कुत्ते के मुंह से लार क्यों गिरता है? - kutte ke munh se laar kyon girata hai?

कुत्ते के काटने का आयुर्वेदिक रातो- रात इलाज! वो भी बिना किसी डॉक्टर की सहायता के अपने घर पर ही! अब जाने हिंदी में?

कुत्ते के काटने का इलाज जानने के साथ- साथ, आइये थोड़ा कुत्तो के बारें में भी जानते है?

जब हम वफादारी की बात करते हैं, तो सबसे पहले ध्यान में हमारे आता है कुत्ता, क्योंकि कुत्ता बहुत ही वफादार जानवर होता है, इसलिए हम ईमानदारी और वफादारी की तुलना हमेशा कुत्ते से ही किया करते हैं, लेकिन वही जब हम किसी को गुस्से में मरने की बात करते हैं तो यह बोलते हैं कि, मैं तुम्हें कुत्ते की मौत मारूंगा, या किसी को बद्दुआ देते समय बोलते हैं,

भगवान करे कि तू कुत्ते की मौत मारा जाए, जिस प्रकार कुत्ते की वफादारी पर हम पूर्ण विश्वास करते हैं, ठीक उसी प्रकार किसी को बद्दुआ देते समय या किसी को गाली देते समय हम हमेशा कुत्ते का ही प्रयोग सबसे अधिक किया करते हैं, बच्चे हो बूढ़े होंगे या फिर जवान हो सभी को कुत्ते से विशेष प्यार होता है, और कुत्ता भी हमारे सामाजिक जीवन और हमारे परिवेश में, कुछ इस तरह घुल मिल गया है, कि हम इंसानों के ऊपर विश्वास ना करके सबसे अधिक विश्वास कुत्तों के ऊपर करते हैं,

खोज में पुलिस में अपने घर की रखवाली के लिए हम कुत्तों से अधिक इंसानों पर विश्वास नहीं करते, लेकिन यह भी पूर्ण रूप से सत्य है कि कुत्ता जितना वफादार और हमारे लिए लाभदायक होता है, कुत्ता उतना ही अधिक हमारे लिए खतरनाक भी होता है, सभी को मालूम है कि कुत्ते का काटना बहुत खतरनाक होता है, यदि किसी इंसान को कुत्ता काट ले तो उसको दे दी सोने के खतरे बहुत अधिक हो जाते हैं, हम कुत्ते के काटने से से डरते हैं, लेकिन कुत्ते के चाटने से बहुत ही प्यार करते हैं,

लेकिन यह शायद सभी को मालूम नहीं है कि, जितना खतरनाक कुत्ते का काटना होता है उतना ही खतरनाक कुत्ते का काटना भी होता है, बड़े बूढ़े अपनी कहावत तो मैं कहते भी आए हैं कि, “कुत्ते का काटना और चाटने दोनों ही खतरनाक होते हैं।” जैसा कि हम सभी कुत्ते के काटने से डरते हैं, और कुत्ते के चाटने से खुश होते हैं, लेकिन आपको सच बता दे तो कुत्ते का चाटना भी उतना ही खतरनाक है जितना कि कुत्ते का काटना, यह जान लेना बहुत ही आवश्यक है कि, जहर कुत्ते के दातों में नहीं होता बल्कि कुत्ते की लार में होता है,

कुत्ते यदि किसी इंसान को काटता है, और उसके खून से कुत्ते के दांत या मुंह में लगी हुई लार का संपर्क नहीं हो पाता, तो इंसान को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है, कुत्ते के काटने के बाद खतरा तब होता है, जब दांतों के साथ साथ कुत्ते की मुंह की लार भी हमारे शरीर पर बने घाव से संपर्क में आती है, इसीलिए कहा जाता है कि कुत्ते का काटना और कुत्ते का चाटना दोनों बराबर नुकसान देते हैं, यहां यह बात जान लेना बहुत ही जरूरी होती है कि जहर या रेबीज के कीटाणु कुत्ते के दांत में नहीं बल्कि कुत्ते की लार में होते हैं,

जो कुत्ते के काटने या कुत्ते के चाटने दोनों ही से हमें संक्रमित कर सकते हैं, यदि आपके घर में रहने वाला कुत्ता जिसे हम प्यार करते हैं जो हमारे साथ रहता है,खाता है, और सोता है और वह कुत्ता हमें चाट रहा है, यदि वह कुत्ता हमारे शरीर पर कहीं लगे हुए कट के निशान या घाव को चाट लेता है तो, उसकी जीभ पर लगी लार के संपर्क से भी हम रेबीज के शिकार हो सकते हैं, इसलिए आवश्यकता है कुत्ते के काटने के साथ-साथ कुत्ते के चाटने से भी बचा जाए।

क्यों हमारे लिए खतरनाक होता है, कुत्ते के काटने से?

यदि किसी इंसान को कुत्ता काट ले तो, उस इंसान को रेबीज होने के खतरे बढ़ जाते हैं, क्योंकि रेबीज एक बहुत ही खतरनाक वायरस होता है जो व्यक्ति के शरीर में आने के पश्चात यह भी बहुत मुमकिन होता है कि संक्रमित लार से किसी की आँख, मुहँ या खुले घाव से संक्रमण होता है।इस बीमारी के लक्षण मनुष्यों में कई महीनों से लेकर कई वर्षों तक में दिखाई देते हैं।लेकिन साधारणतः मनुष्यों में ये लक्षण 1 से 3 महीनों में दिखाई देते हैं।

रेबीज के प्रारंभिक लक्षणों में बदल जाते हैं।जसे आलस्य में पड़ना, निद्रा आना या चिड़चिड़ापन आदि} अगर व्यक्ति में ये लक्षण प्रकट हो जाते है तो उसका जिंदा रहना असंभव हो जाता है।उपरोक्त बातों में ध्यान में रखकर कहा जा सकता है, कि रेबीज बहुत ही खतरनाक बीमारी है और यदि कुत्ता जो कि रेबीज विषाणु से संक्रमित हो वह मनुष्य को काट ले तो यह कुत्ता उस मनुष्य को भी रेबीज का संक्रमण दे सकता है।

क्यों खतरनाक होता है कुत्ते का चाटना? 

जैसे कि पहले भी बताया गया है, कि रेबीज के कीटाणु कुत्ते के दांत में नहीं बल्कि कुत्ते के लार में होते हैं, तो कुत्ता काटे या कुत्ता चाटे दोनों ही बराबर मात्रा में खतरनाक होते हैं, क्योंकि कुत्ता हमेशा प्यार से इंसान को चाहता है, और के चाटने पर हम खुश भी बहुत होते हैं, लेकिन हम लोग यह भूल जाते हैं कि यदि कुत्ते के अंदर रेबीज का संक्रमण है तो यह संक्रमण, हमारे लिए बहुत ही घातक हो सकता है जो हमारे जीवन को समाप्त कर सकता है,

यदि कुत्ता हमें चाट रहा है और कुत्ते की जीभ हमारे शरीर के उस भाग को छोड़ देती है, जो कहीं से कटा हुआ है या फिर शरीर से उसी से पर घाव है, तो कुत्ते की चाटने की वजह से हमारे शरीर पर बने गांव के माध्यम से हमारे शरीर में रेबीज के संक्रमण की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं, जो हमारे लिए बिल्कुल भी शुभ संकेत नहीं होता, कुत्ते के साथ खेलते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारे कुत्ते को रेबीज का संक्रमण में हो, और जितना हो सके कुत्ते को अपने गांव के ऊपर विशेष तौर पर बिल्कुल भी चाटने ना दें।

कैसे करें संक्रमित कुत्ते की पहचान? 

एक बात का विशेष ध्यान रखें कि अपने घर पर पहले गए कुत्ते को रेबीज का टीका जरूर लगवाएं, बल्कि अच्छा तो यह होगा कि अपने कुत्ते के साथ साथ, मोहल्ले में घूम रहे आवारा कुत्तों को भी रेबीज का इंजेक्शन जरूर लगवा दें, क्योंकि यह आपके कुत्ते के लिए और आपके दोनों ही के लिए बहुत ही लाभदायक होगा, यह आपकी अपनी खुद की सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक सेवा भी होगी, क्योंकि यदि आप ऐसा करते हैं, तो अपने साथ-साथ अपने मोहल्ले पड़ोस को भी सुरक्षित रख सकते हैं,

1. यदि कुत्ते के मुंह से आवश्यकता से अधिक लार गिरने लगे तो यह कुत्ते के संक्रमित होने का एक लक्षण है ।

2. कहते हैं कुत्ते की पूंछ को 12 साल तक नली में रखने के बाद भी वह सीधी नहीं होती, लेकिन यदि किसी बीमारी के चलते कुत्ते की पूंछ सीधी हो जाए, तो यह एक संकेत है कि कुत्ता संक्रमित है अथवा बीमार है ।

3. जब कुत्ता बेचैनी के साथ इधर उधर घूमने लगे और अजीब अजीब आवाजें करके, गर्दन को नीचे की तरफ मोड़ कर भागने लगे तो समझ जाइए नहीं चाहिए कि कुत्ता संक्रमित है ।

4. यदि कुत्ता किसी के ऊपर अकारण ही बिना शोर किए आक्रमण करने लगे तो यह देख कुत्ते के संक्रमित होने का लक्षण है ।

5. यदि कुत्ता भोजन ना करें और एग्रेसिव रहने लगे तथा उसके मुंह से लगातार लार बहने लगे, तो समझने में देर नहीं लगानी चाहिए कि कुत्ता संक्रमित है ।

6. जिस कुत्ते के मुंह से लगातार लार बह रही हो और वह पानी से डर कर दूर भागता हो, तो यह कुत्ते को रेबीज होने का प्रबल संकेत है ।

कुत्ता के काटने से रेबीज होने पर क्या हो सकते हैं दुष्परिणाम?

यदि कोई व्यक्ति रेबीज संक्रमित है तो उसे नीचे लिखे लक्षण प्रकट होने लगते हैं, जिनके आधार पर हम यह जान सकते हैं कि इस व्यक्ति को रेबीज का संक्रमण है, रेबीज बीमारी के लक्षण संक्रमित पशुओं के काटने के बाद या कुछ दिनों में लक्षण प्रकट होने लगते हैं लेकिन अधिकतर मामलों में इस रोग के लक्षण प्रकट होने में दिनों से लेकर 10-12 वर्षों तक का समय भी लग जाता हैं ।रेबीज बीमारी का एक खास लक्षण यह है कि जहाँ पर पशु काटते हैं उस जगह की मासपेशियों  में सनसनाहट की भावना पैदा होने लगती है।विषाणु के रोगों के शरीर में पहुँचने के बाद विषाणु नसों द्वारा मष्तिक में पहुँचकर मनुष्य का दिमागी संतुलन बिगाड़ देते हैं। और उस व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देने लगते हैं,

जैसे:-
दर्द होना, थकावट महसूस करना,सिरदर्द होना,बुखार आना,मांसपेशियों में जकड़न होना,घूमना-फिरना ज्यादा हो जाता है,चिड़चिड़ा होना था उग्र स्वाभाव होना,व्याकुल होना,अजोबो-गरीबो विचार आना,कमजोरी होना तथा लकवा हों,लार व आंसुओं  का बनना ज्यादा हो जाता है,तेज रौशनी, आवाज से चिड़न होने लगते हैं,बोलने में बड़ी तकलीफ होती है,तथा अचानक आक्रमण का धावा बोलना,जब संक्रमण बहुत अधिक हो जाता है, और नसों तक पहुँच जाता है, तो निम्न लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं

जैसे:-
1. सभी चीजों असामान्य तथा डबल दिखाई देने लगती हैं।
2. मुंह की मांसपेशियों को घुमाने में बहुत परेशानी होने लगती है।
3. शरीर मध्यभाग या उदर को वक्ष:स्थल से अलग निकाली पेशी का घुमाव विचित्र होने लगता है।
4. लार ज्यादा बनने लगी है और मुंह में झाग बनने लगते हैं।
5. इंसान पानी से डरने लगता है

कुत्ते के काटने का आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार?

* कुत्ते के काटने पर करे साबुन का इस्तेमाल:-
जिस स्थान पर कुत्ते ने काटा है उस स्थान को जितना जल्दी हो सके बिना किसी विलंब के तुरंत ही कुत्ते के दांत से बनाए गए घाव पर अच्छी तरह से रगड़ रगड़ कर घाव को कपड़े धोने वाली साबुन से भली प्रकार साफ पानी से धोना चाहिए ।

*कुत्ते के काटे जाने पर करें साबुत लाल मिर्च और सरसों का तेल का इस्तेमाल:- 
कुत्ते द्वारा काटे गए शरीर के भाग पर सूखी एवं साबुत लाल मिर्च को बीच में से चीरकर तथा इसे सरसों के तेल में डुबोकर शरीर पर बने पूरे घाव के ऊपर अच्छी तरह से कवर करके सूती कपड़े से बांध देना चाहिए । लाल साबुत मिर्च और सरसों का तेल कुत्ते की लार से हुए संक्रमण को खत्म करने के लिए पर्याप्त होता है, यह प्रयोग जितना जल्दी किया जाए उतना ही प्रभावशाली होता है।
 
*कुत्ते के काटे जाने पर करें काली मिर्च और जीरा का इस्तेमाल:-
कुत्ते के काटने पर काली मिर्च और जीरा बहुत ही कारगर औषधि है इसका इस्तेमाल जितना जल्दी हो सके करें क्योंकि इसके इस्तेमाल से कुत्ते के काटने का जहर या वायरस को खत्म करने की के लिए यह बहुत अच्छा प्रयोग है, लगभग 15 काली मिर्च और एक चम्मच जीरा को थोड़ा सा पानी डालकर एक जगह पीसकर चटनी बना ले, अब इस चटनी को कुत्ता के काटे जाने वाले घाव पर लगाकर सूती कपड़े से बांध दें 10 से 12 घंटे में, कुत्ते के काटे जाने के कारण हुए संक्रमण को समाप्त कर देता है।

*कुत्ते के काटे जाने पर करें पीपली का इस्तेमाल:-
कुत्ते के काटने पर दो से तीन बड़ी पीपली एक चम्मच शहद में मिलाकर कूट लीजिए, अब इस पेस्ट को कुत्ते के काटे जाने वाले घाव पर लगाकर 10 से 12 घंटे के लिए सूती कपड़े से बांध देना चाहिए, यह प्रयोग कुत्ते के काटने से होने वाले संक्रमण से बचाव करता है।

*कुत्ते के काटने मैं उपयोगी है फिटकरी और सेंधा नमक:-
कुत्ते के काटे के लिए फिटकरी और सेंधा नमक बहुत ही अच्छी एवं कारगर औषधि है, कुत्ते के काटने के तुरंत बाद जितना जल्दी हो सके, एक लीटर पानी में एक चम्मच सेंधा नमक और एक चम्मच फिटकरी कूटकर पानी में मिलाकर पानी को गर्म कर लीजिए, अब गुनगुने पानी से लगभग 5 मिनट तक घाव को रगड़ रगड़ कर साफ करने से कुत्ते के काटने से होने वाले संक्रमण से मुक्ति मिल जाती है।

कुत्ते के काटने पर करें इस होम्योपैथी मेडिसिन का इस्तेमाल?

( Hydrophobinum 200x ) हाइड्रोफोबिनम 200x एक ऐसी होम्योपैथिक औषधि है जो कुत्ते के काटे जाने पर शत-प्रतिशत काम करती है, दो-दो बूंद दस-दस मिनट बाद दिन में तीन बार जिस व्यक्ति को कुत्ते ने काटा है, उस व्यक्ति की जीभ पर डालनी चाहिए, यह लाल मिर्च और सरसों के तेल की तरह ही,विश्व की सर्वोत्तम औषधि है जो कुत्ते काटे पर पूरी तरह कारगर हैं ।
 
इनके अलावा भी यदि आप संतुष्ट नहीं है तो हॉस्पिटल में जाकर टेटनस और रेबीज का इंजेक्शन लगवा सकते हैं, क्योंकि यदि किसी को एक बार रेबीज हो जाए तो उसका कोई इलाज नहीं है, सावधानी और सुरक्षा ही हमारा बचाव है, जिसके लिए हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए, हमारा जीवन बहुत ही अमूल्य है, इसकी देखरेख एवं इसकी सुरक्षा करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।

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कुत्तों के मुंह से पानी क्यों गिरता है?

कुत्ते के मुंह से लार गिरने की स्थिति को आमतौर पर कोई रोग या समस्या नहीं समझा जाता है। वास्तव में जब कुत्ता अपने मालिक के व्यवहार या फिर भोजन के लिए लार टपकाता है, तो यह उसके पूरी तरह से स्वस्थ होने का संकेत होता है। लार टपकने को ड्रूलिंग कहते हैं, जो मुंह में सामान्य से अधिक लार बनने पर होता है।

मेरे कुत्ते का मुंह हमेशा गीला क्यों रहता है?

Dogs, like people, produce a thick liquid inside their mouths called saliva . लार 98% पानी से बना होता है, लेकिन इसमें जीवाणुरोधी यौगिक, एंजाइम और इलेक्ट्रोलाइट्स भी होते हैं जो समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। जबड़े के पास की ग्रंथियां इस एंजाइम युक्त रस का उत्पादन करती हैं जो नलिकाओं के माध्यम से मुंह में खाली हो जाता है।

कुत्ते के मुंह में झाग कब आता है?

झाग या झाग केवल लार है जिसे हवा से भर दिया गया है । यह कुत्ते की हांफने या अन्य प्रकार की भारी सांस लेने के कारण हो सकता है। जब वह जोर से सांस ले रहा होता है, तो आपके कुत्ते के मुंह के अंदर हवा की गति होती है, जो लार के झाग का कारण बनती है, और यही वह है जो इसे झागदार रूप देती है।

कुत्ते की लार से कौन सी बीमारी आती है?

रेबीज वायरस के कारण होने वाले संक्रमण को नजरअंदाज करना घातक हो सकता है। रेबीज संक्रमित पशुओं की लार से भी फैलता है।

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