15g फ र म क स भर

नई दिल्ली: फॉर्म 15G और 15H भर कर आप इनकम पर टीडीएस कटौती से बच सकते हैं. इन फॉर्म के जरिए कोई शख्स बताता है कि उसकी आय टैक्स के दायरे में नहीं आती है, इसलिए उससे टैक्स न लिया जाए. 15H 60 साल और उससे ऊपर के सीनियर सिटिजन के लिए होता है जबकि 15G अन्य लोग भर सकते हैं. कुछ बैंक अपनी वेबसाइट के जरिये इन फॉर्म को भरने की सुविधा देते हैं. एक साल के लिए ही मान्य हैं ये फॉर्म फॉर्म 15G और 15H एक ही साल के लिए मान्य होता है इसलिए इन फॉर्म को हर वित्त वर्ष की शुरुआत में ही भरना चाहिए. इससे बैंक आपकी ब्याज की आय में टीडीएस की कटौती नहीं करेंगे. इस बार कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से टैक्सपेयर 1 अप्रैल, 2020 को ये फॉर्म नहीं भर पाए होंगे, इसलिए इन्हें भरने की आखिरी तारीख बढ़ा कर अब 30 जून, 2020 कर दी गई है. हालांकि जुलाई के पहले सप्ताह तक ये फॉर्म सबमिट किए जा सकते हैं.

ये भर सकते हैं फॉर्म 15 G -व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार या कोई ट्रस्ट लेकिन कंपनी या फर्म नहीं -कोई भी भारतीय निवासी -जिनकी उम्र 60 साल से कम हो - कुल आय पर टैक्स कैलकुलेशन जीरो हो -वित्त साल के दौरान ब्याज से कुल आय 2.5 लाख से कम हो ये भर सकते हैं फॉर्म 15H -कोई व्यक्ति और भारतीय निवासी -आप सीनियर सिटिजन हों और जिस साल फॉर्म भर हों उस साल आपकी उम्र 60 साल हो रही हो. - आपकी इनकम पर टैक्स कैलकुलेशन जीरो हो ये फॉर्म इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास नहीं भरने होते हैं. इन्हें अपने टैक्स डिडक्टर (जैसे आपकी कंपनी या नियोक्ता) के पास ही जमा कर दें. वहीं इन फॉर्म को तैयार कर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जमा कर देते हैं. अगर आपकी आय 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो जानबूझ कर इन फॉर्म को न जमा करें. चूंकि इन फॉर्म में पैन नंबर लिखना होता है इसलिए टैक्सेबल इनकम के दायरे में आने पर आप पर कार्रवाई हो सकती है.

दोनों फॉर्म एक साल के लिए वैध होते हैं. साल की शुरुआत में ये फॉर्म आपके फाइनेंशियर के पास जमा होने चाहिए. फॉर्म भरने से पहले यह सुनिश्चत कर लें कि आपके फाइनेंशियर ने टैक्स की कटौती न की हो.

15g फ र म क स भर

क्या होता है 15जी और 15एच फॉर्म

15G और 15H फॉर्म के बारे में आपने सुना होगा. आपको यह भी पता होगा कि इन दोनों फॉर्म का सीधा संबंध फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से होता है. लेकिन क्या आपको पता है कि ये फॉर्म कैसे भरे जाते हैं और इससे टीडीएस (tax deduction at source) बचाने में कैसे मदद मिलती है.

ये दोनों फॉर्म एफडी से जुड़े हैं. एफडी पर आकर्षक ब्याज और रिटर्न के कारण लोग इसे निवेश का सबसे सही जरिया मानते हैं. आपको यह भी जानकारी होगी कि एफडी पर मिलने वाले रिटर्न पर आपको टैक्स चुकाना होता है. रिजर्व बैंक ने टैक्स की एक थ्रेसहोल्ड लिमिट तय की है जिससे ऊपर जाने पर टीडीएस कटता है. टीडीएस भी इनकम टैक्स का एक हिस्सा है. टीडीएस की थ्रेसहोल्ड लिमिट पहले 10 हजार रुपये थी जिसे इस बार के बजट में बढ़ाकर 40 हजार किया गया है. यह लिमिट बैंकों और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट के लिए है. अगर आप टीडीएस से बचना चाहते हैं तो आपके लिए 15G और 15H फॉर्म भरना होता है.

क्या है 15G फॉर्म

इनकम पर टीडीएस कटौती से बचने के लिए फॉर्म 15G भरा जाता है. हालांकि इसकी कुछ शर्तें हैं जिसके आधार पर यह फॉर्म भरा जाता है. आइए जानते हैं कौन लोग यह फॉर्म भर सकते हैं-

  • कोई व्यक्ति (भारतीय नागरिक) या संयुक्त हिंदू परिवार या ट्रस्ट यह फॉर्म भर सकता है, लेकिन कोई कंपनी या फर्म के लिए यह मान्य नहीं है.
  • 60 साल से कम उम्र के लोग यह फॉर्म भर सकते हैं.
  • कुल आमदनी पर टैक्स की देनदारी शून्य होनी चाहिए.

एक साल में ब्याज से होने वाली कमाई टैक्स छूट की लिमिट से कम होनी चाहिए जो कि ढाई लाख रुपये है.

क्या है 15H फॉर्म

जिन लोगों की उम्र 60 साल से अधिक है, वे टीडीएस कटौती से बचने के लिए 15एच फॉर्म भर सकते हैं. इसके लिए निम्नलिखित शर्तें हैं.

  • कोई भारतीय नागरिक यह फॉर्म भर सकता है.
  • व्यक्ति की उम्र कम से कम 60 वर्ष होनी चाहिए.
  • कुल कमाई पर टैक्स की देनदारी शून्य होनी चाहिए

15H और 15G फॉर्म कैसे भरें

  • दोनों फॉर्म में कुछ बेसिक जानकारी पूछी जाती है, उसे सावधानी से भर दें.
  • टैक्स डिक्लेरेशन के साथ पैन की एक कॉपी अटैच कर दें.
  • अपने फाइनेंशियर के पास ये फॉर्म सबमिट कर दें.

अगर आप बैंकों की लंबी कतार और भीड़ भाड़ से बचना चाहते हैं तो यह काम ऑनलाइन आसानी से कर सकते हैं. दोनों फॉर्म एक साल के लिए वैध होते हैं. साल की शुरुआत में ये फॉर्म आपके फाइनेंशियर के पास जमा होने चाहिए. फॉर्म भरने से पहले यह सुनिश्चत कर लें कि आपके फाइनेंशियर ने टैक्स की कटौती न की हो क्योंकि बैंक आपको रिफंड नहीं करेगा. बैंक से टीडीएस का अपना पैसा वापस लेने के लिए आपको आईटीआर भरना होगा.

टैक्स कटौती में मदद

अगर किसी व्यक्ति की ब्याज से सालाना आय 10 हजार रुपये से अधिक है तो बैंक टीडीएस काटता है. इस लिमिट की गणना के लिए बैंक सभी ब्रांच में जमा राशि को देखता है. अगर किसी व्यक्ति की कुल आमदनी टैक्सेबल लिमिट से कम है, तो वह फॉर्म 15जी या 15एच भर सकता है. इस फॉर्म के जरिये बैंक को यह बताया जाता है कि ब्याज की राशि पर टीडीएस नहीं काटा जाए. फॉर्म 16, फॉर्म 16ए, फॉर्म 16बी और फॉर्म 16सी टीडीएस सर्टिफिकेट हैं. टीडीएस काटने वाले की तरफ से टीडीएस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है. फिक्स डिपॉजिट के संदर्भ में बैंक की तरफ से फॉर्म 16ए जारी किया जाता है.

ये भी पढ़ें: Debit-Credit Card में CVV नंबर आखिर होता क्या है, यह पीछे क्यों लिखा होता है और क्यों सीक्रेट रखना चाहिए?

Who needs to file Form 15G?

Form 15G is a declaration that can be filled out by fixed deposit holders (individuals less than 60 years of age and HUFs) to ensure that no TDS (tax deduction at source) is deducted from their interest income in a year. As per the income tax rules, it’s mandatory for banks to deduct tax at source (TDS) in case the interest earned on your fixed deposit, recurring deposit, etc.

Who can submit Form 15G?

Form 15G can be submitted by Individuals, less than 60 years age, or by a Hindu Undivided Family (HUF) or by a trust. However, a company or a firm is ineligible for submitting form 15G; An applicant should be a resident of India; The total income of the applicant is less than the basic exemption limit of the respective financial year;

What is the difference between 15g and 15h?

There have been a lot of misconceptions about the difference between the Form 15G and 15H. The only difference between these two is that if you are a senior citizen having an age of 60 or above, you will need to submit Form 15H. While for anyone below 60 years of age, the Form 15G will be applicable.

How to fill Form 15G online?

To submit form 15G for EPF Withdrawal online, you should follow the steps stated below:

  • First of all, log in to the unified member portal – EPFO UAN Portal. ...
  • Now, from the top menu bar, click on the Online services > Claim (32, 19, 10C)
  • You can now see your profile information, such as your Name, Date of Birth, mobile number, PAN number, etc.

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15G फॉर्म क्यों भरा जाता है?

FORM 15H AND 15G: जो लोग टैक्स के दायरे में नहीं आते वह लोग इस फॉर्म को फिल कर बैंक में जमा कर सकते हैं, ताकि उनके इंटरेस्ट अमाउंट पर TDS की कटौती न की जाए. FORM 15H AND 15G: 15G और 15H फॉर्म भर व्यक्ति यह बताता है कि उसकी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है. इसके जरिए टीडीएस कटौती से बचा जा सकता है.

15G फॉर्म कैसे भरा जाता है?

आप इस फॉर्म को भरने के बाद नीचे अपना Signature कर दें । previous year ending on ......... आप जिस साल में Form भर रहे हैं उस साल का Financial Year डालना है। जैसे आप March 2021के बाद Form भर रहे हैं तो आपको यहां 2021-22 भरना होगा। अगर मार्च 2022 के बाद फॉर्म भरेंगे तो आपको इसमें 2022-23 भरना होगा।

15H फॉर्म कैसे भरा जाता है?

Form 15H kaise bhare : वरिष्‍ठ नागर‍िक Post office जाकर 15 H भरकर जमा कर सकते हैं। अगर बुजुर्ग व्‍यक्ति पोस्‍ट ऑफि‍स नहीं जा सकते तो वो किसी प्रतिनिधि को भी भेज सकते हैं। इसके लिए घर पर ही घोषणा पत्र भर लें और उस पर दस्‍तखत कर दें। और किसी परिचित या रिश्‍तेदार के जरिए form 15H पोस्‍ट ऑफ‍िस में जमा करवा दें।

फॉर्म 15G का मतलब क्या होता है?

फॉर्म 15G वो लोग (60 साल से कम उम्र के व्यक्ति और HUF) भरते हैं जिन्होंने बैंक फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) में निवेश किया होता है ये सुनिश्चित करने के लिए कि उनकी FD की ब्याज़ पर कोई TDS न काटा जायेI मौजूदा आयकर नियमों के तहत,अगर आपकी FD/RD पर सालाना ब्याज 10,000रु से ज़्यादा है तो उस पर TDS कटता हैI अंतरिम बजट 2019 में, TDS ...