Show 04 नवंबर 2021 का पंचांग मुख्य बातें
04 November 2021 ka Panchang: आज कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या है। आज दीवाली का पावन पर्व है। आज चित्रा नक्षत्र है। आज गणेश जी की उपासना के साथ लक्ष्मी जी की पूजा भी करें। आज रात्रि में वृष या सिंह लग्न में पूजन करें। रात्रि में माता तारा की उपासना करें। आज दान का बहुत महत्व है। आज विष्णु जी की विधिवत पूजा करें व श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। बजरंगबाण के पाठ करने का अनन्त पुण्य है। आज गुरुवार है। आज गुरु व मंगल के बीज मंत्र के जप का दिवस है। आज चन्द्रमा तुला में है। प्रातःकाल पञ्चाङ्ग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। विजय व गोधुली मुहूर्त भी बहुत ही सुंदर होता है। राहुकाल में कोई भी कार्य या यात्रा आरम्भ नहीं करना चाहिए। आज का पंचांग 04 नवंबर 2021 (Today Panchang)
आज राहुकाल-दोपहर 01:30 बजे से 03 बजे तक। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें। Sarva Pitru Amavasya 2021: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष धार्मिक महत्व माना गया है. पौराणिक शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में पितरों को याद किया जाता है और उनके प्रति श्रद्धा और आदर व्यक्त किया जाता है. पितृ पक्ष में अमावस्या की तिथि को विशेष माना गया है. पंचांग के अनुसार अमावस्या की तिथि कब है, आइए जानते हैं. 5 अक्टूबर से आरंभ होगी अमावस्या तिथि (sarva pitru shubh muhurat) सर्व पितृ अमावस्या पर श्राद्ध का महत्व पितृ विसर्जन Reels > इस दिन भूलकर भी न करें ये काम यह भी पढ़ें: Weekly Horoscope 4 से 10 October 2021: वृष और तुला राशि वाले न करें ये काम, मेष से मीन राशि तक का जानते हैं राशिफल Amavasya 2022 Date And Timing In Hindi इस दिन पूजा जप तप का विधान है। शास्त्रों में निहित है कि अमावस्या के दिन गंगा स्नान कर पूजा करने से व्यक्ति को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। वहीं अमावस्या के दिन दान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। Amavasya 2022 Date And Timing In Hindi: हिंदी पंचांग के अनुसार, हर माह में कृष्ण पक्ष की पाक्षिक यानी चतुर्दशी के एक दिन बाद अमावस्या पड़ती है। इस दिन पूजा, जप, तप का विधान है। शास्त्रों में निहित है कि अमावस्या के दिन गंगा स्नान कर पूजा करने से व्यक्ति को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। वहीं, अमावस्या के दिन दान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। अत: देशभर में श्रद्धालु अमावस्या के दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही तिल तर्पण भी करते हैं। आइए जानते हैं कि साल 2022 में कब-कब अमावस्या है- -पौष अमावस्या रविवार 2 जनवरी, 2022 को है। पौष अमावस्या तिथि 2 जनवरी को देर रात 3 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर 3 जनवरी को सुबह 5 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी। -माघ अमावस्या मंगलवार 1 फरवरी, 2022 को है। माघ अमावस्या तिथि 31 जनवरी को दोपहर में 2 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 1 फरवरी को दिन में 11 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। -फाल्गुन अमावस्या बुधवार 2 मार्च, 2022 को है। फाल्गुन अमावस्या तिथि 2 मार्च को देर रात 1 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 2 मार्च को रात में 11 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगी। -चैत्र अमावस्या शुक्रवार 1 अप्रैल, 2022 को है। चैत्र अमावस्या तिथि 31 मार्च को दोपहर में 12 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 1 अप्रैल को सुबह में 11 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी। -वैशाख अमावस्या शनिवार 30 अप्रैल, 2022 को है। वैशाख अमावस्या तिथि 30 अप्रैल को देर रात 12 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर 1 मई को देर रात 1 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। -ज्येष्ठ अमावस्या सोमवार 30 मई, 2022 को है। ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 29 मई को दोपहर में 2 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर 30 मई को शाम में 5 बजे समाप्त होगी। -आषाढ़ अमावस्या बुधवार 29 जून, 2022 को है। आषाढ़ अमावस्या तिथि 28 जून को सुबह में 5 बजकर 53 मिनट पर शुरू होकर 29 जून को सुबह में 8 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। -सावन अमावस्या गुरुवार 28 जुलाई, 2022 को है। सावन अमावस्या तिथि 27 जुलाई को रात में 9 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर 28 जुलाई को रात में 11 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी। -भाद्रपद अमावस्या शनिवार 27 अगस्त, 2022 को है। भाद्रपद अमावस्या तिथि 26 अगस्त को दोपहर में 12 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 27 अगस्त को दोपहर में 1 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी। -अश्विन अमावस्या रविवार 25 सितंबर, 2022 को है। अश्विन अमावस्या तिथि 25 सितंबर को देर रात 3 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर 26 सितंबर को देर रात 3 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी। -कार्तिक अमावस्या मंगलवार 25 अक्टूबर, 2022 को है। कार्तिक अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम में 5 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 25 अक्टूबर को शाम में 4 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी। -मार्गशीर्ष अमावस्या बुधवार 23 नवंबर, 2022 को है। मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि 23 नवंबर को सुबह में 6 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर 24 नवंबर को सुबह में 4 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। -पौष अमावस्या शुक्रवार 23 दिसंबर, 2022 को है। मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि 22 शाम में 7 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर 23 दिसंबर को दोपहर में 3 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी। डिसक्लेमर 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।' Edited By: Umanath Singh नवंबर महीने की अमावस्या कितने तारीख को है?-मार्गशीर्ष अमावस्या बुधवार 23 नवंबर, 2022 को है। मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि 23 नवंबर को सुबह में 6 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर 24 नवंबर को सुबह में 4 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। -पौष अमावस्या शुक्रवार 23 दिसंबर, 2022 को है।
आज की अमावस्या कितने बजे तक है 2022?सौर आश्विन मास प्रविष्टे 09, सफर 28, हिजरी 1444 (मुस्लिम), तदनुसार अंग्रेजी तारीख 25 सितंबर सन् 2022 ई॰। सूर्य दक्षिणायन दक्षिण गोल, शरद ऋतु। राहुकाल सायं 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक। अमावस्या तिथि अर्धरात्रोत्तर 03 बजकर 25 मिनट तक उपरांत प्रतिपदा तिथि का आरंभ।
दिसंबर माह की अमावस्या कब है?मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अमावस्य तिथि 03 दिसंबर 2021 शाम 04 बजकर 55 मिनट से शुरु होगी और 04 दिसंबर 2021 दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी। अमावस्या तिथि का स्नान-दान 04 दिसंबर को किया जाएगा।
कल अमावस्या कितने बजे से शुरू है?ज्योतिषाचार्य कमल कांत शर्मा ने बताया कि आज सुबह 9 बजकर 47 मिनट पर अमावस्या तिथि का आगमन हो रहा है। जो अगले दिन अर्थात 24 को 11 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। सूर्योदय के समय जो तिथि होती है, उस तिथि के श्राद्ध का महत्व तभी है। जैसे अमावस बुधवार को 11.45 बजे तक है, इसलिए अमावस का श्राद्ध बुधवार को ही किया जाएगा।
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