पदों या सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह, जिससे वक्ता के कथन का अभीष्ट आशय अर्थ पूर्ण रूप से स्पष्ट होता है, वाक्य कहलाता है। Show
हम यह भी कह सकते हैं: वाक्य के अनिवार्य तत्व[संपादित करें]व्याकरण की दृष्टि से एक शुद्ध वाक्य में निम्नलिखित गुणों का होना आवश्यक है:
वाक्यांश[संपादित करें]शब्दों के ऐसे समूह को जिसका अर्थ तो निकलता है किन्तु पूरा पूरा अर्थ नहीं निकलता, वाक्यांश कहते हैं। उदाहरण - वाक्य के अंग[संपादित करें]वाक्य के दो अंग होते हैं:
वाक्य के भेद[संपादित करें]वाक्य भेद के दो प्रमुख आधार हैं :
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद[संपादित करें]
रचना के आधार पर वाक्य के भेद[संपादित करें]रचना के आधार पर वाक्य के निम्नलिखित तीन भेद होते हैं।
इस वाक्य के चार प्रकार होते हैं:
संदर्भ[संपादित करें]
अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं?ये भाव विधान, निषेध, प्रश्न, विस्मय, आज्ञा, इच्छा, संदेह और संकेत हैं। इन्हीं वाक्य के आठ भावो की दृष्टि पर अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद बताए गए हैं।
अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद हैं class 9?अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं। इनमें से किसी वाक्य को एक भेद से दूसरे भेद में इस तरह बदलना कि वाक्य का कर्ता, क्रिया और कर्म ज्यों का त्यों रहे, वाक्य रूपांतरण कहलाता है।
वाक्य के भेद कौन से हैं?अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद. विधान वाचक वाक्य. निषेधवाचक वाक्य. प्रश्नवाचक वाक्य. विस्म्यादिवाचक वाक्य. आज्ञावाचक वाक्य. इच्छावाचक वाक्य. संकेतवाचक वाक्य. संदेहवाचक वाक्य. |