डायबिटीज दुनियाभर में तेज़ी से बढ़ रहा है। भारत में साल दर साल यह रोग अपना पैर पसार रहा है। आलम यह है कि भारत को दुनिया की ‘डायबिटीज कैपिटल’ भी कहा जाने लगा है। छोटी उम्र के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इस बीमारी से ग्रस्त हैं। डायबिटीज की वजह से और भी कई बिमारियों का खतरा बढ़ जाता हैं। यूं तो डायबिटीज की कई वजहें हैं, लेकिन शरीर में इंसुलिन की कमी भी एक प्रमुख वजह है। अगर वक्त रहते इंसुलिन की मात्रा नहीं बढ़ाई जाए तो डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। आइये जानते हैं इंसुलिन के बारे में और कैसे हम अपने शरीर में इंसुलिन बढ़ा सकते हैं।
क्या है इंसुलिन? आपने अक्सर डॉक्टर या अन्य लोगों को इंसुलिन का नाम लेते सुना होगा। सरल भाषा में कहें तो इंसुलिन एक प्रकार का हॉर्मोन जो हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट और फैट को ऊर्जा में बदलने का काम करता हैं ताकि हमारे शरीर को सही मात्रा में ऊर्जा मिल सके और हम गंभीर बीमारियों से भी बच पाएं। ऊर्जा यानी कि ग्लूकोस को शरीर के अलग-अलग भाग में पहुंचाने का काम भी इंसुलिन ही करती है।
डॉक्टर्स कहते हैं कि इंसुलिन आपके शरीर को कई प्रकार से मदद पहुंचाता है। जैसे कि यह शरीर में ब्लड की मात्रा में ग्लूकोस को भी नियंत्रित करता है और इसके अलावा यह आपके मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को सही रखने में भी मदद करता है।
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ऐसे बढ़ा सकते हैं इंसुलिन की मात्रा:
1. पर्याप्त नींद लें- अक्सर भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में लोग अपनी नींद के साथ समझौता करने लगे हैं जो कि हमारे शरीर के लिए काफी हानिकारक है। अच्छी और सही मात्रा में नींद लेना आपकी हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है। 8 घंटे की नींद जरूर लें। तमाम शोधकर्ताओं ने इस बात का दवा किया है कि सही मात्रा में नींद नहीं लेना इन्सुलिन सेंसिटिविटी को कम कर देता है।
2. रोजाना एक्सरसाइज करें – डायबिटीज के मरीजों के लिए एक्सरसाइज करना काफी फायदेमंद होता है। एक्सरसाइज करने से इंसुलिन सही मात्रा में कोशिकाओं को ग्लूकोस प्रदान करता है, इसलिए आपको रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए। इससे इन्सुलिन भी बढ़ेगा और शुगर भी कम होगी।
3. स्ट्रेस कम लें – तनाव यानी स्ट्रेस आपके शरीर में बहुत सी परेशानियां भी बढ़ा देता है। जो लोग ज्यादा सोचते हैं या स्ट्रेस लेते हैं उनमे अक्सर इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है और डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए इंसुलिन को सही मात्रा में रखने के लिए हमे अपने शरीर के साथ-साथ दिमाग का भी ध्यान रखना होगा।
4. हेल्दी फूड लें – इंसुलिन को बढ़ाने का सबसे आसान उपाय है हेल्दी फ़ूड। जितना ज्यादा हम फल व हरी सब्जियों का सेवन करेंगे उतना ही हमारे शरीर में इंसुलिन ऊर्जा प्रदान करेगा। इंसुलिन को सही मात्रा में बढ़ाने के लिए जंक फ़ूड को कम से कम खाना चाहिए।
5. वजन पर रखें काबू- जिन लोगों का वजन अधिक होता है उनमें शुगर का खतरा भी बढ़ जाता है। एक रिसर्च के अनुसार जिन लोगों का वज़न सही होता है उनको डायबिटीज का खतरा भी कम होता है और वज़न को नियंत्रण में रखकर शरीर में इंसुलिन की मात्रा भी बढ़ा सकते हैं।
इन फलों का सेवन करें: डायबिटीज के मरीज़ों को अक्सर अधिक मीठा फ़ल न खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन ऐसे भी कुछ फ़ल हैं जिनमे शुगर की मात्रा भी कम होती है और ये फल आपके शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। देखें…
संतरा- संतरे के सेवन से आपके शरीर को भरपूर ऊर्जा भी मिलेगी। संतरे में पोटैशियम और फोलेट होता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में काफी असरदार है।
कीवी- कीवी खाने भी अनेक फायदे हैं। कीवी में शुगर की मात्रा भी कम होती है और साथ ही इसमें विटामिन -C की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
आडू व आलूभुखारा – डायबिटीज मरीजों के लिए आडू व आलूभुखारा का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है, ये दोनों ही फ़ल फाइबर से भरपूर होते हैं।
दुनियाभर में मधुमेह (Diabetes) रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. जब डायबिटीज नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है, तो हृदय रोग, (Heart Disease) किडनी की समस्याएं, अंधापन आदि की आशंका बढ़ जाती है. ऐसी स्थिति में शुगर लेवल को नियंत्रित करना सबसे महत्वपूर्ण है और इसके लिए अपने भोजन का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. myUpchar से जुड़े एम्स के डॉ. अनुराग शाही का कहना है कि डायबिटीज एक ऐसा रोग है जिसमें रक्त में शुगर या ग्लूकोज का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. खाना खाने से ग्लूकोज मिलता है और इन्सुलिन नाम का हार्मोन इस ग्लूकोज को शरीर की कोशिकाओं में जाने में मदद करता है, ताकि उन्हें ताकत मिल सके.
डायबिटीज के सामान्य लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, तेज प्यास और भूख लगना, वजन बढ़ना या असामान्य कम होना, थकान, कट या घाव लगने पर जल्दी ठीक न हो पाना, हाथ पैर में गुदगुदी या सुन्न होना शामिल हैं. डायबिटीज में आहार में सुधार और नियंत्रण करके राहत पाई जा सकती है, क्योंकि आहार के जरिए ही शुगर का स्तर कम या ज्यादा किया जा सकता है. कुछ लोगों को लगता है कि केवल शक्कर खाने से ही शुगर लेवल बढ़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं है. यहां कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे डायबिटीज के मरीज को बचना चाहिए, क्योंकि ये शुगर लेवल को बढ़ाने का काम करते हैं.
ट्रांस फैट और कैन्ड फूड
चिप्स, कुकीज, पीनट बटर जैसे पैकेज्ड ट्रांस फैट वाले खाद्य पदार्थ भी डायबिटीज के रोगियों के लिए हानिकारक हैं. ट्रांस फैट इंसुलिन प्रतिरोध और मोटापा बढ़ाने में योगदान देते हैं.
शहद और नैचुरल स्वीटनर
ये पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकते हैं. हालांकि, वे उतने प्रोसेस्ड नहीं होते हैं, लेकिन उनमें सफेद चीनी के बराबर कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो हानिकारक है.
तले हुए खाद्य पदार्थ
नमकीन और तला हुआ भोजन भी चीनी के स्तर को प्रभावित कर सकता है. तले हुए पदार्थों में हाई कार्बोहाइड्रेट होता है. इसके अलावा, उन्हें बनाने के लिए रिफाइंड तेल का उपयोग किया जाता है, जो डायबिटीज के लिए हानिकारक है.
फुल क्रीम डेयरी प्रोडक्ट्स
डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे क्रीम चीज, आइसक्रीम, फुल क्रीम दूध में सैचुरेटेड फैट होता है, जो इंसुलिन प्रतिरोध को खराब कर सकता है. फुल क्रीम डेयरी उत्पादों से बचने और इसके बजाय फैट रहित या लो फैट वाले पदार्थों का सेवन करने का प्रयास करें.
फ्लेवर्ड योगर्ट
डायबिटीज के मरीजों को फ्लेवर्ड योगर्ट का सेवन नहीं करना चाहिए. प्लेन योगर्ट में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं जो कि शुगर को नियंत्रण में रखते हैं, लेकिन फ्लवर्ड योगर्ट का सेवन ब्लड शुगर का स्तर बढ़ा सकता है.
मीट
मीट जैसे कि बीफ और सेलमन कोलेस्ट्रॉल के साथ शुगर लेवल भी बढ़ाता है. इसमें सैचुरेटेड फैट्स होता है. यह डायबिटीज के मरीजों में हृदय रोग का जोखिम बढ़ाते हैं.
पास्ता
व्हाइट पास्ता में कार्बोहाइड्रे़ट होता है जो कि डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा नहीं है. यह भी शरीर में ब्लड शुगर बढ़ा सकता है.
सफेद ब्रेड और चावल
सफेद ब्रेड और चावल में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट होते हैं और इनमें प्रोटीन और फाइबर की भी कमी होती है. यह तेजी से चीनी में परिवर्तित हो जाता है, जो हानिकारक हो सकता है. ब्राउन ब्रेड, ब्राउन राइस और साबुत अनाज खा सकते हैं.
आलू और शकरकंद
myUpchar से जुड़े लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों को आलू और शकरकंद का सेवन भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें स्टार्च भी होता है. हालांकि, कभी-कभार उबली हुई शकरकंद को कम मात्रा में खा सकते हैं.
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