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दार्जिलिंग
आम की बौछार क्या है?आम्र वृष्टि:-
ग्रीष्म ऋतु के अंत में केरल तथा कर्नाटक के तटीय भागों में मानसून पूर्व की हल्की वर्षा सामान्य बात हे। इनका स्थानीय नाम 'आम्र वृष्टि' आम्र बौछार है। आम के फलों को शीघ्र पकने में सहायक होने के कारण ही इसे यह नाम दिया जाता है।
बिहार में आम की बौछार का समय क्या है?आम्र वर्षा बिहार एवं बंगाल में मार्च - अप्रैल में होने वाली वर्षा है। आमतौर पर भारत में वर्षा जून माह से सितम्बर माह तक होती है।
आम्र वर्षा से आप क्या समझते हैं?आम्र वर्षा आम की फ़सल के लिए काफ़ी उपयोगी है। सम्पूर्ण दक्षिणी पूर्वी एशिया तथा भारत में अप्रॅल तथा मई माह में जो मानसून पूर्व वर्षा होती है, उसे आम्र वर्षा कहते हैं। गर्म पवन तथा आद्र समुद्री पवनों के मिलने से यह वर्षा होती है। ग्रीष्म ऋतु में मानसून के आगमन से पूर्व यह वर्षा होती है।
आम्र बौछार व काल बैसाखी क्या है?ग्रीष्म ऋतु की समाप्ति के समय मानसून पूर्व वर्षा होती है जो केरल और कर्नाटक के तटीय भाग में आम बात है। दक्षिण भारत में इसे आम्र वर्षा (Mango showers) कहा जाता है, क्योंकि ये आमों के जल्दी पकने में मदद करती है। कर्नाटक में इस वर्षा को चेरी ब्लॉरम्स अथवा फूलों की बौछार कहते हैं।
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