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- एक कुत्ता और एक मैना
एक कुत्ता और एक मैना
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Question
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निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए ।
अभिनव सो रहा है।
Solution
अकर्मक क्रिया।
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Some More Questions From एक कुत्ता और एक मैना Chapter
गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक कब समझ पाया?
प्रस्तुत पाठ एक निबंध है। निबंध गद्य-साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने भावों और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त करता है। इस निबंध में उपर्युक्त विशेषताएँ कहाँ झलकती हैं ? किन्हीं चार का उल्लेख कीजिए।
आशय स्पष्ट कीजिए -
इस प्रकार कवि की मर्मभेदी दृष्टि ने इस भाषाहीन प्राणी की करूण दृष्टि के भीतर उस विशाल मानव-सत्य को देखा है, जो मनुष्य के अंदर भी नहीं देख पता।
पशु-पक्षियों से प्रेम इस पाठ की मूल संवेदना है। अपने अनुभव के आधार ऐसे किसी प्रसंग से जुड़ी रोचक घटना को कलात्मक शैली में लिखिए।
• गुरुदेव ज़रा मुस्करा दिए।
• मैं जब यह कविता पढ़ता हूँ।
ऊपर दिए गए वाक्यों में एक वाक्य में अकर्मक क्रिया है और दूसरे में सकर्मक। इस पाठ को ध्यान से पढ़कर सकर्मक और अकर्मक क्रिया वाले चार-चार वाक्य छाँटिए।
निम्नलिखित वाक्यों में
कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए ।
मीना कहानी सुनाती है।
निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए ।
अभिनव सो रहा है।
निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए ।
गाय घास खाती है।
निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए ।
मोहन ने भाई को गेंद दी।
निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए ।
लड़कियाँ रोने लगीं।
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• गुरुदेव ज़रा मुस्करा दिए।
• मैं जब यह कविता पढ़ता हूँ।
ऊपर दिए गए वाक्यों में एक वाक्य में अकर्मक क्रिया है और दूसरे में सकर्मक। इस पाठ को ध्यान से पढ़कर सकर्मक और अकर्मक क्रिया वाले चार-चार वाक्य छाँटिए।
सकर्मक क्रिया-
1. हम लोग उस कुत्ते के आनंद को देखने लगे।
2. हम लोग उस कुत्ते के आनंद को देखने लगे।
3. इतनी ही स्वीकृति पाकर ही उसके अंग-अंग में आनंद का प्रवाह बह उठता है।
4. गुरुदेव ने इस भाव की एक
कविता लिखी थी।
अकर्मक क्रिया-
1. रविंद्रनाथ के लिए उस पर चढ़ सकना असंभव था।
2. हम लोगों को देखकर मुस्कराए।
3. ऐसे दर्शनार्थियों से गुरुदेव कुछ भीत-भीत से रहते थे।
4. मैं चुपचाप सुनता जा रहा था।
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निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए ।
मीना कहानी सुनाती है।
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निम्नलिखित वाक्यों में कर्म
के आधार पर क्रिया-भेद बताइए ।
गाय घास खाती है।
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निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए ।
अभिनव सो रहा है।
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पशु-पक्षियों से प्रेम इस पाठ की मूल संवेदना है। अपने अनुभव के आधार ऐसे किसी प्रसंग से जुड़ी रोचक घटना को कलात्मक शैली में लिखिए।
छात्र स्वयं अपने अनुभव के आधार पर इस प्रश्न का उत्तर दे। जैसे:-
एक गाँव
में एक किसान रहता था। उसके पास दो बैल थे। वह अपने बैलों को बच्चों की तरह स्नेह करता था। वह उन्हें अपनी आँखों से दूर नहीं करना चाहता था। उन्हें खाना खिलाकर ही खुद खाता था। एक बार एक बैल बीमार हो गया उसने खाना पीना छोड़ दिया। इस वजह से किसान ने भी खाना -पीना छोड़ दिया। किसान का प्यार देखकर बैल की आँखों से आँसू बहने लगे। इससे पता चलता है कि किसान अपने पशुओं से मानवीय व्यवहार करते हैं। किसान पशुओं को घर के सदस्य की भांति प्रेम करते रहे हैं और पशु अपने स्वामी के लिए जी-जान देने को तैयार रहते हैं।
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Kriya in Hindi Grammar (क्रिया) – Kriya ki Paribhasha, Kriya ke bhed, Karm ke aadhar par kriya ke bhed – Sakarmak Kriya or Akarmak Kriya, Rachna ke aadhar par kriya ke bhed
Kriya in Hindi Grammar
- क्रिया के भेद
- कर्म के आधार पर क्रिया के भेद (Karm ke aadhar par kriya ke bhed)
- सकर्मक क्रिया
- अकर्मक क्रिया
- रचना के आधार पर (Rachna ke aadhar par kriya ke bhed)
- सामान्य क्रिया
- संयुक्त क्रिया
- नामधातु क्रिया
- प्रेरणार्थक क्रिया
- पूर्वकालिक क्रिया
- कर्म के आधार पर क्रिया के भेद (Karm ke aadhar par kriya ke bhed)
परिभषा – जिस शब्द से किसी कार्य के करने या होने का बोध हो, उन्हें क्रिया कहते हैं |
जैसे –
बच्चे खेल रहे हैं।
हवा चल रही
है।
स्त्रियां बातें कर रही है।
दादाजी अखबार पढ़ रहे है।
धातु- क्रिया का मूल रूप धातु कहलाता है। धातु के साथ “ना” प्रत्यय जोड़कर क्रिया का सामान्य रूप बनता है।
जैसे –
लिख + ना = लिखना
चल = चल+ ना = चलना
पढ़ = पढ़+ ना = पढ़ना
क्रिया के भेद (Kriya ke bhed in Hindi Grammar) / क्रिया के कितने प्रकार होते हैं
- कर्म के आधार पर (Karm ke aadhar par kriya ke bhed)
- रचना के आधार पर (Rachna ke aadhar par kriya ke bhed)
कर्म के आधार पर क्रिया के भेद (Karm ke aadhar par kriya ke bhed)
1. सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya)
2. अकर्मक क्रिया (Akarmak Kriya)
सकर्मक क्रिया क्या है / सकर्मक क्रिया की परिभाषा
जिस क्रिया का फल कर्म पर पड़ता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं।
जैसे- भावना
कहानी पड़ती है।
मोहन फुटबॉल खेलता है।
सकर्मक क्रिया की पहचान
क्रिया के साथ क्या, किसे, किसको शब्द लगाकर प्रश्न करने पर यदि उत्तर की प्राप्ति होती है तो उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं।
जैसे- पुलिस ने चोर को पीटा।
प्रश्न – किसे/ किसको को पीटा
उत्तर – चोर (कर्म)
नेहा पुस्तक पढ़ रही है।
प्रश्न – क्या, रही है?
उत्तर – पुस्तक( कर्म)
सकर्मक क्रिया के भेद (Sakarmak Kriya ke bhed) / सकर्मक क्रिया के कितने भेद होते हैं
1. एककर्मक क्रिया
2. द्विकर्मक क्रिया
1. एककर्मक क्रिया – जिस क्रिया का एक कर्म हो, उसे एककर्मक क्रिया कहते हैं।
जैसे – मोहन ने साइकिल चलाई।
प्रश्न – क्या चलाई?
उत्तर – साइकिल (एककर्म)
2. द्विकर्मक क्रिया – जिस क्रिया में दो कर्म हो उसे द्विकर्मक क्रिया कहते हैं।
जैसे – नीरजा ने विवेक को पुस्तक दी।
प्रश्न – क्या दी?
उत्तर – पुस्तक (मुख्यकर्म)
प्रश्न – किसको दी?
उत्तर – विवेक
को दी (गौणकर्म)
अकर्मक क्रिया
जिस क्रिया के साथ कर्म नहीं होता है तथा क्रिया का प्रभाव सिर्फ़ कर्ता पर पड़ता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं|
अर्थात – बिना कर्म के
→ जिस क्रिया का फल सीधा कर्ता पर पड़ता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं
जैसे – ममता हंस रही है।
बच्चा
रो रहा है।
राहुल उठ गया।
अकर्मक क्रिया की पहचान
क्रिया से पहले ‘क्या’, किसे, किसको शब्द लगाकर प्रश्न करने पर यदि नहीं मिलता तो क्रिया अकर्मक होती है।
→ प्रश्न करने पर यदि उत्तर… “कर्ता” की प्राप्ति होती है तो भी क्रिया अकर्मक होती है।
जैसे- बच्चा सो गया।
प्रश्न – “क्या” सो गया।
उत्तर – बच्चा( कर्ता)
रचना के आधार पर (Rachna ke aadhar par kriya ke bhed)
संरचना की दृष्टि से क्रिया के निम्नलिखित पांच भेद हैं।
1. सामान्य क्रिया
2. संयुक्त क्रिया
3. नामधातु क्रिया
4. प्रेरणार्थक क्रिया
5. पूर्वकालिक क्रिया
सामान्य क्रिया
जिस वाक्य में एक क्रिया होती है उसे सामान्य क्रिया कहते हैं।
जैसे- सीता ने रोटी खाई।
राम गया।
संयुक्त क्रिया
जब दो या दो से अधिक क्रियाएँ मिलकर किसी पूर्ण क्रिया को बनाती हैं, तब वे संयुक्त क्रियाएँ कहलाती हैं।
जैसे- माताजी ने प्रसाद बांट दिया।
पिताजी आ गए हैं।
नामधातु क्रिया
संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण शब्दों से बनने वाली क्रियाओं को नामधातु क्रिया कहते हैं |
जैसे- संज्ञा शब्दों से बनी क्रियाएं-
हाथ= हथियाना
लाज= लजियाना
गांठ= गठियाना
सर्वनाम शब्दों से बनी क्रियाएं-
रंग= रंगना
अपना= अपनाना
विशेषण शब्दों से बनी क्रियाएं-
गर्म= गर्माना
तोतला = तुतलाना
प्रेरणार्थक क्रिया
जहाँ कर्ता कार्य को स्वयं न करके, किसी दूसरे से करवाता है, वहाँ प्रेरणार्थक क्रिया होती है |
जैसे – मालकिन नौकरानी से बर्तन साफ करवाती है।
प्रेरणार्थक क्रिया के दो रूप हैं।
1. प्रथम प्रेरणार्थक
2. द्वितीय प्रेरणार्थक
1. प्रथम प्रेरणार्थक – जब कर्ता स्वयं प्रेरक बनकर अन्य किसी को कार्य करने की प्रेरणा देता है उसे प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं।
जैसे – मैं आपको कहानी सुनाऊंगी।
2. द्वितीय प्रेरणार्थक – जब कर्ता स्वयं कार्य में सम्मिलित न होकर अन्य किसी से कार्य करवाता है उसे द्वितीय प्रेरणार्थक कहते हैं।
जैसे – माताजी नौकर से सफाई करवाती है।
वह अध्यापक से बेटी को गीता पढ़वाता है।
पूर्वकालिक क्रिया
किसी भी वाक्य में मुख्य क्रिया से पहले वाली क्रिया पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है |
जैसे – मुकेश खाना खाकर सो गया |
अनिल पढ़कर खेलने लगा |
Summary:
क्रिया के कितने भेद होते हैं? ( kriya ke kitne bhed hote hain )
क्रिया के भेद (कर्म के आधार पर)
- सकर्मक क्रिया
- अकर्मक क्रिया
क्रिया के भेद (रचना के आधार पर)
- सामान्य क्रिया
- संयुक्त क्रिया
- नामधातु क्रिया
- प्रेरणार्थक क्रिया
- पूर्वकालिक क्रिया
Hindi Vyakaran Class 7 Notes
- Chapter 1 – भाषा, लिपि और व्याकरण
- Chapter 2 – वर्ण विचार
- Chapter 3 – शब्द निर्माण – उपसर्ग, प्रत्यय
- Chapter 4 – कारक – कारक के भेद
- Chapter 5 – विशेषण – विशेषण के भेद
- Chapter 6 – शब्द विचार
- Chapter 7 – क्रिया ( सकर्मक क्रिया, अकर्मक क्रिया )
- Chapter 8 – सर्वनाम – सर्वनाम के भेद
- Chapter 9 – लिंग – लिंग के भेद
- Chapter 10 – मुहावरे और लोकोक्तियां
- Chapter 11 – विराम- चिह्न
- Chapter 12 – वाच्य – वाच्य के भेद
- Chapter 13 – वचन – वचन के भेद
- Chapter 14 – संधि – संधि के भेद
- Chapter 15 – समास – समास के भेद
- Chapter 16 – काल – काल के भेद
- Chapter 17 – वर्तनी तथा वाक्य संबंधी अशुद्धि – शोधन
- Chapter 18 – अव्यय – अव्यय के भेद
- Chapter 19 – पद परिचय
- Chapter 20 – संज्ञा – संज्ञा के भेद