ना भी इतनी खतरनाक नहीं है। किसी के साथ गद्दारी करना अथवा लोभवश रिश्वत देना भी खतरनाक है, परंतु अन्य बातों जितना नहीं। वह कहता है कि किसी दोष के बिना पुलिस द्वारा पकड़े जाने से बुरा लगता है तथा अन्याय को डरकर चुपचाप सहन करना भी बुरी बात है, परंतु यह सबसे खतरनाक स्थिति नहीं है। छल-कपट के महौल में सच्ची बातें छिप जाती हैं, कोई जुगनू की लौ में पढ़ता है अर्थात् साधनहीनता में गुजारा करता है, विवशतावश अन्याय को सहन कर समय गुजार देना आदि बुरी तो है, परंतु सबसे खतरनाक नहीं है। कई बातें ऐसी हैं जो बहुत खतरनाक हैं और उनके परिणाम दूरगामी होते हैं। विशेष- अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न 1. ‘सबसे खतरनाक नहीं होती’-वाक्यांश की आवृत्ति से कवि क्या कहना चाहता है? उत्तर – 2.सबसे खतरनाक होता है । सबसे खतरनाक होता हैं शब्दार्थ प्रसंग-प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-1 में संकलित कविता ‘सबसे खतरनाक’ से उद्धृत है। इसके रचयिता पंजाबी कवि पाश हैं। पंजाबी भाषा से अनूदित इस कविता में, कवि ने दिनोंदिन अधिकाधिक नृशंस और क्रूर होती जा रही स्थितियों को उसकी विदूपताओं के साथ चित्रित किया है। व्याख्या-कवि कहता है कि सबसे खतरनाक स्थिति वह है जब व्यक्ति जीवन के उल्लास व उमंग से मुँह मोड़कर निराशा व अवसाद से घिरकर सन्नाटे में जीने का अभ्यस्त हो जाता है। उसके अंदर कभी न समाप्त होने वाली शांति छा जाती है। वह मूक दर्शक बनकर सब कुछ चुपचाप सहन करता जाता है, ढरें पर आधारित जीवन जीने लगता है। वह घर से काम पर चला जाता है और काम समाप्त करके घर लौट आता है। उसके जीवन का मशीनीकरण हो जाता है। उसके सभी सपने मर जाते हैं और जीवन में कोई नयापन नहीं रह जाता है। उसकी सारी इच्छाएँ समाप्त हो जाती हैं। ये परिस्थितियाँ अत्यंत खतरनाक होती हैं। कवि कहता है कि सबसे खतरनाक दृष्टि वह है जो अपनी कलाई पर बँधी घड़ी को सामने चलता देख कर सोचे कि जीवन स्थिर है; दूसरे शब्दों में, मनुष्य नित्य हो रहे परिवर्तनों के अनुसार स्वयं को नहीं बदलता और न ही स्वयं को बदलना चाहता है। विशेष-1. कवि जीवन में आशा व समयानुसार परिवर्तन की माँग करता है। 2. ‘घड़ी’ में श्लेष अलंकार है। 3. ‘सपनों का मर जाना’ में लाक्षणिकता है। 4. ‘मुर्दा शांति’ से भाव स्पष्ट हो गया है। 5. भाषा व्यंजना प्रधान है। 6. खड़ी बोली है। 7. अनुप्रास अलंकार है।अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न 1. कवि के अनुसार सबसे खतरनाक क्या होता है? उत्तर – 3. सबसे खतरनाक वह आँख होती है जो चीजों से उठती अधेपन की भाप पर दुलक जाती है शब्दार्थ व्याख्या-कवि सामाजिक विदूपताओं का विरोध न करने को खतरनाक मानता है। वह कहता है कि वह आँख बहुत खतरनाक होती है जो अपने सामने हो रहे अन्याय को संवेदनशून्य होकर वैसे देखती रहती है जैसे वह जमी बर्फ हो। जिसकी नजर इस संसार को प्यार से चूमना भूल जाती है अर्थात् जिस नजर से प्रेम व सौंदर्य की भावना समाप्त हो जाती है और हर वस्तु को घृणा से देखती है, वह नजर खतरनाक हो जाती है। ऐसी नजर वस्तु के स्वार्थ के लोभ में अंधी हो जाती है तथा उसे पाने के लिए लालयित हो उठती है, वह खतरनाक होती है। वह जिंदगी जो दैनिक क्रियाकलापों में संवेदनहीनता के साथ भटकती रहती है। जिसका कोई लक्ष्य नहीं है, जो लक्ष्यहीन होकर अपनी दिनचर्या को पूरा करती है, खतरनाक होती है। विशेष- अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न 1. कवि कैसी आँख को खतरनाक मानता है? उत्तर – 4. सबसे खतरनाक वह चाँद होता है वीरान हुए आँगनों में चढ़ता है शब्दार्थ व्याख्या-कवि अपराधीकरण के बारे में बताता है कि वह चाँद सबसे खतरनाक है जो हत्याकांड के बाद उन आँगनों में चढ़ता है जो वीरान हो गए हैं। चाँद सौंदर्य और शांति का परिचायक है, परंतु हत्याकांडों का चश्मदीद गवाह भी है। ऐसे चाँद की चाँदनी लोगों की आँखों में मिर्च की तरह नहीं गड़ती। इसके विपरीत लोग शांति महसूस करते हैं। विशेष– 1. ‘चाँद’ आस्था व शांति का
प्रतीक है। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न 1. ‘चाँद’ किसका प्रतीक है? कवि उसे खतरनाक क्यों मानता है? उत्तर – 5. सबसे खतरनाक वह गीत होता है आतांकित लोगों के दरवाज़ों पर शब्दार्थ व्याख्या-कवि कहता है कि वे गीत सबसे खतरनाक हैं जो मनुष्य के हृदय में शोक की लहर दौड़ाते हैं। वस्तुत: ये गीत मृत्यु पर गाए जाते हैं तथा भयभीत लोगों को और डराते हैं, उन्हें गुंडों की तरह धमकाते हैं तथा अकड़ते हैं। कवि ऐसे गीतों को निरर्थक मानता है, क्योंकि ये प्रतिरोध के भाव को नहीं जगाते। वह कहता है कि जब किसी जीवित आत्मा के आसमान पर निराशा रूपी रात्रि का घना औधेरा छा जाता है और उसमें कोई उत्साह नहीं रह जाता, ऐसी रात बहुत खतरनाक होती है। उसके हर कोने-चौखट पर उल्लू व गीदड़ों की तरह शोक व भय चिपक जाते हैं जो कभी निराशा से उबरने नहीं देते। विशेष- अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न 1. कवि कैसे गीत को खतरनाक मानता है तथा क्यों? उत्तर – 6. सबसे खतरनाक वह दिशा होती है मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती शब्दार्थ व्याख्या-कवि कहता है कि सबसे खतरनाक दिशा वह है जिसमें आत्मा का सूरज डूब जाता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपने अंदर की आवाज को नहीं सुनता। उसकी मुर्दा जैसी स्थिति हमें कहीं कोई प्रभाव छोड़ जाए तो यह स्थिति भी खतरनाक होती है। ऐसे लोगों में धूप की किरणों से आशा उत्पन्न भी हो तो मृतप्राय ही होती है। जो अपने ही शरीर रूपी पूर्व दिशा में चुभकर उसे लहूलुहान करती है। कवि कहना चाहता है कि अन्याय
को सहना ही लोगों ने अपनी नियति मान लिया है। विशेष- अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न 1. कवि ने आत्मा को क्या माना है? उत्तर – काव्य-सौंदर्य संबंधी प्रश्न 1. कपट के शोर में मुट्टियाँ भींचकर बस वक्त निकाल लेना-बुरा तो है प्रश्न उत्तर – 2. सबसे
खतरनाक वह आँख होती है जो चीजों से उठती अधेपन की भाप पर दुलक जाती है प्रश्न उत्तर – 3. सबसे खतरनाक वह दिशा होती है प्रश्न उत्तर – |