₹ 100 के नोट के पीछे कौन सा स्मारक है?

नए करेंसी नोट के ऊपर छपी हर तस्वीर के पीछे है एक अनोखी कहानी

RBI ने जुलाई 2018 में 100 रुपये के नए नोट के ऊपर इस चित्र को छापा था. बता दें कि रानी की वाव को 22 जून 2014 को इसे यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया है.

₹ 100 के नोट के पीछे कौन सा स्मारक है?

Show

New Currency Note (Photo Credit: NewsNation)

highlights

  • 200 रुपये के नए नोट के पीछे सांची का स्तूप अंकित है
  • 50 रुपये के नए नोट के पीछे हम्पी मंदिर का चित्र अंकित है

नई दिल्ली:  

रोजाना के लेनदेन में आपके सामने से कई करेंसी नोट गुजरते होंगे, लेकिन क्या आपने कभी यह नोटिस किया है कि इन नोटों के ऊपर आखिर छपा क्या हुआ है या फिर उसे जानने की कोशिश की है. अगर आप इन बातों से अनजान हैं तो हम आज आपको इन नोटों के ऊपर छपे हुए चित्रों के बारे में बताने जा रहे हैं. सबसे पहले बात करते हैं 100 रुपये के नए नोट की. इस नोट के ऊपर गुजरात पाटन में स्थित प्रसिद्ध बावड़ी रानी की वाव का चित्र अंकित है. RBI ने जुलाई 2018 में 100 रुपये के नए नोट के ऊपर इस चित्र को छापा था. बता दें कि रानी की वाव को 22 जून 2014 को इसे यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया है. जानकारी के मुताबिक 1063 ईस्वी में सोलंकी राजवंश के राजा भीमदेव प्रथम की स्मृति में उनकी पत्नी रानी उदयामति ने रानी की वाव का निर्माण कराया था. रानी का वाव 64 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा और 27 मीटर गहरा है. पाटन को पहले 'अन्हिलपुर' के नाम से जाना जाता था, जो गुजरात की पूर्व राजधानी थी.

यह भी पढ़ें: चीन के बिजली संकट से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर आशंका के बादल गहराए

200 रुपये का नोट
200 रुपये के नए नोट के पीछे सांची का स्तूप अंकित है. सांची का स्तूप मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है. सांची का स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक के कार्यकाल में हुआ था. 

500 रुपये का नोट
500 रुपये के नए नोट के पीछे भारत के प्रसिद्ध स्मारक लाल किले की तस्वीर छपी हुई है. भारत के प्रधानमंत्री हर साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर ध्वज फहराते हैं. साथ ही वे लाल किले की प्राचीर से देश की जनता को संबोधित करते हैं. 

2,000 रुपये का नोट
2 हजार रुपये के नए नोट के पीछे मंगलयान की तस्वीर छपी हुई है. 24 सिंतबर 2014 बुधवार के दिन भारत ही नहीं विश्व के इतिहास में याद रखा जाएगा. अपने पहले प्रयास में ही 67 करोड़ किमी का सफर तय करतके भारतीय मंगलयान ने सीधे मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर लिया था. इसका नाम मार्स ऑर्बिटर मिशन यानी MOM था. भारत ने इस मिशन पर करीब 450 करोड़ रुपए खर्च किए थे. गौरतलब है कि भारत एशिया करा पहला देश है जिसने मंगल पर सफलता प्राप्त की है, इससे पहले चीन और जापान भी अपने यान भेज चुके है लेकिन वे असफल रहे हैं.

50 रुपये का नोट
50 रुपये के नए नोट के पीछे हम्पी मंदिर का चित्र अंकित है. हम्पी मंदिर कर्नाटक की तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है. 

20 रुपये का नोट
20 रुपये के नए नोट के ऊपर एलोरा की गुफाओं की तस्वीर है. एलोरा की गुफाएं औरंगाबाद, महाराष्ट्र से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. एलोरा भारतीय पाषाण शिल्प स्थापत्य कला का सार है और यहां 34 गुफाएं हैं. 

यह भी पढ़ें: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार तीसरे दिन बढ़ोतरी, दिल्ली में 102 रुपये के पार पेट्रोल

10 रुपये का नोट
10 रुपये के नोट पर सूर्य मंदिर, कोणार्क की तस्वीर अंकित है. कोणार्क शब्द, 'कोण' और 'अर्क' शब्दों के मेल से बना है. अर्क का अर्थ होता है सूर्य, जबकि कोण से अभिप्राय कोने या किनारे से रहा होगा.

संबंधित लेख

First Published : 02 Oct 2021, 10:57:09 AM

For all the Latest Business News, Markets News, Download News Nation Android and iOS Mobile Apps.

भारतीय मुद्रा विभिन्न मूल्यवर्गों में उपलब्ध है, कुछ नोटों के रूप में तो कुछ सिक्कों के रूप में। भारतीय मुद्रा हमेशा नोट के पीछे की ओर छपी अपनी स्मारकीय और स्थापत्य छवियों के लिए जाने जाते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इन स्मारकों को करेंसी नोटों के पीछे छापने का कारण देश की संस्कृति को प्रदर्शित करना है जो राष्ट्रों की समृद्ध विविधता और गौरवपूर्ण उपलब्धियों को दर्शाता है। इस प्रकार के स्मारकों को छापने की परंपरा और करेंसी नोटों के पीछे दिखाई जाने वाली उपलब्धियों का पालन शुरू से ही किया जाता रहा है। अगर आपने 10, 20, 100, 200 और 500 रुपए के नोट के पीछे देखा होगा तो भारत के अलग-अलग खूबसूरत स्मारकों को उनपर छापा गया है। इस वीकेंड अगर आपको कोई जगह समज नहीं आ रही है, तो अपने नोट के पीछे छपे स्मारकों को अपनी लिस्ट में शामिल कर सकते हैं और घूमने के लिए जा सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं, किन नोटों पर कौनसे स्मारक की फोटो छपी हुई है।

10 रुपये - सूर्य मंदिर, कोणार्क - 10 Rupees - Sun Temple, Konark

₹ 100 के नोट के पीछे कौन सा स्मारक है?

10 रुपये की मुद्रा की नई श्रृंखला 5 जनवरी, 2018 को आरबीआई द्वारा पेश की गई थी। पुराने वाले की तरह, सामने वाला भाग महात्मा गांधी की तस्वीर दिखाता है। जबकि पीछे की तरफ आप ओडिशा का कोणार्क सूर्य मंदिर देख सकते हैं। इस सूर्य मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में किया गया था। यह राजा नरसिंहदेव प्रथम द्वारा बनाया गया था और इसे सूर्य के रथ के रूप में भी जाना जाता है। यह मंदिर भारत के अब तक के सबसे ऊंचे मंदिरों में से एक है। इसके अलावा, यह पुरी और भुवनेश्वर के साथ-साथ ओडिशा के स्वर्ण त्रिभुज का भी हिस्सा है। सूर्य मंदिर हिंदू परंपरा का एक उपयुक्त उदाहरण है। इसमें 24 पहिए हैं जो दिन के 24 घंटों को दर्शाते हैं और 7 घोड़े सप्ताह के दिनों को दर्शाते हैं। मंदिर को यूनेस्को द्वारा 1984 में विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई है।

उडुपी की ये जगहें बना देंगी आपके वेकेशन को यादगार, बस अपनी पैकिंग शुरू कीजिए और जाने की तैयारी करिए

20 रुपये- एलोरा की गुफाएं, औरंगाबाद - 20 Rupees - Ellora Caves, Aurangabad

₹ 100 के नोट के पीछे कौन सा स्मारक है?

20 रुपये की मुद्रा आरबीआई द्वारा हाल ही में किया गया बदलाव है। बैंकनोट का रंग गुलाबी लाल से फ्लोरोसेंट हरे रंग में बदल दिया गया है। पहले पोर्ट ब्लेयर के बीच की तस्वीर नोट पर छपी हुई थी। लेकिन अब नई सीरीज में नोट के पीछे एलोरा की गुफाएं छपी हुई हैं। ये एलोरा गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं। एलोरा गुफाएं 34 रॉक-कट गुफाओं की एक श्रृंखला है जो 6 वीं से 8 वीं शताब्दी के दौरान हिंदू, बौद्ध और जैन मंदिरों का घर है। एलोरा का सबसे उल्लेखनीय गुफा मंदिर कैलाश है जो हिमालय के कैलाश पर्वत श्रृंखला को समर्पित है। इसे बनाया नहीं गया था बल्कि चरणनंदरी पहाड़ियों की चट्टानों से काटकर उकेरा गया था। एलोरा की गुफाओं में हर साल हजारों लोग घूमने आते हैं और इन खूबसूरत नक्काशीदार गुफाओं में घूमते हैं।राजस्थान के ये रंग-बिरंगे गांव फोटोग्राफी करने पर कर देते हैं मजबूर, ट्रेवलर्स और फोटोग्राफर्स के लिए परफेक्ट है ये जगह

50 रुपये - हम्पी, कर्नाटक - 50 Rupees - Stone Chariot of Hampi, Karnataka

₹ 100 के नोट के पीछे कौन सा स्मारक है?

50 रुपये की नई मुद्रा 18 अगस्त, 2017 को जारी की गई थी। पहले, बैंक नोट में संसद भवन की तस्वीर थी और स्मारक को नोट में हल्का बैंगनी रंग में रंगा हुआ था। नई मुद्रा फ़्लोरेसेंट ब्लू शेड की है। इस बैंकनोट में भी 10 रुपये की मुद्रा की तरह रथ मंदिर की तस्वीर है। हम्पी मंदिर रुपये के रिवर्स साइड पर छपा है। भारतीय मुद्रा के 50. कर्नाटक में स्थित, हम्पी शहर लगभग 250 प्राचीन स्मारकों और मंदिरों का घर है। भारत में शांतिपूर्ण समय बिताने के लिए यह जगह एकदम परफेक्ट है। 1500 ईस्वी में, हम्पी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी और उस समय दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर हुआ करता था। समय बीतने के साथ, हम्पी ने राजधानी के रूप में अपना महत्व खो दिया और अब पर्यटक हम्पी के खंडहरों को देख सकते हैं, जिनमें लगभग 500 स्मारक और मंदिर हैं। हम्पी को 1986 के वर्ष में यूनेस्को द्वारा भारत में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।

बना रहे हैं हम्पी जाने का प्लान, तो इन खूबसूरत जगहों को भी अपनी लिस्ट में शामिल जरूर करें

100 रुपये - रानी की वाव, गुजरात - 100 Rupees - Rani ki Vav, Gujarat

₹ 100 के नोट के पीछे कौन सा स्मारक है?

100 रुपये के पुराने नोटों के पीछे माउंट कंचनजंगा छपा हुआ था। जबकि नई करेंसी में रिवर्स साइड पर रानी की वाव है। रानी की वाव गुजरात के पाटन में स्थित एक बावड़ी है। इस खूबसूरत संरचना का निर्माण 11वीं शताब्दी में सोलंकी रानी उदयमती ने करवाया था। रानी उदयमती ने अपने पति राजा भीमदेव को समर्पित प्रेम और स्मृति के प्रतीक के रूप में इस संरचना का निर्माण किया था। सरस्वती नदी में बाढ़ आने के बाद, यह स्थल वर्षों तक गाद में भरा रहा था और बाद में इसे 1980 के दशक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा खोजा गया। इसके अलावा यहां 700 से अधिक पौराणिक मूर्तियां और आकृतियां हैं। रानी की वाव को 2014 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया है।

आप भी घूमिए गुजरात की इन फेमस जगहों पर, जहां दुनियाभर से पर्यटक लगाने आते हैं यहां का चक्कर

200 रुपये- सांची स्तूप, मध्य प्रदेश - 200 Rupees - Sanchi Stupa, Madhya Pradesh

₹ 100 के नोट के पीछे कौन सा स्मारक है?

पहले 200 रुपए मूल्यवर्ग की कोई मुद्रा नहीं थी। 200 रुपए की यह नारंगी रंग की मुद्रा पहली बार अगस्त 2017 में पेश की गई थी। इस मुद्रा में मध्य प्रदेश का सांची स्तूप है। साची स्तूप एक बौद्ध स्मारक है। इसका निर्माण लगभग दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सम्राट अशोक द्वारा किया गया था और कहा जाता है कि ये सबसे पुराना बौद्ध अभयारण्य है। 12वीं शताब्दी तक यह स्थान भारत के प्रमुख बौद्ध केंद्र के रूप में खड़ा था। इस स्थल में सुंदर नक्काशीदार तोरण हैं और इनमें से एक तोरण बैंकनोट पर भी अंकित है। इस तोरण पर उकेरी गई जटिल डिजाइन बुद्ध के जीवन की कहानियों को दर्शाती हैं। सांची के स्तूप को 1989 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।

मध्य प्रदेश का दिल इंदौर में हैं एक से दो दिन के ट्रिप के लिए परफेक्ट जगह, आप भी वीकेंड पर बना सकते हैं प्लान

500 रुपये - लाल किला, दिल्ली - 500 Rupees - Red Fort, Delhi

₹ 100 के नोट के पीछे कौन सा स्मारक है?

500 रुपए की मुद्रा को एक नए डिजाइन में पेश किया गया था। नई मुद्रा में लाल किले, दिल्ली के कुछ हिस्से छपे हुए हैं। नोट पर लाल किले के साथ राष्ट्रीय ध्वज की तस्वीर है। लाल किले का निर्माण वर्ष 1639 में मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा किया गया था, जो मुगल वंश के पांचवें शासक थे। जब से भारत को आजादी मिली है, हर साल भारत के प्रधान मंत्री लाल किले से स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं। आप दिल्ली मेट्रो के जरिए इस जगह तक आसानी से पहुंच सकते हैं। लाल किले का निकटतम मेट्रो स्टेशन चांदनी चौक है जहाँ से आप किले तक पहुँचने के लिए रिक्शा ले सकते हैं। भारत का विश्व धरोहर स्थल होने और ऐतिहासिक रूप से इतना महत्वपूर्ण होने के कारण, भारत सरकार ने इसे 500 रुपए के नोट में छापने का फैसला लिया था।

लाल किले के बारे में 8 अनसुनी बातें जिनके बारे में आपको भी नहीं होगा पता

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें

100 नोट ka Piche किसका चित्र अंकित है?

रानी की इस बाव का निर्माण साल 1063 में किया गया था। इस बाव की दीवारों पर भगवान राम, वामनावतार, महिषासुरमर्दिनी, कल्कि अवतार और भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों के चित्र अंकित हैं।

₹ 100 के नोट में कौन सा स्मारक है?

रानी की वाव, पाटन, पाटन जिले, गुजरात, भारत में स्थित है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।

200 के नोट के पीछे किसका चित्र है?

आरबीआई ने बताया है कि 200 रुपये के नोट में पीछे की ओर सांची स्तूप का मोटिफ दिया गया है. 2. नोट का बेस कलर चमकीला पीला रखा गया है और महात्मा गांधी की तस्वीर नोट के बीचोंबीच है.

नोट के पीछे की तरफ स्मारक कहाँ है?

नए 100 रुपये के नोट के पीछे छपा किला गुजरात के छोटे से जिले पाटन में स्थित 'रानी कि वाव' है। ये वही किला है जिसे जल संरक्षण की बेहतरीन तरकीब के तौर पर जाना जाता है और साथ ही इसे वर्ष 2014 में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सम्मिलित किया गया था। 100 Rs.